फिल्लौर कोर्ट के आदेशों के बाद खडूर साहिब से सांसद व खालिस्तानी समर्थम अमृतपाल सिंह का भाई हरप्रीत सिंह अपने साथी लवप्रीत सिंह के साथ आज सोमवार शाम पटियाला जेल से बाहर आ गया। फिल्लौर कोर्ट ने गुरुवार को हरप्रीत और लवप्रीत जमानत देने के आदेश दिए थे। लवप्रीत को लेने के लिए पटियाला जेल में अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह पहुंचे थे। बता दें कि, 21 जुलाई शनिवार को कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 23 जुलाई की तारीख दी थी। लेकिन बीते मंगलवार को लवप्रीत सिंह और हैप्पी की जमानत पर सुनवाई पूरी नहीं हो पाई। जिसके बाद गुरुवार को कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई हुई। जिसके बाद कोर्ट ने हरप्रीत व लवप्रीत को जमानत दे दी थी। फिल्लौर हाईवे से हुई थी हैप्पी और लवप्रीत की गिरफ्तारी बता दें कि, फिल्लौर पुलिस ने हैप्पी को उसके साथी लवप्रीत के साथ 11 जुलाई की शाम फिल्लौर हाईवे से गिरफ्तार किया था। इनके पास से 4 ग्राम आइस ड्रग बरामद हुई थी। निचली अदालत से दोनों का रिमांड न मिलने के कारण पुलिस ने एडिशनल सेशन जज केके जैन की अदालत में क्रिमिनल रिवीजन याचिका दायर की है। वहीं, पुलिस उस व्यक्ति को पहले ही जेल भेज चुकी है, जिससे हैप्पी और लवप्रीत ने ड्रग खरीदी थी। इनमें आइस सप्लायर संदीप अरोड़ा और संदीप के फोटोग्राफर दोस्त मनीष मारवाह का नाम शामिल है। लुधियाना से 10 हजार की आइस लेकर आया था हैप्पी मिली जानकारी के अनुसार हैप्पी और लवप्रीत अपनी क्रेटा कार में लुधियाना के हैबोवाल निवासी संदीप से 10 हजार रुपए का आइस ड्रग खरीदने आए थे। पुलिस ने संदीप को भी पकड़ लिया था। एसएसपी अंकुल गुप्ता ने बताया था कि रूटीन चेकिंग के दौरान पुलिस ने फिल्लौर हाईवे से दोनों को गिरफ्तार किया था। दोनों काले शीशे लगी सफेद क्रेटा कार में बैठकर ड्रग लेने की तैयारी कर रहे थे। आरोपियों के पास लाइटर और पन्नी भी थी। अमृतपाल के वकील ने कहा था कि केस दर्ज किया खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के वकील ईमान सिंह ने हरप्रीत की गिरफ्तारी पर कहा था कि पुलिस ने सियासत के दबाव में आकर झूठा केस दर्ज किया है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी द्वारा बदले की राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि, आम आदमी पार्टी द्वारा अमृतपाल की देखरेख में बनाई जा रही पार्टी को क्षति पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। जिससे क्षेत्रीय पार्टी पंजाब में सिर न उठा सके। ये झूठा केस 2-4 ग्राम के लिए बना दिया गया। जिले का एसएसपी सिर्फ चार ग्राम नशीले पदार्थ के लिए प्रेसवार्ता कर रहा है। कौन है अमृतपाल, जो नशा विरोधी मुहिम से सुर्खियों में आया अमृतपाल मूल रूप से अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। अमृतपाल दुबई में रहता था। लाल किला हिंसा से चर्चा में आए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की मौत के बाद 2022 में पंजाब लौटा। यहां आकर दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे का चीफ बन गया। इसके बाद अमृतपाल ने पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलानी शुरू कर दी। उसने अपने गांव जल्लूपुर खेड़ा में नशा छुड़ाओ केंद्र तक खोला। अमृतपाल ने पंजाब में नशा विरोधी लहर भी चलाई। हालांकि इसी दौरान बाद अमृतपाल ने भड़काऊ और खालिस्तान समर्थित बयानबाजी शुरू कर दी। जिस वजह से पुलिस ने अमृतपाल के एक साथी को हिरासत में ले लिया। उसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल ने साथियों के साथ अजनाला पुलिस थाने में धरना दिया। अमृतपाल पर आरोप लगे कि उन्होंने थाने पर हमला किया। पुलिस से टकराव हुआ। इसके बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल पर केस दर्ज कर घेराबंदी शुरू कर दी। कई दिनों की फरारी के बाद अमृतपाल को जनरैल सिंह भिंडरावाले के गांव रोडे से गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद अमृतपाल पर देश विरोधी साजिश रचने का आरोप लगाकर राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (NSA) के तहत केस दर्ज कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था। फिल्लौर कोर्ट के आदेशों के बाद खडूर साहिब से सांसद व खालिस्तानी समर्थम अमृतपाल सिंह का भाई हरप्रीत सिंह अपने साथी लवप्रीत सिंह के साथ आज सोमवार शाम पटियाला जेल से बाहर आ गया। फिल्लौर कोर्ट ने गुरुवार को हरप्रीत और लवप्रीत जमानत देने के आदेश दिए थे। लवप्रीत को लेने के लिए पटियाला जेल में अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह पहुंचे थे। बता दें कि, 21 जुलाई शनिवार को कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 23 जुलाई की तारीख दी थी। लेकिन बीते मंगलवार को लवप्रीत सिंह और हैप्पी की जमानत पर सुनवाई पूरी नहीं हो पाई। जिसके बाद गुरुवार को कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई हुई। जिसके बाद कोर्ट ने हरप्रीत व लवप्रीत को जमानत दे दी थी। फिल्लौर हाईवे से हुई थी हैप्पी और लवप्रीत की गिरफ्तारी बता दें कि, फिल्लौर पुलिस ने हैप्पी को उसके साथी लवप्रीत के साथ 11 जुलाई की शाम फिल्लौर हाईवे से गिरफ्तार किया था। इनके पास से 4 ग्राम आइस ड्रग बरामद हुई थी। निचली अदालत से दोनों का रिमांड न मिलने के कारण पुलिस ने एडिशनल सेशन जज केके जैन की अदालत में क्रिमिनल रिवीजन याचिका दायर की है। वहीं, पुलिस उस व्यक्ति को पहले ही जेल भेज चुकी है, जिससे हैप्पी और लवप्रीत ने ड्रग खरीदी थी। इनमें आइस सप्लायर संदीप अरोड़ा और संदीप के फोटोग्राफर दोस्त मनीष मारवाह का नाम शामिल है। लुधियाना से 10 हजार की आइस लेकर आया था हैप्पी मिली जानकारी के अनुसार हैप्पी और लवप्रीत अपनी क्रेटा कार में लुधियाना के हैबोवाल निवासी संदीप से 10 हजार रुपए का आइस ड्रग खरीदने आए थे। पुलिस ने संदीप को भी पकड़ लिया था। एसएसपी अंकुल गुप्ता ने बताया था कि रूटीन चेकिंग के दौरान पुलिस ने फिल्लौर हाईवे से दोनों को गिरफ्तार किया था। दोनों काले शीशे लगी सफेद क्रेटा कार में बैठकर ड्रग लेने की तैयारी कर रहे थे। आरोपियों के पास लाइटर और पन्नी भी थी। अमृतपाल के वकील ने कहा था कि केस दर्ज किया खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के वकील ईमान सिंह ने हरप्रीत की गिरफ्तारी पर कहा था कि पुलिस ने सियासत के दबाव में आकर झूठा केस दर्ज किया है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी द्वारा बदले की राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि, आम आदमी पार्टी द्वारा अमृतपाल की देखरेख में बनाई जा रही पार्टी को क्षति पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। जिससे क्षेत्रीय पार्टी पंजाब में सिर न उठा सके। ये झूठा केस 2-4 ग्राम के लिए बना दिया गया। जिले का एसएसपी सिर्फ चार ग्राम नशीले पदार्थ के लिए प्रेसवार्ता कर रहा है। कौन है अमृतपाल, जो नशा विरोधी मुहिम से सुर्खियों में आया अमृतपाल मूल रूप से अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। अमृतपाल दुबई में रहता था। लाल किला हिंसा से चर्चा में आए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की मौत के बाद 2022 में पंजाब लौटा। यहां आकर दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे का चीफ बन गया। इसके बाद अमृतपाल ने पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलानी शुरू कर दी। उसने अपने गांव जल्लूपुर खेड़ा में नशा छुड़ाओ केंद्र तक खोला। अमृतपाल ने पंजाब में नशा विरोधी लहर भी चलाई। हालांकि इसी दौरान बाद अमृतपाल ने भड़काऊ और खालिस्तान समर्थित बयानबाजी शुरू कर दी। जिस वजह से पुलिस ने अमृतपाल के एक साथी को हिरासत में ले लिया। उसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल ने साथियों के साथ अजनाला पुलिस थाने में धरना दिया। अमृतपाल पर आरोप लगे कि उन्होंने थाने पर हमला किया। पुलिस से टकराव हुआ। इसके बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल पर केस दर्ज कर घेराबंदी शुरू कर दी। कई दिनों की फरारी के बाद अमृतपाल को जनरैल सिंह भिंडरावाले के गांव रोडे से गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद अमृतपाल पर देश विरोधी साजिश रचने का आरोप लगाकर राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (NSA) के तहत केस दर्ज कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बठिंडा में 8 घरों में पेट्रोल बम से लगाई आग:50-60 बदमाशों ने मिलकर की लूटपाट, नशा तस्करी से रोकने पर किया हमला
बठिंडा में 8 घरों में पेट्रोल बम से लगाई आग:50-60 बदमाशों ने मिलकर की लूटपाट, नशा तस्करी से रोकने पर किया हमला बठिंडा में बीती रात करीब 50-60 गुंडों ने भाई जीवन सिंह बस्ती में 8 घरों पर हमला कर पेट्रोल बम से आग लगा दी। हमलावरों ने घरों में लूटपाट की और घरेलू सामान को भी नुकसान पहुंचाया। घटना की जड़ में कुछ दिन पहले का विवाद है, जब गांव दान सिंह वाला में युवकों ने एक नशा तस्कर को नशा बेचने से रोका था। इसके बाद 4-5 दिनों तक दोनों पक्षों में झगड़ा चलता रहा। बदले की कार्रवाई में नशा तस्कर गुंडों के साथ आया और हमला कर दिया। इस घटना ने गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। कई परिवार अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और अपने घर छोड़कर जाने को मजबूर हो गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि बस्ती में नशा तस्कर खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं। वारदात में 5 लोग घायल
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हमले में 5 लोग जख्मी हुए हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि क्षेत्र में नशा तस्करी और गुंडागर्दी पर रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। लेकिन पुलिस प्रशासन ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। विरोध करने वालों के घर पर हमला
पिछले कई दिनों से चल रहे इस विवाद को लेकर बार-बार शिकायतें की जा रही हैं। जिला प्रशासन और गांव पंचायत से अनुरोध किया गया लेकिन उन्होंने कुछ नहीं सुना, जिस कारण रात में यह बड़ी घटना घटी और गांव के युवाओं को नशे से बचाने के लिए आवाज उठाने वालों के घर में आग लगा दी गई। केवल शरीर पर पहना कपड़ा ही बचा
इस घटना को नशा तस्करों ने अंजाम दिया है जो इस बात का विरोध कर रहे थे। कई लोगों के घरों में सिर्फ वही कपड़े बचे हैं जो उन्होंने गांव में पहने थे। गुंडागर्दी करने वाले युवकों ने उनके घरों से कीमती सामान लूट लिया। यहां तक कि रसोई में खाना पकाने के लिए वहां रखा गया गैस सिलेंडर भी नहीं मिला। जिन ग्रामीणों के साथ लूटपाट की गई तथा कई घरों से मवेशी भी चोरी कर लिए गए, उन्होंने न्याय तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। विवाद को लेकर हुई थी पंचायत
इस घटना के बाद जब गांव के सरपंच बंता सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह विवाद कई दिनों से चल रहा था। पंचायत ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन पहले एक पक्ष ने हमला किया, फिर दूसरे पक्ष ने हमला कर दिया। बड़ी संख्या में लोगों को बुलाकर आठ घरों पर हमला किया गया और आग लगा दी गई। इस घटना से गांव में दहशत का माहौल बन गया और अब पंचायत ने फैसला किया है कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। घटना की जांच पंचायत द्वारा की जाएगी तथा एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा। एक घर से बकरियां भी हुई चोरी
उधर, नेहियांवाला थाना प्रभारी जसविंदर कौर ने बताया कि वे गांव दान सिंह वाला में घटनास्थल पर जाकर घटना की जांच कर रहे हैं। घटना में पांच लोग घायल हुए हैं, जिनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं और जल्द ही मामले की जांच की जाएगी। जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा। मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। नशे के मामले को लेकर उन्होंने कहा कि अभी तक नशे का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन हर एंगल से जांच कर रहे हैं। मारपीट में शामिल दोनों पक्ष एक ही समुदाय के हैं। वहीं परिवार ने बताया कि लूटपाट की बात सामने आई है। एक घर से बकरियां चोरी होने का मामला दर्ज किया गया है।