राहुल गांधी को सुल्तानपुर के मोची ने भेजा जूता:राहुल ने कहा- आपने बहुत सुंदर जूते भेजे हैं; 5 मिनट तक बातचीत की

राहुल गांधी को सुल्तानपुर के मोची ने भेजा जूता:राहुल ने कहा- आपने बहुत सुंदर जूते भेजे हैं; 5 मिनट तक बातचीत की

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सुल्तानपुर के मोची रामचैत ने जूते गिफ्ट में भेजे हैं। राहुल को जूते मिले तो उन्होंने फोन पर रामचैत को थैंक्यू कहा। बोला- आपने बहुत सुंदर जूते भेजे हैं। राहुल ने रामचैत से मुलाकात के बाद दिल्ली से उनके लिए चप्पल-जूते सिलने वाली मशीन भेजी थी। राहुल ने रामचैत से बातचीत का 5:06 मिनट का वीडियो भी X पर शेयर किया। वीडियो के शुरुआत में लिखा है- मोची रामचैत जी से मिला प्यारा तोहफा- मेरा जूता हिंदुस्तानी। राहुल और रामचैत के बीच बातचीत…
राहुल- ज्ञान आपके पास है, ट्रैनिंग वो करा रहे हैं।
रामचैत- मैंने जूते बहुत बनाए, अब मुझे इस काम में मजा आता है। राहुल- यह जूता आपने बनाया है?
रामचैत- जी मैंने बनाया है, सुलेशन लगाकर सिलना होता है। राहुल- कितनी कमाई हो जाती है?
रामचैत- महीने का पांच- सात हजार रुपए। गरीब आदमी हैं साहब, मेरे पिता जी भी यहीं करते हैं। सरकारी सुविधा कोई मिलती नहीं है। मैं बीमार भी रहता हूं। राहुल- क्या बीमारी है आपको?
रामचैत- हमे टीबी हो गई थी। उसकी इलाज करवा है। अभी इलाज चल रहा है। राहुल- आपको आयुष्मान भारत से कुछ लाभ मिला?
रामचैत- नहीं, मुझे आयुष्मान भारत से कोई लाभ नहीं मिला। राहुल- 40 साल से आप यह काम कर रहे। इस काम के बारे में सब जानते हो। लेकिन हुनर की इज्जत नहीं है।
रामचैत- साहब, यह बहुत आसान है। राहुल- सबसे जरूरी मशीन, आपको कोई एक मशीन खरीदनी हो तो कौन सी मशीन खरीदोगे।
रामचैत- चमड़ा सिलने वाली बड़ी मशीन होती है। राहुल- कितने की होती है।
रामचैत- वो साहब 55 हजार की आती है। राहुल- अगर मशीन मिल गई तो आपकी आमदमी कितनी हो जाएगी।
रामचैत- डबल हो जाएगी। मोची रामचैत ने राहुल को भेजा जूता
रामचैत ने कहा- राहुल जी ने मुझको मशीन भेजी है। इससे मेरा काम आसान हो गया। यह मशीन जूता, चप्पल और बैग भी बना देती है। मैंने जूते बहुत बनाए और बहुत बेचे, लेकिन जो आज मैं कर रहा हूं, उसमें मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं राहुल जी के लिए जूता भेज रहा हूं। जिसे मैंने अपने हाथों से बनाया है। अब पढ़िए फोन पर राहुल ने क्या कहा-
राहुल ने जूता देखते ही कहा- नाइस शूज
राहुल ने रामचैत को फोन किया। कहा- हैलो, कैसे हैं आप,
रामचैत- बहुत बढ़िया मालिक राहुल- आपने मेरे लिए बहुत सुंदर जूते भेजे हैं। बहुत-बहुत धन्यवाद
रामचैत- मुझे बहुत खुशी है। आपने मुझे मालिक बहुत ऊपर उठा दिया। राहुल- आप मुझे मालिक मत कहो, आप मुझे भाई कहो। मालिक अच्छा नहीं लगता है। और मशीन कैसी चल रही है।
रामचैत- मशीन अच्छी चल रही है। राहुल ने VIDEO के साथ लिखा- कामगार परिवारों के ‘परंपरागत कौशल’ में भारत की सबसे बड़ी पूंजी छिपी है। पिछले दिनों सुल्तानपुर से वापस आते वक्त रास्ते में जूतों के कारीगर रामचैत जी से मुलाकात हुई थी। उन्होंने मेरे लिए प्रेम भाव से अपने हाथों से बनाया एक बहुत ही कम्फर्टेबल और बेहतरीन जूता भेजा है। देश के कोने-कोने में अलग-अलग स्किल वाली ऐसी करोड़ों प्रतिभाएं हैं। अगर इन ‘भारत बनाने वालों’ को जरूरी समर्थन मिले तो वह अपनी ही नहीं, देश की भी तकदीर बदल सकते हैं। कोर्ट की पेशी में 26 जुलाई को सुल्तानपुर पहुंचे थे राहुल
राहुल 26 जुलाई को सुल्तानपुर के MP/MLA कोर्ट में पेश हुए थे। वापस लखनऊ लौटते समय कूरेभार के विधायक नगर चौराहे पर पहुंचे, तो अचानक उनका काफिला रामचैत मोची की दुकान के पास रुक गया। यहां 5 मिनट रुककर राहुल ने उनसे बातचीत कर सेल्फी ली थी। ये भी पढ़ें… राहुल ने जिस चप्पल को सिला, उसकी मुंहमांगी कीमत:उत्तर प्रदेश के मोची ने बताया- एक लाख रुपए का ऑफर मिला राहुल गांधी 26 जुलाई को यूपी के सुल्तानपुर गए थे। यहां वे रास्ते में मोची की दुकान पर रुके और चप्पल और जूते की मरम्मत की। इस इस चप्पल की मुंह मांगी कीमत लग रही है। हालांकि, मोची रामचैत इसे बेचने को तैयार नहीं हैं। रामचैत ने बताया, ‘चप्पल के लिए 1 लाख रुपए तक के ऑफर मिले हैं। एक व्यक्ति ने तो फोन पर कहा कि झोले भर पैसे दूंगा।’ पढ़ें पूरी खबर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सुल्तानपुर के मोची रामचैत ने जूते गिफ्ट में भेजे हैं। राहुल को जूते मिले तो उन्होंने फोन पर रामचैत को थैंक्यू कहा। बोला- आपने बहुत सुंदर जूते भेजे हैं। राहुल ने रामचैत से मुलाकात के बाद दिल्ली से उनके लिए चप्पल-जूते सिलने वाली मशीन भेजी थी। राहुल ने रामचैत से बातचीत का 5:06 मिनट का वीडियो भी X पर शेयर किया। वीडियो के शुरुआत में लिखा है- मोची रामचैत जी से मिला प्यारा तोहफा- मेरा जूता हिंदुस्तानी। राहुल और रामचैत के बीच बातचीत…
राहुल- ज्ञान आपके पास है, ट्रैनिंग वो करा रहे हैं।
रामचैत- मैंने जूते बहुत बनाए, अब मुझे इस काम में मजा आता है। राहुल- यह जूता आपने बनाया है?
रामचैत- जी मैंने बनाया है, सुलेशन लगाकर सिलना होता है। राहुल- कितनी कमाई हो जाती है?
रामचैत- महीने का पांच- सात हजार रुपए। गरीब आदमी हैं साहब, मेरे पिता जी भी यहीं करते हैं। सरकारी सुविधा कोई मिलती नहीं है। मैं बीमार भी रहता हूं। राहुल- क्या बीमारी है आपको?
रामचैत- हमे टीबी हो गई थी। उसकी इलाज करवा है। अभी इलाज चल रहा है। राहुल- आपको आयुष्मान भारत से कुछ लाभ मिला?
रामचैत- नहीं, मुझे आयुष्मान भारत से कोई लाभ नहीं मिला। राहुल- 40 साल से आप यह काम कर रहे। इस काम के बारे में सब जानते हो। लेकिन हुनर की इज्जत नहीं है।
रामचैत- साहब, यह बहुत आसान है। राहुल- सबसे जरूरी मशीन, आपको कोई एक मशीन खरीदनी हो तो कौन सी मशीन खरीदोगे।
रामचैत- चमड़ा सिलने वाली बड़ी मशीन होती है। राहुल- कितने की होती है।
रामचैत- वो साहब 55 हजार की आती है। राहुल- अगर मशीन मिल गई तो आपकी आमदमी कितनी हो जाएगी।
रामचैत- डबल हो जाएगी। मोची रामचैत ने राहुल को भेजा जूता
रामचैत ने कहा- राहुल जी ने मुझको मशीन भेजी है। इससे मेरा काम आसान हो गया। यह मशीन जूता, चप्पल और बैग भी बना देती है। मैंने जूते बहुत बनाए और बहुत बेचे, लेकिन जो आज मैं कर रहा हूं, उसमें मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं राहुल जी के लिए जूता भेज रहा हूं। जिसे मैंने अपने हाथों से बनाया है। अब पढ़िए फोन पर राहुल ने क्या कहा-
राहुल ने जूता देखते ही कहा- नाइस शूज
राहुल ने रामचैत को फोन किया। कहा- हैलो, कैसे हैं आप,
रामचैत- बहुत बढ़िया मालिक राहुल- आपने मेरे लिए बहुत सुंदर जूते भेजे हैं। बहुत-बहुत धन्यवाद
रामचैत- मुझे बहुत खुशी है। आपने मुझे मालिक बहुत ऊपर उठा दिया। राहुल- आप मुझे मालिक मत कहो, आप मुझे भाई कहो। मालिक अच्छा नहीं लगता है। और मशीन कैसी चल रही है।
रामचैत- मशीन अच्छी चल रही है। राहुल ने VIDEO के साथ लिखा- कामगार परिवारों के ‘परंपरागत कौशल’ में भारत की सबसे बड़ी पूंजी छिपी है। पिछले दिनों सुल्तानपुर से वापस आते वक्त रास्ते में जूतों के कारीगर रामचैत जी से मुलाकात हुई थी। उन्होंने मेरे लिए प्रेम भाव से अपने हाथों से बनाया एक बहुत ही कम्फर्टेबल और बेहतरीन जूता भेजा है। देश के कोने-कोने में अलग-अलग स्किल वाली ऐसी करोड़ों प्रतिभाएं हैं। अगर इन ‘भारत बनाने वालों’ को जरूरी समर्थन मिले तो वह अपनी ही नहीं, देश की भी तकदीर बदल सकते हैं। कोर्ट की पेशी में 26 जुलाई को सुल्तानपुर पहुंचे थे राहुल
राहुल 26 जुलाई को सुल्तानपुर के MP/MLA कोर्ट में पेश हुए थे। वापस लखनऊ लौटते समय कूरेभार के विधायक नगर चौराहे पर पहुंचे, तो अचानक उनका काफिला रामचैत मोची की दुकान के पास रुक गया। यहां 5 मिनट रुककर राहुल ने उनसे बातचीत कर सेल्फी ली थी। ये भी पढ़ें… राहुल ने जिस चप्पल को सिला, उसकी मुंहमांगी कीमत:उत्तर प्रदेश के मोची ने बताया- एक लाख रुपए का ऑफर मिला राहुल गांधी 26 जुलाई को यूपी के सुल्तानपुर गए थे। यहां वे रास्ते में मोची की दुकान पर रुके और चप्पल और जूते की मरम्मत की। इस इस चप्पल की मुंह मांगी कीमत लग रही है। हालांकि, मोची रामचैत इसे बेचने को तैयार नहीं हैं। रामचैत ने बताया, ‘चप्पल के लिए 1 लाख रुपए तक के ऑफर मिले हैं। एक व्यक्ति ने तो फोन पर कहा कि झोले भर पैसे दूंगा।’ पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर