हरियाणा के करनाल में विदेश भेजने के नाम पर एक युवक और उसके परिवार से लाखों रुपये की ठगी की गई है। करनाल निवासी राहुल को एजेंट ने जर्मनी भेजने का वादा किया था, लेकिन उसे रूस भेज दिया गया। जहां उसे शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर थी, लेकिन इस धोखाधड़ी ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है। राहुल के माता-पिता गुरुदेव और उषा रानी ने अपने बेटे को विदेश भेजने के लिए काफी मुश्किलों का सामना किया। राहुल का सपना था कि वह जर्मनी जाकर अच्छी नौकरी करेगा और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारेगा। इस सपने को पूरा करने के लिए राहुल के पिता ने कर्ज लिया और अपनी पत्नी के गहने तक बेच दिए। एजेंट अंकुश, राहुल के दोस्त का रिश्तेदार था, उसने उन्हें जर्मनी भेजने का वादा किया और इस वादे के एवज में 15 लाख रुपए की मांग की। राहुल का परिवार किसी भी तरह पैसे इकट्ठा कर अंकुश को दे दिया, जिसमें साढ़े 9 लाख रुपए पहले ही दे दिए गए थे। रूस में प्रताड़ित 11 मई को राहुल को दिल्ली से विदेश भेजा गया। लेकिन एजेंट ने उसे जर्मनी की जगह रूस भेज दिया। वहां पहुंचने पर राहुल को भयंकर यातनाएं झेलनी पड़ीं। 27 जून को राहुल ने अपने परिवार को फोन करके बताया कि रूस में उसके साथ मारपीट की जा रही है और बंदूक की नोक पर उससे पैसे मांगे जा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता राहुल के परिवार ने इस धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस से की, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और कहा कि परिवार ने समझौता कर लिया है, जबकि हकीकत में न तो उनका बेटा मिला और न ही उनके पैसे वापस किए गए। राहुल के माता-पिता ने कहा कि हमारी बस यही मांग है कि हमारा बेटा सुरक्षित घर लौट आए। अगर हमें पैसे नहीं भी मिले तो भी हम अपने बेटे की सुरक्षा के लिए तैयार हैं। अंतहीन संघर्ष और निराशा राहुल के परिवार के लिए यह समय बहुत कठिनाइयों से भरा है। बेटे की सलामती की चिंता के साथ-साथ उनके ऊपर कर्ज का भारी बोझ भी है। एजेंट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से परिवार की निराशा और भी बढ़ गई है। अब उनका एकमात्र लक्ष्य है कि राहुल किसी भी तरह से सुरक्षित घर लौट आए। हरियाणा के करनाल में विदेश भेजने के नाम पर एक युवक और उसके परिवार से लाखों रुपये की ठगी की गई है। करनाल निवासी राहुल को एजेंट ने जर्मनी भेजने का वादा किया था, लेकिन उसे रूस भेज दिया गया। जहां उसे शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर थी, लेकिन इस धोखाधड़ी ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है। राहुल के माता-पिता गुरुदेव और उषा रानी ने अपने बेटे को विदेश भेजने के लिए काफी मुश्किलों का सामना किया। राहुल का सपना था कि वह जर्मनी जाकर अच्छी नौकरी करेगा और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारेगा। इस सपने को पूरा करने के लिए राहुल के पिता ने कर्ज लिया और अपनी पत्नी के गहने तक बेच दिए। एजेंट अंकुश, राहुल के दोस्त का रिश्तेदार था, उसने उन्हें जर्मनी भेजने का वादा किया और इस वादे के एवज में 15 लाख रुपए की मांग की। राहुल का परिवार किसी भी तरह पैसे इकट्ठा कर अंकुश को दे दिया, जिसमें साढ़े 9 लाख रुपए पहले ही दे दिए गए थे। रूस में प्रताड़ित 11 मई को राहुल को दिल्ली से विदेश भेजा गया। लेकिन एजेंट ने उसे जर्मनी की जगह रूस भेज दिया। वहां पहुंचने पर राहुल को भयंकर यातनाएं झेलनी पड़ीं। 27 जून को राहुल ने अपने परिवार को फोन करके बताया कि रूस में उसके साथ मारपीट की जा रही है और बंदूक की नोक पर उससे पैसे मांगे जा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता राहुल के परिवार ने इस धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस से की, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और कहा कि परिवार ने समझौता कर लिया है, जबकि हकीकत में न तो उनका बेटा मिला और न ही उनके पैसे वापस किए गए। राहुल के माता-पिता ने कहा कि हमारी बस यही मांग है कि हमारा बेटा सुरक्षित घर लौट आए। अगर हमें पैसे नहीं भी मिले तो भी हम अपने बेटे की सुरक्षा के लिए तैयार हैं। अंतहीन संघर्ष और निराशा राहुल के परिवार के लिए यह समय बहुत कठिनाइयों से भरा है। बेटे की सलामती की चिंता के साथ-साथ उनके ऊपर कर्ज का भारी बोझ भी है। एजेंट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से परिवार की निराशा और भी बढ़ गई है। अब उनका एकमात्र लक्ष्य है कि राहुल किसी भी तरह से सुरक्षित घर लौट आए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा चुनाव के बीच 3 दिन पहले सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कांग्रेस सरकार बनने पर CM कुर्सी पर दावा ठोक दिया था। कुमारी सैलजा ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, ”लोगों की व्यक्तिगत और जातीय आधार पर महत्त्वाकांक्षा होती है, मेरी भी है। मैं राज्य में काम करना चाहती हूं। विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हूं। हालांकि अंतिम फैसला हाईकमान करेगा।” सैलजा ने बयान दिया था, कि देश में अनुसूचित जातियों ने कांग्रेस को बड़ा समर्थन दिया है। जब दूसरी जातियों के नेता मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो फिर अनुसूचित जातियों से क्यों नहीं। सैलजा ने सीधे तौर पर हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने पर दलित सीएम की दावेदारी पेश कर दी। CM फेस को लेकर कॉन्ट्रोवर्सी जारी
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हरियाणा में हुड्डा की ही तरह कुमारी सैलजा भी खुद को CM कैंडिडेट प्रोजेक्ट करने की कोशिश में लगी हुई हैं। बताया जाता है कि वह लोकसभा चुनाव न लड़कर विधानसभा चुनाव पर ही फोकस करना चाहती थीं, लेकिन आलाकमान ने उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया। सैलजा हरियाणा में पार्टी का दलित चेहरा हैं। इनके राज्य के करीब 11 फीसदी वोटर 9 विधानसभा सीटों पर सीधा-सीधा असर डालते हैं। साथ ही वह महिला चेहरा भी हैं। ऐसे में राज्य की महिला वोटर्स का भी समर्थन उन्हें मिल सकता है। कुमारी सैलजा सोनिया गांधी की करीबी मानी जाती हैं और उनके पिता चौधरी दलवीर सिंह भी हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। शायद यही वजह है कि कांग्रेस आलाकमान ने फिलहाल दोनों में से किसी एक गुट का न तो समर्थन किया है, न ही किसी एक चेहरे पर चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले भी हुड्डा और सैलजा ने अलग-अलग यात्राएं निकाली थीं। बावजूद इसके कांग्रेस इन दोनों नेताओं के बीच के विवाद को नहीं सुलझा पाई, या ये कहें कि पार्टी इस विवाद को सुलझाना ही नहीं चाहती।
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