कुल्लू में मनाली के ऊपरी इलाकों में हो रही बारिश से ब्यास नदी और नालों का जल स्तर बढ़ गया है। जिस कारण मनाली के पास पलचान में नदी ने रुख मोड़ दिया है। पलचान गांव के पास भूमि कटाव शुरू हो गया है। जिससे यहां मौजूद 4-5 घरों को खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में ग्रामीणों ने यहां 4 घरों को खाली कर दिया है। लोगों ने अपने परिवार के साथ घर का सामान निकाल कर अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। गौरतलब है कि कुछ समय पहले यहां अंजनी महादेव नाला में बाढ़ आ गई थी। जिस कारण क्षेत्र में तीन मकान बह गए थे। लेकिन अब लगातार ब्यास नदी का स्तर बढ़ता जा रहा हैं जिसके चलते गांव को खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी है और प्रशासन की टीम नुकसान का आकलन करने की तैयारी कर रहा है। जानकारी के अनुसार गांव के छोर में नदी से हो रहे कटाव के कारण गांव के आगे भूस्खलन हुआ है। ऐसे में खतरे को देखते हुए ग्रामीणों ने अपने अपने घरों को खाली कर दिया है। कुल्लू में मनाली के ऊपरी इलाकों में हो रही बारिश से ब्यास नदी और नालों का जल स्तर बढ़ गया है। जिस कारण मनाली के पास पलचान में नदी ने रुख मोड़ दिया है। पलचान गांव के पास भूमि कटाव शुरू हो गया है। जिससे यहां मौजूद 4-5 घरों को खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में ग्रामीणों ने यहां 4 घरों को खाली कर दिया है। लोगों ने अपने परिवार के साथ घर का सामान निकाल कर अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। गौरतलब है कि कुछ समय पहले यहां अंजनी महादेव नाला में बाढ़ आ गई थी। जिस कारण क्षेत्र में तीन मकान बह गए थे। लेकिन अब लगातार ब्यास नदी का स्तर बढ़ता जा रहा हैं जिसके चलते गांव को खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी है और प्रशासन की टीम नुकसान का आकलन करने की तैयारी कर रहा है। जानकारी के अनुसार गांव के छोर में नदी से हो रहे कटाव के कारण गांव के आगे भूस्खलन हुआ है। ऐसे में खतरे को देखते हुए ग्रामीणों ने अपने अपने घरों को खाली कर दिया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सुजानपुर में राणा, गगरेट में चैतन्य हार रहे:EVM काउंटिंग में कांग्रेस के रणजीत 2174 मतों से आगे, लाहौल-स्पीति में अनुराधा जीत के करीब
सुजानपुर में राणा, गगरेट में चैतन्य हार रहे:EVM काउंटिंग में कांग्रेस के रणजीत 2174 मतों से आगे, लाहौल-स्पीति में अनुराधा जीत के करीब हिमाचल की सुजानपुर विधानसभा सीट पर दिग्गज नेता एवं BJP उम्मीदवार राजेंद्र राणा उप चुनाव हारने जा रहे हैं। उधर, लाहौल-स्पीति में कांग्रेस के बागी एवं BJP कैंडिडेट रवि ठाकुर और निर्दलीय रामलाल मारकंडा, गगरेट सीट पर बीजेपी के चैतन्य शर्मा भी हार के कगार पर हैं। वहीं बड़सर सीट पर कांग्रेस के बागी व बीजेपी प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल चुनाव जीतने जा रहे है। लाहौल-स्पीति में कांग्रेस की अनुराधा राणा 1786 वोटों से आगे हैं। गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया 7970 वोटों के अंतर से चैतन्य से आगे चल रहे हैं। इन तीनों सीटों पर अब पोस्टल बैलेट की गणना बाकी और फाइनल घोषणा का इंतजार है। सुजानपुर में राजेंद्र राणा को 2174 मतों के अंतर से पीछे चल रहे हैं। कैप्टन रणजीत को ईवीएम में 28577 वोट और राजेंद्र राणा को 26403 मत मिले। राजेंद्र राणा ने हिमाचल की सत्तारूढ़ कांग्रेस के राज्यसभा में प्रत्याशी के खिलाफ वोट करके पार्टी से बगावत की थी और बीते 23 मार्च को उन्होंने दिल्ली में बीजेपी का दामन थामा। 26 मार्च को बीजेपी ने राणा समेत कांग्रेस के छह बागी विधायकों को टिकट दिया। अब राजेंद्र राणा सुजानपुर सीट से विधानसभा उप चुनाव हार गए हैं। राणा को प्रेम कुमार धूमल के हनुमान माने जाने वाले कैप्टन रणजीत सिंह ने हराया है। बता दें कि राजेंद्र राणा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से मुख्यमंत्री चेहरा एवं दो बार के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल को चुनाव हराया था। इस बार राणा खुद चुनाव हारने जा रहे है। मुख्यमंत्री सुक्खू निरंतर राणा पर हमलावर थे और सुधीर शर्मा व राणा को बिके हुए विधायकों का निरंतर सरगना बोल रहे थे। प्रदेश की चार अन्य विधानसभा सीटों पर भी काउंटिंग जारी है। बड़सर में बीजेपी के इंद्रदत्त लखनपाल, धर्मशाला में भी बीजेपी के सुधीर शर्मा और कुटलैहड़ में भी कांग्रेस के विवेक शर्मा बढ़त बनाए हुए है। इन छह सीटों पर उप चुनाव में कुल 4,54,926 मतदाताओं में से 3,29,240 (76.89%) ने वोट दिया है। इनमें 32,089 पुरुष, 35,337 पुरुष और एक थर्ड जेंडर का मतदाता शामिल है।कुटलैहड़ में सबसे ज्यादा 67427 (76.20%) फीसदी और धर्मशाला में सबसे कम 60981 (71.2%) मतदाताओं ने वोट डाला है। बड़सर विधानसभा में 62695 (71.69%), लाहौल स्पीति में 18977 (75.09%), गगरेट में 63359 (75.14%) और सुजानपुर में 55800 (73.76%) प्रतिशत लोगों ने अपना वोट डाला। लाहौल स्पीति में त्रिकोणीय मुकाबला लाहौल-स्पीति विधानसभा में कांग्रेस की अनुराधा राणा, बीजेपी रवि ठाकुर और भाजपा के बागी निर्दलीय राम लाल मारकंडा में टक्कर है। धर्मशाला में बीजेपी के बागी चौधरी धर्मशाला सीट पर बीजेपी सुधीर शर्मा, कांग्रेस के देवेंद्र जग्गी और निर्दलीय राकेश चौधरी के बीच मुकाबला है। इन तीनों के अलावा यहां सतीश कुमार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कुटलैहड़ में 4 दावेदार कुटलैहड़ में कांग्रेस के विवेक शर्मा, भाजपा के देवेंद्र कुमार भुट्टो, निर्दलीय चंचल सिंह और निर्दलीय राजीव शर्मा चुनावी मैदान में है। यहां देवेंद्र भुट्टो और विवेक शर्मा में मुख्य मुकाबला है। गगरेट में पांच दावेदार गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया, बीजेपी के चैतन्य शर्मा, निर्दलीय मनोहर लाल शर्मा, निर्दलीय अमित वशिष्ट और निर्दलीय अशोक सोंखला चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा में सीधी टक्कर है। बड़सर में तीन दावेदार कांग्रेस के सुभाष चंद ढटवालिया, बीजेपी के इंद्र दत्त लखनपाल और निर्दलीय विशाल शर्मा तीन दावेदार है। यहां पर भी सुभाष और लखनपाल के बीच मुख्य मुकाबला है। इनका भाग्य आज ईवीएम में कैद हो गया। 15 महीने में इसलिए आई उप चुनाव की नौबत इन छह सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ही विधायक चुने गए थे। मगर इन्होंने राज्यसभा चुनाव में पहले बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट दिया। इसके बाद विधानसभा में पार्टी के व्हिप का उलंघन किया। इसके दोषी पाए जाने पर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य घोषित किया। इसके बाद बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट भी गए। मगर कोर्ट का रुख देखते हुए इन्होंने खुद ही याचिका वापस लेने का निर्णय लिया। इसके बाद बीते 16 मार्च को केंद्रीय चुनाव आयोग ने छह सीटों पर उप चुनाव का ऐलान किया।
हिमाचल में बनी 23 दवाओं के सैंपल फेल:हार्ट अटैक, कैंसर की दवा भी मानकों पर खरा नहीं उतरी, निर्माता कंपनियों के लाईसेंस रद्द
हिमाचल में बनी 23 दवाओं के सैंपल फेल:हार्ट अटैक, कैंसर की दवा भी मानकों पर खरा नहीं उतरी, निर्माता कंपनियों के लाईसेंस रद्द हिमाचल प्रदेश में बनी 23 दवाएं केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के मानकों पर खरा नहीं उतर पाई। इनके सैंपल फेल हुए है। वहीं देशभर में कुल 67 दवाओं के सैंपल फेल हुए। प्रदेश में बनी दवाओं में कुछ हार्ट अटैक, ब्लड शुगर और कैंसर जैसी घात बीमारियों में इस्तेमाल होती है। दवाओं के सैंपल फेल होने पर ड्रग कंट्रोलर ने निर्माता कंपनियों को नोटिस जारी कर दिए हैं। इन दवाओं कंपनियों के लाइसेंस भी रद्द कर दिए हैं। ड्रग कंट्रोलर ने कंपनियों को दवाओं का स्टॉक भी वापस मंगवाने के निर्देश दिए हैं। सीडीएससीओ की जांच में 20 सैंपल फेल दरअसल, बीते दिनों सीडीएससीओ और स्टेट ड्रग कंट्रोलर द्वारा इन दवाओं के सैंपल लिए गए थे। सीडीएससीओ के 49 में से 20 सैंप और ड्रग कंट्रोलर द्वारा लिए गए 18 में से 3 दवाओं के सैंपल जांच में फेल पाए गए। सोलन में बनी 12 दवाएं मानकों पर खरा नहीं उतर पाई केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन की जांच में फेल 12 दवाएं सोलन, 10 सिरमौर और 1 दवा कांगड़ा में बनी हैं। ड्रग कंट्रोलर और सीडीएससीओ की कार्रवाई के बाद प्रदेश में दवा निर्माता कंपनियों ने हड़कंप मच गया है। प्रसव में काम आने वाली ऑक्सीटोसिन दवाई फेल सूचना के अनुसार, सिरमौर की पुष्कर फार्मा कंपनी की वाली ऑक्सीटोसिन दवाई, जो प्रसव में काम आती है। बद्दी की मर्टिन एवं ब्राउन कंपनी में दवा कैल्शियम ग्लूकोनेट भी फेल हुई। इसका इस्तेमाल बनी हार्ट अटैक में किया जाता है। पांवटा साहब की जी लेबोट्री कंपनी में बनी निमोनिया की सेफ्ट्रिएक्सोन, संक्रमण की जेंटामाइसिन और ब्लड शुगर की दवा जेनरिकार्ट फेल हुई है। निमेसुलाइड के सैंपल भी मानकों पर खरा नहीं उतर पाए झाड़माजरी की इनोवो केपटेप कंपनी की निमेसुलाइड, सेलीब्रेटी बायोटेक कंपनी की सिप्रोविन, मखून माजरा की ऐरिसो फार्मास्युटिकल कंपनी की मोटोसेप के 2 सैंपल फेल हुए हैं। कालाअंब के नितिन लाइफ साइंस की प्रोमेथाजिन, क्वालिटी फार्मास्युटिकल कंपनी की कैंसर की दवा इफोस्फामाईड, कालाअंब की डिजिटल विजन कंपनी की बुप्रोन एसआर, बद्दी की सेफोपेराजोन, पाइपेरासिलिन के सैंपल फेल हुए हैं। ब्लड प्रेशर की टोर्सेमि दवा के सैंपल फेल साइसरोज रेमडीज कंपनी की विटामिन-बी की न्यूरोपाइन दवा, सोलन स्थित जेएम लैब की ब्लड प्रेशर की दवा टोर्सेमि, बद्दी स्थित क्लस्टा फार्मास्युटिकल कंपनी में मधुमेह की दवा न्यूरोकेम, झाड़माजरी वेडस्प फार्मास्युटिकल कंपनी की संक्रमण की दवा इंडक्लेव और बद्दी की ट्रिविजन हेल्थ केयर कंपनी का दर्द की दवा स्टे हैप्पी ट्रिपसिन भी मानकों पर सही नहीं पाई गई है।
हिमाचल हाईकोर्ट का फोन टैपिंग मामले में बड़ा फैसला:टेलीफोन रिकॉर्डिंग करना अवैध, निजता के अधिकार का उलंघन, एविडेंस मानने से इनकार
हिमाचल हाईकोर्ट का फोन टैपिंग मामले में बड़ा फैसला:टेलीफोन रिकॉर्डिंग करना अवैध, निजता के अधिकार का उलंघन, एविडेंस मानने से इनकार हिमाचल हाईकोर्ट ने टेलीफोन रिकॉर्डिंग को साक्ष्य के तौर पर पेश करने को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की कोर्ट ने टेलीफोन रिकॉर्डिंग को अवैध करार देते हुए निजता के अधिकार का उलंघन बताया और कहा कि इसे साक्ष्य के तौर पर रिकॉर्ड पर नहीं लिया जा सकता। कोर्ट ने कहा, टेलिफोन रिकॉर्डिंग करके जुटाए गए साक्ष्य मान्य नहीं होते। कानून द्वारा स्थापित प्रकिया के विपरीत टेलीफोन टैपिंग कर एविडेंस जुटाना सही नहीं है। इस प्रकार अवैध रूप से जुटाए गए साक्ष्य कानूनन अमान्य है। कोर्ट ने व्यवस्था देते हुए कहा कि निजता के अधिकार को भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का अभिन्न हिस्सा माना गया है। पारिवारिक मामले का निपटारा करते हुए दिए आदेश दरअसल, एक पारिवारिक मामले में प्रार्थी ने पत्नी और उसकी मां की आपसी बातचीत की टेलीफोन रिकॉर्डिंग को साक्ष्य के रूप में रिकॉर्ड पर लेने का अदालत से आग्रह किया था। पहले ट्रायल कोर्ट ने प्रार्थी के इस आग्रह को खारिज किया। ट्रायल कोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने भी खारिज की प्रार्थी की दलील प्रार्थी ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी और कोर्ट से पत्नी और उसकी मां (पति की सास) की रिकॉर्डिंग को रिकॉर्ड पर लेने का फिर से आग्रह किया। मगर हाईकोर्ट ने प्रार्थी की इस दलील को खारिज कर दिया और कहा कि टेलीफोन पर बातचीत किसी व्यक्ति के निजी जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। गोपनीयता के अधिकार के दायरे में आता है अदालत ने कहा, किसी के घर अथवा कार्यालय की गोपनीयता को देखते हुए टेलीफोन पर बातचीत करने का अधिकार निश्चित रूप से ‘गोपनीयता के अधिकार’ के दायरे में आता है। इसलिए स्थापित प्रक्रिया का पालन कर ही वैध रूप से साक्ष्य जुटाए जा सकते हैं।