जालंधर के नॉर्थ हलका वार्ड नंबर 62 के कांग्रेस नेता बंटी अरोड़ा की तरफ से पौधे वितरण कैंप लगाया गया। इस दौरान सैकड़ों लोगों को पौधे वितरित कर उनकी देखभाल किए जाने की अपील की गई। सोढल रोड पर एमसी मार्किट में आयोजित कैंप का उद्घाटन मुख्य अतिथि नॉर्थ हलका विधायक जूनियर अवतार हैनरी बावा ने किया। उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित करने की आवश्यकता है। पर्यावरण संरक्षण हम सभी की जिम्मेवारी है। पृथ्वी पर जल, जीवन हरियाली होगी तभी हमारे जीवन में खुशहाली होगी। प्रत्येक विशेष अवसर पर एक दूसरे को पौधा भी भेंट देना चाहिए, ताकि हमारी पृथ्वी जीवन के अनुकूल संसाधन से परिपूर्ण और हरी-भरी बनी रहे। यह लोग रहे उपस्थित इस मौके पर कांग्रेस नेता बंटी अरोड़ा ने कहा कि हम सभी को अपने पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए। स्वस्थ्य जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरण का होना जरूरी है। इस मौके पर प्रदीप शर्मा, रमित दत्ता, जसवंत सिंह, सोमनाथ शर्मा, तजिंदर सिंह, राकेश महाजन, राम जग्गी, बबलू खन्ना, मन्नी,मोहन सिंह, पवन जग्गी, बिट्टू विज, रोहित शर्मा, राकेश कुमार, वरिंदर कुमार, विजय, दिनेश, दर्शन सिंह, अजय आदि उपस्थित रहे। जालंधर के नॉर्थ हलका वार्ड नंबर 62 के कांग्रेस नेता बंटी अरोड़ा की तरफ से पौधे वितरण कैंप लगाया गया। इस दौरान सैकड़ों लोगों को पौधे वितरित कर उनकी देखभाल किए जाने की अपील की गई। सोढल रोड पर एमसी मार्किट में आयोजित कैंप का उद्घाटन मुख्य अतिथि नॉर्थ हलका विधायक जूनियर अवतार हैनरी बावा ने किया। उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित करने की आवश्यकता है। पर्यावरण संरक्षण हम सभी की जिम्मेवारी है। पृथ्वी पर जल, जीवन हरियाली होगी तभी हमारे जीवन में खुशहाली होगी। प्रत्येक विशेष अवसर पर एक दूसरे को पौधा भी भेंट देना चाहिए, ताकि हमारी पृथ्वी जीवन के अनुकूल संसाधन से परिपूर्ण और हरी-भरी बनी रहे। यह लोग रहे उपस्थित इस मौके पर कांग्रेस नेता बंटी अरोड़ा ने कहा कि हम सभी को अपने पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए। स्वस्थ्य जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरण का होना जरूरी है। इस मौके पर प्रदीप शर्मा, रमित दत्ता, जसवंत सिंह, सोमनाथ शर्मा, तजिंदर सिंह, राकेश महाजन, राम जग्गी, बबलू खन्ना, मन्नी,मोहन सिंह, पवन जग्गी, बिट्टू विज, रोहित शर्मा, राकेश कुमार, वरिंदर कुमार, विजय, दिनेश, दर्शन सिंह, अजय आदि उपस्थित रहे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में अधिकारियों और किसानों की बैठक:दिल्ली-कटरा हाईवे परियोजना की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास, इंजीनियर को पीटा गया था
पंजाब में अधिकारियों और किसानों की बैठक:दिल्ली-कटरा हाईवे परियोजना की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास, इंजीनियर को पीटा गया था पंजाब में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) परियोजनाओं को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच चल रहे विवादों के बाद अब समस्याओं को सुलझाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। शनिवार को अमृतसर ग्रामीण के एसएसपी चरणजीत सिंह की अध्यक्षता में एनएचएआई अधिकारियों और किसानों के साथ बैठक हुई। इस बैठक में अमृतसर के एसएसपी के अलावा गुरदासपुर, बठला और पठानकोट के डीएसपी अधिकारी मौजूद थे। एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों और किसानों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा गया। तीनों जिलों की पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने का आश्वासन दिया। पुलिस विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में भी इस तरह की समन्वय बैठकें जारी रहेंगी, ताकि एनएचएआई की परियोजनाएं समय पर और जल्द से जल्द पूरी हो सकें। प्रोजेक्ट्स को लेकर चल रहा केंद्र-राज्य के बीच विवाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर राज्य में चल रही परियोजनाओं पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था- मुझे हाल ही में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना पर हुई दो अलग-अलग घटनाओं के बारे में पता चला। परियोजना का जो हिस्सा जालंधर जिले में आता है, वहां काम कर रहे एक ठेकेदार के इंजीनियर को बेरहमी से पीटा गया। मैं इससे संबंधित एक तस्वीर भी भेज रहा हूं। इस घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई। गडकरी ने अपने पत्र में जिस दूसरी घटना का जिक्र किया है, वह लुधियाना जिले में हुई। यहां कुछ लोगों ने दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना के ठेकेदार के कैंप पर हमला किया। हमलावरों ने कैंप में मौजूद इंजीनियरों और कर्मचारियों को जिंदा जलाने की धमकी दी। इस मामले में एनएचएआई के अधिकारियों ने लिखित शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज की और न ही हमला करने वाले बदमाशों को पकड़ा। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने इन मामलों में तुरंत कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। प्रोजेक्ट बंद करने का अल्टीमेटम गडकरी ने अपने पत्र में लिखा- मुझे पता चला है कि पंजाब में हालात खराब होते जा रहे हैं। सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए कई ठेकेदार काम करने से मना कर रहे हैं। इसी तरह की घटनाओं के कारण केंद्र को पहले भी पंजाब में 104 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट बंद करने पड़े थे। 3263 करोड़ की लागत उन प्रोजेक्ट की कुल लागत 3263 करोड़ थी। अगर अब भी पंजाब सरकार एनएचएआई के काम में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो राज्य में 293 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट बंद करने पड़ेंगे। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट 14288 करोड़ का है। अगर इसे बंद करना पड़ा तो इस कॉरिडोर का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
कनाडा-भारत विवाद से इमिग्रेशन बिजनेस में 70% गिरावट:एक्सपर्ट बोले- वीजा में कमी नहीं, आवेदक कम हुए; ऑस्ट्रेलिया बना विकल्प
कनाडा-भारत विवाद से इमिग्रेशन बिजनेस में 70% गिरावट:एक्सपर्ट बोले- वीजा में कमी नहीं, आवेदक कम हुए; ऑस्ट्रेलिया बना विकल्प भारत और कनाडा के रिश्तों में आई खटास के कारण कई भारतीय इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि कूटनीतिक विवाद का इमिग्रेशन, वर्क और स्टूडेंट वीजा पर क्या असर होगा। क्या भविष्य में कनाडा के भारत से रिश्ते सुधरेंगे? क्या कनाडा फिर से उसी शिद्दत से वीजा देगा, जैसे पहले देता था या फिर कनाडा जाकर पढ़ाई करना भारतीय बच्चों के लिए सपना ही बना रहेगा? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ने देश के कई प्रमुख वीजा विशेषज्ञों से बात की और सभी तथ्यों को समझा। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा कूटनीतिक विवाद का सीधा असर वीजा नीतियों पर पड़ने की संभावना थी। लेकिन ऐसा नहीं है कि कनाडा वीजा नहीं दे रहा, कनाडा वीजा दे रहा है। लेकिन कनाडा जाने वाले बच्चे और उनके अभिभावक इस समय अपने बच्चों को कनाडा नहीं भेज रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण इस समय कनाडा और भारत के बीच चल रहा विवाद है। कनाडा में स्टडी वीजा अनुपात में 70 प्रतिशत की गिरावट
पिछले साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर कनाडा की धरती पर खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है और लगातार कर रहा है। जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक मतभेद पैदा हो गए। इसका सबसे बड़ा असर इमिग्रेशन इंडस्ट्री पर पड़ा है। कनाडा जाने वाले छात्रों की संख्या में करीब 70 प्रतिशत की गिरावट आई है। कनाडा जाने वाले लोगों में सबसे ज्यादा पंजाबी हैं। जिसके बाद हरियाणवी और गुजराती भी इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच विवाद के चलते कनाडा जाकर अपना भविष्य बनाने की चाहत रखने वाले छात्र कनाडा के बजाय कोई दूसरा विकल्प तलाशने लगे हैं। कनाडा के विकल्प के तौर पर कौन से देश छात्रों की पहली पसंद हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार कनाडा के वीज़ा में गिरावट सिर्फ़ दोनों देशों के बीच की कड़वाहट की वजह से है। साथ ही, दूसरी सबसे बड़ी वजह यह है कि कनाडा ने अपने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एडमिशन के लिए जीआईसी अकाउंट की राशि को दोगुना कर दिया है। ऐसे में भारतीय छात्र फिलहाल कनाडा के बजाय दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों की इस पर बिल्कुल अलग राय है।
विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी तरह के वीज़ा के मामले में कोई भी देश कनाडा जैसा काम नहीं कर सकता। क्योंकि कनाडा में पीआर जल्दी मिल जाता है और ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, न्यूज़ीलैंड, इंग्लैंड जैसे देशों में पीआर नहीं मिलता।
इसलिए कनाडा बच्चों की पहली पसंद है। लेकिन फिर अगर बच्चा कनाडा के अलावा कोई दूसरा विकल्प तलाशता है तो छात्रों की पहली पसंद ऑस्ट्रेलिया ही होती है। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई सरकार के वीज़ा नियम भारतीयों के लिए बहुत सख्त हैं। जिनका प्रोफ़ाइल साफ़ नहीं है, उनकी पसंद यूके, न्यूज़ीलैंड और अमेरिका है। आइलेट्स देने वाले बच्चों की संख्या में 50% से अधिक की गिरावट
विदेश में उच्च शिक्षा के लिए आइलेट्स (इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम) टेस्ट को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। सालाना कुल 48 परीक्षा तिथियां तय होती हैं। एक बार पेपर देने के लिए एक टेस्ट का खर्च करीब 17 हजार रुपये आता है। जिसे आईडीपी द्वारा आयोजित किया जाता है। हर साल लाखों बच्चे यह पेपर देते थे।
उक्त टेस्ट पास करने के बाद ही बच्चे कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, यूके, न्यूजीलैंड और अन्य देशों में जाकर पढ़ाई कर सकते थे। पिछले साल की तुलना में इस साल आइलेट्स देने वाले बच्चों की संख्या में 50% से अधिक की गिरावट आई है। पहले एक लाख बच्चे आइलेट्स पेपर देते थे और अब सिर्फ 45 से 48 हजार ही दे रहे हैं।
आइए जानते हैं कि इमिग्रेशन एक्सपर्ट की क्या राय है…. 1. दैनिक भास्कर ने कनाडा वीजा एक्सपर्ट के तौर पर सुमीत जैन से बातचीत की। सुमीत जैन पंजाब में कनाडा स्टूडेंट वीजा को लेकर बड़े स्तर पर काम करते हैं। कनाडा में इनका कई यूनिवर्सिटी के साथ टाई-अप है। पंजाब में वह जैन ओवरसीज के नाम से बड़ी इमिग्रेशन कंपनी चलाते हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में जैन ओवरसीज के डायरेक्टर सुमीत जैन ने कहा- कनाडा वीजा में गिरावट की सबसे बड़ी वजह वहां की सरकार द्वारा वीजा प्रोसेस में लगातार लाए जा रहे परिवर्तन है, इससे बच्चों का रुझान कम हो गया। भारत कनाडा विवाद की वजह से भी कुछ हद तक प्रभाव पड़ा है। जैन आगे बोले- इस वक्त इमिग्रेशन इंडस्ट्री के लिए काफी चुनौती पूर्ण समय है। इस वक्त बच्चों का रुझान 70 से 75 प्रतिशत तक डाउन जा चुका है। जैन ने आगे कहा- कनाडा में अलगे साल चुनाव होने वाले हैं, चुनाव के बाद कनाडा जाने वाले बच्चों की तादाद एक दम से बढ़ेगी। वहां के कॉलेज, यूनिवर्सिटियों द्वारा भी कनाडा के प्रधानमंत्री को लेटर लिखकर प्रधानमंत्री से सरकार द्वारा जारी किए गए आदेशों में संशोधन की मांग की है। जैन बोले- अब जो भी होगा पॉजिटिव ही होगा, नेगटिव जितना होना था, हो चुका है। 2. दैनिक भास्कर ने पंजाब की प्रमुख ट्रैवल एजेंसी त्रिवेदी ओवरसीज के डायरेक्टर सुकांत त्रिवेदी से कनाडा वीजा को लेकर अहम चर्चा की। सुकांत को इमिग्रेशन इंडस्ट्री में करीब 25 साल से ज्यादा का अनुभव है। अपने पूरे जीवन में वह लाखों बच्चों को कनाडा भेज चुके हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में इमिग्रेशन एक्सपर्ट सुकांत त्रिवेदी ने कहा- इस वक्त कनाडा की ओर छात्रों का रुझान बहुत कम है। ऐसा ट्रेंड पिछले करीब एक साल से देखने को मिल रहा है। इसके पीछा सिर्फ भारत कनाडा विवाद नहीं है, बल्कि कई कारण हैं। जिनमें सबसे प्रमुख कनाडा में काम की कमी, रहने के लिए महंगी जगह, अलगाववादियों को बढ़ावा दिया जाना और अन्य हैं। जिससे हालात ज्यादा खराब हुए। इसी से डरते हुए बच्चों और उनके परिवारों ने कनाडा से मुख मोड़ लिया है। आठ महीने पहले कनाडा सरकार ने जब बच्चों की जीआईसी दोगुनी कर दी, उससे भी काफी प्रभाव पड़ा है। पहले बच्चे का खर्च सिर्फ 14 से 15 लाख आता था, मगर अब यही खर्च बढ़कर 25 साल के करीब पहुंच गया है। आगे त्रिवेदी ने कहा- वीजा में कनाडा द्वारा कोई कमी नहीं दिखाई गई है। बच्चों के रुझान में कमी है। ये इन सभी के कारण हैं। 3. इंटरनेशनल एजुकेशन सर्विसेज एक मैनेजिंग डायरेक्टर हरसौरभ सिंह बजाज पंजाब की एक प्रमुख ट्रैवल एजेंसी चलाते हैं। जोकि ट्रैवल एजेंसी के साथ-साथ बच्चों को आइलेट्स सहित अन्य कोर्स भी करवाते हैं, जिन्हें करने के बाद बच्चा विदेश जाने के लिए योग्य होता है। दैनिक भास्कर से बातचीत में इंटरनेशनल एजुकेशन सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर हरसौरभ सिंह बजाज ने कहा- कनाडा ने अब से पहले उन बच्चों को भी वीजा दिया, जोकि कभी उसके योग्य भी नहीं थे। पिछले साल से लेकर अब तक उक्त वीजा प्रोसेस की वजह से एक बुरा प्रभाव पड़ा। बजाज ने आगे कहा- पिछले साल के मुकाबले इस साल सिर्फ 30 प्रतिशत बच्चे कनाडा जाना चाह रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण कनाडा में पढ़ाई और रहने का खर्च बहुत बढ़ गया है। जीआईसी डबल होने के कारण ऐसा हुआ।
जालंधर में किसान नेता नजरबंद किए गए:होशियारपुर में PM मोदी की रैली को लेकर फैसला, ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ता भी हाउस अरेस्ट
जालंधर में किसान नेता नजरबंद किए गए:होशियारपुर में PM मोदी की रैली को लेकर फैसला, ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ता भी हाउस अरेस्ट पंजाब के होशियारपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को लेकर जालंधर में पुलिस ने किसान नेता को नजरबंद किया है। मिली जानकारी के अनुसार थाना सदर की पुलिस ने द्वारा किसान यूनियन एकता सिंधूपुर के अध्यक्ष कुलविंदर सिंह मछ्याणा को उन्हीं के घर में नजरबंद किया गया है। ये कार्रवाई बुधवार को रात में ही कर दी गई थी। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि पीएम सिक्योरिटी में किसी प्रकार से किसान खलल न डाल सकें। इसी तरह ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं को भी उनके घरों पर दस्तक देकर पुलिस के पहरे में बिठा दिया गया है। किसान नेता कुलविंदर सिंह मचियाना ने कहा कि पंजाब की आप सरकार भारतीय जनता पार्टी के निर्देश पर किसानों को उनके घरों में बंद कर रही है। इससे साफ है कि केंद्र सरकार बेहद डरी हुई है और पुलिस किसानों की मांगें मानने की बजाय उन पर अत्याचार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को भी जालंधर दौरे के दौरान हिरासत में लिया गया था। जालंधर रैली के दौरान भी नजरबंद किए गए थे किसान बता दें कि बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जालंधर के पीएपी ग्राउंड में भव्य रैली थी। जहां उन्होंने पांच लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे थे। इस दौरान भारी मात्रा में किसानों ने पीएम का विरोध करने का ऐलान किया था। इस ऐलान के बाद पुलिस ने किसानों को घरों में नजर बंद कर दिया था। हालांकि जो किसान सड़कों पर उतरे, उन्हें परागपुर के पास रोक लिया गया था।