हरियाणा विधानसभा चुनाव की घोषणा के बीच सेफ सीट हिसार पर BJP में टकराव हो गया है। यहां से अभी राज्य सरकार में मंत्री डॉ. कमल गुप्ता विधायक हैं। अब कुरूक्षेत्र सांसद नवीन जिंदल की पूर्व मंत्री मां सावित्री जिंदल भी प्रबल दावेदार बन गई हैं। मंत्री जहां इस सीट से टिकट कन्फर्म मानकर चल रहे हैं। वहीं, मंत्री के फैसलों का विरोध कर जिंदल परिवार भी पूरी टक्कर दे रहा है। जिंदल परिवार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुआ। जिसके बाद उन्हें लोकसभा टिकट मिल गई। हाईकमान तक उनकी पहुंच से मंत्री की हिसार टिकट खतरे में नजर आ रही है। स्थिति यह है कि सावित्री जिंदल मंत्री कमल गुप्ता के कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुई हैं। वहीं कमल गुप्ता भी सावित्री जिंदल के प्रोग्राम में जाने से परहेज कर रहे हैं। पहले जानिए.. दोनों नेताओं की दावेदारी मजबूत क्यों? कमल गुप्ता लगातार 2 चुनाव जीते, सावित्री जिंदल को भी हराया
कमल गुप्ता 2 बार हिसार सीट से चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने 2014 के बाद 2019 में भी लगातार चुनाव जीता। खास बात यह है कि 2014 में तो कमल गुप्ता ने सावित्री जिंदल को ही चुनाव हराया था। उस समय सावित्री ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। चूंकि गुप्ता सरकार में मंत्री हैं और सावित्री जिंदल को भी हरा चुके हैं, इसलिए वह मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। सावित्री जिंदल हिसार से 2 बार चुनाव जीत चुकीं, मंत्री भी रहीं
हिसार सीट पर सावित्री जिंदल का भी रसूख अच्छा है। वह 2 बार हिसार से चुनाव जीतकर विधायक बन चुकी हैं। पहला चुनाव उन्होंने 2005 में जीता था। तब उपचुनाव जीतकर वह भूपेंद्र हुड्डा की अगुआई वाली हरियाणा सरकार में शामिल हुई थीं। 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की। 2013 में भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया था। गुप्ता-जिंदल परिवार में तनातनी के 4 उदाहरण सामने आए 1. तिरंगा यात्रा में मंत्री ने सावित्री जिंदल का इंतजार नहीं किया
हाल ही में भाजपा की ओर से प्रदेश में तिरंगा यात्रा निकाली गई। हिसार विधानसभा में डॉ. कमल गुप्ता ने यात्रा की अगुआई की। इस यात्रा में सावित्री जिंदल देरी से पहुंचीं। जिंदल के आने से पहले ही कमल गुप्ता यात्रा लेकर आगे निकल पड़े। पूर्व मंत्री ने तिरंगा हाथ में लिया। फिर वे कुछ देर रूक कर वहां से नाराजगी जाहिर करते हुए निकल गईं। 2. मंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का विरोध किया
हिसार के बस स्टैंड के शिफ्टिंग को लेकर भी दोनों में मतभेद नजर आए। कमल गुप्ता बस स्टैंड को शहर से बाहर शिफ्ट करना चाहते थे। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था। बस स्टैंड शिफ्टिंग का व्यापारियों ने विरोध किया। सावित्री जिंदल की घर पर व्यापारियों की मीटिंग भी हुई। इसके बाद कमल गुप्ता नाराज हो गए और उन्हें प्रोजेक्ट टालना पड़ा। 3. एक-दूसरे को निमंत्रण नहीं भेज रहे
दोनों नेताओं के समर्थक एक दूसरे के कार्यक्रमों में एक-दूसरे को निमंत्रण नहीं भेज रहे। ऐसे पार्षद और नेता जो सावित्री जिंदल के समर्थक थे और अब कमल गुप्ता के साथ हैं। वह गुप्ता से दूरी बनाए हुए हैं। कमल गुप्ता के समर्थक भी सावित्री जिंदल के कार्यक्रमों से दूरी बनाकर चल रहे हैं। दोनों नेता भी एक दूसरे को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं कर रहे। 4. चौक को लेकर भी अंदरखाते जिंदल परिवार का विरोध
हिसार के आचार्य तुलसी चौक को खूबसूरत बनाने के चक्कर में मंत्री ने वहां लाल किले का मॉडल लगा दिया। मंत्री इसकी वाहवाही लूटना चाहते थे लेकिन जैन समाज ने विरोध कर दिया। उनके समर्थन में कुछ पार्षद भी आ गए। चर्चा है कि ये पार्षद जिंदल परिवार के करीबी हैं जो मंत्री को झटका देना चाहते हैं। नवीन जिंदल ने कहा- पार्टी फैसला करेगी
सावित्री जिंदल के बेटे नवीन जिंदल कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं। चुनाव जीतने के बाद नवीन हिसार आए थे। तब उन्होंने कहा था कि हिसार के टिकट का फैसला हाईकमान को करना है। पार्टी का जो भी निर्णय होगा, हम उसके साथ हैं। हालांकि उन्होंने हिसार सीट से जिंदल परिवार के विधानसभा चुनाव लड़ने की बात से इनकार नहीं किया। मंत्री टिकट बचाने दिल्ली दौड़े
नवीन जिंदल के इस बयान के बाद से डॉ. कमल गुप्ता की टेंशन बढ़ गई थी। चर्चा है कि इसके बाद कमल गुप्ता ने भी दिल्ली के चक्कर लगाने शुरू कर दिए थे। पिछले हफ्ते उन्होंने प्रदेश चुनाव सह प्रभारी बिप्लब देब से मुलाकात की। जिसमें उन्होंने अपनी टिकट पक्की करने के लिए लॉबिंग की। हरियाणा विधानसभा चुनाव की घोषणा के बीच सेफ सीट हिसार पर BJP में टकराव हो गया है। यहां से अभी राज्य सरकार में मंत्री डॉ. कमल गुप्ता विधायक हैं। अब कुरूक्षेत्र सांसद नवीन जिंदल की पूर्व मंत्री मां सावित्री जिंदल भी प्रबल दावेदार बन गई हैं। मंत्री जहां इस सीट से टिकट कन्फर्म मानकर चल रहे हैं। वहीं, मंत्री के फैसलों का विरोध कर जिंदल परिवार भी पूरी टक्कर दे रहा है। जिंदल परिवार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुआ। जिसके बाद उन्हें लोकसभा टिकट मिल गई। हाईकमान तक उनकी पहुंच से मंत्री की हिसार टिकट खतरे में नजर आ रही है। स्थिति यह है कि सावित्री जिंदल मंत्री कमल गुप्ता के कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुई हैं। वहीं कमल गुप्ता भी सावित्री जिंदल के प्रोग्राम में जाने से परहेज कर रहे हैं। पहले जानिए.. दोनों नेताओं की दावेदारी मजबूत क्यों? कमल गुप्ता लगातार 2 चुनाव जीते, सावित्री जिंदल को भी हराया
कमल गुप्ता 2 बार हिसार सीट से चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने 2014 के बाद 2019 में भी लगातार चुनाव जीता। खास बात यह है कि 2014 में तो कमल गुप्ता ने सावित्री जिंदल को ही चुनाव हराया था। उस समय सावित्री ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। चूंकि गुप्ता सरकार में मंत्री हैं और सावित्री जिंदल को भी हरा चुके हैं, इसलिए वह मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। सावित्री जिंदल हिसार से 2 बार चुनाव जीत चुकीं, मंत्री भी रहीं
हिसार सीट पर सावित्री जिंदल का भी रसूख अच्छा है। वह 2 बार हिसार से चुनाव जीतकर विधायक बन चुकी हैं। पहला चुनाव उन्होंने 2005 में जीता था। तब उपचुनाव जीतकर वह भूपेंद्र हुड्डा की अगुआई वाली हरियाणा सरकार में शामिल हुई थीं। 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की। 2013 में भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया था। गुप्ता-जिंदल परिवार में तनातनी के 4 उदाहरण सामने आए 1. तिरंगा यात्रा में मंत्री ने सावित्री जिंदल का इंतजार नहीं किया
हाल ही में भाजपा की ओर से प्रदेश में तिरंगा यात्रा निकाली गई। हिसार विधानसभा में डॉ. कमल गुप्ता ने यात्रा की अगुआई की। इस यात्रा में सावित्री जिंदल देरी से पहुंचीं। जिंदल के आने से पहले ही कमल गुप्ता यात्रा लेकर आगे निकल पड़े। पूर्व मंत्री ने तिरंगा हाथ में लिया। फिर वे कुछ देर रूक कर वहां से नाराजगी जाहिर करते हुए निकल गईं। 2. मंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का विरोध किया
हिसार के बस स्टैंड के शिफ्टिंग को लेकर भी दोनों में मतभेद नजर आए। कमल गुप्ता बस स्टैंड को शहर से बाहर शिफ्ट करना चाहते थे। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था। बस स्टैंड शिफ्टिंग का व्यापारियों ने विरोध किया। सावित्री जिंदल की घर पर व्यापारियों की मीटिंग भी हुई। इसके बाद कमल गुप्ता नाराज हो गए और उन्हें प्रोजेक्ट टालना पड़ा। 3. एक-दूसरे को निमंत्रण नहीं भेज रहे
दोनों नेताओं के समर्थक एक दूसरे के कार्यक्रमों में एक-दूसरे को निमंत्रण नहीं भेज रहे। ऐसे पार्षद और नेता जो सावित्री जिंदल के समर्थक थे और अब कमल गुप्ता के साथ हैं। वह गुप्ता से दूरी बनाए हुए हैं। कमल गुप्ता के समर्थक भी सावित्री जिंदल के कार्यक्रमों से दूरी बनाकर चल रहे हैं। दोनों नेता भी एक दूसरे को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं कर रहे। 4. चौक को लेकर भी अंदरखाते जिंदल परिवार का विरोध
हिसार के आचार्य तुलसी चौक को खूबसूरत बनाने के चक्कर में मंत्री ने वहां लाल किले का मॉडल लगा दिया। मंत्री इसकी वाहवाही लूटना चाहते थे लेकिन जैन समाज ने विरोध कर दिया। उनके समर्थन में कुछ पार्षद भी आ गए। चर्चा है कि ये पार्षद जिंदल परिवार के करीबी हैं जो मंत्री को झटका देना चाहते हैं। नवीन जिंदल ने कहा- पार्टी फैसला करेगी
सावित्री जिंदल के बेटे नवीन जिंदल कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं। चुनाव जीतने के बाद नवीन हिसार आए थे। तब उन्होंने कहा था कि हिसार के टिकट का फैसला हाईकमान को करना है। पार्टी का जो भी निर्णय होगा, हम उसके साथ हैं। हालांकि उन्होंने हिसार सीट से जिंदल परिवार के विधानसभा चुनाव लड़ने की बात से इनकार नहीं किया। मंत्री टिकट बचाने दिल्ली दौड़े
नवीन जिंदल के इस बयान के बाद से डॉ. कमल गुप्ता की टेंशन बढ़ गई थी। चर्चा है कि इसके बाद कमल गुप्ता ने भी दिल्ली के चक्कर लगाने शुरू कर दिए थे। पिछले हफ्ते उन्होंने प्रदेश चुनाव सह प्रभारी बिप्लब देब से मुलाकात की। जिसमें उन्होंने अपनी टिकट पक्की करने के लिए लॉबिंग की। हरियाणा | दैनिक भास्कर