हरियाणा के निर्दलीय MLA संग पत्नी भी लड़ेगी चुनाव:BJP से राजनीति शुरू, अब उसी के कट्‌टर विरोधी; विनेश फोगाट को टिकट का ऑफर

हरियाणा के निर्दलीय MLA संग पत्नी भी लड़ेगी चुनाव:BJP से राजनीति शुरू, अब उसी के कट्‌टर विरोधी; विनेश फोगाट को टिकट का ऑफर

हरियाणा में रोहतक की महम सीट से निर्दलीय चुनाव जीते बलराज कुंडू की पत्नी भी इस बार चुनाव लड़ेंगी। कुंडू फिर महम सीट से लड़ेंगे। वहीं पत्नी परमजीत कुंडू को उन्होंने जींद की जुलाना सीट से उम्मीदवार बनाया है। इस बार कुंडू अपनी हरियाणा जनसेवक पार्टी (HJP) के बैनर तले खुद चुनाव लड़ेंगे और दूसरी विधानसभा सीटों पर भी उम्मीदवार उतारेंगे। बलराज कुंडू हरियाणा जन सेवक पार्टी के संयोजक हैं। महम में रक्षाबंधन को लेकर रखे कार्यक्रम में बलराज कुंडू ने चुनाव लड़ने की घोषणा की। बलराज कुंडू ने 2014 में राजनीति में एंट्री की। कुंडू सामाजिक कार्यों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। वे जींद, कैथल, रोहतक, बहादुरगढ़ समेत कई इलाकों में गर्ल्स स्टूडेंट्स को लाने-ले जाने के लिए फ्रीस बस चलाते हैं। कुंडू की गिनती हरियाणा के अमीर विधायकों में होती है। 2019 में चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में कुंडू की 2018-19 में सालाना आय 7.71 करोड़ रुपए के अलावा 141 करोड़ रुपए की संपत्ति बताई थी। कुंडू ने पेरिस ओलिंपिक से अयोग्य करार हुईं विनेश फोगाट को भी पार्टी से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है। कुंडू ने कहा कि उनकी सरकार बनी और विनेश जीती तो उसे खेल मंत्री बनाएंगे। 2020 में खट्टर सरकार से वापस लिया था समर्थन
2019 में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने खट्टर सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन एक साल बाद 2020 में ही इसे वापस लेने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद उन्होंने केंद्र के तीनों कृषि कानूनों का कड़ा विरोध किया था। इसके बाद बलराज कुंडू के घर पर आयकर विभाग ने छापेमारी भी की है। यह छापेमारी उनके रोहतक स्थित आवास पर की गई थी। इसके बाद से ही वह लगातार हरियाणा और केंद्र सरकार के खिलाफ कई मुद्दों पर हमला बोलते नजर आ रहे हैं। 6 सितंबर 2023 को बनाई थी नई पार्टी
बलराज कुंडू ने पिछले साल 6 सितंबर को हरियाणा में हरियाणा जनसेवक पार्टी नाम से पार्टी बनाई थी। इसके बाद उन्होंने जींद में बड़ी रैली की थी। इस रैली में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह बघेल भी शामिल हुए थे। इस रैली में केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना का कड़ा विरोध किया गया था। भाजपा से राजनीति की शुरुआत की, अब कट्टर विरोधी
राजनीति में आने से पहले एक व्यवसायी बलराज कुंडू ने 2014 से 2019 के बीच हरियाणा भाजपा में पैर जमाए रखा। उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा उन्हें 2019 के विधानसभा चुनाव में महम से मैदान में उतारेगी, लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो कुंडू निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतर गए। उन्होंने कांग्रेस के आनंद सिंह डांगी और भाजपा के शमशेर खरकड़ा को हराकर सीट जीती। बलराज कुंडू रोहतक और महम की लड़कियों को कॉलेज और यूनिवर्सिटी जाने के लिए अपने खर्च पर 18 मुफ्त बसें चला रहे हैं। व्यवसायी हैं बलराज कुंडू
कुंडू के परिवार की गुरुग्राम में स्थित राजमार्ग निर्माण कंपनी केसीसी बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड में हिस्सेदारी है। इसकी वेबसाइट के अनुसार, फर्म ने केंद्र की भारतमाला परियोजना नेटवर्क के तहत कई परियोजनाएं शुरू की थीं। इनमें दिल्ली-वडोदरा ग्रीनफील्ड अलाइनमेंट (NH-148N) के एक हिस्से का विकास, कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे, महाराष्ट्र में NH-44 पर एक मल्टी-लेन कैरिजवे और गुजरात में NH-8 को छह लेन का बनाना शामिल है। कुंडू के भाई शिवराज कुंडू कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं। हरियाणा में रोहतक की महम सीट से निर्दलीय चुनाव जीते बलराज कुंडू की पत्नी भी इस बार चुनाव लड़ेंगी। कुंडू फिर महम सीट से लड़ेंगे। वहीं पत्नी परमजीत कुंडू को उन्होंने जींद की जुलाना सीट से उम्मीदवार बनाया है। इस बार कुंडू अपनी हरियाणा जनसेवक पार्टी (HJP) के बैनर तले खुद चुनाव लड़ेंगे और दूसरी विधानसभा सीटों पर भी उम्मीदवार उतारेंगे। बलराज कुंडू हरियाणा जन सेवक पार्टी के संयोजक हैं। महम में रक्षाबंधन को लेकर रखे कार्यक्रम में बलराज कुंडू ने चुनाव लड़ने की घोषणा की। बलराज कुंडू ने 2014 में राजनीति में एंट्री की। कुंडू सामाजिक कार्यों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। वे जींद, कैथल, रोहतक, बहादुरगढ़ समेत कई इलाकों में गर्ल्स स्टूडेंट्स को लाने-ले जाने के लिए फ्रीस बस चलाते हैं। कुंडू की गिनती हरियाणा के अमीर विधायकों में होती है। 2019 में चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में कुंडू की 2018-19 में सालाना आय 7.71 करोड़ रुपए के अलावा 141 करोड़ रुपए की संपत्ति बताई थी। कुंडू ने पेरिस ओलिंपिक से अयोग्य करार हुईं विनेश फोगाट को भी पार्टी से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है। कुंडू ने कहा कि उनकी सरकार बनी और विनेश जीती तो उसे खेल मंत्री बनाएंगे। 2020 में खट्टर सरकार से वापस लिया था समर्थन
2019 में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने खट्टर सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन एक साल बाद 2020 में ही इसे वापस लेने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद उन्होंने केंद्र के तीनों कृषि कानूनों का कड़ा विरोध किया था। इसके बाद बलराज कुंडू के घर पर आयकर विभाग ने छापेमारी भी की है। यह छापेमारी उनके रोहतक स्थित आवास पर की गई थी। इसके बाद से ही वह लगातार हरियाणा और केंद्र सरकार के खिलाफ कई मुद्दों पर हमला बोलते नजर आ रहे हैं। 6 सितंबर 2023 को बनाई थी नई पार्टी
बलराज कुंडू ने पिछले साल 6 सितंबर को हरियाणा में हरियाणा जनसेवक पार्टी नाम से पार्टी बनाई थी। इसके बाद उन्होंने जींद में बड़ी रैली की थी। इस रैली में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह बघेल भी शामिल हुए थे। इस रैली में केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना का कड़ा विरोध किया गया था। भाजपा से राजनीति की शुरुआत की, अब कट्टर विरोधी
राजनीति में आने से पहले एक व्यवसायी बलराज कुंडू ने 2014 से 2019 के बीच हरियाणा भाजपा में पैर जमाए रखा। उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा उन्हें 2019 के विधानसभा चुनाव में महम से मैदान में उतारेगी, लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो कुंडू निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतर गए। उन्होंने कांग्रेस के आनंद सिंह डांगी और भाजपा के शमशेर खरकड़ा को हराकर सीट जीती। बलराज कुंडू रोहतक और महम की लड़कियों को कॉलेज और यूनिवर्सिटी जाने के लिए अपने खर्च पर 18 मुफ्त बसें चला रहे हैं। व्यवसायी हैं बलराज कुंडू
कुंडू के परिवार की गुरुग्राम में स्थित राजमार्ग निर्माण कंपनी केसीसी बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड में हिस्सेदारी है। इसकी वेबसाइट के अनुसार, फर्म ने केंद्र की भारतमाला परियोजना नेटवर्क के तहत कई परियोजनाएं शुरू की थीं। इनमें दिल्ली-वडोदरा ग्रीनफील्ड अलाइनमेंट (NH-148N) के एक हिस्से का विकास, कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे, महाराष्ट्र में NH-44 पर एक मल्टी-लेन कैरिजवे और गुजरात में NH-8 को छह लेन का बनाना शामिल है। कुंडू के भाई शिवराज कुंडू कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर