पंजाब पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी गिरोह को तोड़ने में सफलता हासिल की है। कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपियों से करीब 1 करोड़ रुपये की ड्रग मनी भी जब्त की है। गिरफ्तार गिरोह के लोग ड्रग तस्कर गुरजंट सिंह भोलू और किंदरबीर सिंह उर्फ सनी डायल के करीबी बताए जा रहे हैं, जो उनके निर्देश पर ड्रग तस्करी करते थे। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने पोस्ट में जानकारी साझा करते हुए बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर पंजाब पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। एक करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग मनी जब्त की गई है और विदेश में रहने वाले शीर्ष ड्रग तस्कर भोलू और सनी डायल के 2 गुर्गों को गिरफ्तार किया गया है। SSOC में मामला किया गया दर्ज स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) अमृतसर ने एक संगठित अपराध सिंडिकेट चलाने के लिए विदेशी हैंडलर्स और दो गुर्गों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस दौरान पुलिस ने आरोपियों से 1.07 करोड़ रुपए ड्रग मनी, 1 पैसे गिनने की मशीन, 1 कार और 2 मोबाइल फोन जब्त किए हैं। फोन से निकलेंगी जानकारियां पुलिस फिलहाल दोनों हैंडलर्स से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के फोन साइबर क्राइम सेल के हवाले कर दिए हैं। शुरुआती डाटा निकालने के बाद आरोपियों के फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजे जाएंगे, ताकि विस्तृत डाटा निकाला जा सके। जिसके बाद इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियों के होने की भी आशंका है। पंजाब पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी गिरोह को तोड़ने में सफलता हासिल की है। कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपियों से करीब 1 करोड़ रुपये की ड्रग मनी भी जब्त की है। गिरफ्तार गिरोह के लोग ड्रग तस्कर गुरजंट सिंह भोलू और किंदरबीर सिंह उर्फ सनी डायल के करीबी बताए जा रहे हैं, जो उनके निर्देश पर ड्रग तस्करी करते थे। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने पोस्ट में जानकारी साझा करते हुए बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर पंजाब पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। एक करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग मनी जब्त की गई है और विदेश में रहने वाले शीर्ष ड्रग तस्कर भोलू और सनी डायल के 2 गुर्गों को गिरफ्तार किया गया है। SSOC में मामला किया गया दर्ज स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) अमृतसर ने एक संगठित अपराध सिंडिकेट चलाने के लिए विदेशी हैंडलर्स और दो गुर्गों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस दौरान पुलिस ने आरोपियों से 1.07 करोड़ रुपए ड्रग मनी, 1 पैसे गिनने की मशीन, 1 कार और 2 मोबाइल फोन जब्त किए हैं। फोन से निकलेंगी जानकारियां पुलिस फिलहाल दोनों हैंडलर्स से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के फोन साइबर क्राइम सेल के हवाले कर दिए हैं। शुरुआती डाटा निकालने के बाद आरोपियों के फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजे जाएंगे, ताकि विस्तृत डाटा निकाला जा सके। जिसके बाद इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियों के होने की भी आशंका है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सेना में हुए थे ब्लड प्रेशर के शिकार, मिलेंगी पेंशन:HC ने सुनाया फैसला, केंद्र सरकार की अपील खारिज, 2019 में दी रिटायरमेंट
सेना में हुए थे ब्लड प्रेशर के शिकार, मिलेंगी पेंशन:HC ने सुनाया फैसला, केंद्र सरकार की अपील खारिज, 2019 में दी रिटायरमेंट सेना में रहते हुए कोई हाई ब्लड प्रेशर स्टेज एक का शिकार हो जाता है। तो वह विकलांगता पेंशन का हकदार माना जाएगा। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस तरह के एक केस को सुनते हुए फैसला सुनाया है। अदालत ने आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्रूनल (AFT) के फैसले के खिलाफ भारत सरकार की अपील को खारिज कर दी है। 2002 में सेना हुए थे भर्ती धीरज कुमार की तरफ से इस संबंधी AFT में याचिका दाखिल की गई थी। उन्होंने अपनी याचिका में बताया था कि वह 2002 में सेना में शामिल हुए थे। नौकरी के दौरान वह वह स्टेज हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हो गए थे। इसके बाद सेना ने उन्हें 31 अक्तूबर 2019 को सेवा मुक्त कर दिया था। लेकिन पेंशन नहीं दी गई। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपनी जंग जारी रखी। मेडिकल बोर्ड ने उनकी विकलांगता 30 फीसदी मानी थी। सेना पेंशन देने का तैयार नहीं थी धीरज ने इसके बाद विकलांगता पेंशन के लिए आवेदन किया। लेकिन सरकार ने उसके आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उसे हुई विकलांगता न तो सैन्य सेवा के कारण थी और न ही उससे बढ़ी थी। सेना के खिलाफ उन्हाेंने इस मुद्दे पर AFT में जंग लड़ी। जहां पर फैसला उसके पक्ष में आया। लेकिन सरकार सरकार उस फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं थी। इसके बाद AFT के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार हाईकोर्ट पहुंची। लेकिन फैसला उसके पक्ष में आया। अदालत में सुनवाई के दौरान सैनिक की तरफ से मेडिकल रिकॉर्ड पेश किया है। उसने बताया कि जब वह भर्ती हुआ तो पूरी तरह से तंदुरुस्त था। उसे यह बीमारी सेना सेवाकाल में हुई।
पंजाब के 5 जिलों में आज येलो अलर्ट:पूरे प्रदेश में बारिश के आसार, तापमान में भी मामूली गिरावट
पंजाब के 5 जिलों में आज येलो अलर्ट:पूरे प्रदेश में बारिश के आसार, तापमान में भी मामूली गिरावट पंजाब के 5 जिलों में आज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। उम्मीद है कि पूरे राज्य में अच्छी बारिश हो सकती है। बीते दिन अधिकतम तापमान में औसतन 0.9 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन राज्य में स्थिति लगभग सामान्य है। लुधियाना के फरीदकोट और समराला का अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र (IMD) के अनुसार पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, नवांशहर और रूपनगर में येलो अलर्ट जारी किया गया है। यहां भारी बारिश के आसार हैं, जबकि राज्य के बाकी हिस्सों में भी बारिश के आसार हैं। यह अलर्ट सिर्फ शनिवार के लिए जारी किया गया है। इसके बाद अगले 5 दिनों तक राज्य में किसी भी तरह का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया। पंजाब में बारिश का पूर्वानुमान व अलर्ट- सुस्त मानसून, पंजाब में सबसे कम बारिश पंजाब देश का सबसे सूखा राज्य बन गया है। यहां सबसे कम बारिश हुई है। पंजाब में 1 जून से अब तक 273.6 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक सिर्फ 157.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है। यह बारिश सामान्य से 43% कम है। जबकि हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में 26% कम बारिश दर्ज की गई है।
अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल तनखैया करार:अकाल तख्त ने दी धार्मिक सजा, जत्थेदार बोले- गुनाहों की माफी मांगें, राम रहीम को दी थी माफी
अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल तनखैया करार:अकाल तख्त ने दी धार्मिक सजा, जत्थेदार बोले- गुनाहों की माफी मांगें, राम रहीम को दी थी माफी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुना दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दे दिया है। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने का आरोप लगा था। ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी सीएम रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप को अकसर को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।” अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सुखबीर बादल एक साधारण सिख की तरह अकाल तख्त पर आकर अपने गुनाहों की माफी मांगें। सुखबीर बादल 15 दिन के भीतर अकाल तख्त पर पेश हों। अकाली दल के प्रवक्ता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि अब सुखबीर बादल अकाल तख्त में पेश होंगे। उसके बाद उन्हें गुनाह बताए जाएंगे, जिस पर सुखबीर बादल अपना पक्ष रखेंगे। बैठक से पहले अकाली दल ने बनाया कार्यकारी प्रधान
अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से पहले ही बीते दिन बलविंदर सिंह भूंदड़ को कार्यकारी प्रधान नियुक्त कर दिया। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है। कई सिख जत्थेबंदियों ने श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचकर सुखबीर बादल के इस्तीफे की मांग की थी। कार्यकारी प्रधान नियुक्त किए गए बलविंदर सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी रहे हैं। अब सिलसिलेवार पढ़िए पूरा मामला…. अकाली दल के बागी गुट ने सौंपा था माफीनामा
अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त पहुंचा था। इस दौरान यहां जत्थेदार को माफीनामा दिया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई। बागी गुट के अकाल तख्त को सौंपे माफीनामे में कबूली 4 गलतियां… 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत: 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी: श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई: 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ: SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया था। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। 14 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया
इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। ये दिया था स्पष्टीकरण…
सुखबीर बादल ने लिखा था कि पंजाब का प्रशासनिक मुखिया होने के नाते मुझे इस तरह की अप्रत्याशित घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी है। मैंने सौंपे गए कर्तव्यों का पूरी लगन और परिश्रम से पालन करने की कोशिश की है, लेकिन अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते समय कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है, जो अचानक घटित होता है। इससे आपका मन गहरी पीड़ा से गुजरता है और आप आत्मिक रूप से परेशान हो जाते हैं। इस मामले में हमारी पश्चाताप की भावना प्रबल है। ऐसे समय में वे आंतरिक पीड़ा से भी गुजर रहे हैं, ऐसी भावना के साथ, वे गुरु को नमन कर रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं कि गुरु साहब शक्ति और दया प्रदान करें।