राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की समस सीमा 21 अगस्त नजदीक आ गई है। ऐसे में केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को राज्यसभा में भेजने की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। राजस्थान में अटकलें हैं कि भाजपा राजस्थान में बाहरी उम्मीदवार को ये सीट दे सकती है और इसके लिए रवनीत सिंह बिट्टू का नाम चर्चा में है। लुधियाना से दो बार सांसद रहे रवनीत बिट्टू ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बेअंत सिंह के पोते और पूर्व मंत्री तेज प्रकाश सिंह के बेटे हैं। भाजपा जॉइन करने के बाद पार्टी ने उन्हें लुधियाना से टिकट तो दिया, लेकिन उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से हार का सामना करना पड़ा। पंजाब से किसी और को ना चुनते हुए भाजपा ने मोदी 3.0 में रवनीत सिंह बिट्टू को केंद्रीय राज्य मंत्री बना दिया। जिसके बाद उनका राज्य सभा में जाना और सांसद के तौर पर शपथ लेना बहुत जरूरी है। पंजाब में 2028 से पहले खाली नहीं होगी कोई सीट पंजाब को छोड़ 9 राज्यों की 12 सीटों पर राज्यसभा चुनाव हो रहे हैं। पंजाब की बात करें तो यहां की 7 सीटों में से कोई भी 2028 से पहले खाली नहीं होगी। ऐसे में रवनीत सिंह बिट्टू राजस्थान सीट के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। जालांकि राजस्थान से पूर्व भाजपा प्रधान रहे सतीश पूनिया और अरुण चतुर्वेदी, पूर्व विपक्ष के नेता रहे राजेंद्र राठौड़, भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव अलका गुर्जर और पूर्व सांसद सीआर चौधरी का नाम भी शामिल हैं। हरियाणा में विरोध के बाद राजस्थान का रुख राजस्थान के साथ-साथ हरियाणा के रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद वहां भी सीट खाली हुई है और इस सीट के लिए भी चुनाव हो रहे हैं। यहां से रामबिलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़, संजय भाटिया, मनीष ग्रोवर, कुलदीप बिश्नोई और सुनीता दुग्गल समेत कई वरिष्ठ नेता भी दावेदार हैं। हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं किरण चौधरी भी दौड़ में हैं। इस सीट पर पहले रवनीत बिट्टू का नाम सामने आया था। लेकिन विरोध बढ़ता देख भाजपा अब रवनीत बिट्टू को राजस्थान से राज्यसभा भेजना चाहती है। राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की समस सीमा 21 अगस्त नजदीक आ गई है। ऐसे में केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को राज्यसभा में भेजने की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। राजस्थान में अटकलें हैं कि भाजपा राजस्थान में बाहरी उम्मीदवार को ये सीट दे सकती है और इसके लिए रवनीत सिंह बिट्टू का नाम चर्चा में है। लुधियाना से दो बार सांसद रहे रवनीत बिट्टू ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बेअंत सिंह के पोते और पूर्व मंत्री तेज प्रकाश सिंह के बेटे हैं। भाजपा जॉइन करने के बाद पार्टी ने उन्हें लुधियाना से टिकट तो दिया, लेकिन उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से हार का सामना करना पड़ा। पंजाब से किसी और को ना चुनते हुए भाजपा ने मोदी 3.0 में रवनीत सिंह बिट्टू को केंद्रीय राज्य मंत्री बना दिया। जिसके बाद उनका राज्य सभा में जाना और सांसद के तौर पर शपथ लेना बहुत जरूरी है। पंजाब में 2028 से पहले खाली नहीं होगी कोई सीट पंजाब को छोड़ 9 राज्यों की 12 सीटों पर राज्यसभा चुनाव हो रहे हैं। पंजाब की बात करें तो यहां की 7 सीटों में से कोई भी 2028 से पहले खाली नहीं होगी। ऐसे में रवनीत सिंह बिट्टू राजस्थान सीट के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। जालांकि राजस्थान से पूर्व भाजपा प्रधान रहे सतीश पूनिया और अरुण चतुर्वेदी, पूर्व विपक्ष के नेता रहे राजेंद्र राठौड़, भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव अलका गुर्जर और पूर्व सांसद सीआर चौधरी का नाम भी शामिल हैं। हरियाणा में विरोध के बाद राजस्थान का रुख राजस्थान के साथ-साथ हरियाणा के रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद वहां भी सीट खाली हुई है और इस सीट के लिए भी चुनाव हो रहे हैं। यहां से रामबिलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़, संजय भाटिया, मनीष ग्रोवर, कुलदीप बिश्नोई और सुनीता दुग्गल समेत कई वरिष्ठ नेता भी दावेदार हैं। हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं किरण चौधरी भी दौड़ में हैं। इस सीट पर पहले रवनीत बिट्टू का नाम सामने आया था। लेकिन विरोध बढ़ता देख भाजपा अब रवनीत बिट्टू को राजस्थान से राज्यसभा भेजना चाहती है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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