पंजाब के बठिंडा में शैलर उद्योग की समस्याओं व मांगों को लेकर राइस मिलर्स एसोसिएशन मौड़ के अध्यक्ष विजय कुमार घुम्मण के नेतृत्व में प्रशासनिक अधिकारियों को मांग पत्र दिया गया। दिए गए मांग पत्र में यूनियन सदस्यों ने कहा कि शैलर उद्योग इस समय गंभीर संकट से गुजर रहा है। पिछले सीजन में कोई भी सरकारी अधिकारी उनकी समस्या सुनने को तैयार नहीं था। संगठन के विजय कुमार, मखन मंगला और गुरमीत भुल्लर का कहना है कि पिछले तीन महीनों से वह लगातार प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि शैलर में तैयार हुए माल की लिफ्टिंग करवाई जाए, परंतु प्रशासन द्वारा उनकी मांगों की तरफ कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि, मोर मंडी के शैलरों के सभी गोदाम भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी और उनकी मांगों के अनुरूप कोई समझौता नहीं किया जाएगा तथा हरियाणा की तर्ज पर राइस मिल मालिकों को सुविधा नहीं दी जाती वें खाद्यान्न खरीद पोर्टल पर कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराएंगे और अपलोड नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अगले सीजन के लिए उपयुक्त स्थान की व्यवस्था करवाने के लिए शैलर में पड़े माल की लिफ्टिंग करवाई जाए। पिछले साल चावल की लिफ्टिंग न होने के कारण राइस मिलों में स्पेस नहीं थी, इसीलए उन्हें पेड़ी को हरियाणा ले जाना पड़ा। ट्रांसपोर्टर का खर्चा भी राइस मिल मालिकों को उठना पड़ा। जिस कारण राइस मिल मालिकों को लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ा। उन्होंने ऐलान किया है कि इस बार धान का भंडारण नहीं करेंगे। पंजाब के बठिंडा में शैलर उद्योग की समस्याओं व मांगों को लेकर राइस मिलर्स एसोसिएशन मौड़ के अध्यक्ष विजय कुमार घुम्मण के नेतृत्व में प्रशासनिक अधिकारियों को मांग पत्र दिया गया। दिए गए मांग पत्र में यूनियन सदस्यों ने कहा कि शैलर उद्योग इस समय गंभीर संकट से गुजर रहा है। पिछले सीजन में कोई भी सरकारी अधिकारी उनकी समस्या सुनने को तैयार नहीं था। संगठन के विजय कुमार, मखन मंगला और गुरमीत भुल्लर का कहना है कि पिछले तीन महीनों से वह लगातार प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि शैलर में तैयार हुए माल की लिफ्टिंग करवाई जाए, परंतु प्रशासन द्वारा उनकी मांगों की तरफ कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि, मोर मंडी के शैलरों के सभी गोदाम भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी और उनकी मांगों के अनुरूप कोई समझौता नहीं किया जाएगा तथा हरियाणा की तर्ज पर राइस मिल मालिकों को सुविधा नहीं दी जाती वें खाद्यान्न खरीद पोर्टल पर कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराएंगे और अपलोड नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अगले सीजन के लिए उपयुक्त स्थान की व्यवस्था करवाने के लिए शैलर में पड़े माल की लिफ्टिंग करवाई जाए। पिछले साल चावल की लिफ्टिंग न होने के कारण राइस मिलों में स्पेस नहीं थी, इसीलए उन्हें पेड़ी को हरियाणा ले जाना पड़ा। ट्रांसपोर्टर का खर्चा भी राइस मिल मालिकों को उठना पड़ा। जिस कारण राइस मिल मालिकों को लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ा। उन्होंने ऐलान किया है कि इस बार धान का भंडारण नहीं करेंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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