भास्कर न्यूज | जालंधर/मोगा स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (एसएससी) द्वारा मल्टीटास्किंग (नॉन टेक्नीकल) स्टाफ और सीबीआईसी और सीबीएन में हवलदार के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। इस भर्ती प्रक्रिया में 8326 पोस्ट भरी जानी है। जिसके लिए अप्लाई करने के लिए 100 रुपए की फीस अदा करनी होगी। हालांकि महिला, एससी, एसटी, पीडब्ल्यूडी और ईएसएम की श्रेणी के लिए फीस से राहत होगी। आवेदन की आखिरी तारीख 31 जुलाई है, जबकि फीस 1 अगस्त तक भरी जा सकती है। आवेदन के पंद्रह दिन बाद फॉर्म करेक्शन का अवसर मिलेगा। 16-17 अगस्त तक को निर्धारित फीस अदा कर फॉर्म में करेक्शन की जा सकती है। एप्लीकेशन फॉर्म में पहली बार करेक्शन के लिए 200 रुपए और दूसरी बार बदलाव के लिए 500 रुपए की फीस भरनी होगी। यह फीस सभी श्रेणियों के लिए बराबर ही रहेगी। जबकि परीक्षा अक्टूबर-नवंबर, 2024 में आयोजित की जाएगी। मल्टीटास्किंग के पदों के लिए 25 साल तक के उम्मीदवार और सीबीआईसी और सीबीएन में हवलदार के लिए 27 साल तक के उम्मीदवार अप्लाई कर सकते हैं। रिजर्व्ड श्रेणी के उम्मीदवारों को नियमों के तहत उम्र सीमा में छूट मिलेगी। इन पोस्ट के लिए दसवीं पास उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। वहीं, कमिशन द्वारा कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल एग्जाम-2024 के लिए भी आवेदन की तारीख में इजाफा किया है। उम्मीदवार 27 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। जबकि फीस 28 जुलाई तक भरी जा सकती है। एप्लिकेशन फॉर्म में करेक्शन 10 से 11 अगस्त तक होगी। योग्यता हासिल करने की आखिरी तारीख भी 27 जुलाई होगी। अन्य कोई बदलाव नहीं किए गए हैं। हिंदी, इंग्लिश, पंजाबी के साथ ही 13 भाषाओं में होगी परीक्षा एमटीएस के लिए कंप्यूटर बेस्ड एग्जामिनेशन (सीबीई) और हवलदार की पोस्ट के लिए सीबीई और फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट व फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट आयोजित किया जाएगा। स्कोर की रि-इवैल्यूएशन और रि-चैकिंग का अवसर नहीं मिलेगा। परीक्षा में दो सेक्शन होंगे। जिसमें पहले सेक्शन में न्यूमेरिकल और रीजनिंग एबिलिटी के सवाल होंगे जबकि दूसरे सेक्शन में जनरल अवेयरनेस और इंग्लिश के सवाल होंगे। दोनों सेक्शन 45-45 मिनट के होंगे। आवेदन के लिए लाइव ऑनलाइन फोटो होगी। इसके लिए उम्मीदवारों को पोर्टल पर आवेदन करने के दौरान कैमरा के सामने बैठना होगा और उसमें दी गई इंस्ट्रक्शन को फॉलो करना होगा। कैमरा आई लेवल स्तर पर होना जरूरी है। चेहरा लाल आयताकार क्षेत्र के अंदर रखना होगा। फोटो के दौरान टोपी, मास्क, चश्मा या गॉगल नहीं पहनी होनी चाहिए। एग्जामिनेशन के दौरान उम्मीदवार की दिखावट फोटो की तरह ही होनी चाहिए। नियमों के तहत अगर फोटो नहीं होगी तो उन्हें रद्द माना जाएगा। के लिए 27 साल तक के उम्मीदवार अप्लाई कर सकते हैं। रिजर्व्ड श्रेणी के उम्मीदवारों को उम्र सीमा में छूट मिलेगी। इसके लिए 10वीं पास उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। भास्कर न्यूज | जालंधर/मोगा स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (एसएससी) द्वारा मल्टीटास्किंग (नॉन टेक्नीकल) स्टाफ और सीबीआईसी और सीबीएन में हवलदार के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। इस भर्ती प्रक्रिया में 8326 पोस्ट भरी जानी है। जिसके लिए अप्लाई करने के लिए 100 रुपए की फीस अदा करनी होगी। हालांकि महिला, एससी, एसटी, पीडब्ल्यूडी और ईएसएम की श्रेणी के लिए फीस से राहत होगी। आवेदन की आखिरी तारीख 31 जुलाई है, जबकि फीस 1 अगस्त तक भरी जा सकती है। आवेदन के पंद्रह दिन बाद फॉर्म करेक्शन का अवसर मिलेगा। 16-17 अगस्त तक को निर्धारित फीस अदा कर फॉर्म में करेक्शन की जा सकती है। एप्लीकेशन फॉर्म में पहली बार करेक्शन के लिए 200 रुपए और दूसरी बार बदलाव के लिए 500 रुपए की फीस भरनी होगी। यह फीस सभी श्रेणियों के लिए बराबर ही रहेगी। जबकि परीक्षा अक्टूबर-नवंबर, 2024 में आयोजित की जाएगी। मल्टीटास्किंग के पदों के लिए 25 साल तक के उम्मीदवार और सीबीआईसी और सीबीएन में हवलदार के लिए 27 साल तक के उम्मीदवार अप्लाई कर सकते हैं। रिजर्व्ड श्रेणी के उम्मीदवारों को नियमों के तहत उम्र सीमा में छूट मिलेगी। इन पोस्ट के लिए दसवीं पास उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। वहीं, कमिशन द्वारा कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल एग्जाम-2024 के लिए भी आवेदन की तारीख में इजाफा किया है। उम्मीदवार 27 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। जबकि फीस 28 जुलाई तक भरी जा सकती है। एप्लिकेशन फॉर्म में करेक्शन 10 से 11 अगस्त तक होगी। योग्यता हासिल करने की आखिरी तारीख भी 27 जुलाई होगी। अन्य कोई बदलाव नहीं किए गए हैं। हिंदी, इंग्लिश, पंजाबी के साथ ही 13 भाषाओं में होगी परीक्षा एमटीएस के लिए कंप्यूटर बेस्ड एग्जामिनेशन (सीबीई) और हवलदार की पोस्ट के लिए सीबीई और फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट व फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट आयोजित किया जाएगा। स्कोर की रि-इवैल्यूएशन और रि-चैकिंग का अवसर नहीं मिलेगा। परीक्षा में दो सेक्शन होंगे। जिसमें पहले सेक्शन में न्यूमेरिकल और रीजनिंग एबिलिटी के सवाल होंगे जबकि दूसरे सेक्शन में जनरल अवेयरनेस और इंग्लिश के सवाल होंगे। दोनों सेक्शन 45-45 मिनट के होंगे। आवेदन के लिए लाइव ऑनलाइन फोटो होगी। इसके लिए उम्मीदवारों को पोर्टल पर आवेदन करने के दौरान कैमरा के सामने बैठना होगा और उसमें दी गई इंस्ट्रक्शन को फॉलो करना होगा। कैमरा आई लेवल स्तर पर होना जरूरी है। चेहरा लाल आयताकार क्षेत्र के अंदर रखना होगा। फोटो के दौरान टोपी, मास्क, चश्मा या गॉगल नहीं पहनी होनी चाहिए। एग्जामिनेशन के दौरान उम्मीदवार की दिखावट फोटो की तरह ही होनी चाहिए। नियमों के तहत अगर फोटो नहीं होगी तो उन्हें रद्द माना जाएगा। के लिए 27 साल तक के उम्मीदवार अप्लाई कर सकते हैं। रिजर्व्ड श्रेणी के उम्मीदवारों को उम्र सीमा में छूट मिलेगी। इसके लिए 10वीं पास उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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आप सब लोगों ने ये वीडियो गौर से सुननी है और देखनी है। क्या पता शायद इस वीडियो की वजह से किसी की जान बच जाए और किसी का अच्छा हो जाए। पहली बात तो ये है कि मेरी और लॉरेंस की जो पुरानी वीडियो कॉल वायरल हुई, वो जब की थी तो थी। जो होना था हो गया। 2. सलमान खान के करीबियों से बात हुई
मैं या मेरा भाई फारूख खोखर इस विवाद में इसलिए आए थे कि हम गैंगस्टर लॉरेंस और बॉलीवुड एक्टर सलमान खान की सुलह करवा सकें। मेरी सलमान खान के करीबियों से काफी देर से बातचीत चल रही थी। लॉरेंस मेरी और फारूख भाई की बहुत इज्जत करता है। 3. लॉरेंस-सलमान की सुलह को कोशिश की तो आतंकवादी बताया
आपकी खुद की कंट्री में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं उठा जो कि लॉरेंस और सलमान खान की सुलह करवा सके। जब हम इस चीज में पड़े और दोनों की सुलह करवाने की कोशिश की तो हमें आतंकवादी बना दिया गया और हमें कहा गया कि हम बलूचिस्तान से आए हैं, और भी बहुत कुछ कहा गया। यहां तक कि हमारा नाम सिद्धू मूसेवाला के मर्डर में हथियार सप्लायर के तौर पर भी जोड़ा गया। हमारे खिलाफ बहुत कुछ बोला गया। कई लोगों ने अपने व्यू बढ़ाने के चक्कर में हमारे ऊपर फालतू के इल्जाम लगाए गए। वहीं बाबा सिद्दीकी की हत्या पर भट्टी ने कहा- अल्लाह उन्हें जन्नत में जगह दे। दूसरे वीडियो में लॉरेंस को गाली देने वाले व्यक्ति पर भड़का
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करीब 4 महीने पहले लॉरेंस और शहबाज भट्टी की 17 सेकेंड की वीडियो कॉल वायरल हुई थी। वीडियो कॉल में लॉरेंस भट्टी को ईद मुबारकबाद देता नजर आ रहा था। यह वीडियो कॉल सिग्नल ऐप से किया गया था। इससे कॉलिंग ट्रेस करना आसान नहीं होता। ये वीडियो जब वायरल हुआ था तब लॉरेंस साबरमती जेल में था। मगर इसे लेकर साबरमती सेंट्रल जेल के DYSP परेश सोलंकी ने कहा था कि मुझे भी इस वीडियो की जानकारी सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए मिली थी, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह वीडियो हमारी जेल का है। विदेशों से चलता है भट्टी का नेटवर्क
शहजाद भट्टी पाकिस्तान में हत्या, जमीन विवाद, हथियारों की तस्करी सहित कई संगीन क्राइम में शामिल रहा है। हालांकि आज कल वह दुबई में रहता है। शहजाद भट्टी का नेटवर्क अमेरिका, कनाडा, पाकिस्तान दुबई सहित अन्य देशों में भी चलता है। वह अपने आका फारुक खोखर के साथ मिलकर सारा नेटवर्क चलाता है। फारुक राजनीतिक लेवल पर भी अच्छी पकड़ रखता है। फारुक पाकिस्तान का ऐसा व्यक्ति है, जिसने शेर को पाल रखा है और अपने बड़े काफिले के साथ चलता है। फिर चाहे वो पाकिस्तान हो या फिर दुबई। जेल से 2 इंटरव्यू भी दे चुका लॉरेंस
गैंगस्टर लॉरेंस जेल के अंदर से भी 2 इंटरव्यू दे चुका है। गैंगस्टर लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 2023 में 14 मार्च की शाम को ब्रॉडकास्ट किया गया था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूली थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। तब पंजाब के DGP ने पहले इंटरव्यू के बाद साफ तौर पर लॉरेंस का इंटरव्यू पंजाब से बाहर होने की बात कही थी। इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत
इसके तीन दिन बाद 17 मार्च को फिर दूसरा पार्ट ब्रॉडकास्ट किया गया। लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है।
CJI जो पैतृक घर तलाश रहे, भास्कर ने ढूंढ निकाला:कटड़ा शेर सिंह में रहता था परिवार, वहां मार्केट बन गया; दादाजी स्वतंत्रता सेनानी थे
CJI जो पैतृक घर तलाश रहे, भास्कर ने ढूंढ निकाला:कटड़ा शेर सिंह में रहता था परिवार, वहां मार्केट बन गया; दादाजी स्वतंत्रता सेनानी थे जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार (11 नवंबर) को देश के 51वें चीफ जस्टिस (CJI) के रूप में शपथ ली। उनके चीफ जस्टिस बनते ही निजी जिंदगी से जुड़ा एक अहम पहलू सामने आया। जिसमें पता चला कि वह पंजाब के अमृतसर में अपने पैतृक घर को ढूंढ रहे हैं। यह घर उनके दादा जी ने बनवाया था। इसकी तलाश में जब भी वे अमृतसर आते हैं तो कटड़ा शेर सिंह इलाके में जरूर जाते हैं, जहां उनका यह घर था। हालांकि उन्हें कभी उस घर के बारे में पता नहीं चला। दैनिक भास्कर ने उनके पैतृक घर वाली जगह ढूंढ निकाली। हालांकि अब यहां घर नहीं बल्कि मार्केट बन चुका है। इसे चीफ जस्टिस के चाचा ने 1970 में बेच दिया था। इसे अमृतसर के 2 व्यापारी भाइयों ने खरीदा। इसकी पुष्टि कटड़ा शेर सिंह में आजादी से पहले (यानी 1947 से पहले) जन्मे जंगी महाजन ने भी की। उन्होंने यह भी बताया कि जब परिवार यहां से गया था तो चीफ जस्टिस तब महज 5 साल के थे। यही वजह है कि नए CJI को अमृतसर के कटड़ा शेर सिंह में घर की बात तो याद है, लेकिन वह जगह याद नहीं है, जहां वह घर बना हुआ था। 1947 के पहले से रह रहे जंगी महाजन ने बताई घर की पूरी कहानी…
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के पैतृक घर की तलाश के बारे में पता चलने पर दैनिक भास्कर कटड़ा शेर सिंह पहुंचा। चूंकि यह घर चीफ जस्टिस के दादा सरव दयाल खन्ना ने बनवाया था, इसलिए उन्हीं के बारे में वहां पड़ताल की। कटड़ा शेर सिंह पहुंचने पर हमें 80 साल के जंगी महाजन मिले। उन्होंने कहा कि वे 1947 से पहले यहां रह रहे हैं। सरव दयाल का नाम उन्होंने सुना है। उनकी फैमिली को वकीलों का परिवार कहा जाता था। उनके 2 बेटे जज बने थे। एक बेटा दिल्ली में (जस्टिस संजीव खन्ना के पिता देव राज खन्ना) और दूसरे बेटे (चीफ जस्टिस हंसराज खन्ना) सुप्रीम कोर्ट में जज बने। जंगी महाजन ने बताया कि चीफ जस्टिस खन्ना जिस घर की तलाश में हैं, वह अब वहां नहीं है। उस घर की जगह अब एक मार्केट बन चुका है, जो महाजन मार्केट के नाम से मशहूर है। दरअसल, 1970 के बाद इस बिल्डिंग को बेच दिया गया था। जिसे 2 भाइयों सतपाल महाजन और मोहन लाल महाजन ने खरीद लिया था। घर का सौदा दिल्ली में हंस राज खन्ना के यहां हुआ था। उस वक्त पूरी बिल्डिंग 1.10 लाख रुपए में बिकी थी। जिसे महाजन परिवार ने तोड़ा और मार्केट बना दिया। हालांकि मार्केट बनाने वाले भाई भी अब जीवित नहीं हैं। बंटवारे के दंगों में जल गई थी बिल्डिंग, CJI के दादा ने दोबारा बनवाई
मार्केट में दुकान चला रहे अशोक महाजन ने कहा कि हमें यह भी पता चला था कि जस्टिस खन्ना का ये पैतृक घर 1947 में बंटवारे के दंगों की भेंट चढ़ गया था। उसके बाद सरव दयाल खन्ना ने इसे दोबारा बनवाया था। इसी घर में जस्टिस संजीव खन्ना के पिता देव राज खन्ना और चाचा हंसराज खन्ना का भी जन्म हुआ था। मगर आजादी के कुछ समय बाद परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया था। अशोक महाजन ने बताया कि उस समय वे काफी छोटे थे। यहां जो परिवार के मेंबर रहते थे, वे दिल्ली चले गए थे और वे जज साहब बने थे। स्वतंत्रता सेनानी थे सरव दयाल खन्ना
जस्टिस संजीव खन्ना के दादा सरव दयाल खन्ना भी एक वकील थे। इतना ही नहीं, वे स्वतंत्रता सेनानी भी थे। पुराने लोग बताते हैं कि उन्हें अमृतसर का मेयर भी बनाया गया था। संजीव खन्ना के पिता और चाचा काफी छोटे थे, जब सरव दयाल खन्ना की पत्नी का देहांत हो गया था। पूरे परिवार को संजीव खन्ना की परदादी ने संभाला था। पिता दिल्ली हाईकोर्ट, चाचा सुप्रीम कोर्ट के जज थे
संजीव खन्ना की विरासत वकालत की रही है। उनके पिता देवराज खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहे हैं। वहीं चाचा हंसराज खन्ना सुप्रीम कोर्ट के मशहूर जज थे। उन्होंने इंदिरा सरकार के इमरजेंसी लगाने का विरोध किया था। साथ ही राजनीतिक विरोधियों को बिना सुनवाई जेल में डालने पर भी नाराजगी जताई थी। 1977 में वरिष्ठता के आधार पर उनका चीफ जस्टिस बनना तय माना जा रहा था, लेकिन जस्टिस एमएच बेग को CJI बनाया गया। इसके विरोध में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस्तीफा दे दिया। इंदिरा की सरकार गिरने के बाद वह चौधरी चरण सिंह की सरकार में 3 दिन के लिए कानून मंत्री भी बने थे। चाचा से प्रभावित हुए जस्टिस संजीव, वकालत को करियर चुना
जस्टिस संजीव अपने चाचा से प्रभावित थे, इसलिए उन्होंने 1983 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से LLB की पढ़ाई की। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट से वकालत शुरू की। फिर दिल्ली सरकार के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और दीवानी मामलों के लिए स्टैंडिंग काउंसेल भी रहे। स्टैंडिंग काउंसेल का आम भाषा में अर्थ सरकारी वकील होता है। 2005 में जस्टिस खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के जज बने। जहां उन्होंने 13 साल तक पद संभाला। 2019 में जस्टिस खन्ना को प्रमोट करके सुप्रीम कोर्ट जज बनाया गया। हालांकि, उनका यह प्रमोशन भी विवादों में रहा था। दरअसल, 2019 में जब CJI रंजन गोगोई ने उनके नाम की सिफारिश की, तब सीनियॉरिटी में जस्टिस खन्ना 33वें नंबर पर थे। जस्टिस गोगोई ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट के लिए ज्यादा काबिल बताते हुए प्रमोट किया। उनकी इस नियुक्ति के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कैलाश गंभीर ने तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी भी लिखी थी। जस्टिस कैलाश ने लिखा था- 32 जजों की अनदेखी करना ऐतिहासिक भूल होगी। इस विरोध के बावजूद राष्ट्रपति कोविंद ने जस्टिस खन्ना को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के बतौर अपॉइंट किया। 18 जनवरी 2019 को संजीव ने पद ग्रहण कर लिया। आर्टिकल-370, इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे जस्टिस खन्ना के बड़े फैसले
सुप्रीम कोर्ट में अपने 6 साल के करियर में जस्टिस खन्ना 450 बेंचों का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने खुद 115 फैसले लिखे। इसी साल जुलाई में जस्टिस खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत दी थी। 8 नवंबर को AMU से जुड़े फैसले में जस्टिस खन्ना ने यूनिवर्सिटी को माइनॉरिटी स्टेटस दिए जाने का समर्थन किया है। छोटे कार्यकाल में 5 बड़े मामलों की सुनवाई करेंगे जस्टिस खन्ना
पूर्व CJI चंद्रचूड़ का कार्यकाल करीब 2 साल का रहा है। इसकी तुलना में CJI संजीव खन्ना का कार्यकाल छोटा होगा। जस्टिस खन्ना बतौर चीफ जस्टिस सिर्फ 6 महीने पद पर रहेंगे। 13 मई 2025 को उन्हें रिटायर होना है। इस कार्यकाल में जस्टिस खन्ना को मैरिटल रेप केस, इलेक्शन कमीशन के सदस्यों की अपॉइंटमेंट की प्रोसेस, बिहार जातिगत जनसंख्या की वैधता, सबरीमाला केस के रिव्यू, राजद्रोह (sedition) की संवैधानिकता जैसे कई बड़े मामलों की सुनवाई करनी है। ************* CJI खन्ना से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें जस्टिस संजीव खन्ना देश के 51वें चीफ जस्टिस बने, छह महीने का कार्यकाल जस्टिस खन्ना का कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का होगा। 64 साल के जस्टिस खन्ना 13 मई 2025 को रिटायर होंगे। सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर जस्टिस खन्ना ने 65 फैसले लिखे हैं (पूरी खबर पढ़ें)