लखनऊ में PGI की डॉक्टर से 2.8 करोड़ की ठगी:CBI ऑफिसर बनकर फंसाया, 6 दिन डिजिटल अरेस्ट रखा, 7 खाते में ट्रांसफर कराए पैसे

लखनऊ में PGI की डॉक्टर से 2.8 करोड़ की ठगी:CBI ऑफिसर बनकर फंसाया, 6 दिन डिजिटल अरेस्ट रखा, 7 खाते में ट्रांसफर कराए पैसे

लखनऊ में पीजीआई की डॉक्टर से 2.8 करोड़ की ठगी हुई है। ठग ने सीबीआई ऑफिसर बनकर फंसा लिया। 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। 7 अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर कराए। डॉक्टर से कहा कि आपका नाम जेट एयरवेज के मालिक के मनी लॉन्ड्रिग केस में आया है। बचना चाहती हैं तो पैसे ट्रांसफर करिए। पैसे भेजने के बाद भी ठग की डिमांड बढ़ती गई, तब महिला डॉ. को ठगी का शक हुआ। पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अफसर बनकर कॉल किया
कृष्णानगर निवासी डॉ.रुचिका ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले अन नॉन नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अर्थारिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) का कर्मचारी बताया। साथ ही कहा कि उनके सारे मोबाइल नंबर बंद किए जा रहे हैं। आपके खिलाफ 22 बार शिकायत की गई है, इसलिए आपसे सीबीआई के अधिकारी बात करेंगे। इसके बाद वीडियो कॉल के जरिये राहुल गुप्ता नाम के युवक से बात कराई गई। ठग ने कहा- महिला तस्करी में भी नाम है
राहुल गुप्ता नाम के युवक ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए कहा कि आपका नाम मनी लॉन्ड्रिग केस में आया है। साथ ही बच्चों और महिलाओं की तस्करी में नाम आया है। आपको बचना है तो बताए खातों में पैसा जमा करना होगा। उनकी बातों से इतना डर गईं कि छह दिनों में बताए गए सात खातों में अपने पांच खातों से पैसे भेजे। स्काइप एप डाउनलोड कराया
डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि 1 अगस्त को कॉल करने वाले ने स्काइप एप डाउनलोड करने के बाद सीबीआई अधिकारी से बात कराई। जिसने कहा कि मनीलॉन्ड्रिंग केस में मेरा स्टेटमेंट कोर्ट में जमा करना है। इसके लिए आपको एक फार्म भेजा जा रहा है, जिसे भर कर भेजें। उसके भेजे एक फर्म में मेरी सभी निजी जानकारी भरनी थी। ठग ने कहा कि आपको अरेस्ट करने का हमें ऑर्डर मिले हैं। मेरे रिक्वेस्ट करने पर आपको डिजिटल अरेस्ट करके पूछताछ कर सकते हैं लेकिन इस बीच आपको अपने परिवार में किसी को भी इस बारे में नहीं बताना है। आपको कोर्ट मे अपनी प्रापर्टी पूरा विवरण देने के साथ पूरा पैसा एक सरकारी खाते में जमा करना होगा। इन खातों में भेजे पैसे लखनऊ में पीजीआई की डॉक्टर से 2.8 करोड़ की ठगी हुई है। ठग ने सीबीआई ऑफिसर बनकर फंसा लिया। 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। 7 अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर कराए। डॉक्टर से कहा कि आपका नाम जेट एयरवेज के मालिक के मनी लॉन्ड्रिग केस में आया है। बचना चाहती हैं तो पैसे ट्रांसफर करिए। पैसे भेजने के बाद भी ठग की डिमांड बढ़ती गई, तब महिला डॉ. को ठगी का शक हुआ। पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अफसर बनकर कॉल किया
कृष्णानगर निवासी डॉ.रुचिका ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले अन नॉन नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अर्थारिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) का कर्मचारी बताया। साथ ही कहा कि उनके सारे मोबाइल नंबर बंद किए जा रहे हैं। आपके खिलाफ 22 बार शिकायत की गई है, इसलिए आपसे सीबीआई के अधिकारी बात करेंगे। इसके बाद वीडियो कॉल के जरिये राहुल गुप्ता नाम के युवक से बात कराई गई। ठग ने कहा- महिला तस्करी में भी नाम है
राहुल गुप्ता नाम के युवक ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए कहा कि आपका नाम मनी लॉन्ड्रिग केस में आया है। साथ ही बच्चों और महिलाओं की तस्करी में नाम आया है। आपको बचना है तो बताए खातों में पैसा जमा करना होगा। उनकी बातों से इतना डर गईं कि छह दिनों में बताए गए सात खातों में अपने पांच खातों से पैसे भेजे। स्काइप एप डाउनलोड कराया
डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि 1 अगस्त को कॉल करने वाले ने स्काइप एप डाउनलोड करने के बाद सीबीआई अधिकारी से बात कराई। जिसने कहा कि मनीलॉन्ड्रिंग केस में मेरा स्टेटमेंट कोर्ट में जमा करना है। इसके लिए आपको एक फार्म भेजा जा रहा है, जिसे भर कर भेजें। उसके भेजे एक फर्म में मेरी सभी निजी जानकारी भरनी थी। ठग ने कहा कि आपको अरेस्ट करने का हमें ऑर्डर मिले हैं। मेरे रिक्वेस्ट करने पर आपको डिजिटल अरेस्ट करके पूछताछ कर सकते हैं लेकिन इस बीच आपको अपने परिवार में किसी को भी इस बारे में नहीं बताना है। आपको कोर्ट मे अपनी प्रापर्टी पूरा विवरण देने के साथ पूरा पैसा एक सरकारी खाते में जमा करना होगा। इन खातों में भेजे पैसे   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर