अमृतसर में बीआरटीएस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करवाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही यूनियन की महिलाओं की ओर से आज एक युवक के साथ मारपीट की गई। युवक समाज सेवक मनदीप सिंह मन्ना के खिलाफ बोल रहा था, जिससे गुस्साई भीड़ ने उस पर हमला कर दिया। फिलहाल मामले को शांत करवा दिया गया है। कमिश्नर से मुलाकात के बाद जैसे ही एकता यूनियन के सदस्य और मनदीप सिंह मन्ना बाहर आए और प्रेस से बात कर रहे थे। इसी दौरान एक युवक अमृत पाल सिंह बबलू ने मनदीप सिंह मन्ना के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया। बबलू ने कहा कि मनदीप सिंह मन्ना एक साल बाद क्यों इस मसले पर बोल रहा है, जबकि यह बसें 2023 से बंद हैं। इसके बाद जैसे ही उसने कुछ और बोलना शुरू किया तो वहां मौजूद एकता यूनियन की महिलाओं ने उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। उनका कहना था कि वो एक साल से कोशिश कर रहे हैं बसें चलवाने की और वो खुद मनदीप सिंह मन्ना के पास गए थे। महिलाओं ने कहा कि वह जानबूझकर प्रोजेक्ट को नेगेटिव पेश कर रहा है। जिसके बाद उन्होंने बबलू को काफी मारा और फिर अन्य सदस्यों ने बीच बचाव करके उसे वहां से जाने के लिए कहा जिसके बाद मामला शांत हुआ। 3 जुलाई 2023 का बंद हो गया था प्रोजेक्ट अमृतसर में बीआरटीएस प्रोजेक्ट 3 जुलाई 2023 को बिना किसी इंटीमेशन के बंद कर दिया गया। जिसके बाद काम कर रहे ड्राइवर, टिकट कलेक्टर, सफाई वाले, मैकेनिक आदि सहित एक हजार से अधिक लोग बेरोजगार हो गए। क्लेरिकल स्टाफ आज भी ड्यूटी पर मौजूद है, कई बसें वेरका डिपो में धूल खा रही हैं। इस सबंध में बसों को चलवाने के लिए कोशिश कर रहे बीआरटीएस एकता यूनियन के सदस्य लगातार मंत्री और नेताओं से मिल रहे हैं, लेकिन कोई भी उनकी मांगों को नहीं मान रहा है। कल भी हुआ था हंगामा इस संबंध में एकता यूनियन की ओर से समाज सेवक मनदीप सिंह मन्ना से मुलाकात की गई। बीते दिन मनदीप सिंह मन्ना वेरका के डिपो पहुंचे थे, जहां पर बैठे क्लेरिकल स्टाफ ने अंदर से ताला लगा लिया। जिसके बाद बहस हुई और फिर ताला खोला गया। लेकिन स्टाफ परमिशन दिखाने में नाकामयाब रहा। इसके बाद आज नगर निगम कमिश्नर से मुलाकात की गई थी। बिना जांच के बिना बंद किया प्रोजेक्ट एकता यूनियन के प्रधान सर्बजीत सिह ने बताया कि बीआरटीएस बसों को 2023 में यह कहकर बंद कर दिया गया था कि यह घाटे में हैं। जबकि इसमें 55 हजार से 60 हजार के करीब यात्री रोजाना सफर करते थे। वहीं बसों पर लगे विज्ञापनों से भी कमाई हो रही थी। फिर इससे ट्रैफिक की समस्या भी काफी हल हो रही थी। लेकिन सरकार ने बिना जांच के बिना बंद करा दिया। अमृतसर में बीआरटीएस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करवाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही यूनियन की महिलाओं की ओर से आज एक युवक के साथ मारपीट की गई। युवक समाज सेवक मनदीप सिंह मन्ना के खिलाफ बोल रहा था, जिससे गुस्साई भीड़ ने उस पर हमला कर दिया। फिलहाल मामले को शांत करवा दिया गया है। कमिश्नर से मुलाकात के बाद जैसे ही एकता यूनियन के सदस्य और मनदीप सिंह मन्ना बाहर आए और प्रेस से बात कर रहे थे। इसी दौरान एक युवक अमृत पाल सिंह बबलू ने मनदीप सिंह मन्ना के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया। बबलू ने कहा कि मनदीप सिंह मन्ना एक साल बाद क्यों इस मसले पर बोल रहा है, जबकि यह बसें 2023 से बंद हैं। इसके बाद जैसे ही उसने कुछ और बोलना शुरू किया तो वहां मौजूद एकता यूनियन की महिलाओं ने उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। उनका कहना था कि वो एक साल से कोशिश कर रहे हैं बसें चलवाने की और वो खुद मनदीप सिंह मन्ना के पास गए थे। महिलाओं ने कहा कि वह जानबूझकर प्रोजेक्ट को नेगेटिव पेश कर रहा है। जिसके बाद उन्होंने बबलू को काफी मारा और फिर अन्य सदस्यों ने बीच बचाव करके उसे वहां से जाने के लिए कहा जिसके बाद मामला शांत हुआ। 3 जुलाई 2023 का बंद हो गया था प्रोजेक्ट अमृतसर में बीआरटीएस प्रोजेक्ट 3 जुलाई 2023 को बिना किसी इंटीमेशन के बंद कर दिया गया। जिसके बाद काम कर रहे ड्राइवर, टिकट कलेक्टर, सफाई वाले, मैकेनिक आदि सहित एक हजार से अधिक लोग बेरोजगार हो गए। क्लेरिकल स्टाफ आज भी ड्यूटी पर मौजूद है, कई बसें वेरका डिपो में धूल खा रही हैं। इस सबंध में बसों को चलवाने के लिए कोशिश कर रहे बीआरटीएस एकता यूनियन के सदस्य लगातार मंत्री और नेताओं से मिल रहे हैं, लेकिन कोई भी उनकी मांगों को नहीं मान रहा है। कल भी हुआ था हंगामा इस संबंध में एकता यूनियन की ओर से समाज सेवक मनदीप सिंह मन्ना से मुलाकात की गई। बीते दिन मनदीप सिंह मन्ना वेरका के डिपो पहुंचे थे, जहां पर बैठे क्लेरिकल स्टाफ ने अंदर से ताला लगा लिया। जिसके बाद बहस हुई और फिर ताला खोला गया। लेकिन स्टाफ परमिशन दिखाने में नाकामयाब रहा। इसके बाद आज नगर निगम कमिश्नर से मुलाकात की गई थी। बिना जांच के बिना बंद किया प्रोजेक्ट एकता यूनियन के प्रधान सर्बजीत सिह ने बताया कि बीआरटीएस बसों को 2023 में यह कहकर बंद कर दिया गया था कि यह घाटे में हैं। जबकि इसमें 55 हजार से 60 हजार के करीब यात्री रोजाना सफर करते थे। वहीं बसों पर लगे विज्ञापनों से भी कमाई हो रही थी। फिर इससे ट्रैफिक की समस्या भी काफी हल हो रही थी। लेकिन सरकार ने बिना जांच के बिना बंद करा दिया। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
अमृतसर में AAP विधायक विजय प्रताप की पत्नी का निधन:शिवपुरी में हुआ संस्कार, देर रात अचानक बिगड़ी थी तबीयत
अमृतसर में AAP विधायक विजय प्रताप की पत्नी का निधन:शिवपुरी में हुआ संस्कार, देर रात अचानक बिगड़ी थी तबीयत अमृतसर से आप के विधायक और पूर्व आईपीएस कुंवर विजय प्रताप सिंह की पत्नी का आज सुबह आकस्मिक निधन हो गया। वो पूर्ण रूप से स्वस्थ थीं। लेकिन कल अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई और अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। अमृतसर से हल्का उत्तरी के विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह की पत्नी मधुमिता एक होम मेकर थीं। उनकी दो बेटियां हैं जिसमें से एक बेटी लॉ कर रही है तो दूसरी बेटी स्कूल जाती है। मधुमिता बेहद सोशल थी और कई समारोह में उनके साथ नजर आती थी। कई नेता और अधिकारी संस्कार में हुए शामिल मधुमिता का संस्कार अमृतसर के दुर्गियाना मंदिर नजदीक स्थित शिवपुरी में हुआ। जहां सांसद गुरजीत सिंह औजला, डीआईजी सतिंदर सिंह, पुलिस कमिश्नर रंजीत सिंह ढिल्लो, डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर, कांग्रेस शहरी प्रधान अश्वनी पप्पू, पूर्व सेहत मंत्री लक्ष्मी कांता चावला, विधायक अजय गुप्ता, पूर्व विधायक सुनील दत्ता, जुगल किशोर शर्मा, पार्षद राजकवल लकी, मीनू सहगल, सहित कई पुलिस अधिकारी, राजनीतिज्ञ और शहर के गणमान्य व्यक्ति पहुंचे हैं। उत्तरी हल्के से विधायक है पति कुंवर विजय प्रताप सिंह गोपालगंज के सिधवलिया प्रखंड के करसघाट गांव के रहने हैं। पंजाब में आईजी पद से वीआरएस लेकर उन्होंने आम आदमी पार्टी जॉइन की थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से प्रेरित होकर अमृतसर नॉर्थ विधानसभा सीट से चुनावी दंगल में उतरे और जीत दर्ज कराई है। कुंवर विजय प्रताप सिंह बेअदबी मामले में एसआईटी अधिकारी थे। तब उन्होंने रिपोर्ट बना कर कार्रवाई के लिए सरकार को भेजी पर तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने नौ अप्रैल 2021 को आईजी पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। कुंवर विजय प्रताप सिंह अक्सर ही अपनी ही सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। उन्होंने कभी विकास के मुद्दे को लेकर तो कभी बेअदबी के मामलों में सरकार को घेरा है। कुछ समय पहले उन्होंने यह भी कहा था कि पंजाब पुलिस के कम से कम दो अधिकारी शहर में नशीली दवाओं के व्यापार का समर्थन कर रहे हैं और ये अधिकारी चड्ढा के ‘चहेते’ हैं।
जालंधर में 7 बदमाश गिरफ्तार:आरोपियों में एक पुलिस मुलाजिम भी शामिल, ए कैटेगरी गैंगस्टर के लिंक में थे आरोपी
जालंधर में 7 बदमाश गिरफ्तार:आरोपियों में एक पुलिस मुलाजिम भी शामिल, ए कैटेगरी गैंगस्टर के लिंक में थे आरोपी जालंधर देहात पुलिस ने ए कैटेगरी क्रिमिनल गैंग के 7 साथियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक पुलिस मुलाजिम भी शामिल हैं। जो उक्त आरोपियों को क्राइम करने के बाद मदद करता था। आरोपियों से पुलिस ने हथियार, नशा और लग्जरी गाड़ियां बरामद की हैं। सभी आरोपी किसी ए कैटेगरी गैंगस्टर के टच में थे। जल्द इसे लेकर जालंधर देहात पुलिस के एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख प्रेसवार्ता कर जानकारी साझा करेंगे। सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार किया गया पुलिस मुलाजिम नकोदर की ओर का बताया गया है। जो सभी गैंगस्टरों को लॉजिस्टिक स्पोर्ट देता था। जांच में पुलिस मुलाजिम के शामिल होने की जानकारी पाई गई तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
कंगना की फिल्म इमरजेंसी पर पूर्व CM का विरोध:चन्नी बोले- सिमरनजीत मान की तरह गुस्सा न करें, SGPC परमिशन के बिना नहीं चलेगी
कंगना की फिल्म इमरजेंसी पर पूर्व CM का विरोध:चन्नी बोले- सिमरनजीत मान की तरह गुस्सा न करें, SGPC परमिशन के बिना नहीं चलेगी भाजपा सांसद व अभिनेत्री कंगना रनोट का पहले किसानों के खिलाफ बयान और फिर फिल्म इमरजेंसी को लेकर पंजाब में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब पंजाब के पूर्व सीएम और जालंधर लोकसभा सीट से सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कंगना का कड़ा विरोध जताया है। चन्नी कंगना को पूर्व सांसद और खालिस्तान समर्थक सिरमनजीत सिंह मान की तरह गुस्सा न करने की नसीहत दी है। कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा- एसजीपीसी की परमिशन के बिना न तो फिल्म चलेगी और न ही चलने देंगे। वहीं, कंगना को ज्यादा सीरियस नही लेना चाहिए। सिमरनजीत सिंह मान को लेकर भी तंज कसा और कहा की उनकी तरह गुस्सा नहीं करना चाहिए। चन्नी बोले- कंगना सिमरनजीत मान की तरह गुस्सा न करें जालंधर से लोकसभा सांसद चन्नी ने कहा- पंजाब, हरियाणा और हिमाचल यह पुराने पंजाब का हिस्सा है। सभी का आपस में भाई चारा है। हमारी आपसी सांझ न कभी टूटी है और न टूटने दी जाएगी। इसे ऐसे ही चलने दिया जाएगा। अगर कोई भी ताकत तोड़ने की कोशिश करेगी उसका मुंह तोड़ जवाब दिया जायेगा। देश की आजादी के बाद पंजाब का इतिहास है कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई प्यार से रहे है। आज तक यहां दंगा फसाद की कोई घटना नहीं हुई है। कंगना रनोट को ज्यादा सीरियस लेने की कोई जरूरत नहीं है। सिमरनजीत सिंह मान की तरह गुस्सा गुस्सा नहीं करना चाहिए। फिल्म के लिए पहले SGPC से परमिशन लेनी चाहिए
हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से बीजेपी की सांसद कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी को लेकर चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा- जहां भी सिख इतिहास को लेकर दिखाया जाना है, उसके लिए पहले एसजीपीसी को फिल्म दिखाकर उनसे परमिशन ली जानी चाहिए थी। एसजीपीसी सिख समुदाय के लोगों की प्रमुख संस्था है। जिसके चलते ये परमिशन जरूरी थी। प्रोटोकॉल तो ये कहता है कि अगर उक्त फिल्म दिखानी ही थी तो पहले उन्हें अपनी फिल्म एसजीपीसी को दिखानी चाहिए थी। जिससे सिख धर्म को कोई दिक्कत न हो। एसजीपीसी ही डिसाइड करेगी और उनके सर्टिफिकेट के बाद ही फिल्म चल पाएगी। एसजीपीसी की बगैर परमिशन के बिना ना तो फिल्म चलेगी और ना ही चलने दी जाएगी।