कानपुर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के दुरुपयोग से शातिरों ने पहली बार शहर में तैनात एक महिला आईपीएस अफसर अंकिता शर्मा को अपना शिकार बनाया है। शातिर साइबर ठगों ने उनके चेहरे और आवाज का इस्तेमाल करके पेन पैकिंग करके हजारों रुपए कमाने का लालच देने वाले वीडियो को मोबाइल नंबर के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया है। वीडियो का संज्ञान लेकर मामले में गोविंद नगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। मामले की जांच साइबर सेल और क्राइमब्रांच ने शुरू कर दी है। लोगों को झांसे में लेने काे किया आईपीएस अफसर के चेहरे का इस्तेमाल गोविंद नगर थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा ने बताया कि सोशल मीडिया पर एडीसीपी साउथ आईपीएस अंकिता शर्मा की तस्वीर लगी एक 32 सेकेंड का वीडियो वायरल है। इस वीडियो में एआई का इस्तेमाल करके उनकी तस्वीर और आवाज में एक मैसेज दिया जा रहा है कि घर बैठे किस तरह से आप हजारों रुपए कमा सकते हैं। आईपीएस अफसर को घर बैठे पेंसिल और पेन पैक करने की सलाह देते नजर आईं हैं। इस दौरान ठगों ने उनकी आवाज व चेहरे का प्रयोग कर बताया कि कंपनी घर में माल देने आएगी। पैकिंग के लिए हर माह 30 हजार रुपये दिए जाएंगे जबकि 15 हजार रुपये एडवांस के रूप में मिलेंगे। वीडियो में एक मोबाइल नंबर भी दिया गया, जो साइबर ठगों का ही है। वीडियो सामने आने के बाद एडीसीपी अंकिता शर्मा के आदेश पर दरोगा सनित मलिक की तहरीर पर गोविंद नगर पुलिस ने आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है। इसके बाद मामले की जांच साइबर सेल और क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। इससे कि आईपीएस अफसर के नाम पर साइबर ठगी की कोशिश करने वाले गैंग का खुलासा हो सके। गोविंद नगर थाने में FIR दर्ज, साइबर सेल ने शुरू की जांच गोविंद नगर थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा ने बताया कि इस वीडियो में जो नंबर दिया है वह साइबर ठगों का है। पेन पैकिंग करके जो भी इन्हें कॉल करेगा उसे घर बैठे मोटी कमाई का लालच देकर उनसे ओटीपी हासिल करके या अन्य अलग-अलग तरह से बैंक अकाउंट की डिटेल हासिल करके अकाउंट खाली कर देगा। लोगों को झांसे में लेने के लिए आईपीएस अफसर के चेहरे का इस्तेमाल किया गया है। कानपुर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के दुरुपयोग से शातिरों ने पहली बार शहर में तैनात एक महिला आईपीएस अफसर अंकिता शर्मा को अपना शिकार बनाया है। शातिर साइबर ठगों ने उनके चेहरे और आवाज का इस्तेमाल करके पेन पैकिंग करके हजारों रुपए कमाने का लालच देने वाले वीडियो को मोबाइल नंबर के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया है। वीडियो का संज्ञान लेकर मामले में गोविंद नगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। मामले की जांच साइबर सेल और क्राइमब्रांच ने शुरू कर दी है। लोगों को झांसे में लेने काे किया आईपीएस अफसर के चेहरे का इस्तेमाल गोविंद नगर थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा ने बताया कि सोशल मीडिया पर एडीसीपी साउथ आईपीएस अंकिता शर्मा की तस्वीर लगी एक 32 सेकेंड का वीडियो वायरल है। इस वीडियो में एआई का इस्तेमाल करके उनकी तस्वीर और आवाज में एक मैसेज दिया जा रहा है कि घर बैठे किस तरह से आप हजारों रुपए कमा सकते हैं। आईपीएस अफसर को घर बैठे पेंसिल और पेन पैक करने की सलाह देते नजर आईं हैं। इस दौरान ठगों ने उनकी आवाज व चेहरे का प्रयोग कर बताया कि कंपनी घर में माल देने आएगी। पैकिंग के लिए हर माह 30 हजार रुपये दिए जाएंगे जबकि 15 हजार रुपये एडवांस के रूप में मिलेंगे। वीडियो में एक मोबाइल नंबर भी दिया गया, जो साइबर ठगों का ही है। वीडियो सामने आने के बाद एडीसीपी अंकिता शर्मा के आदेश पर दरोगा सनित मलिक की तहरीर पर गोविंद नगर पुलिस ने आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है। इसके बाद मामले की जांच साइबर सेल और क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। इससे कि आईपीएस अफसर के नाम पर साइबर ठगी की कोशिश करने वाले गैंग का खुलासा हो सके। गोविंद नगर थाने में FIR दर्ज, साइबर सेल ने शुरू की जांच गोविंद नगर थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा ने बताया कि इस वीडियो में जो नंबर दिया है वह साइबर ठगों का है। पेन पैकिंग करके जो भी इन्हें कॉल करेगा उसे घर बैठे मोटी कमाई का लालच देकर उनसे ओटीपी हासिल करके या अन्य अलग-अलग तरह से बैंक अकाउंट की डिटेल हासिल करके अकाउंट खाली कर देगा। लोगों को झांसे में लेने के लिए आईपीएस अफसर के चेहरे का इस्तेमाल किया गया है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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बस्ती: शहर में यूनिवर्सिटी के लिए कई वर्षों से छात्रों की मांग, विधानसभा में उठा मुद्दा
बस्ती: शहर में यूनिवर्सिटी के लिए कई वर्षों से छात्रों की मांग, विधानसभा में उठा मुद्दा <p style=”text-align: justify;”><strong>Basti News:</strong> पूर्वांचल का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला बस्ती जनपद का नाम आज भी पिछड़े इलाको में होता है, यहां के जनप्रतिनिधि कभी पहल ही नहीं किए कि बस्ती जिले और उसके आस पास के छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा की पढ़ाई करने के लिए बाहर का रुख न करना पड़े, कुछ साल पहले यूनिवर्सिटी बनने की चर्चा शुरू हुई तो डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल बस्ती जिले के बनने वाली यूनिवर्सिटी को जमीन न होने का हवाला देकर अपने संसदीय क्षेत्र सिद्धार्थनगर जिले में ले गए, और आज भी बस्ती जनपद के युवा होनहार छात्र एक अदद विश्वविद्यालय के लिए आज भी तरस रहे है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>एक बार फिर से बस्ती जिले में यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए पूर्व छात्र नेता रहे दुर्गादत्त पांडे ने पहल शुरू की है. उनके निवेदन पर अब तक 10 से अधिक जनप्रतिनिधि और शिक्षा के जानकारों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमे बीजेपी के कई विधायक और सांसद भी शामिल है. अब बस्ती जनपद में यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए हरैया विधानसभा के भाजपा विधायक अजय सिंह ने विधानसभा में नियम 51 के तहत सवाल लगाया है, जिसमे योगी सरकार के मिनिस्टर इस प्रकरण में अपना जवाब देंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आचार्य रामचंद्र शुक्ल की जन्मस्थली है बस्ती</strong><br />बस्ती जिला महान साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल की जन्मस्थली रही है, इसके बावजूद जिले में उनके नाम को जीवित रखने के लिए जिम्मेदारी ने आज तक कोई पहल नहीं की, अब उनके नाम से आचार्य रामचंद्र शुक्ल के नाम से विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए एक सार्थक पहल शुरू की गई है, मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> से भी इस मामले को लेकर प्रतिनिधि मंडल मिल चुका है. लगातार एक अभियान चलाकर हर वर्ग को इससे जोड़ा जा रहा है ताकि विश्वविद्यालय की मांग को प्रबल तरीके से पूरी कराया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हिन्दी साहित्य के पुरोधा आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम पर हिन्दी विश्वविद्यालय बनाने की मांग तेज हो गई है. पिछले कई वर्षों से यह मांग की जा रही है. इसी क्रम में हरैया विधायक अजय सिंह ने आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम पर हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना के संदर्भ में नियम 51 के अंतर्गत सूचना देकर वक्तव्य की मांग किया. इसके उत्तर में विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने पत्र जारी कर जानकारी दिया कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उक्त सूचना को वक्तव्य के लिए स्वीकार किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोले विधायक अजय सिंह</strong><br />विधायक अजय सिंह ने बताया कि आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम से विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये लम्बे समय से मांग चल रही है. दुर्गादत्त पाण्डेय के साथ ही अनेक शिक्षक, छात्र निरन्तर इस मांग को लेकर सरकार से रचनात्मक पहल का आग्रह करते रहे हैं. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम से विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये उनका प्रयास अनवरत जारी रहेगा और सरकार आवश्यकता को देखते हुए गंभीरता से विचार कर इस पर शीघ्र घोषणा भी कर सकती है. यह बस्ती के साथ ही पूर्वान्चल के लिये बड़ी उपलब्धि होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/moradabad-bjp-leader-funeral-prayers-imam-refused-said-this-matter-our-religion-ann-2752284″>BJP नेता की जनाजे की नमाज पढ़ाने से इमाम का इनकार, कहा- ‘यह हमारे मजहब का मामला'</a></strong></p>
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<p><strong>सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी गलत </strong></p>
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हरियाणा की संयुक्त सचिव से राहत नहीं:1 लाख की रिश्वत लेने का मामला, हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
हरियाणा की संयुक्त सचिव से राहत नहीं:1 लाख की रिश्वत लेने का मामला, हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार हरियाणा के मत्स्य विभाग की संयुक्त सचिव मीनाक्षी दहिया को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। जस्टिस अनूप चितकारा की अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले के गंभीर तथ्यों को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती। इससे पहले, हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था, लेकिन अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच में मिले सबूतों के आधार पर कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी। रिश्वत का मामला और एसीबी की कार्रवाई मीनाक्षी दहिया पर आरोप है कि उन्होंने एक चार्जशीट किए गए मत्स्य विभाग के अधिकारी को राहत देने के बदले 1 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। यह रिश्वत उनके स्टैनोग्राफर जोगिंद्र सिंह और सेवादार सत्येंद्र सिंह के जरिए ली गई। एसीबी ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ा था। मामले में शिकायतकर्ता, पंचकूला निवासी राजन खोड़ा ने आरोप लगाया था कि चार्जशीट को हटाने और पदोन्नति देने के लिए यह रिश्वत मांगी गई थी। पार्टी में दी पर्ची और स्कूटर से जुड़ी जांच हाईकोर्ट ने इस बात का भी उल्लेख किया कि शिकायतकर्ता को मीनाक्षी दहिया का फोन नंबर एक विदाई पार्टी के दौरान पर्ची पर दिया गया था। बाद में, रिश्वत की रकम लेने के लिए मीनाक्षी दहिया का सेवादार सत्येंद्र सिंह पंचकूला एडीसी सेक्टर-5 स्थित कार्यालय में चंडीगढ़ नंबर के स्कूटर पर पहुंचा था, जो जांच में मीनाक्षी दहिया का निकला। हाईकोर्ट का सख्त रुख हाईकोर्ट ने माना कि मामले की गंभीरता और जांच में मिले तथ्यों को देखते हुए इस स्तर पर अग्रिम जमानत देना उचित नहीं है। कोर्ट ने दहिया की भूमिका और मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी, जिससे उनके खिलाफ एसीबी की कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है।