लखनऊ में कॉलगर्ल की सप्लाई कैश ऑन डिलीवरी:होटल और फ्लैट पर बुलाने के अलग रेट; वीडियो कॉल पर बात करने के 500 रुपए

लखनऊ में कॉलगर्ल की सप्लाई कैश ऑन डिलीवरी:होटल और फ्लैट पर बुलाने के अलग रेट; वीडियो कॉल पर बात करने के 500 रुपए

करीब 2 महीने पहले जून में लखनऊ के आशियाना में रहने वाले एक रिटायर्ड बैंक मैनेजर की फेसबुक से एक लड़की से दोस्ती होती है। धीरे-धीरे बात आगे बढ़ती है। एक-दूसरे के मोबाइल नंबर शेयर होते हैं। फिर एक दिन लड़की न्यूड वीडियो कॉल करती है। बस इसके बाद शुरू होता है ब्लैकमेलिंग का खेल। बुजुर्ग का कहना है, वह लड़की को सिर्फ फेसबुक से जानते हैं। कुछ दिन बात करने के बाद लड़की वीडियो कॉल पर न्यूड हो गई। उसने दो-तीन वीडियो भी बना लिए। फिर धमकी मिलने लगी। बुजुर्ग ने डर से हजारों रुपए उसको ट्रांसफर कर दिए। जब लड़की की मांग हद से ज्यादा बढ़ गई, तब बुजुर्ग ने पुलिस से शिकायत की। ऐसे केस न सिर्फ लखनऊ, पूरे यूपी में तेजी से बढ़ रहे हैं। ऑनलाइन ठगी और ऐसे रैकेट का दैनिक भास्कर की टीम ने स्टिंग किया। इसमें सामने आया कि लखनऊ में कॉलगर्ल की सप्लाई कैश ऑन डिलीवरी (COD) हो रही है। वॉट्सऐप पर एक मैसेज और लड़कियों की फोटो रेट-लिस्ट के साथ मिल जाएगी। जिस लड़की की फोटो को ओके किया, वो लखनऊ में बताई गई जगह पर आधे से एक घंटे में पहुंच जाएगी। लड़की को भेजने से पहले दलाल आपके फ्लैट के अंदर और बाहर की पूरी लोकेशन वीडियो कॉल पर देखेगा। लड़की पूरा पेमेंट लेगी, फिर कार से उतरेगी। इस रैकेट के अलावा दूसरा रैकेट है, वीडियो कॉल पर बातचीत का। तीसरा रैकेट ऑनलाइन लड़के सप्लाई करने का भी चल रहा है। इस सीरीज के पहले पार्ट में हमने बताया था कि लखनऊ के चारबाग में ऑटो स्टैंड की तरह कैसे सेक्स रैकेट चल रहा है? (अगर आपने पार्ट 1 नहीं पढ़ा है तो खबर के अंत में उसका लिंक है)। दूसरे पार्ट में ऑनलाइन चल रहे रैकेट और इससे ठगी के बारे में… दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने लखनऊ में एस्कॉर्ट सर्विस को लेकर इंटरनेट पर सर्च किया। तुरंत दर्जनों सर्विस प्रोवाइड करने वाली वेबसाइट सामने आ गईं। एक वेबसाइट पर क्लिक करते ही फ्लैश आता है, क्या आप 18 साल के हैं? जैसे ही हमने यस पर क्लिक किया तुरंत सब कुछ सामने आ गया। इन वेबसाइट पर लड़कियों की फोटो और उनके नाम थे। साथ ही उनसे चैट करने और वॉट्सऐप कॉल से बात करने की व्यवस्था थी। कुछ वेबसाइट ऐसी भी थीं, जिसके डिस्क्लेमर में लिखा था- एडवांस पेमेंट नहीं करें। अगर कर रहे हैं तो इसकी जिम्मेदारी आपकी है। साथ ही इस बात को लेकर भी क्लियर मैसेज था कि वॉट्सऐप के जरिए आपको ब्लैकमेल किया जा सकता है। हमने इन चीजों को देखने के बाद करीब 10 वेबसाइट खंगालीं और सेक्स वर्कर्स को मैसेज किया। ज्यादातर चैट का जवाब लड़कियों के दलालों ने दिया। 11 हजार रेट, 8 हजार में डील और लड़की को स्थान पर पहुंचाने का दावा हमने वेबसाइट से नंबर लेकर वॉट्सऐप पर मैसेज किया, जिसके बाद हमारी बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। दलाल ने एक साथ 18 फोटो भेज दिए। रिपोर्टर ने कहा, मेरा एक साथी है। उसके पास इस तरह के खूब केस हैं। मैं तुम्हारा नंबर उसे दे देता हूं, वही बात करके सब कुछ फाइनल करेगा। इसके बाद हमने दूसरे नंबर से चैटिंग शुरू कर दी। एक कस्टमर पर 1 हजार रुपए की दलाली
अब हमने इस सिंडिकेट के बीच में बिजनेस (ग्राहक देने के लिए) की पड़ताल की। उधर से वॉट्सऐप पर कॉल आ गया। दलाल ने अपना नाम प्रिंस यादव बताया। हमने कहा- मैं एक कंपनी में काम करता हूं। मेरे पास ऐसे बहुत सारे मामले आते हैं। रेट बताइए और मेरा कमीशन क्या रहेगा? इस पर दलाल ने कहा- हर केस पर 1 हजार रुपए कमीशन दूंगा। डील कम से कम 8 हजार में तय करवानी होगी। हमने दलाल से उसके धंधे के बारे में जानकारी चाही। दलाल ने कहा- जो भी लड़कियां हैं, सभी 20 साल के ऊपर की हैं। किसी की उम्र 30 के ऊपर नहीं होगी। अब कुछ समय बाद दलाल ने वॉट्सऐप से हमसे आज काम दिलवाने की बात कही। इसके बाद हमने कहा- एक कस्टमर है अपने पास। तुमने जो 18 लड़कियों की फोटो भेजी थी, उनमें से हमने एक चुनी है। आज एक कमता चौराहे पर भेज दो। उसने हामी भर दी। लड़की को भेजने से पहले वीडियो कॉल पर कमरा देखा
8 हजार में डील फाइनल होने के बाद उसने शाम को फोन किया और लोकेशन मांगी। साथ ही कहा- जिस व्यक्ति के लिए डील हुई है, अब उनका नंबर दे दीजिए। उन्हीं से बात होगी। यह हमारे लिए चुनौती थी कि अब किसे लाया जाए? हमने अपने एक साथी को तैयार किया, उसका नंबर दिया। उसने वीडियो कॉल से उसे देखा और फिर रूम देखा। इसके बाद दलाल लड़की भेजने के लिए तैयार हो गया। रात साढ़े 9 बजे लड़की वैगन-R कार से कमता चौराहे के पास बताई गई लोकेशन पर आ गई। हम वहां अपने साथी के साथ पहले से मौजूद थे। साथी ने वीडियो बनाना शुरू किया और हम गाड़ी के पास पहुंच गए। पहले पैसा भेजकर ठगी के शिकार हो गए
हमें एस्कॉर्ट सर्विस के जरिए ठगे गए दो लोग मिले। नाम और पहचान न उजागर करने की शर्त पर वह अपना किस्सा बताते हैं। कहते हैं- हमने वॉट्सऐप से संपर्क किया। उसने पहले 11 हजार रुपए बताए। मोल-भाव के बाद 6 हजार में डील तय हो गई। तभी दलाल ने कहा, एडवांस के रूप में 1 हजार रुपए भेज दीजिए। हमने दलाल को 1 हजार रुपए भेज दिए। कुछ देर बाद फिर फोन आया। कहा गया, एक किट आपके पास पहुंच रही है। उसमें तौलिया वगैरह होगी। उसने फोटो भी भेज दी और फिर से 1 हजार रुपए मांगे। हमने पहले मना किया। इस पर उसने कहा- पैसे नहीं देंगे, तो सर्विस नहीं मिलेगी। हमने भेज दिया। लेकिन इसके बाद न सर्विस मिली और न ही कोई किट हमारे पास पहुंची। दलाल ने भी फोन उठाना बंद कर दिया। लड़की सामने उतरी, लेकिन पैसा लेने के बाद भाग गई
लखनऊ की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे युवक ने बताया- मैंने वॉट्सऐप से एस्कॉर्ट सर्विस के लिए संपर्क किया। डील 8 हजार रुपए में फाइनल हुई। पहले 2 हजार रुपए एडवांस के मांगे गए। हमने ऑनलाइन पैसे भेज दिए। इसके बाद दलाल ने कहा- लड़की का कहना है, आधे पैसे यहां मिल जाएंगे तब हम जाएंगे। हमने 2 हजार रुपए और भेज दिए। लड़की कार से हमारी सोसाइटी में आ गई। मैं तीसरे फ्लोर की बालकनी में खड़ा था। कार से उतर कर लड़की ने मुझे वॉट्सऐप कॉल किया। कहा- बाकी के 4 हजार भेज दीजिए, ताकि ये गाड़ी वाले चले जाएं। हमें लगा कि अब तो लड़की यहां है, बाकी के 4 हजार भी भेज दिए। जैसे ही पैसा गया, वह लड़की गाड़ी में बैठी और भाग गई। मैं देखता रहा। फोन किया, तो गालियां दी गईं। अब हम यह जानेंगे कि कैसे लड़के लड़कियों को सर्विस के नाम पर अपने जाल में फंसा रहे.. इंटरनेट से नंबर, वॉट्सऐप पर लड़की बनकर चैटिंग: इंटरनेट से हमने लखनऊ में मेल एस्कॉर्ट सर्विस के बारे में सर्च किया। करीब 10 वेबसाइट सामने थीं। हमने एक वेबसाइट खोली। तमाम लड़कों की फोटो और नंबर मौजूद मिले। हमने एक लड़के को मैसेज किया। रिपोर्टर- हेलो, मुझे सर्विस चाहिए थी।
लड़काः आपका नाम क्या है, लोकेशन कहां है? रिपोर्टर- मेरा नाम शीलू है, मैं लखनऊ के गोमतीनगर में रहती हूं।
लड़काः आपको सर्विस मिल जाएगी। आप अपनी फोटो भेज दीजिए। रिपोर्टरः फोटो भेजा, पूछा- पैसा कितना लगेगा?
लड़का- हम आपसे पैसा नहीं लेंगे, आप सर्विस लीजिए फिर बताइएगा। रिपोर्टर- आपके ग्रुप में और लड़के हैं क्या, सर्विस के लिए चाहिए।
लड़काः जितना कहेंगी, उतना मिल जाएगा। हमारी पूरी टीम है। इसके बाद बातचीत आगे बढ़ी और लड़के ने अपनी फोटो भेजी। कुछ देर बाद हमने लड़के से बात करनी बंद कर दी। वसूली का यह तरीका भी आया सामने 500 रुपए में 45 मिनट वीडियो कॉल: हमारी पड़ताल में एक बात और सामने आई। कुछ लोगों ने वीडियो कॉल चैट को ही अपना प्रोफेशन बना लिया है। हमने इसकी पड़ताल की तो चौंकाने वाली बात सामने आई। हमने गूगल पर वीडियो कॉल करने के लिए सर्च किया। एक सर्च के बाद में करीब 10 वेबसाइट हमारे सामने खुल गईं। हमने एक वेबसाइट चुनी और दलाल से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। दलाल ने वीडियो कॉल से लेकर होटल और फ्लैट तक सर्विस देने की बात की। मैंने दलाल से केवल वीडियो कॉल से बात करने की इच्छा जताई। उसके बाद मेरे फोन पर 6 लड़कियों से वीडियो कॉल करने के लिए फोटो आ गए। फिर मैंने अपनी वीडियो सिक्योरिटी को लेकर बात की। दलाल ने आश्वस्त किया, आप निश्चिंत रहिए। दलाल ने 45 मिनट की वीडियो काल के लिए 500 रुपए की डिमांड की। इसके बाद हमारे पास दो कंपनी के UPI क्यूआर कोड का फोटो भेज दिया गया। उसने खुद को लखनऊ के कमता का रहने वाला और दफ्तर हजरतगंज इलाके में बताया। इसके बाद दलाल के द्वारा भेजे गए क्यूआर की हमने पड़ताल की। इसमें सामने आया कि एक क्यूआर कोड सुनीता देवी के नाम से जारी किया गया है। जब इस क्यूआर कोड को कंपनी से जनरेट करवाया गया था, उस समय इसमें झारखंड के सिबासई, गोइलकेरा जनपद वेस्ट सिंहभूम, झारखंड पिन- 833103 दर्ज है। 1 से 6 अगस्त के बीच इस खाते में 11 ट्रांजेक्शन हुए हैं। कौन लोग सबसे ज्यादा ट्रैप में फंस रहे
वॉट्सऐप कॉल के जरिए ठगी के मामलों को लेकर हमने पड़ताल की। इसमें सबसे ज्यादा वे लोग फंसे और पैसा दिया, जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है। कई सरकारी कर्मचारी भी इनके ट्रैप में फंसे। ये सभी वो लोग हैं, जिन्हें सोशल मीडिया की बहुत जानकारी नहीं है। सभी फेसबुक पर लड़कियों की फेक आईडी से फंसे। इस तरह के काम कर रहे लोगों में डर नजर नहीं आता। ये पुलिस अफसर से लेकर वकील तक को निशाना बना लेते हैं। जिन नंबरों का इस्तेमाल वीडियो कॉल के लिए करते हैं, वो किसी और के नाम से होता है। उस पर नॉर्मल कॉल नहीं की जा सकती। वॉट्सऐप के लिए भी ये वाई-फाई नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। लोकेशन हमेशा बंद होती है, इसलिए यह भी जान पाना मुश्किल होता है कि यह कहां से संचालित हो रहा है। सावधानी ही ऐसे मामलों में बचाव है अगले पार्ट में पढ़िए…लखनऊ के स्पा सेंटर्स में सेक्स रैकेट का स्टिंग ऑपरेशन पार्ट-1 में पढ़िए: लखनऊ में कैमरे पर कॉलगर्ल…1 घंटे के मांगे 800 रुपए:बोली- 300 होटल वाला लेगा, पुलिस सेट है; ऑटो स्टैंड की तरह चल रहा रैकेट ‘800 रुपए लगेंगे एक घंटे के…पंचमुखी होटल में चलना है। 300 रुपए होटल वाले को देना पड़ेगा। 500 रुपए मुझे मिल जाएंगे। अब इससे कम नहीं होगा। पुलिस की कोई दिक्कत नहीं है।’ चारबाग मेट्रो स्टेशन के नीचे खड़ी 25 साल की युवती ने भास्कर रिपोर्टर से यह सब कहा। लखनऊ में एक के बाद एक कई केस सामने आए, जहां सेक्स के नाम पर लोगों को ठगा गया। दैनिक भास्कर ने 10 दिन तक इस तरह के रैकेट की तहकीकात की। उनका तरीका समझा। इस पूरे धंधे का स्टिंग किया। पूरी खबर पढ़ें… करीब 2 महीने पहले जून में लखनऊ के आशियाना में रहने वाले एक रिटायर्ड बैंक मैनेजर की फेसबुक से एक लड़की से दोस्ती होती है। धीरे-धीरे बात आगे बढ़ती है। एक-दूसरे के मोबाइल नंबर शेयर होते हैं। फिर एक दिन लड़की न्यूड वीडियो कॉल करती है। बस इसके बाद शुरू होता है ब्लैकमेलिंग का खेल। बुजुर्ग का कहना है, वह लड़की को सिर्फ फेसबुक से जानते हैं। कुछ दिन बात करने के बाद लड़की वीडियो कॉल पर न्यूड हो गई। उसने दो-तीन वीडियो भी बना लिए। फिर धमकी मिलने लगी। बुजुर्ग ने डर से हजारों रुपए उसको ट्रांसफर कर दिए। जब लड़की की मांग हद से ज्यादा बढ़ गई, तब बुजुर्ग ने पुलिस से शिकायत की। ऐसे केस न सिर्फ लखनऊ, पूरे यूपी में तेजी से बढ़ रहे हैं। ऑनलाइन ठगी और ऐसे रैकेट का दैनिक भास्कर की टीम ने स्टिंग किया। इसमें सामने आया कि लखनऊ में कॉलगर्ल की सप्लाई कैश ऑन डिलीवरी (COD) हो रही है। वॉट्सऐप पर एक मैसेज और लड़कियों की फोटो रेट-लिस्ट के साथ मिल जाएगी। जिस लड़की की फोटो को ओके किया, वो लखनऊ में बताई गई जगह पर आधे से एक घंटे में पहुंच जाएगी। लड़की को भेजने से पहले दलाल आपके फ्लैट के अंदर और बाहर की पूरी लोकेशन वीडियो कॉल पर देखेगा। लड़की पूरा पेमेंट लेगी, फिर कार से उतरेगी। इस रैकेट के अलावा दूसरा रैकेट है, वीडियो कॉल पर बातचीत का। तीसरा रैकेट ऑनलाइन लड़के सप्लाई करने का भी चल रहा है। इस सीरीज के पहले पार्ट में हमने बताया था कि लखनऊ के चारबाग में ऑटो स्टैंड की तरह कैसे सेक्स रैकेट चल रहा है? (अगर आपने पार्ट 1 नहीं पढ़ा है तो खबर के अंत में उसका लिंक है)। दूसरे पार्ट में ऑनलाइन चल रहे रैकेट और इससे ठगी के बारे में… दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने लखनऊ में एस्कॉर्ट सर्विस को लेकर इंटरनेट पर सर्च किया। तुरंत दर्जनों सर्विस प्रोवाइड करने वाली वेबसाइट सामने आ गईं। एक वेबसाइट पर क्लिक करते ही फ्लैश आता है, क्या आप 18 साल के हैं? जैसे ही हमने यस पर क्लिक किया तुरंत सब कुछ सामने आ गया। इन वेबसाइट पर लड़कियों की फोटो और उनके नाम थे। साथ ही उनसे चैट करने और वॉट्सऐप कॉल से बात करने की व्यवस्था थी। कुछ वेबसाइट ऐसी भी थीं, जिसके डिस्क्लेमर में लिखा था- एडवांस पेमेंट नहीं करें। अगर कर रहे हैं तो इसकी जिम्मेदारी आपकी है। साथ ही इस बात को लेकर भी क्लियर मैसेज था कि वॉट्सऐप के जरिए आपको ब्लैकमेल किया जा सकता है। हमने इन चीजों को देखने के बाद करीब 10 वेबसाइट खंगालीं और सेक्स वर्कर्स को मैसेज किया। ज्यादातर चैट का जवाब लड़कियों के दलालों ने दिया। 11 हजार रेट, 8 हजार में डील और लड़की को स्थान पर पहुंचाने का दावा हमने वेबसाइट से नंबर लेकर वॉट्सऐप पर मैसेज किया, जिसके बाद हमारी बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। दलाल ने एक साथ 18 फोटो भेज दिए। रिपोर्टर ने कहा, मेरा एक साथी है। उसके पास इस तरह के खूब केस हैं। मैं तुम्हारा नंबर उसे दे देता हूं, वही बात करके सब कुछ फाइनल करेगा। इसके बाद हमने दूसरे नंबर से चैटिंग शुरू कर दी। एक कस्टमर पर 1 हजार रुपए की दलाली
अब हमने इस सिंडिकेट के बीच में बिजनेस (ग्राहक देने के लिए) की पड़ताल की। उधर से वॉट्सऐप पर कॉल आ गया। दलाल ने अपना नाम प्रिंस यादव बताया। हमने कहा- मैं एक कंपनी में काम करता हूं। मेरे पास ऐसे बहुत सारे मामले आते हैं। रेट बताइए और मेरा कमीशन क्या रहेगा? इस पर दलाल ने कहा- हर केस पर 1 हजार रुपए कमीशन दूंगा। डील कम से कम 8 हजार में तय करवानी होगी। हमने दलाल से उसके धंधे के बारे में जानकारी चाही। दलाल ने कहा- जो भी लड़कियां हैं, सभी 20 साल के ऊपर की हैं। किसी की उम्र 30 के ऊपर नहीं होगी। अब कुछ समय बाद दलाल ने वॉट्सऐप से हमसे आज काम दिलवाने की बात कही। इसके बाद हमने कहा- एक कस्टमर है अपने पास। तुमने जो 18 लड़कियों की फोटो भेजी थी, उनमें से हमने एक चुनी है। आज एक कमता चौराहे पर भेज दो। उसने हामी भर दी। लड़की को भेजने से पहले वीडियो कॉल पर कमरा देखा
8 हजार में डील फाइनल होने के बाद उसने शाम को फोन किया और लोकेशन मांगी। साथ ही कहा- जिस व्यक्ति के लिए डील हुई है, अब उनका नंबर दे दीजिए। उन्हीं से बात होगी। यह हमारे लिए चुनौती थी कि अब किसे लाया जाए? हमने अपने एक साथी को तैयार किया, उसका नंबर दिया। उसने वीडियो कॉल से उसे देखा और फिर रूम देखा। इसके बाद दलाल लड़की भेजने के लिए तैयार हो गया। रात साढ़े 9 बजे लड़की वैगन-R कार से कमता चौराहे के पास बताई गई लोकेशन पर आ गई। हम वहां अपने साथी के साथ पहले से मौजूद थे। साथी ने वीडियो बनाना शुरू किया और हम गाड़ी के पास पहुंच गए। पहले पैसा भेजकर ठगी के शिकार हो गए
हमें एस्कॉर्ट सर्विस के जरिए ठगे गए दो लोग मिले। नाम और पहचान न उजागर करने की शर्त पर वह अपना किस्सा बताते हैं। कहते हैं- हमने वॉट्सऐप से संपर्क किया। उसने पहले 11 हजार रुपए बताए। मोल-भाव के बाद 6 हजार में डील तय हो गई। तभी दलाल ने कहा, एडवांस के रूप में 1 हजार रुपए भेज दीजिए। हमने दलाल को 1 हजार रुपए भेज दिए। कुछ देर बाद फिर फोन आया। कहा गया, एक किट आपके पास पहुंच रही है। उसमें तौलिया वगैरह होगी। उसने फोटो भी भेज दी और फिर से 1 हजार रुपए मांगे। हमने पहले मना किया। इस पर उसने कहा- पैसे नहीं देंगे, तो सर्विस नहीं मिलेगी। हमने भेज दिया। लेकिन इसके बाद न सर्विस मिली और न ही कोई किट हमारे पास पहुंची। दलाल ने भी फोन उठाना बंद कर दिया। लड़की सामने उतरी, लेकिन पैसा लेने के बाद भाग गई
लखनऊ की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे युवक ने बताया- मैंने वॉट्सऐप से एस्कॉर्ट सर्विस के लिए संपर्क किया। डील 8 हजार रुपए में फाइनल हुई। पहले 2 हजार रुपए एडवांस के मांगे गए। हमने ऑनलाइन पैसे भेज दिए। इसके बाद दलाल ने कहा- लड़की का कहना है, आधे पैसे यहां मिल जाएंगे तब हम जाएंगे। हमने 2 हजार रुपए और भेज दिए। लड़की कार से हमारी सोसाइटी में आ गई। मैं तीसरे फ्लोर की बालकनी में खड़ा था। कार से उतर कर लड़की ने मुझे वॉट्सऐप कॉल किया। कहा- बाकी के 4 हजार भेज दीजिए, ताकि ये गाड़ी वाले चले जाएं। हमें लगा कि अब तो लड़की यहां है, बाकी के 4 हजार भी भेज दिए। जैसे ही पैसा गया, वह लड़की गाड़ी में बैठी और भाग गई। मैं देखता रहा। फोन किया, तो गालियां दी गईं। अब हम यह जानेंगे कि कैसे लड़के लड़कियों को सर्विस के नाम पर अपने जाल में फंसा रहे.. इंटरनेट से नंबर, वॉट्सऐप पर लड़की बनकर चैटिंग: इंटरनेट से हमने लखनऊ में मेल एस्कॉर्ट सर्विस के बारे में सर्च किया। करीब 10 वेबसाइट सामने थीं। हमने एक वेबसाइट खोली। तमाम लड़कों की फोटो और नंबर मौजूद मिले। हमने एक लड़के को मैसेज किया। रिपोर्टर- हेलो, मुझे सर्विस चाहिए थी।
लड़काः आपका नाम क्या है, लोकेशन कहां है? रिपोर्टर- मेरा नाम शीलू है, मैं लखनऊ के गोमतीनगर में रहती हूं।
लड़काः आपको सर्विस मिल जाएगी। आप अपनी फोटो भेज दीजिए। रिपोर्टरः फोटो भेजा, पूछा- पैसा कितना लगेगा?
लड़का- हम आपसे पैसा नहीं लेंगे, आप सर्विस लीजिए फिर बताइएगा। रिपोर्टर- आपके ग्रुप में और लड़के हैं क्या, सर्विस के लिए चाहिए।
लड़काः जितना कहेंगी, उतना मिल जाएगा। हमारी पूरी टीम है। इसके बाद बातचीत आगे बढ़ी और लड़के ने अपनी फोटो भेजी। कुछ देर बाद हमने लड़के से बात करनी बंद कर दी। वसूली का यह तरीका भी आया सामने 500 रुपए में 45 मिनट वीडियो कॉल: हमारी पड़ताल में एक बात और सामने आई। कुछ लोगों ने वीडियो कॉल चैट को ही अपना प्रोफेशन बना लिया है। हमने इसकी पड़ताल की तो चौंकाने वाली बात सामने आई। हमने गूगल पर वीडियो कॉल करने के लिए सर्च किया। एक सर्च के बाद में करीब 10 वेबसाइट हमारे सामने खुल गईं। हमने एक वेबसाइट चुनी और दलाल से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। दलाल ने वीडियो कॉल से लेकर होटल और फ्लैट तक सर्विस देने की बात की। मैंने दलाल से केवल वीडियो कॉल से बात करने की इच्छा जताई। उसके बाद मेरे फोन पर 6 लड़कियों से वीडियो कॉल करने के लिए फोटो आ गए। फिर मैंने अपनी वीडियो सिक्योरिटी को लेकर बात की। दलाल ने आश्वस्त किया, आप निश्चिंत रहिए। दलाल ने 45 मिनट की वीडियो काल के लिए 500 रुपए की डिमांड की। इसके बाद हमारे पास दो कंपनी के UPI क्यूआर कोड का फोटो भेज दिया गया। उसने खुद को लखनऊ के कमता का रहने वाला और दफ्तर हजरतगंज इलाके में बताया। इसके बाद दलाल के द्वारा भेजे गए क्यूआर की हमने पड़ताल की। इसमें सामने आया कि एक क्यूआर कोड सुनीता देवी के नाम से जारी किया गया है। जब इस क्यूआर कोड को कंपनी से जनरेट करवाया गया था, उस समय इसमें झारखंड के सिबासई, गोइलकेरा जनपद वेस्ट सिंहभूम, झारखंड पिन- 833103 दर्ज है। 1 से 6 अगस्त के बीच इस खाते में 11 ट्रांजेक्शन हुए हैं। कौन लोग सबसे ज्यादा ट्रैप में फंस रहे
वॉट्सऐप कॉल के जरिए ठगी के मामलों को लेकर हमने पड़ताल की। इसमें सबसे ज्यादा वे लोग फंसे और पैसा दिया, जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है। कई सरकारी कर्मचारी भी इनके ट्रैप में फंसे। ये सभी वो लोग हैं, जिन्हें सोशल मीडिया की बहुत जानकारी नहीं है। सभी फेसबुक पर लड़कियों की फेक आईडी से फंसे। इस तरह के काम कर रहे लोगों में डर नजर नहीं आता। ये पुलिस अफसर से लेकर वकील तक को निशाना बना लेते हैं। जिन नंबरों का इस्तेमाल वीडियो कॉल के लिए करते हैं, वो किसी और के नाम से होता है। उस पर नॉर्मल कॉल नहीं की जा सकती। वॉट्सऐप के लिए भी ये वाई-फाई नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। लोकेशन हमेशा बंद होती है, इसलिए यह भी जान पाना मुश्किल होता है कि यह कहां से संचालित हो रहा है। सावधानी ही ऐसे मामलों में बचाव है अगले पार्ट में पढ़िए…लखनऊ के स्पा सेंटर्स में सेक्स रैकेट का स्टिंग ऑपरेशन पार्ट-1 में पढ़िए: लखनऊ में कैमरे पर कॉलगर्ल…1 घंटे के मांगे 800 रुपए:बोली- 300 होटल वाला लेगा, पुलिस सेट है; ऑटो स्टैंड की तरह चल रहा रैकेट ‘800 रुपए लगेंगे एक घंटे के…पंचमुखी होटल में चलना है। 300 रुपए होटल वाले को देना पड़ेगा। 500 रुपए मुझे मिल जाएंगे। अब इससे कम नहीं होगा। पुलिस की कोई दिक्कत नहीं है।’ चारबाग मेट्रो स्टेशन के नीचे खड़ी 25 साल की युवती ने भास्कर रिपोर्टर से यह सब कहा। लखनऊ में एक के बाद एक कई केस सामने आए, जहां सेक्स के नाम पर लोगों को ठगा गया। दैनिक भास्कर ने 10 दिन तक इस तरह के रैकेट की तहकीकात की। उनका तरीका समझा। इस पूरे धंधे का स्टिंग किया। पूरी खबर पढ़ें…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर