राहुल गांधी ने सुल्तानपुर में जिस चप्पल और जूते की मरम्मत की, उसकी मुंह मांगी कीमत लग रही है। लेकिन, मोची रामचैत बेचने को तैयार नहीं हैं। रामचैत ने बताया- चप्पल के लिए 1 लाख रुपए तक के ऑफर मिले हैं। एक व्यक्ति ने तो फोन पर कहा कि झोले भर पैसे दूंगा। इधर, राहुल ने रामचैत को सिलाई मशीन गिफ्ट किया और उन्हें फोन भी किया। पूछा- सब ठीक-ठाक है। कोई दिक्कत तो नहीं आ रही। फोन आने के बाद रामचैत का आत्मबल बढ़ गया है। वो कहते हैं- अब हम राहुल की पार्टी को सपोर्ट करेंगे। जब से राहुल रामचैत की दुकान से गए हैं, उनकी लाइफ स्टाइल बदल गई है। उनकी कूरेभार के विधाकनगर चौराहे पर छोटी सी गुमटी (दुकान) है। अब कभी प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी तो कभी गांव के लोग उन्हें घेरे रहते हैं। दैनिक भास्कर रामचैत के गांव-दुकान पर पहुंचा और उनकी दिनचर्या कितनी बदली है, जानने की कोशिश की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… देखिए 3 फोटो… अब जानिए रामचैत ने चप्पल और जूते का क्या किया? लोग कह रहे- चप्पल बेच दो
राहुल ने दुकान पर चप्पल की सिलाई की थी। जूते में सोल चिपकाया था। रामचैत ने दोनों को सहेजकर रखा है। रामचैत कहते हैं- जिस चप्पल को राहुल ने सिला था, उसे खरीदने के लिए लोग फोन कर रहे हैं। दूर-दूर से दुकान पर भी आ रहे हैं। मुंह मांगी कीमत देने की बात कहते हैं। हमे प्रलोभन दिया जा रहा है कि झोला भरकर रुपए कहो तो दे दिया जाए, पर वो चप्पल बेच दो। उन्होंने बताया- सोमवार (29 जुलाई) सुबह कार से एक आदमी आया, उसने काफी देर हमसे बात की। उसने राहुल के हाथ से सिले चप्पल को देखा, फिर 10 हजार रुपए देने लगा। हमने चप्पल बेचने से उसे मना कर दिया। वो कहते हैं- ये हमारे नेता की निशानी है, हम इसे सहेजकर रखेंगे। 9-10 नंबर के दो जोड़ी जूते किए गिफ्ट
रामचैत ने कहा- राहुल गांधी ने हमें जूते-चप्पल सिलने वाली मशीन गिफ्ट की है। उसके दूसरे दिन रविवार को 11 बजे के करीब राहुल का फोन आया। उन्होंने हमारा हालचाल पूछा। रामचैत ने राहुल को दो जोड़ी जूते भेजे हैं। वे कहते हैं- सिलाई मशीन देने के लिए राहुल की टीम घर आई थी। मैंने उनके सामने राहुल को जूता गिफ्ट देने की इच्छा जताई। तब हमें बताया गया कि राहुल साइज 9 नंबर का जूता पहनते हैं। हमने 9 नंबर 10 नंबर जूता तैयार करके गिफ्ट में भेज दिया। हमें इसके लिए तीन हजार रुपए दे रहे थे, जिसे हम ले नहीं रहे थे। उन्होंने कहा- तुम्हें लेना पड़ेगा तो लिया। हम दो लोगों ने मिलकर दो जोड़ी जूते राहुल के लिए तैयार किए। जूता प्योर लेदर का है। उसमें रबर का सोल लगाया है। मदद के लिए अब भागकर आ रहे अधिकारी
रामचैत बताते हैं- राहुल के जाने के बाद अब प्रशासन के लोग मेरे घर पर आ रहे हैं। मेरी झुग्गी-झोपड़ी देखते हैं, मेरी समस्या पूछते हैं। अब तक तो कोई नहीं आया। रामचैत ने कहा- 30 साल हो गए जूते-चप्पल सिलते हुए। इतनी उम्र बीत गई, हम किसी नेता को जानते नहीं। हमने प्रधान से कॉलोनी के लिए बोला था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक-हारकर हमने कहना बंद कर दिया। राहुल गांधी जब से हमारी दुकान पर आए हैं, प्रधान भागकर आ रहे हैं। कहते हैं कॉलोनी आपका जरूर मिलेगी। सिलाई मशीन की कीमत 1 लाख रुपए
रामचैत को जो सिलाई मशीन गिफ्ट मिली है, वो मेड इन जापान है। उसकी बाजार में कीमत एक लाख रुपए से अधिक है। सुल्तानपुर में ऐसी सिलाई मशीन किसी मोची के पास नहीं है। रामचैत की फूस की झोपड़ी में सिलाई मशीन रखी हुई है। जिससे वो जूते-चप्पल की सिलाई करते हैं। अब रामचैत के गांव के बारे में जानते हैं… सुल्तानपुर मुख्यालय से 15 किमी दूर कूरेभार ब्लॉक में मठिया गांव है। मुख्य मार्ग से करीब डेढ़ किमी चलने पर मठिया गांव बसा है। गांव के बीच रामचैत का छप्परनुमा घर है। गांव की आबादी करीब 700 से 800 की है। उनकी पत्नी शांति देवी का 2001 में बीमारी के चलते निधन हो चुका है। उनके दो बेटे राघवराम और राजा राम हैं। राघव गांव में ही मजदूरी करते हैं। राजाराम कमाने के लिए परदेश में हैं। एक बेटी गुड़िया की तीन साल पहले करिया बझना में शादी हुई है। रामचैत ने बेटी की शादी कर्ज लेकर की थी। अभी भी उन पर 40-50 हजार रुपए कर्ज है। राेज 100-200 कमा लेते हैं
रामचैत तीन भाई हैं, साथ ही दो बहनें भी हैं। वे सबसे बड़े हैं। रामचैत बताते हैं- उनकी जूते की गुमटी पहले पिता करते थे। करीब 30 सालों से वे खुद गुमटी पर बैठकर जीविका चला रहे हैं। उन्होंने बताया- कभी 100 तो कभी 200 मिल जाता है। रामचैत के बेटे राघव राम ने कहा- यह गांव विकास से कोसो दूर है। गांव में न पक्की सड़क है और न नाली। हमारे पिता जी को किसान सम्मान निधि सहित कोई भी सरकारी लाभ नहीं मिलता है। 26 जुलाई को राहुल गांधी जी हमारी दुकान पर आए थे। 27 जुलाई से अधिकारी हमारी दुकान पर आने लगे। आश्वासन देकर गए हैं कि आवास मिल जाएगा। सड़क भी बन जाएगी। अब उस दिन की 4 फोटो देखिए, जब राहुल अचानक रामचैत की दुकान पर पहुंचे
26 जुलाई को राहुल गांधी की सुल्तानपुर के MP/MLA कोर्ट में अमित शाह मानहानि केस की सुनवाई थी। यहां से लौटते समय राहुल रामचैत की गुमटी पर रुके हालचाल जाना था। रामचैत ने उन्हें अभी गरीबी के बारे में बताकर मदद की अपील किया था। इसी से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… राहुल ने उत्तर प्रदेश के मोची को सिलाई मशीन गिफ्ट की: एक दिन पहले मिले थे; राम चैत ने भी जूते भिजवाए राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के मोची राम चैत के लिए शनिवार, 27 जुलाई को एक सिलाई मशीन और आर्थिक मदद भेजी। लखनऊ से कांग्रेस पार्टी की टीम उनकी दुकान पर पहुंची। उन्हें सिलाई मशीन गिफ्ट की। राम चैत ने टीम का आभार जताया और राहुल को अपने बनाए 2 जोड़ी जूते भेजे। पढ़ें पूरी खबर राहुल गांधी ने सुल्तानपुर में जिस चप्पल और जूते की मरम्मत की, उसकी मुंह मांगी कीमत लग रही है। लेकिन, मोची रामचैत बेचने को तैयार नहीं हैं। रामचैत ने बताया- चप्पल के लिए 1 लाख रुपए तक के ऑफर मिले हैं। एक व्यक्ति ने तो फोन पर कहा कि झोले भर पैसे दूंगा। इधर, राहुल ने रामचैत को सिलाई मशीन गिफ्ट किया और उन्हें फोन भी किया। पूछा- सब ठीक-ठाक है। कोई दिक्कत तो नहीं आ रही। फोन आने के बाद रामचैत का आत्मबल बढ़ गया है। वो कहते हैं- अब हम राहुल की पार्टी को सपोर्ट करेंगे। जब से राहुल रामचैत की दुकान से गए हैं, उनकी लाइफ स्टाइल बदल गई है। उनकी कूरेभार के विधाकनगर चौराहे पर छोटी सी गुमटी (दुकान) है। अब कभी प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी तो कभी गांव के लोग उन्हें घेरे रहते हैं। दैनिक भास्कर रामचैत के गांव-दुकान पर पहुंचा और उनकी दिनचर्या कितनी बदली है, जानने की कोशिश की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… देखिए 3 फोटो… अब जानिए रामचैत ने चप्पल और जूते का क्या किया? लोग कह रहे- चप्पल बेच दो
राहुल ने दुकान पर चप्पल की सिलाई की थी। जूते में सोल चिपकाया था। रामचैत ने दोनों को सहेजकर रखा है। रामचैत कहते हैं- जिस चप्पल को राहुल ने सिला था, उसे खरीदने के लिए लोग फोन कर रहे हैं। दूर-दूर से दुकान पर भी आ रहे हैं। मुंह मांगी कीमत देने की बात कहते हैं। हमे प्रलोभन दिया जा रहा है कि झोला भरकर रुपए कहो तो दे दिया जाए, पर वो चप्पल बेच दो। उन्होंने बताया- सोमवार (29 जुलाई) सुबह कार से एक आदमी आया, उसने काफी देर हमसे बात की। उसने राहुल के हाथ से सिले चप्पल को देखा, फिर 10 हजार रुपए देने लगा। हमने चप्पल बेचने से उसे मना कर दिया। वो कहते हैं- ये हमारे नेता की निशानी है, हम इसे सहेजकर रखेंगे। 9-10 नंबर के दो जोड़ी जूते किए गिफ्ट
रामचैत ने कहा- राहुल गांधी ने हमें जूते-चप्पल सिलने वाली मशीन गिफ्ट की है। उसके दूसरे दिन रविवार को 11 बजे के करीब राहुल का फोन आया। उन्होंने हमारा हालचाल पूछा। रामचैत ने राहुल को दो जोड़ी जूते भेजे हैं। वे कहते हैं- सिलाई मशीन देने के लिए राहुल की टीम घर आई थी। मैंने उनके सामने राहुल को जूता गिफ्ट देने की इच्छा जताई। तब हमें बताया गया कि राहुल साइज 9 नंबर का जूता पहनते हैं। हमने 9 नंबर 10 नंबर जूता तैयार करके गिफ्ट में भेज दिया। हमें इसके लिए तीन हजार रुपए दे रहे थे, जिसे हम ले नहीं रहे थे। उन्होंने कहा- तुम्हें लेना पड़ेगा तो लिया। हम दो लोगों ने मिलकर दो जोड़ी जूते राहुल के लिए तैयार किए। जूता प्योर लेदर का है। उसमें रबर का सोल लगाया है। मदद के लिए अब भागकर आ रहे अधिकारी
रामचैत बताते हैं- राहुल के जाने के बाद अब प्रशासन के लोग मेरे घर पर आ रहे हैं। मेरी झुग्गी-झोपड़ी देखते हैं, मेरी समस्या पूछते हैं। अब तक तो कोई नहीं आया। रामचैत ने कहा- 30 साल हो गए जूते-चप्पल सिलते हुए। इतनी उम्र बीत गई, हम किसी नेता को जानते नहीं। हमने प्रधान से कॉलोनी के लिए बोला था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक-हारकर हमने कहना बंद कर दिया। राहुल गांधी जब से हमारी दुकान पर आए हैं, प्रधान भागकर आ रहे हैं। कहते हैं कॉलोनी आपका जरूर मिलेगी। सिलाई मशीन की कीमत 1 लाख रुपए
रामचैत को जो सिलाई मशीन गिफ्ट मिली है, वो मेड इन जापान है। उसकी बाजार में कीमत एक लाख रुपए से अधिक है। सुल्तानपुर में ऐसी सिलाई मशीन किसी मोची के पास नहीं है। रामचैत की फूस की झोपड़ी में सिलाई मशीन रखी हुई है। जिससे वो जूते-चप्पल की सिलाई करते हैं। अब रामचैत के गांव के बारे में जानते हैं… सुल्तानपुर मुख्यालय से 15 किमी दूर कूरेभार ब्लॉक में मठिया गांव है। मुख्य मार्ग से करीब डेढ़ किमी चलने पर मठिया गांव बसा है। गांव के बीच रामचैत का छप्परनुमा घर है। गांव की आबादी करीब 700 से 800 की है। उनकी पत्नी शांति देवी का 2001 में बीमारी के चलते निधन हो चुका है। उनके दो बेटे राघवराम और राजा राम हैं। राघव गांव में ही मजदूरी करते हैं। राजाराम कमाने के लिए परदेश में हैं। एक बेटी गुड़िया की तीन साल पहले करिया बझना में शादी हुई है। रामचैत ने बेटी की शादी कर्ज लेकर की थी। अभी भी उन पर 40-50 हजार रुपए कर्ज है। राेज 100-200 कमा लेते हैं
रामचैत तीन भाई हैं, साथ ही दो बहनें भी हैं। वे सबसे बड़े हैं। रामचैत बताते हैं- उनकी जूते की गुमटी पहले पिता करते थे। करीब 30 सालों से वे खुद गुमटी पर बैठकर जीविका चला रहे हैं। उन्होंने बताया- कभी 100 तो कभी 200 मिल जाता है। रामचैत के बेटे राघव राम ने कहा- यह गांव विकास से कोसो दूर है। गांव में न पक्की सड़क है और न नाली। हमारे पिता जी को किसान सम्मान निधि सहित कोई भी सरकारी लाभ नहीं मिलता है। 26 जुलाई को राहुल गांधी जी हमारी दुकान पर आए थे। 27 जुलाई से अधिकारी हमारी दुकान पर आने लगे। आश्वासन देकर गए हैं कि आवास मिल जाएगा। सड़क भी बन जाएगी। अब उस दिन की 4 फोटो देखिए, जब राहुल अचानक रामचैत की दुकान पर पहुंचे
26 जुलाई को राहुल गांधी की सुल्तानपुर के MP/MLA कोर्ट में अमित शाह मानहानि केस की सुनवाई थी। यहां से लौटते समय राहुल रामचैत की गुमटी पर रुके हालचाल जाना था। रामचैत ने उन्हें अभी गरीबी के बारे में बताकर मदद की अपील किया था। इसी से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… राहुल ने उत्तर प्रदेश के मोची को सिलाई मशीन गिफ्ट की: एक दिन पहले मिले थे; राम चैत ने भी जूते भिजवाए राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के मोची राम चैत के लिए शनिवार, 27 जुलाई को एक सिलाई मशीन और आर्थिक मदद भेजी। लखनऊ से कांग्रेस पार्टी की टीम उनकी दुकान पर पहुंची। उन्हें सिलाई मशीन गिफ्ट की। राम चैत ने टीम का आभार जताया और राहुल को अपने बनाए 2 जोड़ी जूते भेजे। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर