यूपी का बलिया जिला इन दिनों चर्चा में है। वजह- वाराणसी जोन के ADG पीयूष मोर्डिया की छापेमारी और भरौली यूपी-बिहार बॉर्डर पर अवैध वसूली के सिंडिकेट का भंडाफोड़। बॉर्डर पर 500-500 रुपए लेकर पुलिसवाले सैकड़ों ट्रक पार करा रहे थे। उन्होंने 18 लोगों को रंगे हाथों पकड़ा। इनमें 2 पुलिसकर्मी, 16 दलाल शामिल थे। मामला सामने आया तो एसपी और एएसपी हटाए गए। सीओ, थानेदार और चौकी के 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए। 7 पुलिसकर्मियों समेत 23 पर मुकदमा लिखा गया। थानेदार समेत 5 पुलिसकर्मी फरार हैं। इस छापेमारी में ADG ने सादी वर्दी में 3 बार ट्रक बदले, बॉर्डर की रेकी की, स्पेशल-17 टीम बनाई। तब जाकर इतने बड़े रैकेट का खुलासा हुआ। ADG पीयूष मोर्डिया ने दैनिक भास्कर से एक्सक्लूसिव बातचीत में इस पूरे ऑपरेशन का खुलासा किया। पढ़िए हूबहू… तीन दिन पहले एक विश्वसनीय व्यक्ति ने मुझे यूपी-बिहार बॉर्डर पर असामाजिक तत्वों और पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से ट्रकों को पार होने की जानकारी दी। उसके पास सूचना सटीक थी, लेकिन होमवर्क कमजोर था। इस पर एडीजी ऑफिस की एक टीम रेकी के लिए बलिया के नरही थाने से लगने वाले बॉर्डर पर भेज दी। सभी को दूर से निगरानी और जानकारी जुटाने का निर्देश दिया। रेकी टीम ने डिटेल रिपोर्ट दी। वसूली की पुष्टि हो गई। फिर क्या था, बलिया में कार्रवाई के लिए हम टीम के साथ बनारस से निकल पड़े। डीआईजी आजमगढ़ को बलिया-बक्सर बॉर्डर पर बुला लिया। इसे पूरी तरह से गुप्त रखा गया। बलिया एसपी, एएसपी समेत बलिया के पुलिस-प्रशासन समेत किसी को भी खबर नहीं लगने दी। चंद ट्रकों की सूचना मिली थी, भरौली में सैकड़ों कतार में खड़े मिले
मैं बुधवार रात 9.25 बजे ही प्राइवेट कार से बॉर्डर पार करके बक्सर वाले हिस्से में पहुंच गया। डीआईजी वैभव कृष्ण और उनकी टीम भी वहीं पहुंच गई। सभी लोग सादे ड्रेस में रहे। यहां पर अपनी टीमों को अलर्ट किया। एक टीम को रेकी करने के लिए भरौली गोलंबर तक भेजा। टीम ने बताया कि ट्रक लगे हुए हैं। लाइन में ट्रकों की संख्या बढ़ती जा रही थी। रात साढ़े 12 बजे एक ट्रक पर सवार ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठकर बॉर्डर पार करके भरौली गया। चंद ट्रकों की सूचना मिली थी, लेकिन जब हम मौके पर पहुंचे तो ट्रकों की कतार लगी थी। बॉर्डर के बैरियर से लेकर भरौली चौराहे पर दूर तक ट्रक ही ट्रक थे। हमें उम्मीद भी नहीं थी कि इतने ट्रक होंगे। जानकारी पर पता चला कि बालू, कोयला आदि लेकर आने वाले ट्रक हैं। रोज 1000 से अधिक ट्रक गुजरते हैं, कभी-कभी यह संख्या 1500-2000 भी हो जाती है। तीन पुलिसकर्मी कुर्सी पर बैठे दिखे। एक वसूली कर रहा था। फिर कोरंटाडीह चौकी के पास गए, यहां पर भी वसूली चल रही थी। ट्रक पर हुए सवार हुआ, इशारा किया और दौड़ाकर दबोचा
फिर मैंने एक दूसरा बालू भरा ट्रक रुकवाया और उसमें सवार हो गया। ट्रक वाले को बताया कि हम पुलिस वाले हैं, तो वह भी सहम गया। उसे समझाया। फिर हम यूपी बॉर्डर क्रास करने लगे। वहां तो नजारा ही अलग दिखा, प्रति ट्रक 500-500 रुपए की वसूली हाेते मिली। ड्राइवर ने ही बताया औसतन प्रतिदिन एक हजार ट्रकों से वसूली की जाती है। बैरियर पर नंबर देखकर मौजूद सिपाही ने रुपए लिए और इशारा किया। ट्रक सीमा पार हो गया। हमने ट्रक को रोककर पूरा नजारा देखा। इस बीच कई ट्रक इस पार आ गए। रात एक बजे से शुरू हुआ था ऑपरेशन
फिर डीआईजी और अपनी टीम के साथ मिलकर छापेमारी की प्लानिंग की। तीनों टीम ने रात एक बजे भरौली पहुंच कर पोजिशन ले ली। हम वहां से एक ट्रक में सवार हुए। पीछे के ट्रक में डीआईजी थे। टीम पहले ही भरौली गोलंबर पर अलर्ट थी। हम और डीआईजी बिहार बॉर्डर से भरौली चौराहे पर पहुंचे और रात 1.30 बजे ऑपरेशन शुरू किया गया। टीम ने देखा कि दलाल और पुलिसकर्मी धमकाकर ट्रकों से वसूली कर रहे हैं। वहां पहुंचते ही मैंने इशारा किया और हमारी टीम ने धरपकड़ शुरू कर दी। इसके बाद भगदड़ मच गई, हमने दौड़ाकर दलाल गिरफ्तार कर लिए। दबिश के समय सबसे पहले सिपाही हरदयाल को रंगे हाथ पकड़ लिया गया, उससे पूछा तो सबके नाम मिल गए। मौके से पुलिसकर्मी विष्णु यादव, दीपक मिश्र और बलराम सिंह फरार हो गए। वहां से एक और सिपाही को पकड़ा गया। इसके बाद से बारी-बारी से दलालों को गिरफ्तार कर पास में स्थित मंदिर पर ले जाया गया। यहां पर पूछताछ की गई। सिपाही-दरोगा पर शक, थाना-चौकी समेत अधिकारी पर भी सवाल
मुझे पुलिसकर्मियों की कार्यशैली पर गुस्सा आ गया। कहा- विभाग और सरकार पुलिसकर्मियों का ख्याल रखती है, फिर ये करप्शन ठीक नहीं। प्रारंभिक सूचना में महज सिपाहियों की मिलीभगत की बात सामने आई तो लगा कि दरोगा तक शामिल होगा, लेकिन मौके पर पहुंचे तो हालात अलग थे। हमने इंस्पेक्टर सुशील कुमार की तहरीर पर नरहीं के थानाध्यक्ष पन्नेलाल और काेरंटाडीह के चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर सहित सात पुलिसकर्मी के अलावा 16 दलालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। अभी जांच जारी है, जिसमें कई परतें खुलेंगी। छापेमारी के लिए बनाई थीं तीन टीमें
जब हम बक्सर पहुंचे तो अलग-अलग तीन टीमें बनाई थीं। पहली टीम में डीआईजी, इंस्पेक्टर सुशील कुमार, हेड कॉन्स्टेबल अनिल सिंह, राम सेवक, अभिषेक कुमार यादव और ड्राइवर गोरखनाथ। दूसरी टीम में इंस्पेक्टर अब्दुल वहीद, एसआई अंबिका प्रसाद, रविकांत साहू, मनीष यादव, शरद मिश्र और तीसरी टीम में शिवमिलन, राजेश यादव, राव वीरेंद्र यादव, रजनीकांत, विवेक रंजन थे। सभी के वाहन लखनऊ नंबर के थे, इसलिए किसी को शक नहीं हुआ। इनके खिलाफ दर्ज किया गया है मुकदमा
थानाध्यक्ष नरही पन्ने लाल, चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर, सिपाही दीपक मिश्र, सिपाही बलराम सिंह, हेड कॉन्स्टेबल विष्णु यादव और सिपाही सतीश गुप्ता, सिपाही हरदयाल के अलावा दलाल रविशंकर यादव निवासी भरौली, विवेक शर्मा, जितेश चौधरी, विरेंद्र राय, सोनू सिंह, अजय कुमार पांडेय, विरेंद्र सिंह यादव, अरविंद यादव, रमाशंकर चौधरी, जवाहिर यादव, धर्मेंद्र यादव, विकास राय, हरेंद्र यादव, सलाम अंसारी, आनंद कुमार ठाकुर, दिलीप कुमार आदि स्थानीय के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया। भ्रष्टाचार और तस्करी के खिलाफ जारी रहेगा अभियान
इस मामले में कठोर कार्रवाई हो रही है। रिश्वतखोरी और तस्करी के आरोप में संलिप्त पुलिसकर्मियों और अन्य आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। वाराणसी जोन में ऐसी कार्रवाई और छापेमारी होती रहेगी, जब तक माफिया, भ्रष्टाचार सलाखों के पीछे नहीं पहुंच जाते। अब तक क्या हुआ, सरकार ने क्या एक्शन लिया
योगी सरकार ने बलिया के एसपी देवरंजन वर्मा और एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को हटा दिया है। दोनों वेटिंग में रखे गए हैं। सीओ सदर शुभ सुचित को सस्पेंड किया गया है। सरकार ने CO, SHO और चौकी इंचार्ज के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू कराई है, जो उनकी संपत्ति की जांच करेगी। देवरंजन की जगह PAC 37वीं वाहिनी से विक्रांत वीर को बलिया भेजा गया है। 7 पुलिसकर्मियों समेत 23 के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ वहीं एफआईआर दर्ज हुई, जहां से ड्यूटी करते थे। बलिया अवैध वसूली कांड की पूरी कवरेज पढ़िए… यूपी में पुलिसवाले कर रहे थे अवैध वसूली:बिहार बॉर्डर पर CO समेत पूरी चौकी सस्पेंड; SP-ASP हटे; सादी वर्दी में ADG ने मारा छापा डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण ने बताया- इस एंट्री-एग्जिट पाॅइंट से रोजाना रात में 1000 ट्रक गुजरते हैं। पुलिस वाले हर ट्रक से 500 रुपए की वसूली करते थे। हर रोज करीब 5 लाख की वसूली थी। मामले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- ये अपराध के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ का भंडाफोड़ है। पढ़ें पूरी खबर यूपी का बलिया जिला इन दिनों चर्चा में है। वजह- वाराणसी जोन के ADG पीयूष मोर्डिया की छापेमारी और भरौली यूपी-बिहार बॉर्डर पर अवैध वसूली के सिंडिकेट का भंडाफोड़। बॉर्डर पर 500-500 रुपए लेकर पुलिसवाले सैकड़ों ट्रक पार करा रहे थे। उन्होंने 18 लोगों को रंगे हाथों पकड़ा। इनमें 2 पुलिसकर्मी, 16 दलाल शामिल थे। मामला सामने आया तो एसपी और एएसपी हटाए गए। सीओ, थानेदार और चौकी के 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए। 7 पुलिसकर्मियों समेत 23 पर मुकदमा लिखा गया। थानेदार समेत 5 पुलिसकर्मी फरार हैं। इस छापेमारी में ADG ने सादी वर्दी में 3 बार ट्रक बदले, बॉर्डर की रेकी की, स्पेशल-17 टीम बनाई। तब जाकर इतने बड़े रैकेट का खुलासा हुआ। ADG पीयूष मोर्डिया ने दैनिक भास्कर से एक्सक्लूसिव बातचीत में इस पूरे ऑपरेशन का खुलासा किया। पढ़िए हूबहू… तीन दिन पहले एक विश्वसनीय व्यक्ति ने मुझे यूपी-बिहार बॉर्डर पर असामाजिक तत्वों और पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से ट्रकों को पार होने की जानकारी दी। उसके पास सूचना सटीक थी, लेकिन होमवर्क कमजोर था। इस पर एडीजी ऑफिस की एक टीम रेकी के लिए बलिया के नरही थाने से लगने वाले बॉर्डर पर भेज दी। सभी को दूर से निगरानी और जानकारी जुटाने का निर्देश दिया। रेकी टीम ने डिटेल रिपोर्ट दी। वसूली की पुष्टि हो गई। फिर क्या था, बलिया में कार्रवाई के लिए हम टीम के साथ बनारस से निकल पड़े। डीआईजी आजमगढ़ को बलिया-बक्सर बॉर्डर पर बुला लिया। इसे पूरी तरह से गुप्त रखा गया। बलिया एसपी, एएसपी समेत बलिया के पुलिस-प्रशासन समेत किसी को भी खबर नहीं लगने दी। चंद ट्रकों की सूचना मिली थी, भरौली में सैकड़ों कतार में खड़े मिले
मैं बुधवार रात 9.25 बजे ही प्राइवेट कार से बॉर्डर पार करके बक्सर वाले हिस्से में पहुंच गया। डीआईजी वैभव कृष्ण और उनकी टीम भी वहीं पहुंच गई। सभी लोग सादे ड्रेस में रहे। यहां पर अपनी टीमों को अलर्ट किया। एक टीम को रेकी करने के लिए भरौली गोलंबर तक भेजा। टीम ने बताया कि ट्रक लगे हुए हैं। लाइन में ट्रकों की संख्या बढ़ती जा रही थी। रात साढ़े 12 बजे एक ट्रक पर सवार ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठकर बॉर्डर पार करके भरौली गया। चंद ट्रकों की सूचना मिली थी, लेकिन जब हम मौके पर पहुंचे तो ट्रकों की कतार लगी थी। बॉर्डर के बैरियर से लेकर भरौली चौराहे पर दूर तक ट्रक ही ट्रक थे। हमें उम्मीद भी नहीं थी कि इतने ट्रक होंगे। जानकारी पर पता चला कि बालू, कोयला आदि लेकर आने वाले ट्रक हैं। रोज 1000 से अधिक ट्रक गुजरते हैं, कभी-कभी यह संख्या 1500-2000 भी हो जाती है। तीन पुलिसकर्मी कुर्सी पर बैठे दिखे। एक वसूली कर रहा था। फिर कोरंटाडीह चौकी के पास गए, यहां पर भी वसूली चल रही थी। ट्रक पर हुए सवार हुआ, इशारा किया और दौड़ाकर दबोचा
फिर मैंने एक दूसरा बालू भरा ट्रक रुकवाया और उसमें सवार हो गया। ट्रक वाले को बताया कि हम पुलिस वाले हैं, तो वह भी सहम गया। उसे समझाया। फिर हम यूपी बॉर्डर क्रास करने लगे। वहां तो नजारा ही अलग दिखा, प्रति ट्रक 500-500 रुपए की वसूली हाेते मिली। ड्राइवर ने ही बताया औसतन प्रतिदिन एक हजार ट्रकों से वसूली की जाती है। बैरियर पर नंबर देखकर मौजूद सिपाही ने रुपए लिए और इशारा किया। ट्रक सीमा पार हो गया। हमने ट्रक को रोककर पूरा नजारा देखा। इस बीच कई ट्रक इस पार आ गए। रात एक बजे से शुरू हुआ था ऑपरेशन
फिर डीआईजी और अपनी टीम के साथ मिलकर छापेमारी की प्लानिंग की। तीनों टीम ने रात एक बजे भरौली पहुंच कर पोजिशन ले ली। हम वहां से एक ट्रक में सवार हुए। पीछे के ट्रक में डीआईजी थे। टीम पहले ही भरौली गोलंबर पर अलर्ट थी। हम और डीआईजी बिहार बॉर्डर से भरौली चौराहे पर पहुंचे और रात 1.30 बजे ऑपरेशन शुरू किया गया। टीम ने देखा कि दलाल और पुलिसकर्मी धमकाकर ट्रकों से वसूली कर रहे हैं। वहां पहुंचते ही मैंने इशारा किया और हमारी टीम ने धरपकड़ शुरू कर दी। इसके बाद भगदड़ मच गई, हमने दौड़ाकर दलाल गिरफ्तार कर लिए। दबिश के समय सबसे पहले सिपाही हरदयाल को रंगे हाथ पकड़ लिया गया, उससे पूछा तो सबके नाम मिल गए। मौके से पुलिसकर्मी विष्णु यादव, दीपक मिश्र और बलराम सिंह फरार हो गए। वहां से एक और सिपाही को पकड़ा गया। इसके बाद से बारी-बारी से दलालों को गिरफ्तार कर पास में स्थित मंदिर पर ले जाया गया। यहां पर पूछताछ की गई। सिपाही-दरोगा पर शक, थाना-चौकी समेत अधिकारी पर भी सवाल
मुझे पुलिसकर्मियों की कार्यशैली पर गुस्सा आ गया। कहा- विभाग और सरकार पुलिसकर्मियों का ख्याल रखती है, फिर ये करप्शन ठीक नहीं। प्रारंभिक सूचना में महज सिपाहियों की मिलीभगत की बात सामने आई तो लगा कि दरोगा तक शामिल होगा, लेकिन मौके पर पहुंचे तो हालात अलग थे। हमने इंस्पेक्टर सुशील कुमार की तहरीर पर नरहीं के थानाध्यक्ष पन्नेलाल और काेरंटाडीह के चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर सहित सात पुलिसकर्मी के अलावा 16 दलालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। अभी जांच जारी है, जिसमें कई परतें खुलेंगी। छापेमारी के लिए बनाई थीं तीन टीमें
जब हम बक्सर पहुंचे तो अलग-अलग तीन टीमें बनाई थीं। पहली टीम में डीआईजी, इंस्पेक्टर सुशील कुमार, हेड कॉन्स्टेबल अनिल सिंह, राम सेवक, अभिषेक कुमार यादव और ड्राइवर गोरखनाथ। दूसरी टीम में इंस्पेक्टर अब्दुल वहीद, एसआई अंबिका प्रसाद, रविकांत साहू, मनीष यादव, शरद मिश्र और तीसरी टीम में शिवमिलन, राजेश यादव, राव वीरेंद्र यादव, रजनीकांत, विवेक रंजन थे। सभी के वाहन लखनऊ नंबर के थे, इसलिए किसी को शक नहीं हुआ। इनके खिलाफ दर्ज किया गया है मुकदमा
थानाध्यक्ष नरही पन्ने लाल, चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर, सिपाही दीपक मिश्र, सिपाही बलराम सिंह, हेड कॉन्स्टेबल विष्णु यादव और सिपाही सतीश गुप्ता, सिपाही हरदयाल के अलावा दलाल रविशंकर यादव निवासी भरौली, विवेक शर्मा, जितेश चौधरी, विरेंद्र राय, सोनू सिंह, अजय कुमार पांडेय, विरेंद्र सिंह यादव, अरविंद यादव, रमाशंकर चौधरी, जवाहिर यादव, धर्मेंद्र यादव, विकास राय, हरेंद्र यादव, सलाम अंसारी, आनंद कुमार ठाकुर, दिलीप कुमार आदि स्थानीय के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया। भ्रष्टाचार और तस्करी के खिलाफ जारी रहेगा अभियान
इस मामले में कठोर कार्रवाई हो रही है। रिश्वतखोरी और तस्करी के आरोप में संलिप्त पुलिसकर्मियों और अन्य आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। वाराणसी जोन में ऐसी कार्रवाई और छापेमारी होती रहेगी, जब तक माफिया, भ्रष्टाचार सलाखों के पीछे नहीं पहुंच जाते। अब तक क्या हुआ, सरकार ने क्या एक्शन लिया
योगी सरकार ने बलिया के एसपी देवरंजन वर्मा और एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को हटा दिया है। दोनों वेटिंग में रखे गए हैं। सीओ सदर शुभ सुचित को सस्पेंड किया गया है। सरकार ने CO, SHO और चौकी इंचार्ज के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू कराई है, जो उनकी संपत्ति की जांच करेगी। देवरंजन की जगह PAC 37वीं वाहिनी से विक्रांत वीर को बलिया भेजा गया है। 7 पुलिसकर्मियों समेत 23 के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ वहीं एफआईआर दर्ज हुई, जहां से ड्यूटी करते थे। बलिया अवैध वसूली कांड की पूरी कवरेज पढ़िए… यूपी में पुलिसवाले कर रहे थे अवैध वसूली:बिहार बॉर्डर पर CO समेत पूरी चौकी सस्पेंड; SP-ASP हटे; सादी वर्दी में ADG ने मारा छापा डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण ने बताया- इस एंट्री-एग्जिट पाॅइंट से रोजाना रात में 1000 ट्रक गुजरते हैं। पुलिस वाले हर ट्रक से 500 रुपए की वसूली करते थे। हर रोज करीब 5 लाख की वसूली थी। मामले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- ये अपराध के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ का भंडाफोड़ है। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
यूपी-बिहार बॉर्डर पर ADG 1 घंटे ट्रक में घूमते रहे:लखनऊ नंबर की गाड़ियों से बलिया पहुंची ‘स्पेशल-17’; रात 1 बजे चलाया ऑपरेशन अवैध वसूली
