हिमाचल में बाढ़ ने 18 परिवार उजाड़े:किसी का पूरा परिवार दफन, किसी की पत्नी-बेटी लापता; जिंदा बचे रिश्तेदार मलबे में परिजनों को ढूंढ रहे

हिमाचल में बाढ़ ने 18 परिवार उजाड़े:किसी का पूरा परिवार दफन, किसी की पत्नी-बेटी लापता; जिंदा बचे रिश्तेदार मलबे में परिजनों को ढूंढ रहे

हिमाचल के श्रीखंड में बादल फटने के बाद शिमला के रामपुर के समेच में एक ही झटके में 18 परिवार उजड़ गए। जो घर पर थे, वे लापता हो गए। जो उस वक्त घर से बाहर थे, उनकी जान तो बच गई लेकिन अपनों को खोने के डर से वह खौफ में हैं। किसी की बेटियां लापता हैं तो किसी का पोता। स्थिति यह है कि परिवार के लोग ऊंचाई वाली जगह पर बाढ़ से तबाह हो चुकी अपने घर को निहार कर परिजनों के जिंदा होने की प्रार्थना कर रहे हैं। यहां समेच खड्ड में बाढ़ के बाद अशोक कुमार का पूरा परिवार बाढ़ की चपेट में आ गया। घर पर न होने की वजह से अशोक खुद तो बच गए लेकिन उनकी पत्नी अनिता (40), बेटी योग प्रिया (11) और बेटा मुकेश (19) लापता है। इसी खड्ड की चपेट में कनराहड़ निवासी सूरत राम का परिवार भी आ गया। सूरत राम (58) समेत उनकी पत्नी संतोष (54), बेटा नीरज कुमार (30), छोटे बेटे की पत्नी रचना (23) और घर पर निरमंड से आए मेहमान वेदराज (55) भी मलबे में दब गए। अब सूरत राम के परिवार में छोटा बेटा राजेश कुमार, बड़े बेटे की बहू व पोता तीन लोग बचे है। गोपाल का घर बहने से 12 दबे
वहीं समेच खड्ड हादसे में सुगा गांव के गोपाल की पत्नी शिक्षा (37) और बेटी जिया (15) भी हादसे का शिकार हो गई। गोपाल और उनका बेटा खुद घर पर नहीं थे और किसी काम से झाखड़ी गए थे। इस वजह से दोनों की जान बच गई। गोपाल के ही घर पर रहने वाले ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट के 7 कर्मचारियों तथा 3 अन्य भी लापता है। सनैल निवासी जय सिंह की पत्नी कल्पना (34), बेटी अक्षिता (7) और बेटा अद्विक (4) की भी इस हादसे में लापता है। इस हादसे में समेच निवासी चंद्र सिंह के परिवार के चार सदस्य लापता है, जबकि चंद्र सिंह दंपती घर पर नहीं होने की वजह से सुरक्षित है। सूचना के अनुसार, चंद्र सिंह के बेटे श्याम सिंह (39), बहु सरस्वती (33), पोता अरुण (15) और पोती आरुषि (13) लापता है। रविंदर केदारटा की दोनों बेटियां लापता
समेच गांव में रविंदर केदारटा की दो बेटी भी बाढ़ की चपेट में आने से दब गई। तनु केदारटा (15) और रानू कदारटा (16) का अभी तक सुराग नहीं लग पाया है। बताया जा रहा है कि इनके माता-पिता यानी रविंदर केदारटा दंपती दूसरे मकान में थे। इससे वह सुरक्षित है। मगर उनकी दोनों बेटियां बाढ़ में बह गई है। इस हादसे में घर पर अकेले रह रही दो वृद्ध महिलाएं भी लापता हैं। समेच निवासी मंगला देवी पत्नी सुना राम और कृष्णा देवी (70) सरपारा गांव का भी सुराग नहीं लग पाया है। जैसे जैसे वक्त बीतता जा रहा है, इनके जिंदा होने की उम्मीद भी कम होती जा रही है। मलबे में जिंदगी की तलाश की 3 तस्वीरें… प्रोजेक्ट में काम करने वाले सात कर्मचारी भी लापता
समेच खड्ड हादसे में न केवल स्थानीय लोगों बल्कि ग्रीन समेच हाइड्रो प्रोजेक्ट में बाहर काम करने वाले झारखंड और प्रदेश के अन्य जिलों के लोग भी लापता है। इनमें पुष्प देव शर्मा ग्राम खुन्ना रामपुर, हरदीप सिंह ग्राम नगरोटा बगवां कांगड़ा, हरदेव सिंह ग्राम सैंज, कुल्लू, अजय कुमार निवासी शिलाई सिरमौर, भाग चंद निवासी शिंगला रामपुर, सिद्धार्थ खेड़ा निवासी कांगड़ा और रूप सिंह गांव सिका सेरी सरपारा रामपुर शामिल है। झारखंड के 4 मजदूर भी लापता
इसी तरह झारखंड के 4 प्रवासी मजदूर भी लापता है। इनमें ममता पत्नी राज कुमार पांडे निवासी झारखंड, मुस्कान पुत्री राज कुमार पांडे निवासी झारखंड, रूपनी देवी पत्नी भोला नाथ उरांव झारखंड और अंजलि पुत्री भोला नाथ उराव पता झारखंड शामिल है। हिमाचल में बाढ़ की पूरी खबर पढ़ें हिमाचल में बाढ़, 4 मरे, 49 लापता: मलबे में मिले शरीर के अंग, 4 सेकंड में गिरी 5 मंजिला बिल्डिंग; चंडीगढ़-मनाली हाईवे बहा हिमाचल प्रदेश में बीती रात भारी बारिश से तबाही हुई है। जिसमें 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 49 लोग लापता हैं। NDRF, SDRF, पुलिस और होम गार्ड लोगों को रेस्क्यू करने में लगे हुए हैं। मनाली में 4 सेकंड में सब्जी मंडी की 5 मंजिला बिल्डिंग ढह गई। बारिश के बाद से नदियां और नाले उफान पर हैं। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे के साथ 4 पुल बह गए हैं। बीती रात कुल्लू, मंडी, चंबा और शिमला के रामपुर में बादल फटा। सबसे ज्यादा तबाही रामपुर में हुई। यहां समेज गांव के कई घर, स्कूल, गेस्ट हाउस और एक बिजली प्रोजेक्ट का पावर हाउस बह गया है (पूरी खबर पढ़ें) हिमाचल के श्रीखंड में बादल फटने के बाद शिमला के रामपुर के समेच में एक ही झटके में 18 परिवार उजड़ गए। जो घर पर थे, वे लापता हो गए। जो उस वक्त घर से बाहर थे, उनकी जान तो बच गई लेकिन अपनों को खोने के डर से वह खौफ में हैं। किसी की बेटियां लापता हैं तो किसी का पोता। स्थिति यह है कि परिवार के लोग ऊंचाई वाली जगह पर बाढ़ से तबाह हो चुकी अपने घर को निहार कर परिजनों के जिंदा होने की प्रार्थना कर रहे हैं। यहां समेच खड्ड में बाढ़ के बाद अशोक कुमार का पूरा परिवार बाढ़ की चपेट में आ गया। घर पर न होने की वजह से अशोक खुद तो बच गए लेकिन उनकी पत्नी अनिता (40), बेटी योग प्रिया (11) और बेटा मुकेश (19) लापता है। इसी खड्ड की चपेट में कनराहड़ निवासी सूरत राम का परिवार भी आ गया। सूरत राम (58) समेत उनकी पत्नी संतोष (54), बेटा नीरज कुमार (30), छोटे बेटे की पत्नी रचना (23) और घर पर निरमंड से आए मेहमान वेदराज (55) भी मलबे में दब गए। अब सूरत राम के परिवार में छोटा बेटा राजेश कुमार, बड़े बेटे की बहू व पोता तीन लोग बचे है। गोपाल का घर बहने से 12 दबे
वहीं समेच खड्ड हादसे में सुगा गांव के गोपाल की पत्नी शिक्षा (37) और बेटी जिया (15) भी हादसे का शिकार हो गई। गोपाल और उनका बेटा खुद घर पर नहीं थे और किसी काम से झाखड़ी गए थे। इस वजह से दोनों की जान बच गई। गोपाल के ही घर पर रहने वाले ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट के 7 कर्मचारियों तथा 3 अन्य भी लापता है। सनैल निवासी जय सिंह की पत्नी कल्पना (34), बेटी अक्षिता (7) और बेटा अद्विक (4) की भी इस हादसे में लापता है। इस हादसे में समेच निवासी चंद्र सिंह के परिवार के चार सदस्य लापता है, जबकि चंद्र सिंह दंपती घर पर नहीं होने की वजह से सुरक्षित है। सूचना के अनुसार, चंद्र सिंह के बेटे श्याम सिंह (39), बहु सरस्वती (33), पोता अरुण (15) और पोती आरुषि (13) लापता है। रविंदर केदारटा की दोनों बेटियां लापता
समेच गांव में रविंदर केदारटा की दो बेटी भी बाढ़ की चपेट में आने से दब गई। तनु केदारटा (15) और रानू कदारटा (16) का अभी तक सुराग नहीं लग पाया है। बताया जा रहा है कि इनके माता-पिता यानी रविंदर केदारटा दंपती दूसरे मकान में थे। इससे वह सुरक्षित है। मगर उनकी दोनों बेटियां बाढ़ में बह गई है। इस हादसे में घर पर अकेले रह रही दो वृद्ध महिलाएं भी लापता हैं। समेच निवासी मंगला देवी पत्नी सुना राम और कृष्णा देवी (70) सरपारा गांव का भी सुराग नहीं लग पाया है। जैसे जैसे वक्त बीतता जा रहा है, इनके जिंदा होने की उम्मीद भी कम होती जा रही है। मलबे में जिंदगी की तलाश की 3 तस्वीरें… प्रोजेक्ट में काम करने वाले सात कर्मचारी भी लापता
समेच खड्ड हादसे में न केवल स्थानीय लोगों बल्कि ग्रीन समेच हाइड्रो प्रोजेक्ट में बाहर काम करने वाले झारखंड और प्रदेश के अन्य जिलों के लोग भी लापता है। इनमें पुष्प देव शर्मा ग्राम खुन्ना रामपुर, हरदीप सिंह ग्राम नगरोटा बगवां कांगड़ा, हरदेव सिंह ग्राम सैंज, कुल्लू, अजय कुमार निवासी शिलाई सिरमौर, भाग चंद निवासी शिंगला रामपुर, सिद्धार्थ खेड़ा निवासी कांगड़ा और रूप सिंह गांव सिका सेरी सरपारा रामपुर शामिल है। झारखंड के 4 मजदूर भी लापता
इसी तरह झारखंड के 4 प्रवासी मजदूर भी लापता है। इनमें ममता पत्नी राज कुमार पांडे निवासी झारखंड, मुस्कान पुत्री राज कुमार पांडे निवासी झारखंड, रूपनी देवी पत्नी भोला नाथ उरांव झारखंड और अंजलि पुत्री भोला नाथ उराव पता झारखंड शामिल है। हिमाचल में बाढ़ की पूरी खबर पढ़ें हिमाचल में बाढ़, 4 मरे, 49 लापता: मलबे में मिले शरीर के अंग, 4 सेकंड में गिरी 5 मंजिला बिल्डिंग; चंडीगढ़-मनाली हाईवे बहा हिमाचल प्रदेश में बीती रात भारी बारिश से तबाही हुई है। जिसमें 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 49 लोग लापता हैं। NDRF, SDRF, पुलिस और होम गार्ड लोगों को रेस्क्यू करने में लगे हुए हैं। मनाली में 4 सेकंड में सब्जी मंडी की 5 मंजिला बिल्डिंग ढह गई। बारिश के बाद से नदियां और नाले उफान पर हैं। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे के साथ 4 पुल बह गए हैं। बीती रात कुल्लू, मंडी, चंबा और शिमला के रामपुर में बादल फटा। सबसे ज्यादा तबाही रामपुर में हुई। यहां समेज गांव के कई घर, स्कूल, गेस्ट हाउस और एक बिजली प्रोजेक्ट का पावर हाउस बह गया है (पूरी खबर पढ़ें)   हिमाचल | दैनिक भास्कर