हरियाणा के जींद जिला के उचाना में आसमान पर बादल तो छा रहे है, लेकिन बिना बरसे बादल गुजर जाते है। बादल आसमान पर नजर आने के बाद किसानों को बारिश की उम्मीद होती है, लेकिन बिना बरसे बादल चले जाने से किसानों के चेहरे उतर रहे है। बारिश के बाद नहरी पानी का अभाव भी हो रहा है। कई गांव के किसान नहरी पानी को लेकर रोड तक जाम कर चुके है। बिना पानी के खेतों में दरार नजर आने लगी है। फसल के अनुकूल नहीं रहा मौसम किसानों ने कहा कि इस बार फसल के अनुकूल मौसम नहीं रहा है। पहले उमस होने से धान की प्योद खेतों में खराब हुई, जिससे नुकसान किसानों को हुआ। अब बारिश नहीं होने के बाद नहरी पानी नहीं आने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साथ नजर आने लगी है। किसान जगरूप, सतपाल, दलबीर ने कहा कि इस बार समय पर बारिश नहीं होने से धान की फसल खराब होने लगी है। रूठा हुआ नजर आ रहा मानसून उचाना क्षेत्र से इस बार मानसून रूठा हुआ नजर आ रहा है। नहरी पानी की कमी भी इस बार रही है। खेतों में पानी नहीं आने से दरार तक पड़ने लगी है। कई जगहों पर तो किसानों ने फसल खराब होने से जुताई तक कर दी है। इस बार किसानों को धान की रोपाई पर अधिक खर्च हुआ है। किसानों ने कहा कि सरकार को चाहिए कि उचाना क्षेत्र को सूखा घोषित करते हुए प्रति एकड़ कम से कम 25 हजार रुपए मुआवजा दें। हरियाणा के जींद जिला के उचाना में आसमान पर बादल तो छा रहे है, लेकिन बिना बरसे बादल गुजर जाते है। बादल आसमान पर नजर आने के बाद किसानों को बारिश की उम्मीद होती है, लेकिन बिना बरसे बादल चले जाने से किसानों के चेहरे उतर रहे है। बारिश के बाद नहरी पानी का अभाव भी हो रहा है। कई गांव के किसान नहरी पानी को लेकर रोड तक जाम कर चुके है। बिना पानी के खेतों में दरार नजर आने लगी है। फसल के अनुकूल नहीं रहा मौसम किसानों ने कहा कि इस बार फसल के अनुकूल मौसम नहीं रहा है। पहले उमस होने से धान की प्योद खेतों में खराब हुई, जिससे नुकसान किसानों को हुआ। अब बारिश नहीं होने के बाद नहरी पानी नहीं आने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साथ नजर आने लगी है। किसान जगरूप, सतपाल, दलबीर ने कहा कि इस बार समय पर बारिश नहीं होने से धान की फसल खराब होने लगी है। रूठा हुआ नजर आ रहा मानसून उचाना क्षेत्र से इस बार मानसून रूठा हुआ नजर आ रहा है। नहरी पानी की कमी भी इस बार रही है। खेतों में पानी नहीं आने से दरार तक पड़ने लगी है। कई जगहों पर तो किसानों ने फसल खराब होने से जुताई तक कर दी है। इस बार किसानों को धान की रोपाई पर अधिक खर्च हुआ है। किसानों ने कहा कि सरकार को चाहिए कि उचाना क्षेत्र को सूखा घोषित करते हुए प्रति एकड़ कम से कम 25 हजार रुपए मुआवजा दें। हरियाणा | दैनिक भास्कर
