पंजाब में नेशनल हाईवे अथॉरिटी के ठेकेदारों को जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी अमृतसर से कटरा एक्सप्रेस का निर्माण कर रहे ठेकेदारों को मिली है। इस मामले में अब पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल ने डीजीपी को तुरंत एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। वहीं, ठेकेदारों का कहना है कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो वे अपना काम बंद कर देंगे। सूत्रों से पता चला है कि ठेकेदारों का आरोप है कि जालंधर और लुधियाना इलाके में यह समस्या आ रही है। उन्होंने कुछ नाम भी बताए हैं। इसके पीछे कुछ भू-माफियाओं का हाथ हो सकता है। ठेकेदारों ने यह मामला नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों के समक्ष उठाया था। कार्रवाई नहीं हुई तो बंद कर देंगे काम इसके बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने इस मामले को सरकार के समक्ष उठाया है। जिस पर पंजाब के मुख्य सचिव ने डीजीपी को इस संबंध में एफआईआर के आधार पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। वहीं, ठेकेदारों का कहना है कि अगर इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई तो वे अपना काम बंद कर देंगे। उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। ठेकेदार को जिंदा जलाने की धमकी दी गई NHAI के ठेकेदारों का आरोप है कि उन्हें जिंदा जलाने की धमकियां मिल रही हैं। इसके अलावा कुछ ठेकेदारों के करिंदों से मारपीट तक हुई थी। इस दौरान कुछ नाम भी सामने आ रहे हैं। एनएचएचआई की तरफ से लिखे गए पत्र में दो मामलों का जिक्र किया गया है। 20 जुलाई को मनीष शर्मा को ग्रामीणों ने बेरहमी से पिटाई की। उन्होंने कुछ तस्वीरें भी सरकार को दी है, जिसमें घटना का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। हालांकि आरोपियों को मौके से ही जमानत दे दी गई। आरोपियों ने दो ठेकेदारों के नाम का जिक्र कर उनके अधीन काम करने वाले मुलाजिमों को जिंदा लगाने की धमकी दी है। हालांकि इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है। पंजाब में नेशनल हाईवे अथॉरिटी के ठेकेदारों को जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी अमृतसर से कटरा एक्सप्रेस का निर्माण कर रहे ठेकेदारों को मिली है। इस मामले में अब पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल ने डीजीपी को तुरंत एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। वहीं, ठेकेदारों का कहना है कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो वे अपना काम बंद कर देंगे। सूत्रों से पता चला है कि ठेकेदारों का आरोप है कि जालंधर और लुधियाना इलाके में यह समस्या आ रही है। उन्होंने कुछ नाम भी बताए हैं। इसके पीछे कुछ भू-माफियाओं का हाथ हो सकता है। ठेकेदारों ने यह मामला नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों के समक्ष उठाया था। कार्रवाई नहीं हुई तो बंद कर देंगे काम इसके बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने इस मामले को सरकार के समक्ष उठाया है। जिस पर पंजाब के मुख्य सचिव ने डीजीपी को इस संबंध में एफआईआर के आधार पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। वहीं, ठेकेदारों का कहना है कि अगर इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई तो वे अपना काम बंद कर देंगे। उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। ठेकेदार को जिंदा जलाने की धमकी दी गई NHAI के ठेकेदारों का आरोप है कि उन्हें जिंदा जलाने की धमकियां मिल रही हैं। इसके अलावा कुछ ठेकेदारों के करिंदों से मारपीट तक हुई थी। इस दौरान कुछ नाम भी सामने आ रहे हैं। एनएचएचआई की तरफ से लिखे गए पत्र में दो मामलों का जिक्र किया गया है। 20 जुलाई को मनीष शर्मा को ग्रामीणों ने बेरहमी से पिटाई की। उन्होंने कुछ तस्वीरें भी सरकार को दी है, जिसमें घटना का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। हालांकि आरोपियों को मौके से ही जमानत दे दी गई। आरोपियों ने दो ठेकेदारों के नाम का जिक्र कर उनके अधीन काम करने वाले मुलाजिमों को जिंदा लगाने की धमकी दी है। हालांकि इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मंदिर हमले में कनाडा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हिंदू पक्ष:भारतीय मूल के वकील ने दी याचिका, बोले-कोर्ट जांच करवाए; खालिस्तानी प्रदर्शन पर प्रतिबंध की मांग कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में किए गए उपद्रव के मामले हिंदू पक्ष ने कनाडा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले में कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय में भारतीय मूल के वकील विनीत जिंदल ये याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि हमने कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रिचर्ड वैगनर के समक्ष अपील दायर की है। बीते दिन वकील विनीत जिंदल ने कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के समक्ष एक डिजिटल याचिका दायर की। जिसमें 3 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर और भक्तों पर हमले में शामिल पील पुलिस अधिकारियों और एसएफजे जैसे खालिस्तानी समर्थक संगठनों और अन्य व्यक्तियों की कार्रवाई की जांच का अनुरोध किया गया। याचिका में अपराधियों को जवाबदेह ठहराने और कनाडा में हिंदू पूजा स्थलों की सुरक्षा की गारंटी देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की गई है। विनीत जिंदल ने कहा- कनाडाई न्यायपालिका की क्षमता में पूर्ण विश्वास के साथ हम आशा करते हैं कि न्याय होगा और हिंदू समुदाय को वह सुरक्षा मिलेगी जिसका वह हकदार है। साथ ही मांग की है कि कोर्ट द्वारा खालिस्तानियों के इस प्रदर्शन पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए। कनाडा में पहले भी मंदिरों पर हो चुके हमले कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में उच्चायोग ने हिंदू सभा मंदिर के बाहर कॉन्सुलर कैंप लगाया था। यह कैंप भारतीय नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगा था। इसमें जीवन प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के 40 साल पूरे होने को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे खालिस्तानी वहां पहुंचे और उन्होंने लोगों पर हमला कर दिया। कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने से भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है। PM मोदी ने उक्त हमले का किया था विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि हमें कनाडा सरकार से कार्रवाई की उम्मीद है। ऐसी घटनाएं हमें कमजोर नहीं कर सकती। पीएम मोदी ने लिखा था कि मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे डिप्लोमेट्स को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही निंदनीय हैं। ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी। कनाडाई पीएम ने भी घटना की निंदा की थी इस बारे में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी निंदा की थी। जिसमें उन्होंने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है। घटना के बाद से इलाके में तनाव है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। भारत का आरोप- वोट बैंक के लिए भारत विरोधी राजनीति कर रहे PM ट्रूडो भारत और कनाडा के बीच संबंधों में एक साल से भी ज्यादा समय से गिरावट देखी गई है। इसकी शुरुआत जून 2020 में खालिस्तानी समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद हुई। पिछले साल सितंबर में PM ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसी का हाथ है। इसके बाद ट्रूडो ने पिछले महीने 13 अक्टूबर निज्जर हत्याकांड में भारतीय राजनयिकों के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत ने संजय वर्मा समेत अपने 6 राजनयिकों को वापस बुला लिया। भारत का कहना है कि कनाडा सरकार के आरोप बेबुनियाद हैं। कनाडा ने भारत सरकार के साथ एक भी सबूत साझा नहीं किया है। वे बिना तथ्य के दावे कर रहे हैं। ट्रूडो सरकार राजनीतिक लाभ उठाने के लिए जानबूझकर भारत को बदनाम करने की कोशिश में जुटी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि PM ट्रूडो की भारत से दुश्मनी लंबे समय से जारी है। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो खुले तौर पर चरमपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं।
पंजाब सरकार पर विधायक परगट सिंह का आरोप:बोले- मूंग दाल पर MSP देने का AAP सरकार का दावा झूठा, किसानों के साथ धोखा हुआ
पंजाब सरकार पर विधायक परगट सिंह का आरोप:बोले- मूंग दाल पर MSP देने का AAP सरकार का दावा झूठा, किसानों के साथ धोखा हुआ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में मूंग दाल की फसल पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) देने की घोषणा की थी। लेकिन सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया है। यह दावा भारतीय हॉकी टीम के पूर्व खिलाड़ी और जालंधर कैंट से विधायक और पूर्व मंत्री परगट सिंह ने किया है। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान मूंग दाल पर एमएसपी देने की बात कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने दावा किया है कि सरकार ने मूंग दाल पर एमएसपी देना बंद करने का फैसला किया है। परगट बोले- सरकार ने किसानों के साथ किया धोखा पोस्ट शेयर करते हुए परगट सिंह ने लिखा- आप सरकार लगातार अपनी घोषणाओं से भाग रही है। सरदार भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली भगवंत मान सरकार अब मूंग दाल की फसल पर एमएसपी देने से पीछे हट गई है। आगे परगट सिंह ने कहा- आम आदमी पार्टी ने चुटकी में एमएसपी देने से लेकर मूंग दाल पर एमएसपी देने जैसे झूठे वादे करके किसानों के साथ धोखा किया है। इसके साथ ही उन्होंने एक पंजाबी अखबार की कटिंग शेयर की है, जिसमें उक्त एमएसपी वापस लेने का दावा किया गया है। मानसा में सबसे ज्यादा बिजाई राज्य के कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार मानसा जिला 25,000 एकड़ (10,000 हेक्टेयर) में मूंग की दाल की बुआई करके राज्यभर में अग्रणी रहा है, जो राज्य में इस फसल के अधीन बीजे गए कुल क्षेत्रफल का 25 प्रतिशत है। इसके बाद मोगा में 12,750 एकड़ (5100 हेक्टेयर) और लुधियाना में 10,750 एकड़ (4300 हेक्टेयर) क्षेत्रफल इस फसल की कृषि अधीन है। बठिंडा और श्री मुक्तसर साहिब जिलों में मूंग की दाल के अधीन क्षेत्रफल क्रमवार 9500 एकड़ (3800 हेक्टेयर) और 8750 एकड़ (3500 हेक्टेयर) है। दालों की खेती से बढ़ती उपजाऊ शक्ति खेतों में दालों की खेती का सिर्फ एक ही फायदा नहीं है, बल्कि इसके और भी फायदे हैं। दो फसलों के बीच दालों की खेती करने से जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है। मिली जानकारी के अनुसार दाल की फसल की जड़ों में नाइट्रोजन फिक्सिंग नोड्यूल होते हैं, जो जमीन में नाइट्रोजन फिक्स करके जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाते हैं। अगली फसल के लिए यूरिया की खपत भी कम होगी। मूंग की फसल बीजने से एक अनुमान के अनुसार 25-30 किलोग्राम प्रति एकड़ तक खाद की खपत में कमी हो सकती है।
लुधियाना में जाम से लोग परेशान:ऑटो ड्राइवर करते है मनमानी, पुलिस बोली- कार्रवाई के बाद भी नहीं सुनते
लुधियाना में जाम से लोग परेशान:ऑटो ड्राइवर करते है मनमानी, पुलिस बोली- कार्रवाई के बाद भी नहीं सुनते लुधियाना में ऑटो चालकों की मनमानी शहर वासियों पर भारी पड़ रही है। आलम यह है कि शहर के लोगों को घंटों तक जाम में फंसना पड़ता है। ऑटो चालक हर समय अपनी मनमानी पर उतरते हैं। जिनकी तरफ पुलिस का भी कोई कंट्रोल नहीं हैं। लुधियाना शहर के घंटा घर चौक से रेलवे स्टेशन तक हर समय ट्रैफिक जाम की समस्या आम हो गई हैं, जिसका मुख्य कारण ऑटो चालकों द्वारा अपनी मनमानी करना है। दरअसल ऑटो चालक बीच सड़क पर ही अपने ऑटो खड़ा कर देते हैं जिसकी वजह से पुरा रोड ब्लाक हो जाता है, और जाम में फंसे लोगों को परेशानी से जूझना पड़ता है। सवारी लेने व उतारने के चक्कर में लगी रहती है होड़ घंटा घर चौक से शुरू होकर रेलवे स्टेशन तक लगे ट्रैफिक जाम लगने का जब कारण देखा तो सामने आया कि ऑटो चालक सवारी उतारने व सवारी को बैठाने के चक्कर में उनकी आपस में ही होड लगी रहती है। जिसके कारण ऑटो चालक सड़क पर ऑटो का इंतजार कर रही सवारियों को बैठाने व उन्हें उतारने के लिए बीच सड़क पर ही ऑटो खड़ा कर देते हैं। जिसके कारण रोड पर लंबा जाम लग जाता है। गौरतलब है कि घंटा घर चौक शहर का मुख्य चौक होने और रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का हर समय आना-जाना लगा रहता है। जिस कारण इन दोनों जगहों पर लोगों की भीड़ लगी रहती है, और लोगों को ट्रैफिक से भी दो-चार होना पड़ता है। पुलिस द्वारा लगाई बैरिकेडिंग सिस्टम भी हुआ फेल घंटा घर चौक व रेलवे स्टेशन के पास होते जाम से शहर लोगों को निजात दिलाने के लिए कुछ समय पहले ट्रैफिक पुलिस ने सड़क के एक तरफ बैरिकेडिंग सिस्टम कर दिया था। ताकि ऑटो चालक इस बैरिकेडिंग के बीच ही खड़े हो सकें, और सवारियों बैठा व उतार सकें। कुछ समय तक तो इसका असर हुआ। लेकिन अब हालात यह हैं कि बैरिकेडिंग के अंदर कोई ऑटो चालक खड़ा नहीं रहता। जबकि वह बीच सड़क पर ही ऑटो खड़ा कर देते है। इन दोनों चौराहों पर पुलिस का भी कंट्रोल सिस्टम पुरी तरह से फेल है। हमारे पास ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए नहीं है मुलाजिम- एसीपी एसीपी ट्रैफिक चरणजीत सिंह से जब बात की तो उन्होंने माना की यहां हर समय ट्रैफिक जाम रहता है। लेकिन ऑटो चालक भी पुलिस की कोई बात नहीं सुनते। हम सख्ती करते हैं और चालान भी करते हैं। लेकिन वह अपनी मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पास केवल दो मुलाजिम है। जो दोनों चौक का ट्रैफिक कंट्रोल करने में नाकाफी हैं, और इस नफरी को पुरा करने के लिए, उन्होंने आला अधिकारियों को भी लिखा हुआ है। एसीपी ने कहा कि हमने बैरिकेडिंग भी कर दी थी, लेकिन कोई रुल फॉलो नहीं कर रहे। इसके बावजूद भी दोबारा से ऑटो चालकों को समझाया जाएगा और सख्ती करेंगे।