हरियाणा के सोनीपत में सेक्टर 8 स्थित ओमेक्स हाइट में बिजली बिल के लिए दी गई 2 करोड़ 36 लाख रुपए की राशि के गबन का मामला सामने आया है। पुलिस ने सोसाइटी के RWA के सचिव, उप प्रधान व कोषाध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। थाना बहालगढ़ पुलिस मामले में जांच कर रही है। ओमेक्स हाइट के निवासियों ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि आवासीय सोसाइटी मे 702 फ्लैट हैं। वर्तमान मे लगभग 600 परिवार यहां रहते हैं। सोसाइटी में अगस्त 2020 में 3 साल के लिए RWA (रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी) के चुनाव हुए थे। उसमें विशाल यादव को प्रधान, श्रवण कटारिया को सचिव, पुष्पेंद्र वत्स को उप प्रधान, शिल्पा वोहरा को खंजाची, पंकज मेहता को संयुक्त सचिव चुने गए थे। साथ ही 6 एग्जीक्यूटिव मेंबर चुने गए थे। लोगों ने बताया कि बाद में प्रधान, संयुक्त सचिव एवं 4 सदस्यों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। सोसाइटी मे पहले से ही Xenius कंपनी का ऐप हायर कर रखा है। इसके माध्यम से ही बिजली की प्रतिदिन की खपत की गणना की जाती है। इस साफ्टवेयर का सारा रिकार्ड कंपनी के सर्वर में होता है। सोसाइटी वासी इसमें ही राशि जमा कराते हैं। RWA के दो खाते हैं। एक खाता एक्सिस बैंक सेक्टर-14 सोनीपत में हैं। दूसरा खाता BOI मुरथल शाखा में है। लोगों की ओर से बिजली बिलों की अग्रिम राशि जमा कराई गई। लेकिन RWA के पदाधिकारियों ने बिजली बिल का कोई भुगतान नहीं किया। बिजली बिल की राशि में कुल 2 करोड़ 36 लाख रुपए का गबन किया गया है। पुलिस उपायुक्त पूर्वी सोनीपत कार्यालय द्वारा मामले की जांच की गई। अब पुलिस ने इसके आधार पर ओमेक्स हाइट्स RWA के पदाधिकारियों के खिलाफ IPC की धारा 406 में केस दर्ज किया है। हरियाणा के सोनीपत में सेक्टर 8 स्थित ओमेक्स हाइट में बिजली बिल के लिए दी गई 2 करोड़ 36 लाख रुपए की राशि के गबन का मामला सामने आया है। पुलिस ने सोसाइटी के RWA के सचिव, उप प्रधान व कोषाध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। थाना बहालगढ़ पुलिस मामले में जांच कर रही है। ओमेक्स हाइट के निवासियों ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि आवासीय सोसाइटी मे 702 फ्लैट हैं। वर्तमान मे लगभग 600 परिवार यहां रहते हैं। सोसाइटी में अगस्त 2020 में 3 साल के लिए RWA (रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी) के चुनाव हुए थे। उसमें विशाल यादव को प्रधान, श्रवण कटारिया को सचिव, पुष्पेंद्र वत्स को उप प्रधान, शिल्पा वोहरा को खंजाची, पंकज मेहता को संयुक्त सचिव चुने गए थे। साथ ही 6 एग्जीक्यूटिव मेंबर चुने गए थे। लोगों ने बताया कि बाद में प्रधान, संयुक्त सचिव एवं 4 सदस्यों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। सोसाइटी मे पहले से ही Xenius कंपनी का ऐप हायर कर रखा है। इसके माध्यम से ही बिजली की प्रतिदिन की खपत की गणना की जाती है। इस साफ्टवेयर का सारा रिकार्ड कंपनी के सर्वर में होता है। सोसाइटी वासी इसमें ही राशि जमा कराते हैं। RWA के दो खाते हैं। एक खाता एक्सिस बैंक सेक्टर-14 सोनीपत में हैं। दूसरा खाता BOI मुरथल शाखा में है। लोगों की ओर से बिजली बिलों की अग्रिम राशि जमा कराई गई। लेकिन RWA के पदाधिकारियों ने बिजली बिल का कोई भुगतान नहीं किया। बिजली बिल की राशि में कुल 2 करोड़ 36 लाख रुपए का गबन किया गया है। पुलिस उपायुक्त पूर्वी सोनीपत कार्यालय द्वारा मामले की जांच की गई। अब पुलिस ने इसके आधार पर ओमेक्स हाइट्स RWA के पदाधिकारियों के खिलाफ IPC की धारा 406 में केस दर्ज किया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रणजीत का परिवार जाएगा सुप्रीम कोर्ट:राम रहीम को बरी किए जाने से परिवार मायूस, बेटा और जीजा बोले-मरते दम तक लड़ेंगे लड़ाई हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह के मर्डर केस में हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को बरी कर दिया है। इस फैसले से रणजीत सिंह का परिवार मायूस है। परिवार का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए वकीलों से राय ली जा रही है। जल्द ही इसके लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करेंगे। डेरा मुखी के बरी होने के बाद बेटे जगसीर सिंह का दर्द सामने आया है। जगसीर सिंह ने कहा कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है। उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे। जल्द आगामी कदम उठाएंगे। जगसीर ने कहा कि अभी वह इस मामले में ज्यादा नहीं बोलना चाहते। वहीं रणजीत के जीजा प्रभु दयाल ने कहा कि हम अपनी लड़ाई मरते दम तक जारी रखेंगे। कोर्ट का फैसला हमारी इच्छा के अनुरूप नहीं आया है। CBI ने हमें पूरा न्याय दिलाया था, लेकिन अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का जो फैसला आया है, वह हमारी इच्छा के खिलाफ है। रणजीत के परिवार ने 19 साल लड़ा केस
2021 में जब सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम सहित पांच दोषियों को सजा सुनाई थी तो रणजीत सिंह का परिवार भावुक हो गया था। रणजीत सिंह के परिवार ने 19 साल तक केस लड़ा था और दीवाली तक नहीं मनाई थी। डेरामुखी को सजा मिलने के बाद रणजीत के बेटे जगसीर ने कहा था कि अब हमारा परिवार दीवाली मनाएगा। उन्होंने कहा था कि जब पिता रणजीत सिंह का कल्त किया गया तब मैं सात साल का था। दादा ने हत्यारों को सजा दिलाने के लिए घर्ष शुरू किया था। दादा का 2016 में निधन हो गया था। जगसीर ने बताया कि गोलियों की आवाज सुनकर और पिता के छलनी चेहरे की याद आते ही आज भी उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जगसीर ने बताया कैसे हुआ था पिता का मर्डर
जगसीर ने बताया कि 10 जुलाई 2002 को वह ट्यूशन के बाद घर पहुंचे थे। मां ने बताया कि पिता खेत में गए हैं। इसके बाद मैं खेल में मस्त हो गया। कुछ देर बाद सूचना मिली कि गांव में किसी की गोली मारकर हत्या हुई है। मां सहित घर के अन्य सदस्य सूचना के बाद खेत की ओर भागे। मैं इस बात से काफी परेशान हो गया और खेत की ओर चल दिया। खेत के पास पहुंचा तो देखा कि भीड़ जमा है और मां रो रही है। साथ में दादा जोगिंदर सिंह परेशान से खड़े हैं और मां को ढांढस बंधा रहे हैं। काफी देर बाद भीड़ को साइड कर देखा तो वहां मंजर देखकर होश उड़ गए। पापा का गोलियों से छलनी चेहरा दिखा। पहचान भी नहीं पा रहा था कि यह मेरे पिता हैं। गुमनाम चिट्ठी के शक में मारी गई थी गोली
रणजीत सिंह की हत्या का मामला गुमनाम चिट्ठी से जुड़ा हुआ है, जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। ये वह चिट्ठी थी, जो तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई थी। CBI ने दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से साध्वियों के यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है। इसके बाद रणजीत की हत्या कर दी गई। ये खबर भी पढ़ें… राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी। राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा। (पूरी खबर पढ़ें)
पानीपत भाजपा शक्तिकेंद्र प्रमुख ने दिया इस्तीफा:बोले- मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश; पार्टी के भीतर षड्यंत्रकारी, महामंत्री ने नोटिस भेज मांगा जवाब
पानीपत भाजपा शक्तिकेंद्र प्रमुख ने दिया इस्तीफा:बोले- मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश; पार्टी के भीतर षड्यंत्रकारी, महामंत्री ने नोटिस भेज मांगा जवाब हरियाणा बीजेपी में अब भीतरी कलह लगातार सामने आ रही है। करीब 5 दिन पहले भाजपा ने लोकसभा चुनाव में पार्टी और करनाल से प्रत्याशी पूर्व सीएम मनोहरलाल की खिलाफत करने वाले पानीपत के पांच पार्टी पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इन पांचों में से एक पदाधिकारी अवतार सिंह शास्त्री ने शनिवार को बीजेपी से खुद को पदमुक्त कर लिया है। दरअसल, पार्टी की ओर से सहकारिता मंत्री महीपाल ढांडा के नजदीकी बड़ौली के पूर्व सरपंच व भाजपा में शक्ति केंद्र प्रमुख अवतार शास्त्री को नोटिस जारी किया गया था।
उन पर आरोप है कि शहरी विधायक प्रमोद विज के आवास पर आपस में बातचीत के दौरान बोल दिया था कि पंजाबी को ज्यादा वोट मत दे देना। जबकि अवतार ने इसे षड्यंत्र बताया है। इस्तीफा कॉपी में ये सब है लिखा
जिलाध्यक्ष दुष्यंत भट्ट को दिए इस्तीफा कॉपी में अवतार सिंह शास्त्री ने लिखा कि, मैं शक्ति केंद्र प्रमुख गांव बड़ौली के तौर पर कार्यरत हूं। मैंने आज तक अपने पद और पार्टी की जी जान से सेवा की है, और जो भी जिम्मेदारी मुझे पार्टी स्तर पर दी गई है मैंने उसे ईमानदारी से निभाया है।
लेकिन पिछले कुछ दिनों से पार्टी के अंदर कुछ षड्यंत्रकारी पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते हुए षड्यंत्र करके मेरी छवि को धूमिल करना चाहते हैं। जिस वजह से मेरी भावनाएं आहत हुई है। मैं इस षड्यंत्र से दुखी होकर तुरंत प्रभाव से भाजपा में अपने सभी पदों व पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं। मेरा यह त्यागपत्र तुरंत प्रभाव से लागू समझा जाए। जिला महामंत्री ने ये थमाया था नोटिस
बीजेपी जिला महामंत्री कृष्ण छौक्कर ने 28 मई को दिए नोटिस में लिखा कि अवतार शास्त्री, शक्ति केंद्र प्रमुख (बडौली)16 मई को पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज के निवास पर भाजपा कार्यकर्ताओं एवं समाज के प्रबुद्ध नागरिकों के सामने पूर्व मुख्यमंत्री एवं करनाल लोकसभा सांसद प्रत्याशी मनोहर लाल के बारे में आपने अभद्र टिप्पणी की एवं असंसदीय भाषा का प्रयोग किया।
आपके वक्तव्य से यह प्रतीत हो रहा था कि आप कार्यकर्ताओं को चुनाव के दौरान हतोत्साहित करना चाह रहे थे और पूर्व मुख्यमंत्री एवं करनाल लोकसभा सांसद प्रत्याशी मनोहर लाल को अधिक मत न देने की टिप्पणी कर रहे थे। आपके इस व्यवहार के लिए आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए ? इसका उत्तर आप नोटिस जारी होने के तिथि के एक सप्ताह के भीतर दे।