हरियाणा के रोहतक जिला के महम में फरमाणा रोड स्थित श्री कृष्ण गोशाला विवादों में घिर गई है। गौशाला के संरक्षक महंत सतीश दास ने अपनी सभी जिम्मेवारियों से किनारा कर लिया है। महंत सतीश दास का कहना है कि गायों के साथ अब अत्याचार सहन नहीं हो रहा। वे गौशाला की वर्तमान कार्यकारिणी की कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं, गोशाला में गड़बड़ चल रही है। दुधारू गायों को टीका लगाकर निकाला जाता है दूध सोमवार सुबह गोशाला के पूर्व प्रधान सतबीर पटवारी ने दौरा किया, तो उन्होंने पाया कि वहां पर दुधारू गायों को टीका लगाकर दूध निकाला जाता है। उन्होंने इंजेक्शन की खाली शीशियां भी मौके से बरामद की। महंत सतीश दास और सतबीर पटवारी ने बताया कि गोशाला कार्यकारिणी ने गोशाला के गेट पर देसी घी के घेवर की दुकान खुलवा रखी है। देसी घी के नाम पर यहां लोगों का तांता लगा रहता है, लेकिन वहां पर जैमीनी घी का एक खाली टीन मिला है। इस स्पष्ट होता है कि वहां पर देसी घी की जगह डालडा घी प्रयोग किया जाता है। लोगों को गुमराह करके दुकान चलाई जा रही है। बिक्री वाले दूध में नहीं डाला जाता इंजेक्शन वाला दूध इस संबंध में गोशाला के प्रधान धर्म सिंह सैनी से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि यह सच है कि वे गायों का इंजेक्शन लगाकर दूध निकालते हैं, लेकिन केवल उन्हीं गायों को टीका लगाया जाता है, जिसको टीका लगाना मजबूरी होती है। यदि किसी गाय का बछड़ा मर जाए, तो वह दूध नहीं निकालने देती। ऐसे में उसको इंजेक्शन लगाना पड़ता है। इंजेक्शन वाले दूध को बिक्री वाले दूध में नहीं डाला जाता। घेवर की दुकान पर कौन सा घी प्रयोग होता है। इसके लिए दुकानदार जिम्मेदार है। उन्होंने दुकानदार से लिखित में ले रखा है कि वह साफ सुथरा काम करेगा। अब वह गलत कर रहा है, तो उस पर संबंधित विभाग कार्रवाई कर सकता है। हरियाणा के रोहतक जिला के महम में फरमाणा रोड स्थित श्री कृष्ण गोशाला विवादों में घिर गई है। गौशाला के संरक्षक महंत सतीश दास ने अपनी सभी जिम्मेवारियों से किनारा कर लिया है। महंत सतीश दास का कहना है कि गायों के साथ अब अत्याचार सहन नहीं हो रहा। वे गौशाला की वर्तमान कार्यकारिणी की कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं, गोशाला में गड़बड़ चल रही है। दुधारू गायों को टीका लगाकर निकाला जाता है दूध सोमवार सुबह गोशाला के पूर्व प्रधान सतबीर पटवारी ने दौरा किया, तो उन्होंने पाया कि वहां पर दुधारू गायों को टीका लगाकर दूध निकाला जाता है। उन्होंने इंजेक्शन की खाली शीशियां भी मौके से बरामद की। महंत सतीश दास और सतबीर पटवारी ने बताया कि गोशाला कार्यकारिणी ने गोशाला के गेट पर देसी घी के घेवर की दुकान खुलवा रखी है। देसी घी के नाम पर यहां लोगों का तांता लगा रहता है, लेकिन वहां पर जैमीनी घी का एक खाली टीन मिला है। इस स्पष्ट होता है कि वहां पर देसी घी की जगह डालडा घी प्रयोग किया जाता है। लोगों को गुमराह करके दुकान चलाई जा रही है। बिक्री वाले दूध में नहीं डाला जाता इंजेक्शन वाला दूध इस संबंध में गोशाला के प्रधान धर्म सिंह सैनी से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि यह सच है कि वे गायों का इंजेक्शन लगाकर दूध निकालते हैं, लेकिन केवल उन्हीं गायों को टीका लगाया जाता है, जिसको टीका लगाना मजबूरी होती है। यदि किसी गाय का बछड़ा मर जाए, तो वह दूध नहीं निकालने देती। ऐसे में उसको इंजेक्शन लगाना पड़ता है। इंजेक्शन वाले दूध को बिक्री वाले दूध में नहीं डाला जाता। घेवर की दुकान पर कौन सा घी प्रयोग होता है। इसके लिए दुकानदार जिम्मेदार है। उन्होंने दुकानदार से लिखित में ले रखा है कि वह साफ सुथरा काम करेगा। अब वह गलत कर रहा है, तो उस पर संबंधित विभाग कार्रवाई कर सकता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की 2 सरकारी यूनिवर्सिटी डिफॉल्टर घोषित:लोकपाल की नियुक्ति न करने पर UGC ने की कार्रवाई यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने हरियाणा के 2 सरकारी विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। इनमें करनाल का महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय और हरियाणा राय सोनीपत का खेल विश्वविद्यालय शामिल है। इन दोनों विश्वविद्यालयों को लोकपाल की नियुक्ति न करने पर डिफॉल्टर घोषित किया गया है। UCG के अनुसार, यह निर्देश छात्र शिकायत निवारण विनियम, 2023 के तहत जारी किया गया है। इन विश्वविद्यालयों ने अभी तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं की है, जिसके कारण इन्हें डिफॉल्टर घोषित किया गया है। यह निर्देश 1 जून, 2024 तक के लिए है, जिसमें कई प्रमुख विश्वविद्यालय शामिल हैं। UGC ने इन विश्वविद्यालयों को लोकपाल की नियुक्ति के निर्देश जारी किए हैं। 108 सरकारी और 57 प्राइवेट यूनिवर्सिटी
UGC ने देशभर के 157 विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया है। इसमें 108 सरकारी विश्वविद्यालय, 47 निजी विश्वविद्यालय और 2 डीम्ड विश्वविद्यालय शामिल हैं। बागवानी के क्षेत्र में प्रगति के लिए हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी
महाराणा प्रताप हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी करनाल बागवानी के क्षेत्र में समर्पित है। इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य बागवानी के क्षेत्र में उन्नत तकनीकों और ज्ञान को प्रसारित करना है। इसकी स्थापना हरियाणा सरकार द्वारा की गई थी, ताकि राज्य में बागवानी के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके। इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य किसानों और छात्रों को आधुनिक तकनीकों और प्रथाओं के बारे में शिक्षित करना है, जिससे बागवानी के क्षेत्र में प्रगति हो सके। 2019 में स्थापित हुई थी स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी ऑफ हरियाणा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी ऑफ हरियाणा (Sports University of Haryana) राई, सोनीपत, हरियाणा में स्थित है और यह भारत में स्पोर्ट्स की शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान है। यह विश्वविद्यालय 2019 में स्थापित किया गया था और स्पोर्ट्स और एक्टिविटी के क्षेत्र में उच्च शैक्षणिक और प्रशिक्षण के लिए एक प्रमुख केंद्र बनने का लक्ष्य रखता है। इस यूनिवर्सिटी में विभिन्न स्पोर्ट्स जैसे क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, गोल्फ, राइफल और पिस्टल, और व्यायाम जैसी गतिविधियों में शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।