सुल्तानपुर के जल निगम विभाग में रंजिश के चलते इंजीनियर संतोष कुमार की हत्या की गई। आरोपी असिस्टेंट इंजीनियर (AE) अमित कुमार को पुलिस ने एनकाउंटर में गोली मार कर पकड़ा। वह बिहार भागने की फिराक में था। बड़ा सवाल यह कि आखिर ऐसी क्या नाराजगी थी कि बात जान लेने तक पहुंच गई। दैनिक भास्कर ने जल निगम इंजीनियर की हत्या के मामले में बारीकी से पड़ताल की तो चौंकाने वाले राज सामने आए। AE अमित कुमार जलनिगम का कर्मचारी नहीं है। वह जलजीवन मिशन के लिए काम कर रही आउटसोर्सिंग कंपनी का कर्मचारी है। यही वजह है कि बिना नौकरी की परवाह किए वह किसी से भी भिड़ जाता था। पहले भी कई अधिकारियों को धमका चुका था। आइए आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं… नोएडा की प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी है हत्यारोपी
नोएडा की ग्रेविटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को जलजीवन मिशन के तहत कई जिलों का काम दिया गया है। ये कंपनी आउटसोर्सिंग के तहत इंजीनियर्स, अकाउंटेंट और दूसरे कर्मचारियों की सुविधा देती है। इंजीनियर की हत्या का आरोपी AE अमित कुमार भी इसी कंपनी का कर्मचारी था। विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अमित कुमार की सैलरी करीब 50 हजार प्रति माह थी। बिहार का रहने वाला अमित स्वभाव से गुस्सैल और बेहद झगड़ालू किस्म का है, जिसका आए दिन किसी न किसी से झगड़ा होता रहता था। AE को हटाने के लिए पत्र लिखना बना जानलेवा
7 जून 2024 को अधिशाषी अभियंता संतोष कुमार ने AE अमित कुमार की शिकायत विभाग के बड़े अफसरों से की थी। अमित इसी बात को लेकर संतोष से खासा नाराज था। सूत्रों की मानें तो अमित ने इंजीनियर संतोष से बात भी की थी। उस समय भी दोनों के बीच तीखी बहस हुई थी। वह संतोष कुमार से शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया था। AE अमित के पास पांच विकासखंडों का था चार्ज, अक्सर लगती थी फटकार
हत्यारोपी AE के पास जल जीवन मिशन के तहत हो रहे हो कार्यों और उसकी गुणवत्ता की जांच की जिम्मेदारी थी। इसके अलावा आईजीआरएस पर शिकायतों का निस्तारण और उनका जवाब देने की जिम्मेदारी भी अधिशाषी अभियंता संतोष कुमार ने अमित को दे रखी थी। यह भी कहा जा रहा है कि AE अमित ने कभी विभागीय कार्यों में रूचि नहीं दिखाई। उसके पटल पर सैकड़ों शिकायतें पेंडिंग थीं। इसे लेकर संतोष अक्सर उसे फटकार लगाते थे। अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान भी नदारद रहता था
AE अमित कुमार हमेशा ठेकदारों से घिरा रहता था। ठेकेदारों से उसकी करीबी विभाग में चर्चा का विषय थी। सूत्रों की मानें तो वह किसी काम की जांच के बिना ही भुगतान के लिए अपनी संस्तुति दे देता था। हकीकत में कितना काम हुआ, ये चेक करने के दौरान गायब हो जाता था। कई बार फर्जी उपस्थिति का मामला भी सामने आया था। संतोष कुमार ने इसे लेकर उसे कई बार फटकार लगाई थी। यही वजह थी कि संतोष कुमार से अमित की तल्खियां बढ़ती गईं। कई ठेकेदारों को फर्जी लाभ पहुंचाने की भी चर्चा
नाम न छापने की शर्त पर विभाग से जुड़े लोगों ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत सुल्तानपुर में तीन बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं। उन्होंने छोटे-छोटे काम लोकल ठेकेदारों को काम दे रखा है। इन कंपनियों से AE की अच्छी सेटिंग थी। इनमें से कुछ ठेकेदारों को फर्जी भुगतान करने के लिए AE ने रिपोर्ट लगा दी थी, जिसे अधिशाषी अभियंता संतोष कुमार ने खारिज कर दिया। इस बात को लेकर भी अमित उनसे काफी खफा था। सोनभद्र में भी हुई थी शिकायत
जलनिगम इंजीनियर का हत्यारोपी अमित इसके पहले सोनभद्र में तैनात था। वहां भी उसके खिलाफ तत्कालीन अधिशाषी अभियंता महेंद्र कुमार ने कई बार शिकायती पत्र लिखा था। 1 साल में उसके खिलाफ 4 बार शिकायती पत्र विभाग के उच्चाधिकारियों और ग्रैविटी कंपनी को लिखे गए। इसके बावजूद भी अमित के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे उसका हौसला इतने बढ़ गया कि वह किसी से भी अभद्रता करने से बाज नहीं आता। सोनभद्र में अधिशाषी अभियंता को दी थी धमकी
सोनभद्र में तैनाती के दौरान AE अमित कुमार ने अधिशाषी अभियंता महेंद्र कुमार को धमकी दी थी। दरअसल, उन्होंने अमित की शिकायत विभागीय अफसरों और आउटसोर्सिंग कंपनी से की थी। अमित ने ऑफिस में घुसकर महेंद्र कुमार को गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दे डाली। महेंद्र कुमार ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया- अमित कुमार काफी बिगड़ैल स्वभाव का है। वह छोटी-छोटी बात पर झगड़ा करने लगता था। ड्यूटी से गायब रहना, किसी भी जिम्मेदारी को न निभाना, समझाने पर झगड़ा करना उसकी आदत में था। एक बार उसे ड्यूटी से गैरहाजिर रहने पर डांटा तो उसने मुझसे कहा- तुम्हारा वो हाल करूंगा कि कहीं नौकरी करने लायक नहीं रह जाओगे। मेरी ही शिकायत पर उसका सुल्तानपुर ट्रांसफर किया गया। 6 बार शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं
सूत्र बताते हैं कि हत्यारोपी अमित की विभाग में तगड़ी सेटिंग थी। यही वजह थी कि 2 साल में 6 शिकायतों के बावजूद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जलनिगम अधिकारियों से लेकर आउटसोर्सिंग कंपनी ने तक ने उस पर कोई एक्शन लिया। हर नई तैनाती के साथ उसका विभाग में संबंध बढ़ता गया। तैनाती वाले जिलों के अफसर उसके खिलाफ लेटर लिखते रहे। लेकिन इसका उस पर कोई असर नहीं पड़ा इंजीनियर के सिर और गर्दन पर 5 जगह चोट के निशान
उधर, इंजीनियर संतोष कुमार की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में उनके सिर और गर्दन पर पांच जगह चोट के निशान मिले हैं। इंजीनियर को पहले बुरी तरह पीटा गया, जिसके बाद मुंह दबाकर उनकी हत्या कर दी गई। भाई ने लगाए थे आरोप
बलिया के रहने वाले इंजीनियर के भाई संजय कुमार ने FIR दर्ज कराई है। उनके मुताबिक- 15 अगस्त की शाम भाई से फोन पर बात हुई थी। वो बता रहे थे कि जल जीवन मिशन के तहत काम कर रही एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करवा दूंगा। उसके खिलाफ 250 पन्ने की रिपोर्ट तैयार कर रहा हूं। ठेकेदार का पेमेंट भी रोक दिया है। संजय ने आशंका जताई थी कि जांच और भुगतान को लेकर अमित कुमार ने साथियों के साथ मिलकर भाई की हत्या की। जलनिगम इंजीनियर के हत्यारोपी AE को पुलिस ने गोली मारी: एनकाउंटर में अरेस्ट; ठेकेदार का पेमेंट रोकने पर अफसर की पीटकर की थी हत्या सुल्तानपुर में जल निगम इंजीनियर संतोष कुमार की हत्या के आरोपी असिस्टेंट इंजीनियर (AE) अमित कुमार को पुलिस ने एनकाउंटर में गोली मार दी। वह अपने दोस्त के साथ बिहार भागने की फिराक में था। सुल्तानपुर में हवाई पट्टी के पास पुलिस ने घेरा तो आरोपी फायरिंग करने लगा। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। इसमें AE और उसके साथी प्रदीप को पैर में गोली लग गई। दोनों घायल होकर वहीं गिर पड़े। इसके बाद पुलिस ने दोनों को अरेस्ट कर लिया। पूरी खबर पढ़ें सुल्तानपुर के जल निगम विभाग में रंजिश के चलते इंजीनियर संतोष कुमार की हत्या की गई। आरोपी असिस्टेंट इंजीनियर (AE) अमित कुमार को पुलिस ने एनकाउंटर में गोली मार कर पकड़ा। वह बिहार भागने की फिराक में था। बड़ा सवाल यह कि आखिर ऐसी क्या नाराजगी थी कि बात जान लेने तक पहुंच गई। दैनिक भास्कर ने जल निगम इंजीनियर की हत्या के मामले में बारीकी से पड़ताल की तो चौंकाने वाले राज सामने आए। AE अमित कुमार जलनिगम का कर्मचारी नहीं है। वह जलजीवन मिशन के लिए काम कर रही आउटसोर्सिंग कंपनी का कर्मचारी है। यही वजह है कि बिना नौकरी की परवाह किए वह किसी से भी भिड़ जाता था। पहले भी कई अधिकारियों को धमका चुका था। आइए आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं… नोएडा की प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी है हत्यारोपी
नोएडा की ग्रेविटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को जलजीवन मिशन के तहत कई जिलों का काम दिया गया है। ये कंपनी आउटसोर्सिंग के तहत इंजीनियर्स, अकाउंटेंट और दूसरे कर्मचारियों की सुविधा देती है। इंजीनियर की हत्या का आरोपी AE अमित कुमार भी इसी कंपनी का कर्मचारी था। विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अमित कुमार की सैलरी करीब 50 हजार प्रति माह थी। बिहार का रहने वाला अमित स्वभाव से गुस्सैल और बेहद झगड़ालू किस्म का है, जिसका आए दिन किसी न किसी से झगड़ा होता रहता था। AE को हटाने के लिए पत्र लिखना बना जानलेवा
7 जून 2024 को अधिशाषी अभियंता संतोष कुमार ने AE अमित कुमार की शिकायत विभाग के बड़े अफसरों से की थी। अमित इसी बात को लेकर संतोष से खासा नाराज था। सूत्रों की मानें तो अमित ने इंजीनियर संतोष से बात भी की थी। उस समय भी दोनों के बीच तीखी बहस हुई थी। वह संतोष कुमार से शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया था। AE अमित के पास पांच विकासखंडों का था चार्ज, अक्सर लगती थी फटकार
हत्यारोपी AE के पास जल जीवन मिशन के तहत हो रहे हो कार्यों और उसकी गुणवत्ता की जांच की जिम्मेदारी थी। इसके अलावा आईजीआरएस पर शिकायतों का निस्तारण और उनका जवाब देने की जिम्मेदारी भी अधिशाषी अभियंता संतोष कुमार ने अमित को दे रखी थी। यह भी कहा जा रहा है कि AE अमित ने कभी विभागीय कार्यों में रूचि नहीं दिखाई। उसके पटल पर सैकड़ों शिकायतें पेंडिंग थीं। इसे लेकर संतोष अक्सर उसे फटकार लगाते थे। अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान भी नदारद रहता था
AE अमित कुमार हमेशा ठेकदारों से घिरा रहता था। ठेकेदारों से उसकी करीबी विभाग में चर्चा का विषय थी। सूत्रों की मानें तो वह किसी काम की जांच के बिना ही भुगतान के लिए अपनी संस्तुति दे देता था। हकीकत में कितना काम हुआ, ये चेक करने के दौरान गायब हो जाता था। कई बार फर्जी उपस्थिति का मामला भी सामने आया था। संतोष कुमार ने इसे लेकर उसे कई बार फटकार लगाई थी। यही वजह थी कि संतोष कुमार से अमित की तल्खियां बढ़ती गईं। कई ठेकेदारों को फर्जी लाभ पहुंचाने की भी चर्चा
नाम न छापने की शर्त पर विभाग से जुड़े लोगों ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत सुल्तानपुर में तीन बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं। उन्होंने छोटे-छोटे काम लोकल ठेकेदारों को काम दे रखा है। इन कंपनियों से AE की अच्छी सेटिंग थी। इनमें से कुछ ठेकेदारों को फर्जी भुगतान करने के लिए AE ने रिपोर्ट लगा दी थी, जिसे अधिशाषी अभियंता संतोष कुमार ने खारिज कर दिया। इस बात को लेकर भी अमित उनसे काफी खफा था। सोनभद्र में भी हुई थी शिकायत
जलनिगम इंजीनियर का हत्यारोपी अमित इसके पहले सोनभद्र में तैनात था। वहां भी उसके खिलाफ तत्कालीन अधिशाषी अभियंता महेंद्र कुमार ने कई बार शिकायती पत्र लिखा था। 1 साल में उसके खिलाफ 4 बार शिकायती पत्र विभाग के उच्चाधिकारियों और ग्रैविटी कंपनी को लिखे गए। इसके बावजूद भी अमित के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे उसका हौसला इतने बढ़ गया कि वह किसी से भी अभद्रता करने से बाज नहीं आता। सोनभद्र में अधिशाषी अभियंता को दी थी धमकी
सोनभद्र में तैनाती के दौरान AE अमित कुमार ने अधिशाषी अभियंता महेंद्र कुमार को धमकी दी थी। दरअसल, उन्होंने अमित की शिकायत विभागीय अफसरों और आउटसोर्सिंग कंपनी से की थी। अमित ने ऑफिस में घुसकर महेंद्र कुमार को गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दे डाली। महेंद्र कुमार ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया- अमित कुमार काफी बिगड़ैल स्वभाव का है। वह छोटी-छोटी बात पर झगड़ा करने लगता था। ड्यूटी से गायब रहना, किसी भी जिम्मेदारी को न निभाना, समझाने पर झगड़ा करना उसकी आदत में था। एक बार उसे ड्यूटी से गैरहाजिर रहने पर डांटा तो उसने मुझसे कहा- तुम्हारा वो हाल करूंगा कि कहीं नौकरी करने लायक नहीं रह जाओगे। मेरी ही शिकायत पर उसका सुल्तानपुर ट्रांसफर किया गया। 6 बार शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं
सूत्र बताते हैं कि हत्यारोपी अमित की विभाग में तगड़ी सेटिंग थी। यही वजह थी कि 2 साल में 6 शिकायतों के बावजूद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जलनिगम अधिकारियों से लेकर आउटसोर्सिंग कंपनी ने तक ने उस पर कोई एक्शन लिया। हर नई तैनाती के साथ उसका विभाग में संबंध बढ़ता गया। तैनाती वाले जिलों के अफसर उसके खिलाफ लेटर लिखते रहे। लेकिन इसका उस पर कोई असर नहीं पड़ा इंजीनियर के सिर और गर्दन पर 5 जगह चोट के निशान
उधर, इंजीनियर संतोष कुमार की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में उनके सिर और गर्दन पर पांच जगह चोट के निशान मिले हैं। इंजीनियर को पहले बुरी तरह पीटा गया, जिसके बाद मुंह दबाकर उनकी हत्या कर दी गई। भाई ने लगाए थे आरोप
बलिया के रहने वाले इंजीनियर के भाई संजय कुमार ने FIR दर्ज कराई है। उनके मुताबिक- 15 अगस्त की शाम भाई से फोन पर बात हुई थी। वो बता रहे थे कि जल जीवन मिशन के तहत काम कर रही एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करवा दूंगा। उसके खिलाफ 250 पन्ने की रिपोर्ट तैयार कर रहा हूं। ठेकेदार का पेमेंट भी रोक दिया है। संजय ने आशंका जताई थी कि जांच और भुगतान को लेकर अमित कुमार ने साथियों के साथ मिलकर भाई की हत्या की। जलनिगम इंजीनियर के हत्यारोपी AE को पुलिस ने गोली मारी: एनकाउंटर में अरेस्ट; ठेकेदार का पेमेंट रोकने पर अफसर की पीटकर की थी हत्या सुल्तानपुर में जल निगम इंजीनियर संतोष कुमार की हत्या के आरोपी असिस्टेंट इंजीनियर (AE) अमित कुमार को पुलिस ने एनकाउंटर में गोली मार दी। वह अपने दोस्त के साथ बिहार भागने की फिराक में था। सुल्तानपुर में हवाई पट्टी के पास पुलिस ने घेरा तो आरोपी फायरिंग करने लगा। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। इसमें AE और उसके साथी प्रदीप को पैर में गोली लग गई। दोनों घायल होकर वहीं गिर पड़े। इसके बाद पुलिस ने दोनों को अरेस्ट कर लिया। पूरी खबर पढ़ें उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर