हिमाचल प्रदेश में आज भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। यह चेतावनी ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिला को दी गई है। अन्य जिलों में हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग के अनुसार, कुछेक क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते है। इसे देखते हुए सरकार ने लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। प्रदेश में अगले तीन-चार दिन तक मानसून एक्टिव रहेगा। इस दौरान कुछेक क्षेत्रों में एक दो स्पैल भारी बारिश के हो सकते है। पहाड़ों पर इस बार मानसून में सामान्य से कम बारिश हुई है। खासकर जुलाई महीने में बहुत कम बादल बरसे है। अगस्त महीने में मानसून सामान्य बरस रहा है। 1 से 9 अगस्त तक सामान्य से 7 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है, लेकिन पूरे मानसून सीजन के दौरान यानी 1 जून से 9 अगस्त तक नॉर्मल से 28 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 445.7 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 321.8 मिलीमीटर बादल बरसे है। शिमला को छोड़कर एक भी जिला ऐसा नहीं है, जहां नॉर्मल से ज्यादा बारिश हुई हो। शिमला जिला में इस बार 403.9 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि नॉर्मल बारिश 388.5 मिमी होती है। प्रदेश में 145 सड़कें बंद प्रदेश में बीते दो दिन के दौरान हुई बारिश के कारण 145 सड़कें वाहनों के लिए बंद पड़ी है। इनमें शिमला जिला में सबसे ज्यादा 60 सड़कें बंद हैं। मंडी जोन में 45 सड़कें, हमीरपुर जोन में 30 और कांगड़ा जोन में 10 सड़कें बंद पड़ी है। 101 घर जमींदोज़ प्रदेश में इस मानसून सीजन के दौरान 101 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जबकि 209 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इस मानसून सीजन में 810 करोड़ रुपए की चल व अचल संपत्ति भी भारी बारिश की भेंट चढ़ी है। हिमाचल प्रदेश में आज भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। यह चेतावनी ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिला को दी गई है। अन्य जिलों में हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग के अनुसार, कुछेक क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते है। इसे देखते हुए सरकार ने लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। प्रदेश में अगले तीन-चार दिन तक मानसून एक्टिव रहेगा। इस दौरान कुछेक क्षेत्रों में एक दो स्पैल भारी बारिश के हो सकते है। पहाड़ों पर इस बार मानसून में सामान्य से कम बारिश हुई है। खासकर जुलाई महीने में बहुत कम बादल बरसे है। अगस्त महीने में मानसून सामान्य बरस रहा है। 1 से 9 अगस्त तक सामान्य से 7 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है, लेकिन पूरे मानसून सीजन के दौरान यानी 1 जून से 9 अगस्त तक नॉर्मल से 28 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 445.7 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 321.8 मिलीमीटर बादल बरसे है। शिमला को छोड़कर एक भी जिला ऐसा नहीं है, जहां नॉर्मल से ज्यादा बारिश हुई हो। शिमला जिला में इस बार 403.9 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि नॉर्मल बारिश 388.5 मिमी होती है। प्रदेश में 145 सड़कें बंद प्रदेश में बीते दो दिन के दौरान हुई बारिश के कारण 145 सड़कें वाहनों के लिए बंद पड़ी है। इनमें शिमला जिला में सबसे ज्यादा 60 सड़कें बंद हैं। मंडी जोन में 45 सड़कें, हमीरपुर जोन में 30 और कांगड़ा जोन में 10 सड़कें बंद पड़ी है। 101 घर जमींदोज़ प्रदेश में इस मानसून सीजन के दौरान 101 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जबकि 209 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इस मानसून सीजन में 810 करोड़ रुपए की चल व अचल संपत्ति भी भारी बारिश की भेंट चढ़ी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल की टूरिज्म इंडस्ट्री पर मस्जिद विवाद भारी:ऑनलाइन बुकिंग कैंसिल; चिंता में पर्यटन कारोबारी, 20% से नीचे गिरी होटल में ऑक्युपेंसी
हिमाचल की टूरिज्म इंडस्ट्री पर मस्जिद विवाद भारी:ऑनलाइन बुकिंग कैंसिल; चिंता में पर्यटन कारोबारी, 20% से नीचे गिरी होटल में ऑक्युपेंसी हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद के बाद बिगड़े माहौल की वजह से पर्यटन कारोबारी चिंतित है। खासकर शिमला, नारकंडा, कुफरी के पर्यटन स्थलों पर इस वजह से पर्यटक नहीं पहुंच पा रहे। जिन पर्यटकों ने 10 से 15 दिन पहले ऑनलाइन होटल की एडवांस बुकिंग करवा रखी थी, वह मौजूदा माहौल को देखते हुए अपनी बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं। शिमला के बाद अब प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी आए दिन मस्जिद विवाद में प्रदर्शन हो रहे हैं। इसका असर मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, कसौली इत्यादि पर्यटन स्थलों पर भी देखने को मिल सकता है। इसे देखते हुए पर्यटन व्यवसायी ने सरकार ने प्रदेश का आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। एडवांस बुकिंग कैंसिल: एमके सेठ शिमला होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहेंद्र कुमार सेठ ने बताया कि जो प्रोटेस्ट पिछले दिनों किया गया, इसका सीधा असर पर्यटन पर पड़ा है। होटल में लंबे वीकेंड पर एडवांस बुकिंग कैंसिल हुई है। होटल में पहले ही जुलाई से अभी तक न के बराबर ऑक्यूपेंसी थी। इस वीकेंड पर अच्छे टूरिस्ट आने की उम्मीद थी। मगर प्रोटेस्ट के चलते टूरिस्ट नहीं पहुंच रहा। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इसका समाधान जल्द करेगी, क्योंकि शिमला एक पर्यटन नगरी के साथ साथ सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी का इंतजाम करता है। यदि इस माहौल को जल्द शांत नहीं किया गया तो इसका असर नए साल तक नजर आएगा। नेशनल TV पर लाठीचार्ज, वाटर कैनन देख घबराए पर्यटक: अश्वनी शिमला के होटेलियर अश्वनी सूद ने बताया कि जिस तरह से नेशनल टीवी में वाटर कैनन और लाठीचार्च दिखाया जा रहा है। उससे पर्यटक डरे व सहमे हुए है और शिमला आने से कतरा रहा है। इसकी मार सीधे तौर पर टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ रही है। उन्होंने बताया कि 15 सितंबर तक 40 प्रतिशत से भी ज्यादा ऑक्युपेंसी हो जाती थी, लेकिन इस बार 20 प्रतिशत भी नहीं हो पाई। पूरे प्रदेश में होगा नुकसान : अनूप मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप ठाकुर ने बताया कि यदि मस्जिद विवाद जल्द शांत नहीं किया गया तो इसका असर पूरे प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर देखने को मिलेगा और पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस विवाद के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग प्रदेश आने से कतरा रहे हैं। 12 हजार करोड़ से ज्यादा का उद्योग बता दें कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का पर्यटन उद्योग का योगदान रहता है। राज्य में 4 लाख से ज्यादा परिवारों की रोजी-रोटी पर्यटन उद्योग पर निर्भर रहती है। प्रदेश की समृद्धि में सेब और टूरिज्म का सबसे बड़ा योगदान है। पर्यटकों के लिए पूरी तरह सेफ हिमाचल: CM मस्जिद विवाद में माहौल बिगड़ने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सर्वदलीय मीटिंग करके एक प्रस्ताव पास किया, जिसमें सभी दलों ने कहा, हिमाचल शांतिपूर्वक राज्य है। यहां हमेशा आपसी सद्भाव रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि आपसी भाईचारा बना रहे। प्रदेश टूरिज्म स्टेट है। हम यहां देश-विदेश के सभी पर्यटकों का स्वागत करते हैं।
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हिमाचल में 2 दिन बाद बारिश का अलर्ट:आज-कल खिलेगी धूप, तापमान में भारी उछाल, केलांग का पारा नॉर्मल से 9.3 डिग्री ज्यादा हिमाचल प्रदेश में 2 दिन बाद पश्चिमी विक्षोभ (WD) फिर से एक्टिव हो रहा है। इससे 25 और 26 सितंबर को प्रदेश के अधिकांश भागों में बारिश का पूर्वानुमान है। इसे देखते हुए मौसम विभाग (IMD) ने बुधवार को 8 जिलों और गुरुवार को 10 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। IMD के अनुसार, आज और कल 2 दिन धूप खिलेगी। प्रदेश में बीते 3 दिन से भी अच्छी धूप खिल रही है। इससे तापमान में भारी उछाल आया है। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस अधिक हो गया है। केलांग के तापमान में सबसे ज्यादा 9.3 डिग्री सेल्सियस का उछाल आया है। केलांग का तापमान 27.3 डिग्री सेल्सियस हो गया है। ऊना का तापमान भी नॉर्मल की तुलना में 3.1 डिग्री के उछाल के बाद 36.2 डिग्री, बिलासपुर का तापमान 3.6 डिग्री ज्यादा के साथ 35.1 डिग्री सेल्सियस हो गया है। पर्यटन स्थल शिमला-मनाली का पारा नॉर्मल से 2.9 डिग्री ज्यादा मशहूर पर्यटन स्थल शिमला का तापमान भी सामान्य से 2.9 डिग्री उछाल के बाद 26 डिग्री और मनाली का तापमान भी नॉर्मल से 2.9 डिग्री के उछाल के बाद 27 डिग्री सेल्सियस हो गया है। मानसून सीजन में सामान्य से 19% कम बारिश प्रदेश में इस मानसून सीजन में सामान्य से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक जून से 22 सितंबर के बीच 711.4 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार 573.8 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। बीते सप्ताह सामान्य से 48% कम बादल बरसे प्रदेश में बीते एक सप्ताह से कई जिलों में सूखे जैसी स्थिति बनी हुई है। प्रदेश में 15 से 22 सितंबर तक नॉर्मल बारिश 21.8 मिलीमीटर होती है, लेकिन इस बार 48 प्रतिशत कम यानी 11.3 मिलीमीटर बारिश हुई है। इस अवधि में कांगड़ा में सामान्य से 91 प्रतिशत कम, कुल्लू व लाहौल स्पीति में 66-66 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं।
हिमाचल के 2 उद्योगों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई:सिंबोइसिस फॉर्मा को 42 लाख की पैनल्टी; साई-टेक की बिजली काटने के निर्देश
हिमाचल के 2 उद्योगों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई:सिंबोइसिस फॉर्मा को 42 लाख की पैनल्टी; साई-टेक की बिजली काटने के निर्देश प्रदेश के इंडस्ट्रियल एरिया काला अंब में हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HPPCB) ने दो उद्योगों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। HPPCB ने सिंबोइसिस फॉर्मा पर 42 लाख रुपए की पैनल्टी लगाई है, जबकि साई टेक दवा उद्योग की बिजली काटने के निर्देश दिए गए हैं। HPPCB के एन्वायर्नमेंट इंजीनियर अतुल परमार ने बताया कि सिंबोइसिस फॉर्मा के ढाई-तीन साल से लगातार सैंपल फेल हो रहे थे। इसे देखते हुए फैक्ट्री प्रबंधन को बार बार नोटिस दिए गए। मगर उद्योग प्रबंधन ने एक बार भी जवाब नहीं दिया। एक्सपाइरी दवाईयों का ट्रैक्टर नदी में डालते हुए पकड़ा अतुल परमार ने बताया कि सिंबोइसिस फॉर्मा को HPPCB के सहायक अभियंता ने एक्सपायरी डेट की दवाइयों का ट्रैक्टर नदी में डालते हुए पकड़ा थी। SDO की रिपोर्ट के आधार पर और नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों के हिसाब से 42 लाख की पैनल्टी लगाई गई है। बोर्ड की कार्रवाई से उद्योग प्रबंधन में हड़कंप अतुल परमार ने बताया कि साई टेक कंपनी के भी तीन सैंपल फेल हुए है। इसे देखते हुए बिजली बोर्ड को साई टेक की बिजली काटने के निर्देश दिए गए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की इस कार्रवाई से उद्योग प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। दोनों दवा उद्योग एक ही व्यक्ति के बताए जा रहे हैं। NGT के आदेशों पर कार्रवाई बता दें कि औद्योगिक क्षेत्रों की नदियों व खड्डों के सैंपल बार बार फेल हो रहे हैं। इससे कई नदियों का पानी पीने लायक तो दूर खेतीबाड़ी में प्रयोग करने लायक भी नहीं बचा। इसे लेकर NGT कई बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी फटकार लगा चुका है। NGT के आदेशों पर प्रदेश की सभी नदियों व खड्डों में पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए HPPCB ने एक्शन प्लान बना रखे है और इस पर कार्रवाई जारी है। दवा उद्योगों पर की गई कार्रवाई भी इसी का हिस्सा है।