जालंधर | टेंडर घोटाले को लेकर दर्ज किए गए मनी लॉन्डरिंग के केस में अरेस्ट किए गए पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। ईडी ने सोमवार को 5 दिन का रिमांड खत्म होने पर आशु को स्पेशल कोर्ट में पेश किया। ईडी ने कोर्ट से और रिमांड की मांग नहीं की। इसके बाद आशु को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। उन्हें 23 अगस्त को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी के एक अधिकारी ने कहा, जांच पूरी हो चुकी है। ईडी जल्द ही चार्जशीट कोर्ट में फाइल कर देगी। ईडी ने आशु से जुड़े लोगों से पूछताछ की है। बता दें कि टेंडर घोटाले को लेकर ईडी ने मनी लॉन्डरिंग में जांच शुरु की थी।। ईडी ने एक अगस्त को आशु को गिरफ्तार कर लिया था। जालंधर | टेंडर घोटाले को लेकर दर्ज किए गए मनी लॉन्डरिंग के केस में अरेस्ट किए गए पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। ईडी ने सोमवार को 5 दिन का रिमांड खत्म होने पर आशु को स्पेशल कोर्ट में पेश किया। ईडी ने कोर्ट से और रिमांड की मांग नहीं की। इसके बाद आशु को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। उन्हें 23 अगस्त को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी के एक अधिकारी ने कहा, जांच पूरी हो चुकी है। ईडी जल्द ही चार्जशीट कोर्ट में फाइल कर देगी। ईडी ने आशु से जुड़े लोगों से पूछताछ की है। बता दें कि टेंडर घोटाले को लेकर ईडी ने मनी लॉन्डरिंग में जांच शुरु की थी।। ईडी ने एक अगस्त को आशु को गिरफ्तार कर लिया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मोगा में पुलिस-बदमाशों के बीच मुठभेड़:3 गिरफ्तार, 2 को लगी गोली, लूट की कार बरामद; कई वारदातों को दिए थे अंजाम
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पटियाला में अकाल तख्त की बनाई समिति की मीटिंग:शिअद की मेंबरशिप-लीडरशिप को लेकर चर्चा; SAD ने कमेटी को मानने से किया था इंकार श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह द्वारा गठित सात सदस्यीय समिति की पहली बैठक आज पटियाला में होने जा रही है। इस समिति का मुख्य उद्देश्य शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की नई सदस्यता प्रक्रिया की निगरानी करना है। समिति के सदस्यों में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर किरपाल सिंह बडूंगर, इकबाल सिंह झूंडा, मनप्रीत सिंह अयाली, गुरप्रताप सिंह वडाला, संता सिंह उमेदपुरी, और सतवंत कौर शामिल हैं। हालांकि, शिअद ने कानूनी अड़चनों का हवाला देते हुए इस सात सदस्यीय समिति को मान्यता देने से इनकार किया था, लेकिन श्री अकाल तख्त साहिब की सख्ती के बाद इसे लेकर हलचल शुरू हुई है। 2 दिसंबर को गठित की गई थी कमेटी 2 दिसंबर 2024 को, अकाल तख्त साहिब ने शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और अन्य नेताओं को धार्मिक सजा सुनाई थी, जिसके बाद पार्टी के नेतृत्व में बदलाव के लिए इस समिति का गठन किया गया था। समिति को छह महीने के भीतर सदस्यता प्रक्रिया पूरी करने और पार्टी के नए अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों का चयन करने का निर्देश दिया गया है। 28 जनवरी की बैठक स्थगित अकाल तख्त साहिब ने 28 जनवरी 2025 को ‘सिंह साहिबान’ की बैठक बुलाई थी। जिसमें शिअद के पुनर्गठन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जानी थी। लेकिन, ज्ञानी रघबीर सिंह की व्यस्थता के कारण इस बैठक को रद्द कर दिया गया था। फिलहाल पांच सिंह साहिबानों की बैठक ज्ञानी रघबीर सिंह के विदेश से लौटने के बाद ही संभव हो पाएगी। समिति की आज की बैठक में सदस्यता अभियान की प्रगति, पार्टी के आंतरिक सुधार, और आगामी नेतृत्व चुनावों के लिए रणनीतियों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

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