हरियाणा के फरीदाबाद जिले से एक शर्मनाक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस वीडियो में गहरे गंदे पानी से होकर लोग कंधे पर शव रखकर गुजरते दिखाई दे रहे है। यह वीडियो फरीदाबाद के नवादा गांव की है। जो एनआईटी 86 विधानसभा में आता है। फिलहाल इस विधानसभा से कांग्रेस के विधायक नीरज शर्मा मौजूदा विधायक हैं। जिले में 3-3 मंत्री होने के बाद भी ये हालात है। गंदे पानी से निकलने को मजबूर है लोग इसी गांव के रहने वाले चौधरी महेंद्र प्रताप भी पूर्व की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके है और पूर्व में इनेलो की टिकट चुनाव जीतकर बीजेपी का दामन थामने वाले नागेंद्र भड़ाना भी इसी गांव से आते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी कहा जाता है। लेकिन फरीदाबाद में एक नहीं 3-3 मंत्री होने के बावजूद भी इस फरीदाबाद का यह हाल है। जिसके चलते फरीदाबाद नर्क सिटी बन चुका है। जहां पर लोगों को आज भी गहरे गंदे पानी में शव कंधे पर रखकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाना पड़ता है। जिले में 3-3 मंत्री होने पर नहीं है विकास तीनों मंत्रियों की बात की जाए तो केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर फरीदाबाद के एमपी और केंद्र सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री हैं। वहीं हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा जो बल्लभ विधानसभा से आते हैं, वह भी मौजूदा मंत्री हैं और बड़खल विधानसभा में रहने वाली सीमा त्रिखा भी हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री हैं। जरा सोचिए की 3-3 मंत्रियों के होने के बावजूद आज भी नवादा गांव में ना केवल दलितों को बल्कि विशेष समुदाय के लोगों को इसी पानी से गुजरना पड़ता है। फिलहाल सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस वीडियो को जिसने भी देखा उसने फरीदाबाद में 3-3 मंत्रियों के होने के बावजूद ऐसे हालत होने की कड़ी निन्दा की । 26 जुलाई का है वीडियो बता दें की बीते 26 जुलाई को नवादा गांव के ही रहने वाले लगभग 29 वर्षीय एक युवक को पड़ोस में वाशिंग मशीन ठीक करते समय करंट लग गया था। जिसके चलते उसकी मौत हो गई थी। यह तस्वीर उसी मृतक जितेंद्र के अंतिम संस्कार के लिए ले जाते वक्त की है जब लोगों को जितेंद्र के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय गहरे गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ा था। हरियाणा के फरीदाबाद जिले से एक शर्मनाक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस वीडियो में गहरे गंदे पानी से होकर लोग कंधे पर शव रखकर गुजरते दिखाई दे रहे है। यह वीडियो फरीदाबाद के नवादा गांव की है। जो एनआईटी 86 विधानसभा में आता है। फिलहाल इस विधानसभा से कांग्रेस के विधायक नीरज शर्मा मौजूदा विधायक हैं। जिले में 3-3 मंत्री होने के बाद भी ये हालात है। गंदे पानी से निकलने को मजबूर है लोग इसी गांव के रहने वाले चौधरी महेंद्र प्रताप भी पूर्व की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके है और पूर्व में इनेलो की टिकट चुनाव जीतकर बीजेपी का दामन थामने वाले नागेंद्र भड़ाना भी इसी गांव से आते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी कहा जाता है। लेकिन फरीदाबाद में एक नहीं 3-3 मंत्री होने के बावजूद भी इस फरीदाबाद का यह हाल है। जिसके चलते फरीदाबाद नर्क सिटी बन चुका है। जहां पर लोगों को आज भी गहरे गंदे पानी में शव कंधे पर रखकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाना पड़ता है। जिले में 3-3 मंत्री होने पर नहीं है विकास तीनों मंत्रियों की बात की जाए तो केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर फरीदाबाद के एमपी और केंद्र सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री हैं। वहीं हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा जो बल्लभ विधानसभा से आते हैं, वह भी मौजूदा मंत्री हैं और बड़खल विधानसभा में रहने वाली सीमा त्रिखा भी हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री हैं। जरा सोचिए की 3-3 मंत्रियों के होने के बावजूद आज भी नवादा गांव में ना केवल दलितों को बल्कि विशेष समुदाय के लोगों को इसी पानी से गुजरना पड़ता है। फिलहाल सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस वीडियो को जिसने भी देखा उसने फरीदाबाद में 3-3 मंत्रियों के होने के बावजूद ऐसे हालत होने की कड़ी निन्दा की । 26 जुलाई का है वीडियो बता दें की बीते 26 जुलाई को नवादा गांव के ही रहने वाले लगभग 29 वर्षीय एक युवक को पड़ोस में वाशिंग मशीन ठीक करते समय करंट लग गया था। जिसके चलते उसकी मौत हो गई थी। यह तस्वीर उसी मृतक जितेंद्र के अंतिम संस्कार के लिए ले जाते वक्त की है जब लोगों को जितेंद्र के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय गहरे गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ा था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला कबूला:5 बोनस अंक हटाकर CET का रिवाइज्ड रिजल्ट जारी; 23 हजार नियुक्तियां अधर में
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला कबूला:5 बोनस अंक हटाकर CET का रिवाइज्ड रिजल्ट जारी; 23 हजार नियुक्तियां अधर में हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला कबूल कर लिया है। सामाजिक व आर्थिक आधार पर 5 नंबर बोनस अंक वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने के बाद कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के ग्रुप-C का रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया गया है। यह रिजल्ट बिना बोनस अंकों के जारी हुआ है। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने मंगलवार रात इसे लेकर नोटिस जारी किया। CET एग्जाम 5-6 नवंबर 2022 को लिया गया था। इसके बाद सरकार 23 हजार पदों पर नियुक्तियां कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने बीते सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि ‘यह नीति जनता को आकर्षित करने के लिए लोकलुभावन उपाय है। यह योग्यता को प्राथमिकता देने के सिद्धांत से भटकी हुई है।’ अटॉर्नी जनरल ने कहा- जिन्होंने परीक्षा दी उनकी क्या गलती? अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने कोर्ट से कहा कि ग्रुप-D के पदों पर काम करने वाले कर्मचारी स्थानीय स्तर के हैं। यह लाभ ऐसे लोगों को दिए जाते हैं, जिनके परिवार के पास आय का कोई स्रोत नहीं है। क्या ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी में अवसर नहीं दिया जाना चाहिए? हाईकोर्ट द्वारा लिखित परीक्षा दोबारा कराने का आदेश दिया जाना सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के खिलाफ है। इन पर दोबारा से विचार करने की जरूरत है। जिन्होंने परीक्षा दी है, इसमें उनकी क्या गलती है?। कोर्ट ने कहा- नई मेरिट लिस्ट वालों को मिलेगा मौका कोर्ट ने राज्य कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की याचिका खारिज करते हुए फैसले में कहा, ‘जिन अभ्यर्थियों को पहले के परिणाम के आधार पर विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया है, अगर वे CET की नई मेरिट सूची में आते हैं तो नई चयन प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति होगी। जब तक नए चयन की तैयारी नहीं हो जाती, तब तक वे पदों पर बने रहेंगे। वे नई चयन प्रक्रिया में चयनित नहीं होते तो पद छोड़ना होगा और नियुक्ति समाप्त मानी जाएगी। उन्हें अन्य कोई विशेष अधिकार नहीं होगा और वे उस अवधि के वेतन के अतिरिक्त किसी अन्य लाभ के हकदार नहीं होंगे।’ CM कह चुके- किसी की नौकरी नहीं जाएगी हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी कह चुके हैं कि जिनकी नियुक्तियां हुई हैं, उनकी नौकरी नहीं जाएगी। सरकार के पास 2 विकल्प हैं। एक तो सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकती है। दूसरा- सदन में विधेयक लाया जा सकता है। ये खबरें भी पढ़ें:- हरियाणा में नौकरियों में 5 नंबर का बोनस असंवैधानिक करार:SC ने राज्य सरकार का फैसला पलटा; CM बोले- विधेयक लाकर नौकरियां बचाएंगे बोनस अंक पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा सरकार को खरी-खरी:कहा- बिना किसी प्रयास के 5 नंबर क्यों; 23 हजार नौकरी बचाने के 3 विकल्प बचे
कुरुक्षेत्र के लोगों से 98.75 लाख की ठगी:विदेश में अच्छी नौकरी दिलाने का दिया झांसा, कंपनी मालिक और सहयोगियों पर FIR
कुरुक्षेत्र के लोगों से 98.75 लाख की ठगी:विदेश में अच्छी नौकरी दिलाने का दिया झांसा, कंपनी मालिक और सहयोगियों पर FIR हरियाणा में कुरुक्षेत्र जिले के गांव पाडलू, शाहबाद मारकंडा निवासी साहिल प्रीत सिंह की शिकायत पर चंडीगढ़ के पुलिस स्टेशन-17 में वर्ल्ड वीज़ा एडवाइजर्स, सेक्टर-17डी के मालिक खुशपाल सिंह और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की है। शिकायतकर्ता साहिल प्रीत सिंह ने आरोप लगाया है कि खुशपाल सिंह और उनके सहयोगियों ने उन्हें और अन्य लोगों को विदेश भेजने के नाम पर बड़ी रकम ठगी। खुशपाल सिंह, जो वर्ल्ड वीजा एडवाइजर्स में बतौर मालिक काम करते हैं, ने कुरुक्षेत्र, हरियाणा के कई लोगों से 98,75,934 रुपए की ठगी की। धोखाधड़ी का तरीका खुशपाल सिंह और उनकी टीम ने लोगों को विदेश में नौकरी के अच्छे अवसरों का झांसा देकर उन्हें अपने जाल में फंसाया। शिकायतकर्ता के अनुसार, वीजा और अन्य दस्तावेज़ों के नाम पर उनसे मोटी रकम वसूली गई, लेकिन कोई वैध दस्तावेज या वीजा प्रदान नहीं किया गया। मामले की जांच चंडीगढ़ पुलिस द्वारा की जा रही है। पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ताओं द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस धोखाधड़ी के अन्य पीड़ितों का भी पता लगाया जा रहा है, ताकि मामले की पूरी सच्चाई सामने आ सके। अन्य आरोपी भी संदेह के घेरे में शिकायतकर्ता के अनुसार, खुशपाल सिंह के साथ अन्य सहयोगियों की भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। पुलिस ने सभी आरोपियों की पहचान कर ली है और उन्हें जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
हरियाणा में BJP चेयरमैन को हटाने पर ड्रामा:DC ट्रेनिंग पर गए, ADC बोलीं-मैं सक्षम अधिकारी नहीं; बागी गुट अविश्वास प्रस्ताव लेकर घूम रहा
हरियाणा में BJP चेयरमैन को हटाने पर ड्रामा:DC ट्रेनिंग पर गए, ADC बोलीं-मैं सक्षम अधिकारी नहीं; बागी गुट अविश्वास प्रस्ताव लेकर घूम रहा हरियाणा के हिसार में BJP के जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर खूब ड्रामा हो रहा है। जिला परिषद के 30 में से 24 पार्षद चेयरमैन को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए पहले वे अविश्वास प्रस्ताव लेकर ADC सी. जयश्रद्धा से मिलने गए तो वह पशु अस्पताल की इमरजेंसी होने की बात कहकर घर चली गईं। उन्हें DC अनीश यादव से मिलने के लिए कहा। अब पार्षद डीसी को मिलने जा रहे थे तो डीसी ट्रेनिंग पर चले गए। वह 20 दिन यानी 25 दिसंबर तक ट्रेनिंग पर रहेंगे। पार्षदों का कहना है कि उन्होंने इस बारे में एडीसी से बात की तो उन्होंने कहा कि वह अविश्वास प्रस्ताव के लिए सक्षम अधिकारी नहीं है। इस पर फैसला डीसी को ही करना है इसलिए एप्लीकेशन देना चाहे तो दे सकते हैं। मगर, अंतिम फैसला डीसी ही करेंगे। इसके बाद पार्षद लौट गए। ऐसे में पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लिए घूम रहे हैं। पार्षदों को हॉर्स ट्रेडिंग का डर, 24 पार्षदों की 20 दिन एकजुट रहने की कोशिश
पार्षद इस मामले में खुलकर नहीं बोल रहे हैं लेकिन नाम न छापने की शर्त पर सोनू सिहाग का विरोध कर रहे पार्षदों का कहना है कि उन्हें डर है कि चेयरमैन को हॉर्स ट्रेडिंग करने का और समय मिल गया है। इसलिए पार्षदों ने रणनीति बनाई है कि वह सभी 24 पार्षदों से मुलाकात जारी रखेंगे। सभी एक दूसरे के संपर्क में रहेंगे ताकि चेयरमैन सोनू सिहाग पार्षदों को डरा धमका या ब्लैकमेल ना कर सके। वहीं बागी गुट की चिंता है कि 4 से 5 पार्षद ऐसे हैं, जो दोनों गुटों के संपर्क हैं। अगर यह पार्षद अंत समय में चेयरमैन की तरफ झुक जाते हैं तो सोनू सिहाग की कुर्सी बच सकती है। बता दें कि चेयरमैन को कुर्सी बचाने के लिए 11 पार्षद चाहिए और बागी गुट को 21 पार्षदों का समर्थन जरूरी है। जिला परिषद में भी कांग्रेस एकजुट नहीं
वहीं बता दें कि जिला परिषद चेयरमैन को लेकर भी कांग्रेस जिला पार्षद एकजुट नहीं है। एक गुट BJP चेयरमैन के साथ है तो दूसरा गुट विरोध में हैं। इन सभी पार्षदों ने पहले चेयरमैन का समर्थन किया था, मगर अब कुछ कांग्रेस पार्षद इनके खिलाफ हैं। कांग्रेस समर्थित जिला पार्षद रेणु देवी के प्रतिनिधि दिनेश श्योराण ने बताया कि वह BJP चेयरमैन सोनू सिहाग के साथ हैं। अभी उनके पास 7 पार्षदों का समर्थन है, जिसमें चेयरमैन भी शामिल हैं। वहीं भाजपा के ओपी माल्या, विकास सेलवाल और दर्शनगिरी महाराज सहित एक अन्य पार्षद भी उनका ही समर्थन करेंगे। पार्षद प्रतिनिधि राजेंद्र चहल का भी उनको समर्थन प्राप्त है। चेयरमैन की कुर्सी को कोई नहीं हिला सकता। हमारे पास चेयरमैन सोनू सिहाग, रेणु देवी, रीना बधावड़, महेंद्र बिश्नोई, बीर सिंह बिश्नोई, कर्मकेष कुंडू और यादवेंद्र यादव का समर्थन है इसके अलावा दर्शन गिरी महाराज और राजेंद्र चहल पार्षद प्रतिनिधि हमारा समर्थन करेंगे। वहीं कांग्रेस पार्षद प्रतिनिधि मनोज टाक माही ने कहा कि वह चेयरमैन के खिलाफ हैं और उनके खिलाफ वोट करेंगे। चेयरमैन को हटाने के लिए 21 पार्षदों की जरूरत
दरअसल, जिला परिषद चेयरमैन को हटाने के लिए 30 में से 21 पार्षदों की जरूरत है। वहीं, चेयरमैन को अपने बचाव के लिए 11 पार्षद चाहिए। चेयरमैन शुरू से दावा करते रहे हैं कि उनके पास 14 पार्षदों का समर्थन है। मगर, एकजुट पार्षदों की संख्या 23 है ऐसे में चेयरमैन का दावा सही है या गलत, यह अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग के बाद ही पता चल सकता है। वहीं चेयरमैन के करीबी दावा कर रहे हैं कि उन्हें कुछ कांग्रेस पार्षदों के अलावा 6 से 7 पार्षदों का समर्थन है। 2 साल पहले भाजपा ने कांग्रेस के साथ मिलकर बनाया था चेयरमैन… विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ था चेयरमैन का झुकाव
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग के गांव डाटा से नारनौंद BJP प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु की बुरी तरह हार हुई। डाटा नारनौंद विधानसभा क्षेत्र के बड़े गांवों में से एक है। यहां करीब 7 बूथ बनाए गए थे। इन बूथों में से 6 पर कांग्रेस और 1 बूथ पर ही भाजपा जीत पाई। कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ को गांव में 3,274 वोट मिले, जबकि कैप्टन अभिमन्यु को गांव से महज 2,156 वोट मिले थे। भाजपा के पार्षदों ने जिला पार्षदों पर आरोप लगाया था कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान चेयरमैन की कांग्रेस सांसद जेपी और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के साथ गुप्त मीटिंग हुई थी। चेयरमैन को लगा कि कांग्रेस सरकार आएगी। ऐसे में वह पहले से ही कांग्रेस नेताओं के संपर्क में आ गए थे। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को इसकी भनक लग गई थी। रही सही कसर चेयरमैन के गांव में भाजपा प्रत्याशी की हार से पूरी हो गई। पार्षदों ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में चेयरमैन ने गुपचुप तरीके से कांग्रेस के नेताओं का समर्थन किया था।