फाजिल्का में पाकिस्तान के नंबरों से लोगों को फोन कॉल आ रहे हैं l जिस दौरान उन्हें धमकाया जा रहा है l आज भी फाजिल्का की दाना मंडी के नजदीक फ्रूट विक्रेता को पाकिस्तान के नंबर से फोन आया l जिसने बोला कि तुम्हारे लड़के को हमने गिरफ्तार कर लिया है l हम सीआईए स्टाफ से बोल रहे हैं l घबराए व्यक्ति ने तुरंत फोन काटकर दुबई में रह रहे अपने बेटे से बात की तो पता चला कि फोन कॉल फेक थी l जानकारी देते हुए विनोद कुमार ने बताया कि वह फाजिल्का की दाना मंडी के गेट के सामने फ्रूट बेचता है l आज उसे अचानक पाकिस्तान के नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई। उसने कॉल रिसीव की तो कॉल करने वाला व्यक्ति बोला कि हम सीआईए स्टाफ से बोल रहे हैं l तुम्हारे कितने बच्चे हैं l वह घबरा गए और उन्होंने अपने परिवार की सारी जानकारी उसे दे दी l इसके बाद कॉल करने वाले ने कहा कि आपके बेटे को हमने गिरफ्तार कर लिया है l उन्होंने घबराहट में तुरंत फोन काट अपने बेटे को फोन लगाया l जो दुबई में निजी कंपनी में काम कर रहा है l बेटे से बात के बाद उन्हें पता चला कि यह फर्जी कॉल थीl फिलहाल विनोद ने सरकार व प्रशासन से ऐसी फेक फोन कॉल्स को बंद करवाने की मांग की है l उन्होंने कहा कि अचानक आने वाले ऐसे कॉल की वजह से लोग घबरा जाते हैं l प्रशासन में सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है l फाजिल्का में पाकिस्तान के नंबरों से लोगों को फोन कॉल आ रहे हैं l जिस दौरान उन्हें धमकाया जा रहा है l आज भी फाजिल्का की दाना मंडी के नजदीक फ्रूट विक्रेता को पाकिस्तान के नंबर से फोन आया l जिसने बोला कि तुम्हारे लड़के को हमने गिरफ्तार कर लिया है l हम सीआईए स्टाफ से बोल रहे हैं l घबराए व्यक्ति ने तुरंत फोन काटकर दुबई में रह रहे अपने बेटे से बात की तो पता चला कि फोन कॉल फेक थी l जानकारी देते हुए विनोद कुमार ने बताया कि वह फाजिल्का की दाना मंडी के गेट के सामने फ्रूट बेचता है l आज उसे अचानक पाकिस्तान के नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई। उसने कॉल रिसीव की तो कॉल करने वाला व्यक्ति बोला कि हम सीआईए स्टाफ से बोल रहे हैं l तुम्हारे कितने बच्चे हैं l वह घबरा गए और उन्होंने अपने परिवार की सारी जानकारी उसे दे दी l इसके बाद कॉल करने वाले ने कहा कि आपके बेटे को हमने गिरफ्तार कर लिया है l उन्होंने घबराहट में तुरंत फोन काट अपने बेटे को फोन लगाया l जो दुबई में निजी कंपनी में काम कर रहा है l बेटे से बात के बाद उन्हें पता चला कि यह फर्जी कॉल थीl फिलहाल विनोद ने सरकार व प्रशासन से ऐसी फेक फोन कॉल्स को बंद करवाने की मांग की है l उन्होंने कहा कि अचानक आने वाले ऐसे कॉल की वजह से लोग घबरा जाते हैं l प्रशासन में सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है l पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में ससुर ने की बहू की हत्या:लव मैरिज किए जाने से नाराजगी, विदेश गया पति, 8 महीने पहले हुई शादी अमृतसर के गांव पंडरी वड़ैच में एक ससुर ने बहू का कत्ल कर दिया। ससुराल वाले उसकी लव मैरिज से नाराज थे। फिलहाल पुलिस ने हत्यारोपी ससुर को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की तफ्तीश शुरु कर दी है। गांव काले नंगल के गुरप्रीत सिंह ने बताया कि वो मृतक महिला राजविंदर कौर का जीजा है। राजविंदर की आठ महीने पहले पंडोरी के ही गोरा नामक युवक के साथ लव मैरिज हुई थी। शादी से राजविंदर के ससुराल वाले नाराज थे। अक्सर वो उसके साथ लड़ाई झगड़ा करते थे। शादी के कुछ समय बाद ही गोरा दुबई चला गया और राजविंदर के ससुराल वाले उसे तंग परेशान करते थे। अक्सर ही उनमें झगड़ा होता था और उसके साथ मार पीट की जाती थी। परिजनों को दी गई रसोई में गिरने की सूचना गुरप्रीत सिंह ने बताया कि, कल देर रात भी राजविंदर कौर के परिजनों को सूचना दी गई कि उनकी बेटी राजविंदर कौर रसोई में गिर गई है और उसकी मौत हो गई है। जिसके बाद वो सब मौके पर पहुंचे तो देखा कि उसके गले पर निशान थे। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, कल राजविंदर का अपने ससुर के साथ झगड़ा हुआ था जिसके बार ससुर ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। फिलहाल आरोपी ससुर अम्बा को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। मामले में जो भी कोई ओर आरोपी होगा उसके खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
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जालंधर में जोड़-तोड़ से बनेगा मेयर:नेताओं की अनदेखी AAP को भारी पड़ी, 3 विधायक के क्षेत्र में सेंधमारी, मेयर के दावेदार भी हारे जालंधर में नगर निगम चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं। इस बार चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। बहुमत का आंकड़ा 43 था, लेकिन आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा 38 सीटें मिलीं। जिसके बाद 25 पार्षद के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही। वहीं, तीसरे नंबर पर बीजेपी रही, जिसके 19 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। शहर के कुल 85 वार्डों में चुनाव हुए, जिसमें सिर्फ 50.27 फीसदी वोट पड़े। यह वोट प्रतिशत पिछले चुनाव से करीब 11 फीसदी कम है। खास बात यह रही कि आम आदमी पार्टी से टिकट न मिलने से नाराज तरसेम सिंह लखोत्रा ने निर्दलीय चुनाव जीत लिया। ऐसे में अब आप लखोत्रा को आम आदमी पार्टी में शामिल करना चाहेगी। क्योंकि फिलहाल आम आदमी पार्टी बहुमत के आंकड़े से काफी दूर है। आप को यह नुकसान इसलिए भी हुआ, क्योंकि आप के दर्जनों पूर्व नेताओं ने पार्षद चुनाव की तैयारी पहले ही शुरू कर दी थी। लेकिन बाद में उन्हें टिकट नहीं मिला। जिसके चलते आप को भी नुकसान उठाना पड़ा। वहीं जिन लोगों को टिकट नहीं मिला, उन्होंने या तो निर्दलीय चुनाव लड़ा या फिर आप के वोट काटे। जिसके कारण आप को भारी नुकसान हुआ और वह बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई। मंत्री भगत के अलावा 3 विधानसभा क्षेत्रों में नहीं चला मौजूदा विधायकों का जादू अगर जालंधर नगर निगम चुनाव को शहर के चार विधानसभा क्षेत्रों के संदर्भ में देखा जाए तो जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक और कैबिनेट मंत्री मोहिंदर भगत के अलावा किसी भी पार्टी का कोई भी विधायक अपने क्षेत्र की सीट नहीं बचा पाया। भगत के विधानसभा क्षेत्र में कुल 24 वार्ड हैं, जिनमें से आप ने 10 और भाजपा ने 8 सीटें जीतीं। दूसरी ओर, जालंधर कैंट में कांग्रेस के विधायक परगट सिंह हैं। जहां कांग्रेस को सिर्फ 4 सीटों पर बढ़त मिली और आम आदमी पार्टी ने 8 सीटें जीतीं। इसी तरह, जालंधर सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में कुल 23 वार्ड हैं, जिनमें से कांग्रेस ने 10 सीटें जीतीं। सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा हैं। जो सिर्फ 9 सीटें जीत पाए। अंत में, जालंधर नॉर्थ में आम आदमी पार्टी ने कुल 11 सीटें जीतीं। नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक बावा हेनरी हैं। जो अपने क्षेत्र में सिर्फ 7 सीटें ही जीत पाए। बहुमत के लिए नेताओं की जरूरत आप को बहुमत के लिए फिलहाल करीब 5 और नेताओं की जरूरत है। ऐसे में उन्हें निर्दलीय उम्मीदवारों और विपक्ष पर निर्भर रहना पड़ेगा। विपक्ष समर्थन के लिए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का पद मांग सकता है। इसके बाद ही आप अपना मेयर बना पाएगी। फिलहाल 38 सीटें जीतने वाली आप के नेता निर्दलीय उम्मीदवारों को मनाने में जुटे हैं। सीएम मान और 3 मंत्री मिलकर नहीं करा पाए बहुमत का आंकड़ा पार राज्य के सीएम सरदार भगवंत सिंह मान, पंजाब आप प्रमुख और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और मंत्री मोहिंदर भगत ने शहर के हर हलके में प्रचार किया और शहर की जनता से कई वादे किए। लेकिन जब नतीजे आए तो हालात कुछ और ही थे। सीएम मान, मंत्री अरोड़ा, ईटीओ और भगत मिलकर भी बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाए। जिसके चलते अब मेयर चुनने के लिए विपक्ष की जरूरत पड़ गई है। हालांकि मोहिंदर भगत अपने हलके में 10 सीटें जीतने में कामयाब रहे। आप के मेयर पद के सभी दावेदार चुनाव हारे आम आदमी पार्टी में मेयर बनने की चाह में शामिल हुए तीन प्रमुख नेता पार्षद तक नहीं बन पाए। सबसे पहला नाम इसमें कांग्रेस के मेयर रहे जगजीत राज राजा और उनकी पत्नी का है। जालंधर सेंट्रल हलके से कांग्रेस के पूर्व विधायक राजिंदर बेरी से विवाद को लेकर राजा ने अपनी पत्नी के साथ आदमी पार्टी जॉइन कर ली थी। राजा का लगभग मेयर बनना तय था। मगर वह अपनी पार्षदी तक नहीं बचा पाए। ऐसे ही हरसिमरनजीत सिंह बंटी ने भी किया था। बंटी मेयर पद के प्रबल दावेदार थे। जिन्होंने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी जॉइन की थी। वार्ड-44 से चुनाव लड़े और हार गए।
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पंजाब की मांग ठुकरा सकती है केंद्र सरकार:पराली जलाने से रोकने के लिए मांगे 1200 करोड़; कहा- हरियाणा की तरह बजट निकाले भारत सरकार ने पंजाब सरकार की उस मांग को खारिज कर सकती है, जिसमें राज्य ने पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए 1200 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि की आवश्यकता बताई थी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा सरकार की तरह ही अपने बजट से किसानों को प्रोत्साहन दे सकती है। ताकि पराली जलाने को नियंत्रित किया जा सके। दिल्ली-एनसीआर की खराब हवा का विशेषकर अक्टूबर-दिसंबर के दौरान एक मुख्य कारण पराली जलना ही है। केंद्र का जवाब था, यह बताना महत्वपूर्ण है कि हरियाणा सरकार अपने बजट से रेड जोन पंचायतों के लिए शून्य पराली जलाने की दिशा में 1,00,000 रुपए और येलो जोन पंचायतों को 50,000 रुपए का प्रोत्साहन दे रही है। इसके अलावा, ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत वैकल्पिक फसलों की ओर रुख करने के लिए प्रति एकड़ 7,000 रुपए और धान की सीधी बुवाई के लिए प्रति एकड़ 4,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। इन कदमों से राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। केंद्र के पास स्पष्ट जवाब देने के लिए एक सप्ताह पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को पंजाब सरकार की 1200 करोड़ रुपए की मांग पर दो सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया था। पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने तब जोर देकर कहा था कि किसानों पर जुर्माना लगाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। अधिकांश किसान छोटी जमीनों के मालिक हैं और उन्हें प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। वहीं, केंद्र को अब एक बार फिर से एक सप्ताह का निर्णय लेने का और समय दिया गया है। लेकिन, केंद्र के जवाब से साफ हो रहा है कि भारत सरकार पंजाब की मांग को मानने के हक में नहीं है। पंजाब ने पुराने प्रोपोजल को फिर पेश किया केंद्र ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब सरकार का प्रस्ताव उसी प्रस्ताव की कॉपी है, जो जुलाई 2022 में प्रस्तुत किया गया था। इसे केवल ऑपरेशनल खर्च के नाम पर फिर से पेश किया गया है। जिसमें ट्रैक्टर किराए पर लेने, डीजल, और जनशक्ति के खर्च शामिल हैं। केंद्र के अनुसार, कृषि विभाग पहले से ही राज्य सरकार का समर्थन कर रहा है और किसानों को पराली प्रबंधन मशीनें खरीदने के लिए 50% सब्सिडी दी जा रही है। सीआरएम (फसल अवशेष प्रबंधन) मशीनों के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर्स पर 80% सब्सिडी दी गई है। इसके अलावा, पराली आपूर्ति श्रृंखला परियोजनाओं पर 65% सब्सिडी प्रदान की गई है। शिक्षा और संचार गतिविधियों के लिए राज्य और कृषि विज्ञान केंद्रों को भी फंड प्रदान किया गया है। पंजाब सरकार को दिए गए खर्च का ब्योरा दिया केंद्र ने अपने हलफनामे में बताया कि साल 2018-19 से 2024-25 तक पंजाब राज्य को 1681.45 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता दी गई है। राज्य में 1.46 लाख से अधिक मशीनें वितरित की गई हैं और 25,500 से अधिक कस्टम हायरिंग सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। इस वित्तीय वर्ष में पंजाब को आवंटित 300 करोड़ रुपए में से 150 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं और राज्य के पास 250 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध है। पंजाब-दिल्ली सरकारों को सांझा खर्च करने थे 800 करोड़ 19 अक्टूबर, 2024 को केंद्रीय कृषि सचिव को लिखे एक पत्र में, पंजाब के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने प्रस्तावित किया था कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रति एकड़ 2,500 रुपए का प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में धान की खेती 32 लाख हेक्टेयर भूमि पर होती है। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए 2,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। पंजाब ने इस राशि में से 400-400 करोड़ रुपए पंजाब और दिल्ली सरकार से साझा करने का प्रस्ताव रखा था। केंद्र से 1,200 करोड़ रुपए की मांग की गई थी।