कन्नौज में नवाब की अखिलेश के साथ तस्वीर वाले होर्डिंग:रसूख से 24 घंटे नहीं होने दिया पीड़िता का मेडिकल; बयान बदलने को बनाया दबाव

कन्नौज में नवाब की अखिलेश के साथ तस्वीर वाले होर्डिंग:रसूख से 24 घंटे नहीं होने दिया पीड़िता का मेडिकल; बयान बदलने को बनाया दबाव

‘2019 में मैं चुनाव हार गई थी। जिनकी (नवाब सिंह) आप बात कर रहे हैं, सपा का कई सालों से उस व्यक्ति से कोई रिश्ता नहीं है। उस व्यक्ति का रिश्ता भाजपा से है। वह भाजपा के लिए काम कर रहे थे। जिस तरह आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं, उसकी जांच होनी चाहिए। जो दोषी है, उस पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।’ यह बातें मैनपुरी सांसद डिंपल यादव ने कन्नौज रेप केस से जुड़े सवाल पर कही… डिंपल यादव के दावों की हकीकत जानने दैनिक भास्कर की टीम लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस होते हुए कन्नौज पहुंची। देखा कि जगह-जगह स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की बधाई वाले होर्डिंग लगे हैं। होर्डिंग पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ नवाब सिंह यादव की तस्वीर है। ये वही नवाब सिंह यादव है, जिस पर 14 साल की लड़की से रेप का मामला दर्ज हुआ है। डीएनए सैंपल लिए जा चुके हैं। पार्टी नवाब से किनारा कर रही है। हालांकि, पार्टी के पुराने कार्यकर्ता इस बात को पुष्ट करते हैं कि नवाब पार्टी में किसी पद पर भले न हो, लेकिन काम हमेशा पार्टी के लिए ही करते रहे। हम सबसे पहले नवाब सिंह यादव के उस चौधरी चंदन सिंह डिग्री कॉलेज पहुंचे, जहां नाबालिग के साथ रेप की बात कही जा रही। आसपास के लोगों से बात की। उन अधिकारियों से मिले, जो उस रात वहां पहुंचे थे। नवाब के प्रति सपा के आक्रामक और भाजपा के सॉफ्ट रुख अपनाए नेताओं का पक्ष जाना। विस्तार से पढ़िए… कॉलेज के शिलान्यास में मुख्य अतिथि से अखिलेश यादव
कॉलेज नवाब सिंह के पिता के नाम पर है। 18 जुलाई, 2007 को इसका शिलान्यास हुआ था। उस वक्त सपा प्रमुख अखिलेश यादव बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए थे। अखिलेश उस वक्त भी कन्नौज सांसद थे, आज भी कन्नौज के सांसद हैं। इसी कॉलेज के दाहिने साइड में नवाब सिंह ने अपना पॉलिटिकल ऑफिस बना रखा है। इस ऑफिस में मुलायम सिंह यादव व राम मनोहर लोहिया की तस्वीर लगी है। सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल का प्रतीक भी है। हॉल में करीब 20 कुर्सियां रखी हैं। नवाब सिंह अपनी राजनीतिक गतिविधियां यहीं से करता था। कॉलेज की दीवार पर लिखा- पुलिस हेल्पलाइन नंबर
11 अगस्त की रात 12 बजकर 6 मिनट पर नाबालिग बच्ची को लेकर उसकी बुआ इसी दफ्तर में पहुंची थी। शिकायत के मुताबिक, बुआ ने बच्ची को कमरे में अकेले छोड़ दिया। इसके बाद उसके साथ छेड़खानी हुई। बुआ वापस कमरे में आई तो बच्ची ने उनसे फोन मांगा और मम्मी से बात करने की बात कहकर बाहर आ गई। बच्ची कमरे से करीब 30 मीटर दूर कॉलेज के गेट पर पहुंची। दीवार पर फायर, एम्बुलेंस के साथ पुलिस हेल्पलाइन डॉयल- 112 भी लिखा था। बच्ची अपने साथ हुई घटना के बाद भयभीत थी। उसने 112 नंबर पर फोन कर दिया। रात डेढ़ बजे उसने बताया कि नवाब सिंह कॉलेज में उसके कपड़े उतारे गए। उसने पते के रूप में तिर्वा बताया। पुलिस के लिए यह हैरान करने वाला था। तिर्वा में भी इस नाम का एक कॉलेज था, पुलिस वहां पहुंची, लेकिन कुछ नहीं मिला। इसके तुरंत बाद तिर्वा पुलिस ने कोतवाली कन्नौज को संपर्क किया। यहां पता चला कि नवाब सिंह कॉलेज नहीं, बल्कि नवाब सिंह के कॉलेज का मामला है। यहां की पुलिस नवाब सिंह की शख्सियत से परिचित थी, इसलिए तुरंत ही बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंचने का आदेश मिला। कोतवाली के ही एक अधिकारी कहते हैं, उस दिन रविवार था। अगले दिन यानी सोमवार को गौरी शंकर मंदिर पर बड़ी संख्या में कांवड़िए आने वाले थे। इसलिए ज्यादातर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी मेहंदी घाट पर लगाई गई थी। लेकिन, जैसे ही कॉलेज में एक लड़की के कपड़े उतारे जाने की बात पता चली, ज्यादा फोर्स के साथ पुलिस को भेज दिया गया। एसआई अजब सिंह लीड कर रहे थे। पुलिस मौके पर पहुंची तो बच्ची सहमी हुई वहीं खड़ी मिली। नवाब की वजह से नौकरी पाए लोग खेल करने में जुटे
बच्ची ने अपने साथ हुई घटना के हर पहलू को बता दिया। अब उसका मेडिकल होना था, लेकिन वह पूरे दिन नहीं हो पाया। इसकी वजह अजीब है। एक व्यक्ति कहते हैं, नवाब सिंह ने यहां करीब 200 से ज्यादा लोगों की अलग-अलग जगहों पर नौकरी लगवाई। नवाब की वजह से जिनकी नौकरी लगी, वह बच्ची को बयान बदलने के लिए मजबूर करने में जुटे थे। वह नहीं चाहते थे कि किसी भी तरह से मेडिकल हो और नवाब फंसे। एक पुलिस अधिकारी भी इसकी पुष्टि करते हैं। अब ये दो चीजें, जो महिला और नवाब की करीबी बता रहीं 1- वायरल वीडियो में 8000 रुपए का जिक्र पुलिस फोर्स वीडियो बनाते हुए कमरे की तरफ बढ़ी। नवाब सिंह शर्ट और अंडरवियर पहने लेटा था। उसका हाथ पीड़िता की बुआ के हाथ में था। बुआ 8000 रुपए में लेकर आए हैं, जैसी बातें कर रही थी। पुलिस को देखते ही नवाब सिंह सकपका गया। बुआ को कुछ समझ ही नहीं आया कि ये क्या हुआ। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। अगले दिन बच्ची का बयान दर्ज हुआ। 2- CDR रिपोर्ट: नवाब और बच्ची की बुआ के बीच एक दिन में 20 कॉल नवाब सिंह यादव और महिला पहले से एक-दूसरे को जानते थे। दोनों के बीच मोबाइल पर कई बार बात हुई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) रिपोर्ट में पता चला कि उस दिन नवाब और बच्ची की बुआ के बीच 20 से ज्यादा बार फोन पर बात हुई थी। अब जानिए सपा का दावा कितना सच्चा ‘नवाब पार्टी सदस्य नहीं, बदनाम करने की साजिश’ सपा के जिलाध्यक्ष कलीम खां कहते हैं- नवाब का समाजवादी पार्टी से कोई मतलब नहीं है। वह 6 साल से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे। पार्टी की छवि खराब करने के लिए षड़यंत्र के तहत सपा का सदस्य बताकर पार्टी को बदनाम किया जा रहा। वह पार्टी के सदस्य नहीं हैं, पार्टी से उनका नाम न जोड़ा जाए। भास्कर ने जो देखा- अखिलेश के साथ बधाई देते होर्डिंग बयां कर रहे हकीकत
हकीकत इसके उलट लगती है। कॉलेज में तो मुलायम सिंह की तस्वीर और साइकिल का मोमेंटो रखा था। साथ ही रास्ते में कई जगह पर रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए होर्डिंग लगी थी। उन सब में नवाब एक तरफ और दूसरी तरफ अखिलेश की तस्वीर थी। नवाब को लेकर दो तरह की राय: कुछ मसीहा मानते हैं तो कुछ दबंग
रेप मामले में गिरफ्तार नवाब सिंह यादव के नवाबी ठाठ थे। पूरे इलाके में दबदबा था। कुछ लोग गरीबों का मसीहा मानते हैं, तो कुछ दबंग। जो गरीबों का मसीहा मानते हैं, वह कुछ बोलने को तैयार नहीं। क्योंकि उन्होंने नवाब का महिला के साथ वाला वायरल वीडियो देखा है। दबंग मानने वाले इसलिए नहीं बोल रहे, क्योंकि उन्हें डर है कि नवाब जेल से बाहर आ गया तो मुश्किल हो जाएगी। हम कन्नौज में सपा के दफ्तर में गए। वहां कार्यालय की जिम्मेदारी संभाल रहे श्याम सुंदर यादव कहते हैं, नवाब भइया के पास भले कोई पद नहीं था। लेकिन, वह पार्टी के लिए हमेशा से काम करते रहे हैं। अगर वह पार्टी में नहीं होते तो क्या अखिलेश और राहुल गांधी की जो सभा हुई, उसमें मंच पर जा पाते। इसके अलावा भी वह घूम-घूमकर प्रचार करते रहे। पार्टी को फंड से भी मजबूत किया। हम जब नवाब सिंह के डिग्री कॉलेज के बाहर थे, तब हमें वहां एक व्यक्ति मिले। हमने पूछा नवाब सिंह कैसे आदमी हैं? वह कहते हैं, आदमी तो बढ़िया हैं, गरीबों की मदद करते हैं। कोई काम रुकता है तो अधिकारी से बोल देते हैं। लेकिन, उनका जो वीडियो वायरल हुआ, उसमें जो दिख रहा, वह अच्छा नहीं है। आखिर रात में 1 बजे किसी महिला को क्यों बुलाया? छोटी बच्ची के साथ गलत क्यों किया? वह कहते हैं, जितना गलत नवाब हैं, उतना ही गलत वो महिला भी जो अपनी भतीजी को लेकर यहां आई थी। उसे अपने घर जाना चाहिए था। यहां तो वह नवाब सिंह के हाथों में हाथ डालकर बैठी दिख रही थी। नवाब के कॉलेज के प्रिंसिपल रामनाथ मिश्रा कहते हैं, हमें इस मामले की जानकारी अगले दिन हुई थी। वह (नवाब) कभी-कभी ही कॉलेज आते थे। उस पर भी वह कॉलेज के बगल बने अपने दफ्तर में रहते थे। कभी कोई जरूरत होती, तभी कॉलेज में आते थे। यहां जो सीसीटीवी हैं, उसमें पूरी घटना कैद हुई थी। लड़की के यहां आने और पुलिस को फोन करने के फुटेज उसी में थे। पुलिस ने डीवीआर अपने कब्जे में लिया है। सपा के स्थानीय नेताओं की साजिश तो नहीं?
घटना के अगले दिन से ही लोगों के बीच यह चर्चा शुरू हो गई कि नवाब को फंसाया गया है। इस सवाल के जवाब को हमने अधिकारियों और स्थानीय नेताओं के जरिए समझा। इस मामले की इन्वेस्टिगेशन कर रहे एक पुलिस अफसर कहते हैं, ‘हमारे पास बच्ची के फंसे होने की जानकारी आई। जो जगह बताई गई, वह भी सेंसिटिव थी, इसलिए हम लोग तुरंत पहुंचे। जो जैसे था, उसे वहां से लेकर थाने आए। इसमें किसी को फंसाने जैसा नहीं है। न ही कुछ प्री-प्लान जैसा है। नवाब की तरफदारी के लिए भाजपा नेता को मिली चेतावनी
बीजेपी से जुड़े एक नेता नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं, नवाब सपा समर्थित तो थे, लेकिन पार्टी में उनकी बाकी नेताओं से जमती नहीं थी। इसलिए बीजेपी के लोग भी उनके प्रति सॉफ्ट कॉर्नर रखते थे। वह आगे कहते हैं, नवाब जब गिरफ्तार हुए और उन्हें थाने लाया गया। रात में ही बीजेपी के एक दिग्गज नेता थाने पहुंचे थे। उनकी कोशिश थी कि किसी तरह से मामला दबाया जा सके। लेकिन, घटना गंभीर थी इसलिए उस नेता की भी नहीं चली। इस बात की जानकारी जब लखनऊ पहुंची तब वहां से एक मंत्री ने उस नेता को चेतावनी भी दी थी। फिलहाल, इस मामले में सपा नवाब सिंह यादव से पल्ला झाड़ने में लगी है। जो समर्थक हैं, वह भी वीडियो सामने आने के बाद चुप्पी साधे हैं। बीजेपी का आलाकमान तो आक्रामक है, लेकिन स्थानीय नेता शांत हैं। पुलिस अब सारे सबूत इकट्ठा करने में लगी है। पीड़िता की बुआ की तलाश में छापेमारी हो रही। यह भी पढ़ें:- कन्नौज में सपा नेता का जेल में DNA सैंपल लिया: पीड़िता के भी नमूने लिए; कॉलेज में उतारे थे नाबलिग के कपड़े, रेप की भी हुई थी पुष्टि कन्नौज में नाबालिग से रेप के आरोपी सपा नेता नवाब सिंह यादव का जेल में DNA सैंपल लिया गया। दूसरी तरफ कड़ी सुरक्षा में जिला अस्पताल ले जाकर पीड़िता के भी नमूने लिए गए। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को नवाब सिंह ने कोर्ट में कहा- मेरा DNA करा लीजिए। नवाब के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में सबूत पेश किए। पूरी खबर पढ़ें ‘2019 में मैं चुनाव हार गई थी। जिनकी (नवाब सिंह) आप बात कर रहे हैं, सपा का कई सालों से उस व्यक्ति से कोई रिश्ता नहीं है। उस व्यक्ति का रिश्ता भाजपा से है। वह भाजपा के लिए काम कर रहे थे। जिस तरह आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं, उसकी जांच होनी चाहिए। जो दोषी है, उस पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।’ यह बातें मैनपुरी सांसद डिंपल यादव ने कन्नौज रेप केस से जुड़े सवाल पर कही… डिंपल यादव के दावों की हकीकत जानने दैनिक भास्कर की टीम लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस होते हुए कन्नौज पहुंची। देखा कि जगह-जगह स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की बधाई वाले होर्डिंग लगे हैं। होर्डिंग पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ नवाब सिंह यादव की तस्वीर है। ये वही नवाब सिंह यादव है, जिस पर 14 साल की लड़की से रेप का मामला दर्ज हुआ है। डीएनए सैंपल लिए जा चुके हैं। पार्टी नवाब से किनारा कर रही है। हालांकि, पार्टी के पुराने कार्यकर्ता इस बात को पुष्ट करते हैं कि नवाब पार्टी में किसी पद पर भले न हो, लेकिन काम हमेशा पार्टी के लिए ही करते रहे। हम सबसे पहले नवाब सिंह यादव के उस चौधरी चंदन सिंह डिग्री कॉलेज पहुंचे, जहां नाबालिग के साथ रेप की बात कही जा रही। आसपास के लोगों से बात की। उन अधिकारियों से मिले, जो उस रात वहां पहुंचे थे। नवाब के प्रति सपा के आक्रामक और भाजपा के सॉफ्ट रुख अपनाए नेताओं का पक्ष जाना। विस्तार से पढ़िए… कॉलेज के शिलान्यास में मुख्य अतिथि से अखिलेश यादव
कॉलेज नवाब सिंह के पिता के नाम पर है। 18 जुलाई, 2007 को इसका शिलान्यास हुआ था। उस वक्त सपा प्रमुख अखिलेश यादव बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए थे। अखिलेश उस वक्त भी कन्नौज सांसद थे, आज भी कन्नौज के सांसद हैं। इसी कॉलेज के दाहिने साइड में नवाब सिंह ने अपना पॉलिटिकल ऑफिस बना रखा है। इस ऑफिस में मुलायम सिंह यादव व राम मनोहर लोहिया की तस्वीर लगी है। सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल का प्रतीक भी है। हॉल में करीब 20 कुर्सियां रखी हैं। नवाब सिंह अपनी राजनीतिक गतिविधियां यहीं से करता था। कॉलेज की दीवार पर लिखा- पुलिस हेल्पलाइन नंबर
11 अगस्त की रात 12 बजकर 6 मिनट पर नाबालिग बच्ची को लेकर उसकी बुआ इसी दफ्तर में पहुंची थी। शिकायत के मुताबिक, बुआ ने बच्ची को कमरे में अकेले छोड़ दिया। इसके बाद उसके साथ छेड़खानी हुई। बुआ वापस कमरे में आई तो बच्ची ने उनसे फोन मांगा और मम्मी से बात करने की बात कहकर बाहर आ गई। बच्ची कमरे से करीब 30 मीटर दूर कॉलेज के गेट पर पहुंची। दीवार पर फायर, एम्बुलेंस के साथ पुलिस हेल्पलाइन डॉयल- 112 भी लिखा था। बच्ची अपने साथ हुई घटना के बाद भयभीत थी। उसने 112 नंबर पर फोन कर दिया। रात डेढ़ बजे उसने बताया कि नवाब सिंह कॉलेज में उसके कपड़े उतारे गए। उसने पते के रूप में तिर्वा बताया। पुलिस के लिए यह हैरान करने वाला था। तिर्वा में भी इस नाम का एक कॉलेज था, पुलिस वहां पहुंची, लेकिन कुछ नहीं मिला। इसके तुरंत बाद तिर्वा पुलिस ने कोतवाली कन्नौज को संपर्क किया। यहां पता चला कि नवाब सिंह कॉलेज नहीं, बल्कि नवाब सिंह के कॉलेज का मामला है। यहां की पुलिस नवाब सिंह की शख्सियत से परिचित थी, इसलिए तुरंत ही बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंचने का आदेश मिला। कोतवाली के ही एक अधिकारी कहते हैं, उस दिन रविवार था। अगले दिन यानी सोमवार को गौरी शंकर मंदिर पर बड़ी संख्या में कांवड़िए आने वाले थे। इसलिए ज्यादातर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी मेहंदी घाट पर लगाई गई थी। लेकिन, जैसे ही कॉलेज में एक लड़की के कपड़े उतारे जाने की बात पता चली, ज्यादा फोर्स के साथ पुलिस को भेज दिया गया। एसआई अजब सिंह लीड कर रहे थे। पुलिस मौके पर पहुंची तो बच्ची सहमी हुई वहीं खड़ी मिली। नवाब की वजह से नौकरी पाए लोग खेल करने में जुटे
बच्ची ने अपने साथ हुई घटना के हर पहलू को बता दिया। अब उसका मेडिकल होना था, लेकिन वह पूरे दिन नहीं हो पाया। इसकी वजह अजीब है। एक व्यक्ति कहते हैं, नवाब सिंह ने यहां करीब 200 से ज्यादा लोगों की अलग-अलग जगहों पर नौकरी लगवाई। नवाब की वजह से जिनकी नौकरी लगी, वह बच्ची को बयान बदलने के लिए मजबूर करने में जुटे थे। वह नहीं चाहते थे कि किसी भी तरह से मेडिकल हो और नवाब फंसे। एक पुलिस अधिकारी भी इसकी पुष्टि करते हैं। अब ये दो चीजें, जो महिला और नवाब की करीबी बता रहीं 1- वायरल वीडियो में 8000 रुपए का जिक्र पुलिस फोर्स वीडियो बनाते हुए कमरे की तरफ बढ़ी। नवाब सिंह शर्ट और अंडरवियर पहने लेटा था। उसका हाथ पीड़िता की बुआ के हाथ में था। बुआ 8000 रुपए में लेकर आए हैं, जैसी बातें कर रही थी। पुलिस को देखते ही नवाब सिंह सकपका गया। बुआ को कुछ समझ ही नहीं आया कि ये क्या हुआ। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। अगले दिन बच्ची का बयान दर्ज हुआ। 2- CDR रिपोर्ट: नवाब और बच्ची की बुआ के बीच एक दिन में 20 कॉल नवाब सिंह यादव और महिला पहले से एक-दूसरे को जानते थे। दोनों के बीच मोबाइल पर कई बार बात हुई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) रिपोर्ट में पता चला कि उस दिन नवाब और बच्ची की बुआ के बीच 20 से ज्यादा बार फोन पर बात हुई थी। अब जानिए सपा का दावा कितना सच्चा ‘नवाब पार्टी सदस्य नहीं, बदनाम करने की साजिश’ सपा के जिलाध्यक्ष कलीम खां कहते हैं- नवाब का समाजवादी पार्टी से कोई मतलब नहीं है। वह 6 साल से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे। पार्टी की छवि खराब करने के लिए षड़यंत्र के तहत सपा का सदस्य बताकर पार्टी को बदनाम किया जा रहा। वह पार्टी के सदस्य नहीं हैं, पार्टी से उनका नाम न जोड़ा जाए। भास्कर ने जो देखा- अखिलेश के साथ बधाई देते होर्डिंग बयां कर रहे हकीकत
हकीकत इसके उलट लगती है। कॉलेज में तो मुलायम सिंह की तस्वीर और साइकिल का मोमेंटो रखा था। साथ ही रास्ते में कई जगह पर रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए होर्डिंग लगी थी। उन सब में नवाब एक तरफ और दूसरी तरफ अखिलेश की तस्वीर थी। नवाब को लेकर दो तरह की राय: कुछ मसीहा मानते हैं तो कुछ दबंग
रेप मामले में गिरफ्तार नवाब सिंह यादव के नवाबी ठाठ थे। पूरे इलाके में दबदबा था। कुछ लोग गरीबों का मसीहा मानते हैं, तो कुछ दबंग। जो गरीबों का मसीहा मानते हैं, वह कुछ बोलने को तैयार नहीं। क्योंकि उन्होंने नवाब का महिला के साथ वाला वायरल वीडियो देखा है। दबंग मानने वाले इसलिए नहीं बोल रहे, क्योंकि उन्हें डर है कि नवाब जेल से बाहर आ गया तो मुश्किल हो जाएगी। हम कन्नौज में सपा के दफ्तर में गए। वहां कार्यालय की जिम्मेदारी संभाल रहे श्याम सुंदर यादव कहते हैं, नवाब भइया के पास भले कोई पद नहीं था। लेकिन, वह पार्टी के लिए हमेशा से काम करते रहे हैं। अगर वह पार्टी में नहीं होते तो क्या अखिलेश और राहुल गांधी की जो सभा हुई, उसमें मंच पर जा पाते। इसके अलावा भी वह घूम-घूमकर प्रचार करते रहे। पार्टी को फंड से भी मजबूत किया। हम जब नवाब सिंह के डिग्री कॉलेज के बाहर थे, तब हमें वहां एक व्यक्ति मिले। हमने पूछा नवाब सिंह कैसे आदमी हैं? वह कहते हैं, आदमी तो बढ़िया हैं, गरीबों की मदद करते हैं। कोई काम रुकता है तो अधिकारी से बोल देते हैं। लेकिन, उनका जो वीडियो वायरल हुआ, उसमें जो दिख रहा, वह अच्छा नहीं है। आखिर रात में 1 बजे किसी महिला को क्यों बुलाया? छोटी बच्ची के साथ गलत क्यों किया? वह कहते हैं, जितना गलत नवाब हैं, उतना ही गलत वो महिला भी जो अपनी भतीजी को लेकर यहां आई थी। उसे अपने घर जाना चाहिए था। यहां तो वह नवाब सिंह के हाथों में हाथ डालकर बैठी दिख रही थी। नवाब के कॉलेज के प्रिंसिपल रामनाथ मिश्रा कहते हैं, हमें इस मामले की जानकारी अगले दिन हुई थी। वह (नवाब) कभी-कभी ही कॉलेज आते थे। उस पर भी वह कॉलेज के बगल बने अपने दफ्तर में रहते थे। कभी कोई जरूरत होती, तभी कॉलेज में आते थे। यहां जो सीसीटीवी हैं, उसमें पूरी घटना कैद हुई थी। लड़की के यहां आने और पुलिस को फोन करने के फुटेज उसी में थे। पुलिस ने डीवीआर अपने कब्जे में लिया है। सपा के स्थानीय नेताओं की साजिश तो नहीं?
घटना के अगले दिन से ही लोगों के बीच यह चर्चा शुरू हो गई कि नवाब को फंसाया गया है। इस सवाल के जवाब को हमने अधिकारियों और स्थानीय नेताओं के जरिए समझा। इस मामले की इन्वेस्टिगेशन कर रहे एक पुलिस अफसर कहते हैं, ‘हमारे पास बच्ची के फंसे होने की जानकारी आई। जो जगह बताई गई, वह भी सेंसिटिव थी, इसलिए हम लोग तुरंत पहुंचे। जो जैसे था, उसे वहां से लेकर थाने आए। इसमें किसी को फंसाने जैसा नहीं है। न ही कुछ प्री-प्लान जैसा है। नवाब की तरफदारी के लिए भाजपा नेता को मिली चेतावनी
बीजेपी से जुड़े एक नेता नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं, नवाब सपा समर्थित तो थे, लेकिन पार्टी में उनकी बाकी नेताओं से जमती नहीं थी। इसलिए बीजेपी के लोग भी उनके प्रति सॉफ्ट कॉर्नर रखते थे। वह आगे कहते हैं, नवाब जब गिरफ्तार हुए और उन्हें थाने लाया गया। रात में ही बीजेपी के एक दिग्गज नेता थाने पहुंचे थे। उनकी कोशिश थी कि किसी तरह से मामला दबाया जा सके। लेकिन, घटना गंभीर थी इसलिए उस नेता की भी नहीं चली। इस बात की जानकारी जब लखनऊ पहुंची तब वहां से एक मंत्री ने उस नेता को चेतावनी भी दी थी। फिलहाल, इस मामले में सपा नवाब सिंह यादव से पल्ला झाड़ने में लगी है। जो समर्थक हैं, वह भी वीडियो सामने आने के बाद चुप्पी साधे हैं। बीजेपी का आलाकमान तो आक्रामक है, लेकिन स्थानीय नेता शांत हैं। पुलिस अब सारे सबूत इकट्ठा करने में लगी है। पीड़िता की बुआ की तलाश में छापेमारी हो रही। यह भी पढ़ें:- कन्नौज में सपा नेता का जेल में DNA सैंपल लिया: पीड़िता के भी नमूने लिए; कॉलेज में उतारे थे नाबलिग के कपड़े, रेप की भी हुई थी पुष्टि कन्नौज में नाबालिग से रेप के आरोपी सपा नेता नवाब सिंह यादव का जेल में DNA सैंपल लिया गया। दूसरी तरफ कड़ी सुरक्षा में जिला अस्पताल ले जाकर पीड़िता के भी नमूने लिए गए। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को नवाब सिंह ने कोर्ट में कहा- मेरा DNA करा लीजिए। नवाब के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में सबूत पेश किए। पूरी खबर पढ़ें   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर