राहुल गांधी को पांचवीं पंक्ति में बैठाने पर बवाल:विक्रमादित्य बोले- लोकतंत्र को खंडित करती है ऐसी मानसिकता, यह नेता प्रतिपक्ष नहीं पूरे देश का अपमान

राहुल गांधी को पांचवीं पंक्ति में बैठाने पर बवाल:विक्रमादित्य बोले- लोकतंत्र को खंडित करती है ऐसी मानसिकता, यह नेता प्रतिपक्ष नहीं पूरे देश का अपमान

दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पांचवीं पंक्ति में बैठाए जाने पर बवाल मच गया है। हिमाचल के लोक निर्माण मंत्री (PWD) विक्रमादित्य सिंह ने भी सोशल मीडिया पर इस पर निशाना साधा है। उन्होंने राहुल गांधी को पिछली पंक्ति में बैठाए जाने को देश का अपमान बताया है। विक्रमादित्य ने लिखा, राहुल गांधी लोकसभा के विपक्ष के नेता हैं, जिनका प्रोटोकॉल केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के बराबर है। फिर भी लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में उन्हें पांचवीं पंक्ति में बैठाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। अंत में उन्होंने लिखा, ऐसी मानसिकता लोकतंत्र को खंडित करती है और हमारे देश के हित में नहीं है। दरअसल, पिछले कल दिल्ली में राहुल गांधी को पांचवीं पंक्ति में बिठाया गया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी पांचवीं पंक्ति में ही सीट रिजर्व थी। हालांकि खड़गे कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। मगर नेता प्रतिपक्ष को पांचवीं पंक्ति में बिठाने से कांग्रेस आग बबूला है। सोशल मीडिया में भी इसे लेकर नई बहस छिड़ गई है। कांग्रेस आग बबूला नेता प्रतिपक्ष को भारतीय ऑलंपिक टीम के पीछे बिठाया गया। कांग्रेस जानबूझकर राहुल गांधी का अपमान करने का आरोप लगा रही है। पार्टी प्रवक्‍ता सुप्र‍िया श्रीनेत ने कहा, छोटे मन के लोगों से बड़ी चीजों की उम्मीद करना बेमानी है। नेता प्रतिपक्ष को स्वतंत्रता दिवस के समारोह में पांचवीं लाइन में बिठा कर सरकार ने अपनी कुंठा जगजाहिर की। इससे राहुल गांधी को कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, नेता प्रतिपक्ष का दर्जा कैबिनेट मंत्री का होता है। सरकार के मंत्री पहली पंक्ति में बैठे थे। इन लोगों को लोकतंत्र और लोकतांत्र‍िक परंपराओं की कोई परवाह नहीं। राहुल गांधी पांचवीं पंक्ति में बैठें या 50वीं, वो जन नायक ही रहेंगे। दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पांचवीं पंक्ति में बैठाए जाने पर बवाल मच गया है। हिमाचल के लोक निर्माण मंत्री (PWD) विक्रमादित्य सिंह ने भी सोशल मीडिया पर इस पर निशाना साधा है। उन्होंने राहुल गांधी को पिछली पंक्ति में बैठाए जाने को देश का अपमान बताया है। विक्रमादित्य ने लिखा, राहुल गांधी लोकसभा के विपक्ष के नेता हैं, जिनका प्रोटोकॉल केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के बराबर है। फिर भी लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में उन्हें पांचवीं पंक्ति में बैठाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। अंत में उन्होंने लिखा, ऐसी मानसिकता लोकतंत्र को खंडित करती है और हमारे देश के हित में नहीं है। दरअसल, पिछले कल दिल्ली में राहुल गांधी को पांचवीं पंक्ति में बिठाया गया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी पांचवीं पंक्ति में ही सीट रिजर्व थी। हालांकि खड़गे कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। मगर नेता प्रतिपक्ष को पांचवीं पंक्ति में बिठाने से कांग्रेस आग बबूला है। सोशल मीडिया में भी इसे लेकर नई बहस छिड़ गई है। कांग्रेस आग बबूला नेता प्रतिपक्ष को भारतीय ऑलंपिक टीम के पीछे बिठाया गया। कांग्रेस जानबूझकर राहुल गांधी का अपमान करने का आरोप लगा रही है। पार्टी प्रवक्‍ता सुप्र‍िया श्रीनेत ने कहा, छोटे मन के लोगों से बड़ी चीजों की उम्मीद करना बेमानी है। नेता प्रतिपक्ष को स्वतंत्रता दिवस के समारोह में पांचवीं लाइन में बिठा कर सरकार ने अपनी कुंठा जगजाहिर की। इससे राहुल गांधी को कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, नेता प्रतिपक्ष का दर्जा कैबिनेट मंत्री का होता है। सरकार के मंत्री पहली पंक्ति में बैठे थे। इन लोगों को लोकतंत्र और लोकतांत्र‍िक परंपराओं की कोई परवाह नहीं। राहुल गांधी पांचवीं पंक्ति में बैठें या 50वीं, वो जन नायक ही रहेंगे।   हिमाचल | दैनिक भास्कर