बरेली में एक नाबालिग लड़की से रेप हुआ। इसके बाद वह प्रेग्नेंट हो गई। यह बात पिता को पता चली, तो उसने पुलिस से शिकायत की। फिर कुछ सोचकर उसने पुलिस से केस वापस लेने को कहा। बेटी का मेडिकल भी नहीं करवाया। वह उसी लड़के से बेटी की शादी करने को तैयार हो गया, जिसने रेप किया था। जब यह बात गांव वालों को पता चली, तो कुछ लोगों ने ताने मारे। कहा- तुम जाटव होकर बेटी की शादी नाई के घर में करोगे? यह ठीक नहीं है। पिता को यह बात चुभ गई। उसे समाज में अपनी बेइज्जती की चिंता होने लगी। रात 1 बजे उठा और इकलौती बेटी की हत्या गला दबाकर कर दी। इसके बाद पुलिस चौकी जाकर सरेंडर कर दिया। दैनिक भास्कर की टीम इस पूरे मामले की पड़ताल करने लड़की के गांव पहुंची। जांच करने वाले पुलिस अफसरों से मिली। उन लोगों के भी घर गई, जिन्होंने ताने मारे थे। पूरे मामले को एक तरफ से समझते हैं… परिवार में अकेली लड़की थी
बरेली शहर की परसा खेड़ा पुलिस चौकी से करीब 5 किलोमीटर दूर एक गांव है। यहां एक व्यक्ति अपने दो बेटे और 1 बेटी के साथ रहता था। करीब 10 साल पहले उसकी पत्नी की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। उसके बाद उसने किसी तरह अपने 3 छोटे-छोटे बच्चों को संभाला। राज मिस्त्री के रूप में दिन-रात मेहनत करके बच्चों को पढ़ाया। परिवार में सब कुछ सही चल रहा था। जून, 2024 में उसने अपनी इकलौती बेटी की शादी बदायूं जिले के एक गांव में तय कर दी। नवंबर में शादी होनी थी। परिवार में कोई महिला नहीं थी। इसलिए लड़की की मौसी और नानी की मदद से पिता ने खरीदारी शुरू कर दी। अपनी लाडली की शादी में वह कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता था। तबीयत बिगड़ी, तो पता चला बेटी प्रेग्नेंट है
6 अगस्त की रात अचानक बेटी की तबीयत बिगड़ गई। पेट में दर्द और उल्टी होने लगी। पिता उसे पास के ही एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ले गया। जांच में पता चला, बेटी 3 महीने की प्रेग्नेंट है। डॉक्टर ने जब यह बात लड़की के पिता को बताई, तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। बेटी को घर लाया और पूरी बात पूछी। बेटी ने बिजेंद्र शर्मा उर्फ भूरा का नाम लिया। भूरा उनके घर के पास रसूला गांव में रहता है। 7 अगस्त की सुबह लड़की का पिता सीबीगंज थाने पहुंचा और आरोपी के खिलाफ FIR लिखवाई। नाबालिग से रेप और प्रेग्नेंट होने का पता चलते ही पुलिस ने उसी दिन आरोपी भूरा को गिरफ्तार कर लिया। थाने से पीड़िता का पिता घर लौटा। आरोपी भूरा के परिवार वाले भी लड़की के गांव आ गए। आरोपी के परिवार वालों ने कहा, भूरा से बेटी की शादी कर दो
7 अगस्त की शाम दोनों परिवारों के बीच पंचायत हुई। तय हुआ, भूरा अब लड़की से शादी कर लेगा। आप केस वापस ले लीजिए। पिता ने रातभर सोच-विचार किया, फिर सुबह थाने पहुंचा। वहां उसे थानाध्यक्ष राजबली सिंह मिले। पिता ने कहा- हम केस वापस लेना चाहते हैं। उसी लड़के से बेटी की शादी कर देंगे। पुलिस की तरफ से कहा गया- यह केस यहां से वापस नहीं हो पाएगा, क्योंकि बेटी नाबालिग और प्रेग्नेंट है। आरोपी गिरफ्तार किया जा चुका है। अब जो होगा, कोर्ट से होगा। आप अपनी बेटी का मेडिकल करवा लीजिए। पिता कुछ देर वहां गुमसुम बैठा रहा, फिर घर लौट आया। बेटी का मेडिकल भी नहीं कराया। लड़की के पिता को गांव का हर व्यक्ति घूर रहा था
पिता जब गांव आया, तो बेटी भी उसके साथ थी। उसका घर गांव के अंदर है। दोनों जिधर से गुजरे, सबकी निगाहें उसे और बेटी को घूर रही थीं। वह किसी से नजर नहीं मिला पा रहा था। उस दिन किसी ने उससे कुछ नहीं पूछा। दोनों घर पहुंचे। अगले दिन मोहल्ले के ही दो लड़के उसके घर पहुंचे। कहने लगे- तुम जाटव होकर नाई के घर शादी करोगे? समाज में कैसे मुंह दिखाओगे? समाज में कोई इज्जत नहीं होगी। इसके बाद गांव के ही कई और लोगों ने भी समाज और इज्जत की बात कही। ये सब बातें पिता के दिमाग में घर कर गईं। वह बेचैन हो उठा। रात में बेटी ने खाना बनाया, पिता और दोनों भाइयों ने खाया। दोनों भाई छत पर बने एक कमरे में सोने चले गए। बेटी नीचे कमरे में और पिता बरामदे में सोने लगे। पिता को रात में नींद नहीं आई। वह समाज और इज्जत के बारे में सोचता रहा। रात के 1 बजे बिस्तर से उठा। बेटी के पास गया और पैर छूकर उससे माफी मांगी। मन में बोला- बेटी बदनामी से तुम्हारी मौत बेहतर है। इसके बाद पूरी ताकत से उसका गला दबा दिया। लड़की ने बचने की कोशिश की, सफल नहीं हुई। बेटी की हत्या करने के बाद पिता करीब 2 घंटे तक वहीं बैठा रहा। उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे? वह छत पर गया, दोनों बेटों को देखा। फिर रात साढ़े तीन बजे पैदल ही घर से निकलकर पारसखेड़ा पुलिस चौकी पहुंच गया। पिता ने पुलिस को बताया कि उसने बेटी की हत्या कर दी है। नाबालिग और रेप पीड़ित की हत्या की खबर सुनकर चौकी प्रभारी चौक गए। तुरंत सीबीगंज थाने को सूचना दी। मौके पर बड़े अधिकारी पहुंचे और लड़की के गांव रवाना हुए। वहां किसी भी व्यक्ति को हत्या के बारे में पता नहीं था। पुलिस ने पहले लाश को कब्जे में लिया। छत पर सो रहे दोनों बेटों को जगाया। उन्हें भी बहन की हत्या के बारे में कुछ पता नहीं था। थाने में लड़की ने आरोपी से फोन पर की थी बात
मारी गई बच्ची के परिवार की ही एक महिला कहती है- भूरा दूसरे गांव का था, लेकिन वह अक्सर हमारे गांव आता रहता था। जब मामला खुला, तब पुलिस में शिकायत हुई। पहले तो भूरा शादी के लिए राजी हो गया, लेकिन बाद में वह पलट गया। हमारी लड़की ने थाने में पुलिस के सामने फोन पर उससे काफी देर बात की। लेकिन, वह कह रहा था कि परिवार के लोग नहीं मानेंगे। दूसरी तरफ गांव के लोगों ने कह दिया- जाटव होकर तुम्हारी बेटी नाई के घर कैसे जाएगी? परिवार की ही एक और महिला कहती है- बेटी की शादी के लिए पिता ने बहुत कुछ सोचा था। दहेज में गाड़ी देने की बात कह रहे थे। धूमधाम से शादी करते। बड़ी इज्जत से रखते थे। लेकिन, बेटी ने ही इज्जत का मान नहीं रखा गुस्सा तो आएगा ही। गुस्से में ही पिता ने बेटी का गला घोंट दिया। मेरे बेटे को फंसाया, उनकी बेटी खुद जाती थी मिलने
हम गांव के ही उन दो लड़कों के घर पहुंचे, जिन पर आरोप है कि उन्होंने पीड़िता के पिता को समाज में इज्जत के नाम पर उकसाया। दोनों चचेरे भाई हैं, इस वक्त जेल में हैं। दोनों की मां मिलीं। एक आरोपी की मां कहती हैं- मेरा बेटा 12वीं की पढ़ाई कर रहा है। उसकी भूरा से दोस्ती थी, लेकिन वह लड़की के मां बनने या हत्या के लिए उकसाने में शामिल नहीं है। उसे गलत तरह से फंसाया जा रहा है। हमने कहा कि भूरा आपके घर आता था, तभी इस तरह की घटना घटी? वह कहती हैं- यह सच बात नहीं है। इनकी बेटी खुद भूरा से मिलने उसके घर जाती थी। हमने कई बार देखा। आप आसपास किसी से भी पूछ लीजिए। हमारा बेटा निर्दोष है। इतना कहने के बाद वह रोने लगती हैं। हत्या के बाद पिता को कोई पछतावा नहीं
आखिर में हम सीबीगंज थाने पहुंचे। वहां हमें एसओ राजबली सिंह मिले। हमने पूछा कि हत्या के बाद आरोपी पिता ने क्या कहा? वह कहते हैं- पहले वह पारसखेड़ा पुलिस चौकी आए। यहां बेटी की हत्या की बात कही, तो बाकी पुलिसवालों के होश उड़ गए। तुरंत ही यह जानकारी हमें मिली, तो हम भागकर गांव पहुंचे। लड़की को घर से उठाया और सीधे हॉस्पिटल ले गए। वहां मृत घोषित कर दिया गया। राजबली कहते हैं- हम लोगों ने बार-बार पूछा कि बेटी को क्यों मारा? वह कहता है समाज में बदनामी हो रही थी, इसलिए मार दिया। उसके अंदर बेटी को मार देने का कोई पछतावा नहीं था। यह खबर भी पढ़ें दुष्कर्म से बेटी गर्भवती…हत्या करके थाने पहुंचा पिता:बरेली में हत्या से पहले बेटी के पैर पकड़े, माफी मांगी बरेली में दुष्कर्म से बेटी गर्भवती हुई तो पिता ने उसकी हत्या कर दी। फिर खुद पुलिस चौकी पहुंचकर सरेंडर कर दिया। पुलिस को पूछताछ में कहा कि रात में सोते समय बेटी के पैर पकड़े। माफी मांगी, फिर गला दबाकर हत्या कर दी। कहा कि बदनामी भरी जिंदगी से मौत ज्यादा बेहतर है। पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। दो दिन पहले खुद पिता ने बेटी के साथ रेप का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। यहां पढ़ें पूरी खबर बरेली में एक नाबालिग लड़की से रेप हुआ। इसके बाद वह प्रेग्नेंट हो गई। यह बात पिता को पता चली, तो उसने पुलिस से शिकायत की। फिर कुछ सोचकर उसने पुलिस से केस वापस लेने को कहा। बेटी का मेडिकल भी नहीं करवाया। वह उसी लड़के से बेटी की शादी करने को तैयार हो गया, जिसने रेप किया था। जब यह बात गांव वालों को पता चली, तो कुछ लोगों ने ताने मारे। कहा- तुम जाटव होकर बेटी की शादी नाई के घर में करोगे? यह ठीक नहीं है। पिता को यह बात चुभ गई। उसे समाज में अपनी बेइज्जती की चिंता होने लगी। रात 1 बजे उठा और इकलौती बेटी की हत्या गला दबाकर कर दी। इसके बाद पुलिस चौकी जाकर सरेंडर कर दिया। दैनिक भास्कर की टीम इस पूरे मामले की पड़ताल करने लड़की के गांव पहुंची। जांच करने वाले पुलिस अफसरों से मिली। उन लोगों के भी घर गई, जिन्होंने ताने मारे थे। पूरे मामले को एक तरफ से समझते हैं… परिवार में अकेली लड़की थी
बरेली शहर की परसा खेड़ा पुलिस चौकी से करीब 5 किलोमीटर दूर एक गांव है। यहां एक व्यक्ति अपने दो बेटे और 1 बेटी के साथ रहता था। करीब 10 साल पहले उसकी पत्नी की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। उसके बाद उसने किसी तरह अपने 3 छोटे-छोटे बच्चों को संभाला। राज मिस्त्री के रूप में दिन-रात मेहनत करके बच्चों को पढ़ाया। परिवार में सब कुछ सही चल रहा था। जून, 2024 में उसने अपनी इकलौती बेटी की शादी बदायूं जिले के एक गांव में तय कर दी। नवंबर में शादी होनी थी। परिवार में कोई महिला नहीं थी। इसलिए लड़की की मौसी और नानी की मदद से पिता ने खरीदारी शुरू कर दी। अपनी लाडली की शादी में वह कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता था। तबीयत बिगड़ी, तो पता चला बेटी प्रेग्नेंट है
6 अगस्त की रात अचानक बेटी की तबीयत बिगड़ गई। पेट में दर्द और उल्टी होने लगी। पिता उसे पास के ही एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ले गया। जांच में पता चला, बेटी 3 महीने की प्रेग्नेंट है। डॉक्टर ने जब यह बात लड़की के पिता को बताई, तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। बेटी को घर लाया और पूरी बात पूछी। बेटी ने बिजेंद्र शर्मा उर्फ भूरा का नाम लिया। भूरा उनके घर के पास रसूला गांव में रहता है। 7 अगस्त की सुबह लड़की का पिता सीबीगंज थाने पहुंचा और आरोपी के खिलाफ FIR लिखवाई। नाबालिग से रेप और प्रेग्नेंट होने का पता चलते ही पुलिस ने उसी दिन आरोपी भूरा को गिरफ्तार कर लिया। थाने से पीड़िता का पिता घर लौटा। आरोपी भूरा के परिवार वाले भी लड़की के गांव आ गए। आरोपी के परिवार वालों ने कहा, भूरा से बेटी की शादी कर दो
7 अगस्त की शाम दोनों परिवारों के बीच पंचायत हुई। तय हुआ, भूरा अब लड़की से शादी कर लेगा। आप केस वापस ले लीजिए। पिता ने रातभर सोच-विचार किया, फिर सुबह थाने पहुंचा। वहां उसे थानाध्यक्ष राजबली सिंह मिले। पिता ने कहा- हम केस वापस लेना चाहते हैं। उसी लड़के से बेटी की शादी कर देंगे। पुलिस की तरफ से कहा गया- यह केस यहां से वापस नहीं हो पाएगा, क्योंकि बेटी नाबालिग और प्रेग्नेंट है। आरोपी गिरफ्तार किया जा चुका है। अब जो होगा, कोर्ट से होगा। आप अपनी बेटी का मेडिकल करवा लीजिए। पिता कुछ देर वहां गुमसुम बैठा रहा, फिर घर लौट आया। बेटी का मेडिकल भी नहीं कराया। लड़की के पिता को गांव का हर व्यक्ति घूर रहा था
पिता जब गांव आया, तो बेटी भी उसके साथ थी। उसका घर गांव के अंदर है। दोनों जिधर से गुजरे, सबकी निगाहें उसे और बेटी को घूर रही थीं। वह किसी से नजर नहीं मिला पा रहा था। उस दिन किसी ने उससे कुछ नहीं पूछा। दोनों घर पहुंचे। अगले दिन मोहल्ले के ही दो लड़के उसके घर पहुंचे। कहने लगे- तुम जाटव होकर नाई के घर शादी करोगे? समाज में कैसे मुंह दिखाओगे? समाज में कोई इज्जत नहीं होगी। इसके बाद गांव के ही कई और लोगों ने भी समाज और इज्जत की बात कही। ये सब बातें पिता के दिमाग में घर कर गईं। वह बेचैन हो उठा। रात में बेटी ने खाना बनाया, पिता और दोनों भाइयों ने खाया। दोनों भाई छत पर बने एक कमरे में सोने चले गए। बेटी नीचे कमरे में और पिता बरामदे में सोने लगे। पिता को रात में नींद नहीं आई। वह समाज और इज्जत के बारे में सोचता रहा। रात के 1 बजे बिस्तर से उठा। बेटी के पास गया और पैर छूकर उससे माफी मांगी। मन में बोला- बेटी बदनामी से तुम्हारी मौत बेहतर है। इसके बाद पूरी ताकत से उसका गला दबा दिया। लड़की ने बचने की कोशिश की, सफल नहीं हुई। बेटी की हत्या करने के बाद पिता करीब 2 घंटे तक वहीं बैठा रहा। उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे? वह छत पर गया, दोनों बेटों को देखा। फिर रात साढ़े तीन बजे पैदल ही घर से निकलकर पारसखेड़ा पुलिस चौकी पहुंच गया। पिता ने पुलिस को बताया कि उसने बेटी की हत्या कर दी है। नाबालिग और रेप पीड़ित की हत्या की खबर सुनकर चौकी प्रभारी चौक गए। तुरंत सीबीगंज थाने को सूचना दी। मौके पर बड़े अधिकारी पहुंचे और लड़की के गांव रवाना हुए। वहां किसी भी व्यक्ति को हत्या के बारे में पता नहीं था। पुलिस ने पहले लाश को कब्जे में लिया। छत पर सो रहे दोनों बेटों को जगाया। उन्हें भी बहन की हत्या के बारे में कुछ पता नहीं था। थाने में लड़की ने आरोपी से फोन पर की थी बात
मारी गई बच्ची के परिवार की ही एक महिला कहती है- भूरा दूसरे गांव का था, लेकिन वह अक्सर हमारे गांव आता रहता था। जब मामला खुला, तब पुलिस में शिकायत हुई। पहले तो भूरा शादी के लिए राजी हो गया, लेकिन बाद में वह पलट गया। हमारी लड़की ने थाने में पुलिस के सामने फोन पर उससे काफी देर बात की। लेकिन, वह कह रहा था कि परिवार के लोग नहीं मानेंगे। दूसरी तरफ गांव के लोगों ने कह दिया- जाटव होकर तुम्हारी बेटी नाई के घर कैसे जाएगी? परिवार की ही एक और महिला कहती है- बेटी की शादी के लिए पिता ने बहुत कुछ सोचा था। दहेज में गाड़ी देने की बात कह रहे थे। धूमधाम से शादी करते। बड़ी इज्जत से रखते थे। लेकिन, बेटी ने ही इज्जत का मान नहीं रखा गुस्सा तो आएगा ही। गुस्से में ही पिता ने बेटी का गला घोंट दिया। मेरे बेटे को फंसाया, उनकी बेटी खुद जाती थी मिलने
हम गांव के ही उन दो लड़कों के घर पहुंचे, जिन पर आरोप है कि उन्होंने पीड़िता के पिता को समाज में इज्जत के नाम पर उकसाया। दोनों चचेरे भाई हैं, इस वक्त जेल में हैं। दोनों की मां मिलीं। एक आरोपी की मां कहती हैं- मेरा बेटा 12वीं की पढ़ाई कर रहा है। उसकी भूरा से दोस्ती थी, लेकिन वह लड़की के मां बनने या हत्या के लिए उकसाने में शामिल नहीं है। उसे गलत तरह से फंसाया जा रहा है। हमने कहा कि भूरा आपके घर आता था, तभी इस तरह की घटना घटी? वह कहती हैं- यह सच बात नहीं है। इनकी बेटी खुद भूरा से मिलने उसके घर जाती थी। हमने कई बार देखा। आप आसपास किसी से भी पूछ लीजिए। हमारा बेटा निर्दोष है। इतना कहने के बाद वह रोने लगती हैं। हत्या के बाद पिता को कोई पछतावा नहीं
आखिर में हम सीबीगंज थाने पहुंचे। वहां हमें एसओ राजबली सिंह मिले। हमने पूछा कि हत्या के बाद आरोपी पिता ने क्या कहा? वह कहते हैं- पहले वह पारसखेड़ा पुलिस चौकी आए। यहां बेटी की हत्या की बात कही, तो बाकी पुलिसवालों के होश उड़ गए। तुरंत ही यह जानकारी हमें मिली, तो हम भागकर गांव पहुंचे। लड़की को घर से उठाया और सीधे हॉस्पिटल ले गए। वहां मृत घोषित कर दिया गया। राजबली कहते हैं- हम लोगों ने बार-बार पूछा कि बेटी को क्यों मारा? वह कहता है समाज में बदनामी हो रही थी, इसलिए मार दिया। उसके अंदर बेटी को मार देने का कोई पछतावा नहीं था। यह खबर भी पढ़ें दुष्कर्म से बेटी गर्भवती…हत्या करके थाने पहुंचा पिता:बरेली में हत्या से पहले बेटी के पैर पकड़े, माफी मांगी बरेली में दुष्कर्म से बेटी गर्भवती हुई तो पिता ने उसकी हत्या कर दी। फिर खुद पुलिस चौकी पहुंचकर सरेंडर कर दिया। पुलिस को पूछताछ में कहा कि रात में सोते समय बेटी के पैर पकड़े। माफी मांगी, फिर गला दबाकर हत्या कर दी। कहा कि बदनामी भरी जिंदगी से मौत ज्यादा बेहतर है। पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। दो दिन पहले खुद पिता ने बेटी के साथ रेप का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर