स्टार रेसलर विनेश फोगाट ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन बढ़ने से मेडल पाने से चूक गईं। विनेश को सिल्वर मेडल देने की याचिका को कोर्ट ऑफ आरबिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) यानी खेल कोर्ट ने खारिज कर दिया। लोगों के जेहन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब अमन सेहरावत 3 घंटे में अपना वजन 4.7 किलोग्राम घटा सकते हैं, तो विनेश 100 ग्राम वजन कम क्यों नहीं कर पाईं। ये कहना है रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह का। पेरिस ओलिंपिक से वाराणसी लौटे संजय सिंह ‘बबलू’ ने दैनिक भास्कर से बातचीत की। उन्होंने विनेश फोगाट को लेकर क्या कुछ कहा, विस्तार से पढ़िए इंटरव्यू… सवाल : क्या विनेश फोगाट गोल्ड जीत सकती थीं?
जवाब : तैयारी अच्छी थी। गोल्ड जीत सकती थी। अगर फाइनल खेलती तो भारत का गोल्ड मेडल हो सकता था। 100 ग्राम वजन बढ़ने के बाद बातचीत का लंबा दौर चला। लेकिन, मसला हल नहीं हो सका। सवाल : अमन सेहरावत का 4.7 KG वजन घटा लिया गया, तो विनेश कैसे चूक गईं?
जवाब : विनेश फोगाट का 100 ग्राम वजन क्यों कम नहीं हुआ, बड़ा सवाल है। जबकि विनेश के अपने पर्सनल डाइटीशियन थे। खुद के डॉक्टर, फिजियो और पूरा स्टाफ ही उनका था। ऐसे में WFI वजन कम कराने का जिम्मेदार नहीं था। वजन घटाना कोई बड़ा रॉकेट साइंस का काम नहीं था। कम हो सकता था। अमन सहरावत का 4.7 किलोग्राम वजन कैसे कम हुआ? विनेश का वजन क्यों नहीं कम हुआ? उनका सपोर्टिंग स्टाफ ही बता सकता है। सवाल : अमन सेहरावत का वजन कैसे कम हुआ?
जवाब : दिन में साढ़े 12 बजे अमन के वेट लॉस पर काम शुरू हुआ और साढ़े 3 बजे तक वजन 61 KG से घटकर 57 KG आ गया था। हमारे कोच, फिजियो, डाइटीशियन, मेडिकल टीम ने मिलकर काम किया। जबकि, विनेश के केस में ऐसा नहीं था। उनके साथ उनकी पूरी पर्सनल टीम थी। सवाल : विनेश का वजन कम क्यों नहीं हुआ, क्या इसकी जांच कराएंगे?
जवाब : नहीं, अब WFI इसमें कोई जांच नहीं करा सकती। ओलिंपिक संघ (IOA) या फिर भारत सरकार चाहे तो जांच करा सकती है। हमारा काम केवल अप्रूवल देने तक का है। सवाल : क्या अब खेल पंचाट के नियमों में कोई बदलाव होने वाला है?
जवाब : नहीं, जैसा हर ओलिंपिक में रहता है, वैसा ही आगे भी रहेगा। जो जिस गेम का नियम है, वैसा ही होता है। सवाल : खेल पंचाट के नियमों का हर देश में इतनी ही कड़ाई से पालन होता है?
जवाब : खेल पंचाट का नियम है कि 10 ग्राम भी वजन ज्यादा है तो उसको अप्रूवल नहीं दे सकते। यहां लोग नियम पर बात करने लगे कि वजन कम हो जाएगा या बढ़ा लिया जाएगा, जबकि ऐसा नहीं है। 15 ऐसे खिलाड़ी थे, जिनका वजह 100-50 ग्राम या उससे भी कम था और वो बाहर हो गए। सवाल : अमन सेहरावत से मेडल की उम्मीदें थीं?
जवाब : अमन सेहरावत से तो गोल्ड मेडल की उम्मीद थी। उन्होंने लगातार पूरे साल अच्छा परफॉर्मेंस दिया। वह आगे गोल्ड भी दिलाएंगे। सवाल : रेसलिंग में यूपी का रोल, क्यों यहां के लोग नहीं जाते?
जवाब : यूपी से नेशनल में 3 मेडल्स आए हैं। आगे और प्रयास होगा। लेकिन, यूपी और हरियाणा-पंजाब के पहलवानों में एक बड़ा फर्क है। यहां पर लोग पहलवानी करने के बाद नौकरी लेकर फिर आगे अपना टाइम गुजर बसर में लगा देते हैं। जबकि, हरियाणा पंजाब के खिलाड़ी ओलिंपिक तक जाने का सपना रखते हैं। उसी गेम में कोच बनकर अपने शिष्यों को पहलवान बनाते हैं। सवाल : जितने मेडल आए हैं, उससे संतुष्ट हैं?
जवाब : मेडल जरूर कम आया, लेकिन परफॉर्मेंस वाइज हमारे खिलाड़ी बेहतर किए। एक मेडल विनेश का कम हो गया, जो खला। बाकी आगे और बेहतर होगा। सवाल : कुश्ती संघ के विवाद से पेरिस ओलिंपिक में कोई प्रभाव पड़ा?
जवाब : हां, जरूर पड़ा। कुश्ती संघ का विवाद क्यों चला। संघ की गलती थी या WFI का दोष था मैं इसके पीछे नहीं जाना चाहता। यदि ये विवाद नहीं बढ़ा होता तो मेडल की संख्या भी बढ़ी होती। सवाल : 5 महीने के कार्यकाल में आपने क्या बेहतर किया?
जवाब : मेरे 5 महीने के कार्यकाल में बेहतर काम हुआ है। एशियन चैंपियनशिप में 9 बच्चियां गईं थीं, उनमें से 8 गोल्ड और 1 सिल्वर लेकर आईं हैं। अब जूनियर बच्चे अंडर-23 के जॉर्डन चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आगे की तैयारी बहुत अच्छी है। अभी रोहतक में अंडर- 23 का नेशनल होने जा रहा है। इसके बाद हम लोग सरकार से मांग करेंगे कैंप लगाया जाए। इससे बच्चों को एक्सपोजर मिलेगा और वो आगे बढ़ेंगे। ये भी पढ़ें: रक्षा बंधन से पहले कान्हा को 10 हजार चिटि्ठयां: बहन बोली- दिसंबर में शादी है, एक सप्ताह पहले आ जाना; पूरी जिम्मेदारी तुम्हारी है भैया मेरे प्यारे लड्डू गोपाल, मेरे प्यारे कान्हा। पहले ही कह देती हूं 6 दिसंबर को आपकी बहन की शादी है। 1 दिसंबर को ही आ जाना, साथ में प्यारी राधा रानी जी को भी ले आना। हल्दी-मेहंदी और सभी रस्में पूरी करनी हैं। मेरे प्यारे लड्डू गोपाल…कोई बहाना नहीं चलेगा। आपको भाई वाला काम संभालना है। अभी से तैयारी शुरू कर दो। पढ़ें मथुरा कान्हा के लिए आए 5 खत स्टार रेसलर विनेश फोगाट ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन बढ़ने से मेडल पाने से चूक गईं। विनेश को सिल्वर मेडल देने की याचिका को कोर्ट ऑफ आरबिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) यानी खेल कोर्ट ने खारिज कर दिया। लोगों के जेहन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब अमन सेहरावत 3 घंटे में अपना वजन 4.7 किलोग्राम घटा सकते हैं, तो विनेश 100 ग्राम वजन कम क्यों नहीं कर पाईं। ये कहना है रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह का। पेरिस ओलिंपिक से वाराणसी लौटे संजय सिंह ‘बबलू’ ने दैनिक भास्कर से बातचीत की। उन्होंने विनेश फोगाट को लेकर क्या कुछ कहा, विस्तार से पढ़िए इंटरव्यू… सवाल : क्या विनेश फोगाट गोल्ड जीत सकती थीं?
जवाब : तैयारी अच्छी थी। गोल्ड जीत सकती थी। अगर फाइनल खेलती तो भारत का गोल्ड मेडल हो सकता था। 100 ग्राम वजन बढ़ने के बाद बातचीत का लंबा दौर चला। लेकिन, मसला हल नहीं हो सका। सवाल : अमन सेहरावत का 4.7 KG वजन घटा लिया गया, तो विनेश कैसे चूक गईं?
जवाब : विनेश फोगाट का 100 ग्राम वजन क्यों कम नहीं हुआ, बड़ा सवाल है। जबकि विनेश के अपने पर्सनल डाइटीशियन थे। खुद के डॉक्टर, फिजियो और पूरा स्टाफ ही उनका था। ऐसे में WFI वजन कम कराने का जिम्मेदार नहीं था। वजन घटाना कोई बड़ा रॉकेट साइंस का काम नहीं था। कम हो सकता था। अमन सहरावत का 4.7 किलोग्राम वजन कैसे कम हुआ? विनेश का वजन क्यों नहीं कम हुआ? उनका सपोर्टिंग स्टाफ ही बता सकता है। सवाल : अमन सेहरावत का वजन कैसे कम हुआ?
जवाब : दिन में साढ़े 12 बजे अमन के वेट लॉस पर काम शुरू हुआ और साढ़े 3 बजे तक वजन 61 KG से घटकर 57 KG आ गया था। हमारे कोच, फिजियो, डाइटीशियन, मेडिकल टीम ने मिलकर काम किया। जबकि, विनेश के केस में ऐसा नहीं था। उनके साथ उनकी पूरी पर्सनल टीम थी। सवाल : विनेश का वजन कम क्यों नहीं हुआ, क्या इसकी जांच कराएंगे?
जवाब : नहीं, अब WFI इसमें कोई जांच नहीं करा सकती। ओलिंपिक संघ (IOA) या फिर भारत सरकार चाहे तो जांच करा सकती है। हमारा काम केवल अप्रूवल देने तक का है। सवाल : क्या अब खेल पंचाट के नियमों में कोई बदलाव होने वाला है?
जवाब : नहीं, जैसा हर ओलिंपिक में रहता है, वैसा ही आगे भी रहेगा। जो जिस गेम का नियम है, वैसा ही होता है। सवाल : खेल पंचाट के नियमों का हर देश में इतनी ही कड़ाई से पालन होता है?
जवाब : खेल पंचाट का नियम है कि 10 ग्राम भी वजन ज्यादा है तो उसको अप्रूवल नहीं दे सकते। यहां लोग नियम पर बात करने लगे कि वजन कम हो जाएगा या बढ़ा लिया जाएगा, जबकि ऐसा नहीं है। 15 ऐसे खिलाड़ी थे, जिनका वजह 100-50 ग्राम या उससे भी कम था और वो बाहर हो गए। सवाल : अमन सेहरावत से मेडल की उम्मीदें थीं?
जवाब : अमन सेहरावत से तो गोल्ड मेडल की उम्मीद थी। उन्होंने लगातार पूरे साल अच्छा परफॉर्मेंस दिया। वह आगे गोल्ड भी दिलाएंगे। सवाल : रेसलिंग में यूपी का रोल, क्यों यहां के लोग नहीं जाते?
जवाब : यूपी से नेशनल में 3 मेडल्स आए हैं। आगे और प्रयास होगा। लेकिन, यूपी और हरियाणा-पंजाब के पहलवानों में एक बड़ा फर्क है। यहां पर लोग पहलवानी करने के बाद नौकरी लेकर फिर आगे अपना टाइम गुजर बसर में लगा देते हैं। जबकि, हरियाणा पंजाब के खिलाड़ी ओलिंपिक तक जाने का सपना रखते हैं। उसी गेम में कोच बनकर अपने शिष्यों को पहलवान बनाते हैं। सवाल : जितने मेडल आए हैं, उससे संतुष्ट हैं?
जवाब : मेडल जरूर कम आया, लेकिन परफॉर्मेंस वाइज हमारे खिलाड़ी बेहतर किए। एक मेडल विनेश का कम हो गया, जो खला। बाकी आगे और बेहतर होगा। सवाल : कुश्ती संघ के विवाद से पेरिस ओलिंपिक में कोई प्रभाव पड़ा?
जवाब : हां, जरूर पड़ा। कुश्ती संघ का विवाद क्यों चला। संघ की गलती थी या WFI का दोष था मैं इसके पीछे नहीं जाना चाहता। यदि ये विवाद नहीं बढ़ा होता तो मेडल की संख्या भी बढ़ी होती। सवाल : 5 महीने के कार्यकाल में आपने क्या बेहतर किया?
जवाब : मेरे 5 महीने के कार्यकाल में बेहतर काम हुआ है। एशियन चैंपियनशिप में 9 बच्चियां गईं थीं, उनमें से 8 गोल्ड और 1 सिल्वर लेकर आईं हैं। अब जूनियर बच्चे अंडर-23 के जॉर्डन चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आगे की तैयारी बहुत अच्छी है। अभी रोहतक में अंडर- 23 का नेशनल होने जा रहा है। इसके बाद हम लोग सरकार से मांग करेंगे कैंप लगाया जाए। इससे बच्चों को एक्सपोजर मिलेगा और वो आगे बढ़ेंगे। ये भी पढ़ें: रक्षा बंधन से पहले कान्हा को 10 हजार चिटि्ठयां: बहन बोली- दिसंबर में शादी है, एक सप्ताह पहले आ जाना; पूरी जिम्मेदारी तुम्हारी है भैया मेरे प्यारे लड्डू गोपाल, मेरे प्यारे कान्हा। पहले ही कह देती हूं 6 दिसंबर को आपकी बहन की शादी है। 1 दिसंबर को ही आ जाना, साथ में प्यारी राधा रानी जी को भी ले आना। हल्दी-मेहंदी और सभी रस्में पूरी करनी हैं। मेरे प्यारे लड्डू गोपाल…कोई बहाना नहीं चलेगा। आपको भाई वाला काम संभालना है। अभी से तैयारी शुरू कर दो। पढ़ें मथुरा कान्हा के लिए आए 5 खत उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर