करनाल लोकसभा से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा सोमवार को पानीपत के जिला चुनाव कार्यालय पहुंचे। उन्होंने लोकसभा चुनाव में ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि दो बूथों पर मशीनों में छेड़छाड़ हुई है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद सोमवार को वे उन दो बूथों की जांच करने जिला चुनाव कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। इस दौरान दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा कि जिस दिन इसे लागू किया गया उसके बाद तकनीकी एसओपी का बहाना बनाते हैं। वे खुद इंजीनियर हैं और उन्होंने उनके सामने मजबूत कारण रखे हैं। चुनाव आयोग चाहे तो इन बिंदुओं पर तकनीकी को संतुष्ट कर सकता है, लेकिन रिपोर्ट भी छापी जा सकती है और तारीख भी तय की जा सकती है। सिंबल भी दोबारा लोड किए जा सकते हैं। इन तीनों बिंदुओं को अस्वीकार कर दिया गया। जिसके बाद उन्होंने वेरिफिकेशन और जांच के लिए भी मना कर दिया। चुनाव आयोग संदेह दूर क्यों नहीं करता? उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति में कोई दोष नहीं है तो उसे डर क्यों लगेगा? चुनाव आयोग यह क्यों कह रहा है कि वे तारीख को रीसेट नहीं करेंगे और पुराने सिंबल लोड नहीं करेंगे? भारत में पहली बार सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन पर यह जांच हो रही है। ऐसा पहली बार हो रहा है। लेकिन उन्होंने ऐसी तकनीकी एसओपी जारी की है, जिससे उम्मीदवार के पास कोई रास्ता नहीं बचा है। अगर कोई व्यक्ति चुनाव लड़ा है और उसे पारदर्शिता पर संदेह है तो चुनाव आयोग को उसके सारे संदेह दूर करने चाहिए। विधानसभा चुनाव में भी हो सकता है फर्जीवाड़ा दिव्यांश बुद्धिराजा ने कहा कि चुनाव में धांधली हुई है और ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है। नतीजों से छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने कहा कि वे फिर से कोर्ट जाएंगे। उन्होंने पूर्व सीएम मनोहर लाल को चेतावनी देते हुए कहा कि वे ईवीएम से चुनाव जरूर जीते हैं। लेकिन जो फर्जीवाड़ा हुआ है, उसका कच्चा चिट्ठा लोगों के सामने लाया जाएगा। अब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव में इन्होंने धोखाधड़ी की है। हम कैसे मान लें कि विधानसभा चुनाव में धोखाधड़ी नहीं होगी। जबकि विधानसभा चुनाव में भी इन्हीं मशीनों का इस्तेमाल होगा।” करनाल लोकसभा से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा सोमवार को पानीपत के जिला चुनाव कार्यालय पहुंचे। उन्होंने लोकसभा चुनाव में ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि दो बूथों पर मशीनों में छेड़छाड़ हुई है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद सोमवार को वे उन दो बूथों की जांच करने जिला चुनाव कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। इस दौरान दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा कि जिस दिन इसे लागू किया गया उसके बाद तकनीकी एसओपी का बहाना बनाते हैं। वे खुद इंजीनियर हैं और उन्होंने उनके सामने मजबूत कारण रखे हैं। चुनाव आयोग चाहे तो इन बिंदुओं पर तकनीकी को संतुष्ट कर सकता है, लेकिन रिपोर्ट भी छापी जा सकती है और तारीख भी तय की जा सकती है। सिंबल भी दोबारा लोड किए जा सकते हैं। इन तीनों बिंदुओं को अस्वीकार कर दिया गया। जिसके बाद उन्होंने वेरिफिकेशन और जांच के लिए भी मना कर दिया। चुनाव आयोग संदेह दूर क्यों नहीं करता? उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति में कोई दोष नहीं है तो उसे डर क्यों लगेगा? चुनाव आयोग यह क्यों कह रहा है कि वे तारीख को रीसेट नहीं करेंगे और पुराने सिंबल लोड नहीं करेंगे? भारत में पहली बार सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन पर यह जांच हो रही है। ऐसा पहली बार हो रहा है। लेकिन उन्होंने ऐसी तकनीकी एसओपी जारी की है, जिससे उम्मीदवार के पास कोई रास्ता नहीं बचा है। अगर कोई व्यक्ति चुनाव लड़ा है और उसे पारदर्शिता पर संदेह है तो चुनाव आयोग को उसके सारे संदेह दूर करने चाहिए। विधानसभा चुनाव में भी हो सकता है फर्जीवाड़ा दिव्यांश बुद्धिराजा ने कहा कि चुनाव में धांधली हुई है और ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है। नतीजों से छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने कहा कि वे फिर से कोर्ट जाएंगे। उन्होंने पूर्व सीएम मनोहर लाल को चेतावनी देते हुए कहा कि वे ईवीएम से चुनाव जरूर जीते हैं। लेकिन जो फर्जीवाड़ा हुआ है, उसका कच्चा चिट्ठा लोगों के सामने लाया जाएगा। अब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव में इन्होंने धोखाधड़ी की है। हम कैसे मान लें कि विधानसभा चुनाव में धोखाधड़ी नहीं होगी। जबकि विधानसभा चुनाव में भी इन्हीं मशीनों का इस्तेमाल होगा।” हरियाणा | दैनिक भास्कर
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