राम रहीम की फरलो पर उठे सवाल:ज्ञानी रघबीर बोले- हरियाणा चुनाव में फायदे के लिए सरकार दे रही पैरोल; सिख धार्मिकों का उठाया मुद्दा

राम रहीम की फरलो पर उठे सवाल:ज्ञानी रघबीर बोले- हरियाणा चुनाव में फायदे के लिए सरकार दे रही पैरोल; सिख धार्मिकों का उठाया मुद्दा

सिखों के सर्वोच्च स्थान श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम की फरलो पर सवाल उठाए हैं। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि रेपिस्टों को हरियाणा चुनाव के लिए पैरोल दी जा सकती है, लेकिन यह कैसा न्याय है जिसके कारण जेलों में बंद सिखों को रिहा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिखों के साथ अन्याय हो रहा है कि धर्म की खातिर जेलों में बंद सिखों को रिहा नहीं किया जा रहा है। सिख 32 साल से जेल में बंद हैं। सजा पूरी करने के बाद भी उन्हें रिहाई नहीं मिल रही है। उन्होंने देश के गृह मंत्री अमित शाह से भी पुनर्विचार करने को कहा। लेकिन अभी तक मामले लंबित हैं। बलवंत सिंह राजोआना की फांसी पर फैसला 12 साल से लंबित है। सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि अंतिम फैसला सरकार को लेना है। 12 साल से सरकार यह फैसला नहीं कर पाई है कि उसकी फांसी को उम्रकैद में बदला जाए या नहीं। गृहमंत्री के बयान की निंदा की ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि लुधियाना में रवनीत सिंह बिट्‌टू के हक में की गई रैली के दौरान अमित शाह ने कहा कि हम इनको कभी माफ नहीं करेंगे। इस तरह के बयान निंदा योग्य हैं। जबकि राम रहीम को सियासी फायदा लेने के लिए बार-बार पैरोल दी जाती है। बंटवारे के मरने वालों की आत्मिक शांति के लिए पाठ ज्ञानी रघबीर सिंह ने बताया कि बंटवारे के दौरान भारत व पाकिस्तान में खुशी मनाई गई। लेकिन पंजाब में बंटवारे में लाखों की मौत हुई। एसजीपीसी की तरफ से हर साल 15 अगस्त 1947 को बंटवारे के समय मारे गए लोगों की आत्मिक शांति के लिए पाठ करवाया जाता है। लेकिन इन मारे गए लोगों को ना भारत और ना ही पाकिस्तानी की पार्लियामेंट याद करती है। सिखों के सर्वोच्च स्थान श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम की फरलो पर सवाल उठाए हैं। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि रेपिस्टों को हरियाणा चुनाव के लिए पैरोल दी जा सकती है, लेकिन यह कैसा न्याय है जिसके कारण जेलों में बंद सिखों को रिहा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिखों के साथ अन्याय हो रहा है कि धर्म की खातिर जेलों में बंद सिखों को रिहा नहीं किया जा रहा है। सिख 32 साल से जेल में बंद हैं। सजा पूरी करने के बाद भी उन्हें रिहाई नहीं मिल रही है। उन्होंने देश के गृह मंत्री अमित शाह से भी पुनर्विचार करने को कहा। लेकिन अभी तक मामले लंबित हैं। बलवंत सिंह राजोआना की फांसी पर फैसला 12 साल से लंबित है। सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि अंतिम फैसला सरकार को लेना है। 12 साल से सरकार यह फैसला नहीं कर पाई है कि उसकी फांसी को उम्रकैद में बदला जाए या नहीं। गृहमंत्री के बयान की निंदा की ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि लुधियाना में रवनीत सिंह बिट्‌टू के हक में की गई रैली के दौरान अमित शाह ने कहा कि हम इनको कभी माफ नहीं करेंगे। इस तरह के बयान निंदा योग्य हैं। जबकि राम रहीम को सियासी फायदा लेने के लिए बार-बार पैरोल दी जाती है। बंटवारे के मरने वालों की आत्मिक शांति के लिए पाठ ज्ञानी रघबीर सिंह ने बताया कि बंटवारे के दौरान भारत व पाकिस्तान में खुशी मनाई गई। लेकिन पंजाब में बंटवारे में लाखों की मौत हुई। एसजीपीसी की तरफ से हर साल 15 अगस्त 1947 को बंटवारे के समय मारे गए लोगों की आत्मिक शांति के लिए पाठ करवाया जाता है। लेकिन इन मारे गए लोगों को ना भारत और ना ही पाकिस्तानी की पार्लियामेंट याद करती है।   पंजाब | दैनिक भास्कर