हरियाणा सरकार ने पुलिस डिपार्टमेंट में बड़ा फेरबदल किया है। सरकार की ओर से 42 HPS ऑफिसर्स की ट्रांसफर लिस्ट जारी की गई है। इनमें 4 एसीपी की भी जिम्मेदारी बदली गई है। फरीदाबाद, गुरुग्राम के डीएसपी को दूसरे जिलों में भेजा गया है। वहीं एचपीएस सुशील कुमार को आईआरबी के डीएसपी से हटाकर सीएम सिटी करनाल का डीएसपी बनाया गया है। पुलिस डिपार्टमेंट में इस बदलाव के ऑर्डर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम डिपार्टमेंट के अनुराग रस्तोगी की ओर से जारी किए गए हैं। इस ट्रांसफर लिस्ट में तीन डीएसपी को एसीबी में शामिल किया गया है। यहां देखें ट्रांसफर लिस्ट… हरियाणा सरकार ने पुलिस डिपार्टमेंट में बड़ा फेरबदल किया है। सरकार की ओर से 42 HPS ऑफिसर्स की ट्रांसफर लिस्ट जारी की गई है। इनमें 4 एसीपी की भी जिम्मेदारी बदली गई है। फरीदाबाद, गुरुग्राम के डीएसपी को दूसरे जिलों में भेजा गया है। वहीं एचपीएस सुशील कुमार को आईआरबी के डीएसपी से हटाकर सीएम सिटी करनाल का डीएसपी बनाया गया है। पुलिस डिपार्टमेंट में इस बदलाव के ऑर्डर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम डिपार्टमेंट के अनुराग रस्तोगी की ओर से जारी किए गए हैं। इस ट्रांसफर लिस्ट में तीन डीएसपी को एसीबी में शामिल किया गया है। यहां देखें ट्रांसफर लिस्ट… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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चरखी दादरी में शादी के एक सप्ताह बाद विवाहिता फरार:5.25 लाख कैश, लाखों के सोने-चांदी के जेवर ले गई; मायके आई थी
चरखी दादरी में शादी के एक सप्ताह बाद विवाहिता फरार:5.25 लाख कैश, लाखों के सोने-चांदी के जेवर ले गई; मायके आई थी हरियाणा के चरखी दादरी जिले के झोझू कलां पुलिस थाना के अंतर्गत आने वाले एक गांव से 27 वर्षीय महिला अपनी शादी के एक सप्ताह बाद अपने मायके से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई। महिला अपने मायके से करीब 5 लाख 25 हजार रुपए व ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा दिए गए गहने साथ ले गई। परिजनों ने पुलिस को शिकायत देकर लापता महिला की तलाश करने की गुहार लगाई है। सोमवार को झोझू कलां थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। झोझू कलां थाना पुलिस को दी शिकायत में एक गांव निवासी व्यक्ति ने बताया कि उसने अपनी बेटी की शादी बीते 20 मई को उसकी सहमति से राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक गांव निवासी व्यक्ति के साथ की थी। 25 मई को वह अपनी ससुराल से पिता के घर आई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि 27-28 मई की रात को घर से बिना बताए कहीं चली गई। इस दौरान वह अपने साथ ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा शादी के समय दिए गए गहने व पिता के घर से करीब सवा पांच लाख रुपए कैश भी अपने साथ ले गई। लापता महिला के पिता ने पुलिस को शिकायत देकर उसकी बेटी की तलाश करने की गुहार लगाई है जिसके आधार पर पुलिस ने आज गुमशुदगी का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा की 8 सीटों पर नेक-टू-नेक फाइट:3 सीटों पर 50 हजार से ज्यादा का मार्जिन; उचाना में जीत का अंतर सबसे कम
हरियाणा की 8 सीटों पर नेक-टू-नेक फाइट:3 सीटों पर 50 हजार से ज्यादा का मार्जिन; उचाना में जीत का अंतर सबसे कम हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए 5 अक्टूबर को हुई वोटिंग का रिजल्ट 8 अक्टूबर को डिक्लेयर हुआ। तीसरी बार हरियाणा में भाजपा की सरकार बनेगी। भाजपा इस बार 48 सीटें जीतकर बहुमत की सरकार बनाने वाली है। इस विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान कांग्रेस की लहर की चर्चा रही, लेकिन रिजल्ट में कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) और जननायक जनता पार्टी (JJP) का खाता भी नहीं खुला। हालांकि, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) 2 सीटें जीतने में कामयाब रही। वहीं, 3 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी सीटें निकाल ले गए। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में इस बार 8 सीटें ऐसी रहीं जहां प्रत्याशियों की जीत-हार का अंतर 2000 वोटों से भी कम रहा। इनमें पंचकूला, यमुनानगर, उचाना कलां, डबवाली, आदमपुर, लोहारू, दादरी और रोहतक शामिल हैं। वहीं, इस बार 3 ऐसी सीटें हैं, जहां प्रत्याशियों की जीत-हार का अंतर 50000 वोटों से ज्यादा रहा। इनमें गढ़ी सांपला किलोई, बादशाहपुर और गुरुग्राम शामिल हैं। हरियाणा की सभी 90 सीटों का जिलावाइज रिजल्ट…
गुरुग्राम BJP में टिकट को लेकर घमासान:जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित 150 से अधिक ने छोड़ी पार्टी; कांग्रेस में जाने की चर्चा
गुरुग्राम BJP में टिकट को लेकर घमासान:जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित 150 से अधिक ने छोड़ी पार्टी; कांग्रेस में जाने की चर्चा हरियाणा में बीजेपी कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी होने के बाद प्रदेशभर में भाजपाईयों में नाराजगी देखी जा रही है। पार्टी पदाधिकारी टिकट वितरण पर सवाल उठा रहे हैं, तो कई नेता पार्टी भी छोड़ रहे हैं। वहीं गुरुग्राम में टिकट की रेस में चल रहे जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित 150 से अधिक भाजपा नेताओं ने पार्टी को बाय-बाय बोल दिया है। वहीं कई अपने समर्थकों से डिस्कसन कर रहे हैं। जल्द ही कई अन्य भी पार्टी छोड़ हाथ के साथ हो सकते हैं। बीजेपी की पहली लिस्ट के बाद से उपजे विवाद से यह बात तो साफ हो गई कि जिन बाहरी नेताओं को प्रदेश की बागड़ोर सौंपी गई, उन्होंने अपना होमवर्क सही तरीके से नहीं किया। शायद बीजेपी में पहली बार उनके कार्यकर्ता खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं। जीएल शर्मा जल्द ही एक बड़ा प्रोग्राम कर कांग्रेस में शामिल होंगे। बीजेपी में जिस कदर की भगदड़ मची है, उसके चलते यह तो साफ है कि डैमेज कंट्रोल करना इतना आसान नहीं रहने वाला। गुरुग्राम से बीजेपी टिकट के दावेदार जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित उनके करीब 150 समर्थकों ने पार्टी को छोड़ने का ऐलान किया है। साथ ही इन्होंने टिकट वितरण पर सवालिया निशान लगाते हुए अपने नेताओं पर कई आरोप तक मढ़ दिए हैं। जीएल शर्मा ने बताया कि तीसरी बार दावेदारी थी, पार्टी का हर काम ईमानदारी से किया, मन उदास है, समर्थकों का प्रेशर है, इसलिए पार्टी छोड़ने जा रहे हैं। जल्द बड़ा प्रोग्राम कर कांग्रेस में शामिल होंगे। अब बागी बिगाड़ेंगे बीजेपी प्रत्याशी का खेल
गुरुग्राम सीट की बात करें तो यहां से बीजेपी ने मुकेश शर्मा को टिकट दिया है। नाराज नेताओं का आरोप है कि जिसने पार्टी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा और सीनियर नेताओं को अपशब्द कहते हुए पार्टी गाइड लाइन का उल्लंघन किया उसे टिकट देकर बीजेपी ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। वैश्य चेहरे नवीन गोयल ने बुधवार को कई किमी की पैदल यात्रा निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया उसे भी पार्टी नेताओं ने नजरअंदाज कर दिया। अब नवीन गोयल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर मुकेश शर्मा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसी प्रकार पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा ने भी समर्थकों की मीटिंग बुलाई है और वह भी टिकट वितरण से खासे नाराज हैं। समर्थकों से मंत्रणा पश्चात वह भी शायद पार्टी को बाय-बाय कह सकते हैं। भितरघात व नाराज वर्कर्स को मनाना आसान नहीं
गुरुग्राम ही नहीं बल्कि प्रदेश की दो दर्जन से अधिक विधानसभाओं में बीजेपी के टिकट दावेदार सड़क पर उतर गए हैं। लगातार इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव ताल ठोंक रहे हैं। इसके अलावा जो पार्टी नहीं छोड़ रहे उनका भी बीजेपी नेताओं से मोह भंग हो गया है। भले ही वह पार्टी में रहेंगे लेकिन यह साफ है कि वह बीजेपी प्रत्याशी का अंदरखाने किसी भी सूरत में सपोर्ट नहीं करेंगे। सालों से जो वर्कर्स पार्टी से जुड़े थे अब उनका सहयोग हासिल करना पार्टी के लिए बड़ा टॉस्क है। इसके चलते कई सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को भितरघात का डर सताने लगा है। यहां तक मौजूदा विधायक व संगठन पदाधिकारी भी अब अंदरखाने खेला करने में शायद पीछे नहीं रहेंगे। चुनाव प्रभारी व प्रदेश प्रभारी पर उठे सवाल
राजनैतिक जानकारों का कहना है कि दूसरे प्रदेश के नेताओं को प्रदेश प्रभारी, चुनाव प्रभारी सहित अन्य दायित्व भले ही दिए गए लेकिन उनका ना तो प्रदेश ना ही यहां के लोगों की समझ है। इन लोगों ने ग्राउंड स्तर पर काम भी नहीं किया। साथ ही प्रदेश के कुछ बीजेपी नेता अपने कद का दुरुपयोग करते हुए अपने समर्थकों के लिए खुलकर पैरवी कर रहे थे, लेकिन दूसरे प्रदेश के प्रभारी इन पर प्रेशर तक नहीं बना पाए। कारण भी साफ है कि प्रदेश के नेताओं के कद, उम्र व अनुभव में दूसरे प्रदेश के जिन नेताओं को दायित्व दिया गया वह उनके सामने अदने थे और उनका जरा भी विरोध नहीं कर पाए। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि भले ही वर्चस्व स्थापित करने के लिए नेताओं ने अपने समर्थकों को टिकट दिला दी, लेकिन अब जो भगदड़ मची है, उससे पार्टी का ही नुकसान होगा। जबकि लोकसभा चुनाव में भी सतीश पूनिया को प्रदेश की बागड़ोर सौंपी गई थी, लेकिन वह असफल साबित हुए और पार्टी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। नवीन गोयल अब निर्दलीय उतरेंगे चुनावी रण में
बीजेपी टिकट दावेदार नवीन गोयल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी ने जो भी जिम्मेदारी दी उसका ईमानदारी से निर्वहन किया। पार्टी का कद बढ़ाने के साथ उनकी नीतियों को घर-घर तक पहुंचाया। प्रदेश की रैलियों का सफल आयोजन कराया। 36 बिरादरी को पार्टी से जोड़ा बावजूद 11 साल मेहनत करने के साथ ही लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराईं, लेकिन उनकी उपेक्षा से अब मन उदास है। समर्थकों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का दबाव बनाया, सर्वे में नाम था बावजूद पता नहीं टिकट वितरण का क्या पैमाना था लेकिन अब लोगों की टिकट पर चुनावी रण में उतरेंगे। नवीन गोयल ने कहा कि लोगों के हित में उनका अभियान जारी रहेगा। जिसे टिकट दी वह ना तो धरातल पर सक्रिय थे ना ही लोगों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं थे।