मोहाली के सिविल अस्पताल में इलाज करवाने गए बुजुर्ग मरीज से एक ठग ने डॉक्टर बनकर ठगी की है। वह मरीज से 20 हजार रुपए ठग कर फरार हो गया। आरोपी की पोल तब खुली जब मरीज उसके बारे में पड़ताल करने स्टाफ से पूछने गया। मरीज ने अस्पताल के अंदर स्थित पुलिस चौकी पर इस बारे में शिकायत दे दी है। आरोपी कैमरे में कैद जरूर हुआ है, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है। सिविल अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में लोगों का इलाज फ्री होता है। अगर कोई उनसे किसी तरह का पैसा मांगता है तो उनसे सीधी शिकायत की जा सकती है। खुद को बताया शर्मा डॉक्टर पीड़ित ईश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि वह सेक्टर-56 के रहने वाले हैं। वह ईसीजी करवाने अस्पताल गए थे। ईसीजी के लिए पर्ची कटवाकर खड़े ही हुए थे। तभी वहां पर एक व्यक्ति आया। उसने खुद को शर्मा डॉक्टर बताया। फिर उसने उनसे पूछा कि क्या आपने ईसीजी करवानी है। उन्होंने हां में जबाव दिया। इसके बाद उसने कहा कि थोड़ा वेट करो। अंदर लड़कियों की ईसीजी हो रही है। पांच-पांच सौ के नोट लेकर हुआ फरार इसके बाद वह ईसीजी वाले कमरे में गया। फिर अंदर से कॉटन लेकर आया। इसके बाद उनसे पूछा कि क्या आपके पास 500-500 के नोट है। तो मैंने उसे जबाव दिया कि उनके पास 20 हजार रुपए के 500-500 के नोट जेब हैं। उसने कहा कि यह नोट मुझे दे दो और मैं आपको बड़े नोट दे देता हूं। उसने दलील दी कि वह शर्मा डॉक्टर है, उस पर विश्वास रखे। इसके बाद उसने उन्हें पैसे दे दिए। ब्लड सैंपल वाले कमरे में ले जाकर हुआ फरार इसके बाद आरोपी ने व्यक्ति पर विश्वास बनाए रखा। साथ ही उन्हें कहा कि आपकी ईसीजी बाद में करूंगा, पहले आप ब्लड सैंपल दे दो । इसके बाद ब्लड सैंपल वाले रूम में ले आया। उसके बाद उन्हें कहा कि वह हेलमेंट रखकर वहां आए। जबकि आरोपी मौका फरार हो गया। ईश्वर दत्त ने बताया कि जब वह वहां से ईसीजी वाले कमरे में पहुंचे, तो उन्होंने वहां पर मौजूद स्टाफ से डॉक्टर शर्मा के बारे में पूछा तो उन्होंने जबाव दिया कि वहां कोई शर्मा डॉक्टर नहीं है। फिर उसने उस व्यक्ति की पहचान बताई तो उन्होंने बताया कि वह कॉटन लेने आया था, और कॉटन लेकर चला गया। मोहाली के सिविल अस्पताल में इलाज करवाने गए बुजुर्ग मरीज से एक ठग ने डॉक्टर बनकर ठगी की है। वह मरीज से 20 हजार रुपए ठग कर फरार हो गया। आरोपी की पोल तब खुली जब मरीज उसके बारे में पड़ताल करने स्टाफ से पूछने गया। मरीज ने अस्पताल के अंदर स्थित पुलिस चौकी पर इस बारे में शिकायत दे दी है। आरोपी कैमरे में कैद जरूर हुआ है, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है। सिविल अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में लोगों का इलाज फ्री होता है। अगर कोई उनसे किसी तरह का पैसा मांगता है तो उनसे सीधी शिकायत की जा सकती है। खुद को बताया शर्मा डॉक्टर पीड़ित ईश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि वह सेक्टर-56 के रहने वाले हैं। वह ईसीजी करवाने अस्पताल गए थे। ईसीजी के लिए पर्ची कटवाकर खड़े ही हुए थे। तभी वहां पर एक व्यक्ति आया। उसने खुद को शर्मा डॉक्टर बताया। फिर उसने उनसे पूछा कि क्या आपने ईसीजी करवानी है। उन्होंने हां में जबाव दिया। इसके बाद उसने कहा कि थोड़ा वेट करो। अंदर लड़कियों की ईसीजी हो रही है। पांच-पांच सौ के नोट लेकर हुआ फरार इसके बाद वह ईसीजी वाले कमरे में गया। फिर अंदर से कॉटन लेकर आया। इसके बाद उनसे पूछा कि क्या आपके पास 500-500 के नोट है। तो मैंने उसे जबाव दिया कि उनके पास 20 हजार रुपए के 500-500 के नोट जेब हैं। उसने कहा कि यह नोट मुझे दे दो और मैं आपको बड़े नोट दे देता हूं। उसने दलील दी कि वह शर्मा डॉक्टर है, उस पर विश्वास रखे। इसके बाद उसने उन्हें पैसे दे दिए। ब्लड सैंपल वाले कमरे में ले जाकर हुआ फरार इसके बाद आरोपी ने व्यक्ति पर विश्वास बनाए रखा। साथ ही उन्हें कहा कि आपकी ईसीजी बाद में करूंगा, पहले आप ब्लड सैंपल दे दो । इसके बाद ब्लड सैंपल वाले रूम में ले आया। उसके बाद उन्हें कहा कि वह हेलमेंट रखकर वहां आए। जबकि आरोपी मौका फरार हो गया। ईश्वर दत्त ने बताया कि जब वह वहां से ईसीजी वाले कमरे में पहुंचे, तो उन्होंने वहां पर मौजूद स्टाफ से डॉक्टर शर्मा के बारे में पूछा तो उन्होंने जबाव दिया कि वहां कोई शर्मा डॉक्टर नहीं है। फिर उसने उस व्यक्ति की पहचान बताई तो उन्होंने बताया कि वह कॉटन लेने आया था, और कॉटन लेकर चला गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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