शहीद मोहित की पत्नी बोली- हमने 20 बार लगाया फोन:नहीं आया रिप्लाई, कहा- पति की बने 11 फीट की प्रतिमा; बहन ने कहा- कश्मीर में पोस्टिंग के बारे में नहीं था पता

शहीद मोहित की पत्नी बोली- हमने 20 बार लगाया फोन:नहीं आया रिप्लाई, कहा- पति की बने 11 फीट की प्रतिमा; बहन ने कहा- कश्मीर में पोस्टिंग के बारे में नहीं था पता

बदायूं में शहीद सैनिक मोहित राठौड़ की पत्नी रुचि ने सिस्टम से कुछ मांगें रखीं है। रुचि ने जहां अपनी ननद की शादी का खर्चा सरकार द्वारा वहन करने की मांग उठाई है। वहीं अपनी जॉब और फिलिंग स्टेशन समेत मोहित की स्मृति में उनकी 11 फीट की प्रतिमा और एक स्वागत द्वार बनवाने का भी सरकार से आग्रह किया है। हालांकि प्रदेश सरकार ने आश्रितों को 50 लाख रुपये बतौर मुआवजे की घोषणा रविवार दोपहर बाद कर दी है। शहीद की पत्नी ने दैनिक भास्कर को बताया कि उनकी पहली मांग यह है कि उन्हें जॉब चाहिए, हालांकि ये कंफर्म करके बताएंगी। दूसरी मांग बताई कि मोहित कहते थे कि वो गांव में जूनियर हाइस्कूल खुलवाएंगे। वो ये भी कहते थे कि जब भी वो रिटायर होकर आएंगे तो एक पेट्रोल पंप अपने नाम से खुलवाएंगे। उनके नाम से एक स्मारक के तौर पर मेन गेट चाहिए। मोहित की एक सिस्टर भी है, शादी को और पापा जी हमारे (ससुर) बहुत सीधे हैं, उनकी (ननद) की शादी का सहयोग भी हमें चाहिए सरकार से और मोहित की 16 फीट में एक स्मारक (प्रतिमा) चाहिए। रुचि भांप गई थी अनहोनी
रात में साढ़े नौ बजे बात हुई थी। केवल घर के बारे में पूछा और कहा कि मेरी दो बजे से ड्यूटी है। सुबह हमने गुड मार्निंग भेजी तो उनका रिप्लाई नहीं आया। फिर हमने 10 बजे कॉल लगाई तो फोन आया कि पापा जी से बात करा दो। मैंने कहा कि पापा जी से क्या बात करनी है फिर हमने दोबारा फोन करके पूछा कि कुछ हुआ तो नहीं है, लेकिन कहा नहीं मैम ऐसा कुछ नहीं है। फिर दूसरे सर का फोन आया, सर ने कहा कि पापा से बात करा दो। हमनें 20-22 बार फोन लगाया लेकिन उसका रिप्लाई नहीं आया। यहां से वो 14 फरवरी को गए थे। देश के लिए शहीद होने के सवाल पर कहा कि कुछ शब्द नहीं हैं हमारे पास में। हमारी दुनिया चली गई और कुछ नहीं था हमारे पास उनके सिवा। बहन बोली- पार्क बनवाए सरकार
बहन ने कहा कि एक अकेला चिराग था, मोहित हमारे घर का। व भी देश के लिए शहीद हो गया। वो दो बहनों से छोटा था। एक हम सबसे बड़े हैं, एक हमसे छोटी है, उसकी भी शादी हो गई है। भाई ने बताया नहीं था कि हम जम्मू कश्मीर हैं, उसकी जयपुर पोस्टिंग थी। उसने जबरदस्ती अपनी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर करा ली। पांच महीने से जम्मू कश्मीर में था, भाई लेकिन उसने आज तक नहीं बताया। जब कल शहीद हुआ है तो कल अफसरों ने बताया कि भाई जम्मू कश्मीर गए थे। बाप हैं जो बूढ़े हो गए हैं वो बहुत सीधे-साधे हैं। मर जाएंगे हम भाई के बिना। मां नहीं है हमारी। बदायूं में शहीद सैनिक मोहित राठौड़ की पत्नी रुचि ने सिस्टम से कुछ मांगें रखीं है। रुचि ने जहां अपनी ननद की शादी का खर्चा सरकार द्वारा वहन करने की मांग उठाई है। वहीं अपनी जॉब और फिलिंग स्टेशन समेत मोहित की स्मृति में उनकी 11 फीट की प्रतिमा और एक स्वागत द्वार बनवाने का भी सरकार से आग्रह किया है। हालांकि प्रदेश सरकार ने आश्रितों को 50 लाख रुपये बतौर मुआवजे की घोषणा रविवार दोपहर बाद कर दी है। शहीद की पत्नी ने दैनिक भास्कर को बताया कि उनकी पहली मांग यह है कि उन्हें जॉब चाहिए, हालांकि ये कंफर्म करके बताएंगी। दूसरी मांग बताई कि मोहित कहते थे कि वो गांव में जूनियर हाइस्कूल खुलवाएंगे। वो ये भी कहते थे कि जब भी वो रिटायर होकर आएंगे तो एक पेट्रोल पंप अपने नाम से खुलवाएंगे। उनके नाम से एक स्मारक के तौर पर मेन गेट चाहिए। मोहित की एक सिस्टर भी है, शादी को और पापा जी हमारे (ससुर) बहुत सीधे हैं, उनकी (ननद) की शादी का सहयोग भी हमें चाहिए सरकार से और मोहित की 16 फीट में एक स्मारक (प्रतिमा) चाहिए। रुचि भांप गई थी अनहोनी
रात में साढ़े नौ बजे बात हुई थी। केवल घर के बारे में पूछा और कहा कि मेरी दो बजे से ड्यूटी है। सुबह हमने गुड मार्निंग भेजी तो उनका रिप्लाई नहीं आया। फिर हमने 10 बजे कॉल लगाई तो फोन आया कि पापा जी से बात करा दो। मैंने कहा कि पापा जी से क्या बात करनी है फिर हमने दोबारा फोन करके पूछा कि कुछ हुआ तो नहीं है, लेकिन कहा नहीं मैम ऐसा कुछ नहीं है। फिर दूसरे सर का फोन आया, सर ने कहा कि पापा से बात करा दो। हमनें 20-22 बार फोन लगाया लेकिन उसका रिप्लाई नहीं आया। यहां से वो 14 फरवरी को गए थे। देश के लिए शहीद होने के सवाल पर कहा कि कुछ शब्द नहीं हैं हमारे पास में। हमारी दुनिया चली गई और कुछ नहीं था हमारे पास उनके सिवा। बहन बोली- पार्क बनवाए सरकार
बहन ने कहा कि एक अकेला चिराग था, मोहित हमारे घर का। व भी देश के लिए शहीद हो गया। वो दो बहनों से छोटा था। एक हम सबसे बड़े हैं, एक हमसे छोटी है, उसकी भी शादी हो गई है। भाई ने बताया नहीं था कि हम जम्मू कश्मीर हैं, उसकी जयपुर पोस्टिंग थी। उसने जबरदस्ती अपनी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर करा ली। पांच महीने से जम्मू कश्मीर में था, भाई लेकिन उसने आज तक नहीं बताया। जब कल शहीद हुआ है तो कल अफसरों ने बताया कि भाई जम्मू कश्मीर गए थे। बाप हैं जो बूढ़े हो गए हैं वो बहुत सीधे-साधे हैं। मर जाएंगे हम भाई के बिना। मां नहीं है हमारी।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर