Delhi Weather: दिल्ली में अगले पांच दिनों तक बारिश की संभावना, जानें- IMD की चेतावनी में और क्या है? Delhi Weather: दिल्ली में अगले पांच दिनों तक बारिश की संभावना, जानें- IMD की चेतावनी में और क्या है? दिल्ली NCR ‘हर चुनौती स्वीकार बस खाकी वर्दी मिल जाए’, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा से पहले भावुक हुए अभ्यर्थी
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बढ़ती महंगाई से बिगड़ रहा किचन का जायका, प्याज ने लगाई हाफ सेंचुरी तो टमाटर 100 के पार
बढ़ती महंगाई से बिगड़ रहा किचन का जायका, प्याज ने लगाई हाफ सेंचुरी तो टमाटर 100 के पार <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand Vegetable Price:</strong> मानसून की मार अब लोगों के खाने पर भी पड़ रही है. भारी बारिश की वजह से खेतों में सब्जियों की फसलों को खासा नुकसान हुआ है जिसकी वजह से सब्जियों के दामों में जबरदस्त इजाफा हो गया है. उधम सिंह नगर में सब्जियों के दाम दोगुना से तीन गुना तक बढ़ गए हैं. आलम ये हैं कि लोगों की थाली से आलू, प्याज और टमाटर जैसी सब्जियां गायब हो रही है तो वहीं महंगाई ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सब्जी की फसलों को भारी नुकसान होने के कारण पिछले 15 दिनों में खाने पीने के सामान और सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि दिखाई देने लगीं है. सबसे ज्यादा बढ़ोतरी प्याज और टमाटर के रेटों में दिखाई दे रही है तो वहीं हरी सब्जियां जैसे लौकी, श्री, भिंडी भी आँखें दिखा रही है. उधम सिंह नगर जिले में टमाटर 100 रुपये प्रति किलो, प्याज- 50, आलू 40-50 रुपये और भिंडी, तौरी, शिमला मिर्च जैसी सब्जियां 80-100 रुपये प्रति किलों के हिसाब से बिक रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महंगाई ने लोगों को किया परेशान</strong><br />सब्जियों के बढ़े दामों का असर सीधा आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है. एबीपी लाइव संवाददाता वेद प्रकाश यादव ग्राहकों से बात की तो कविता मान नाम की गृहणी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में सब्जियों की कीमतें डबल हो गईं हैं. उन्होंने कहा कि आलू, प्याज़ सबके दाम डबल हो गए हैं. पहले आलू 20 रुपये किलो था अब दाम 40 रुपये प्रति किलो हो गए हैं. प्याज के दाम भी बढ़कर 50 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं. लौकी भी अब 50 रुपये तक पहुँच गई हैं. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. इतनी महँगी सब्जी खरीदना मुश्किल हो गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सब्जी विक्रेता भी दाम बढ़ने से परेशान</strong><br />ग्राहक ही सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी की वजह से व्यापारी भी बहुत परेशान हैं. सब्जी विक्रेता एजाज अहमद ने कहा, सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े हैं. आलू 25 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 40 तक पहुंच गया है जबकि प्याज 50 रुपये और टमाटर के दाम 50 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं. हरी सब्ज़ियां के दाम भी बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं. ज़्यादातर सब्जियां 80 100 के बीच में बिक रही है. उन्होंने कहा कि हमें भी मंडी में सब्जियां नहीं मिल पा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सब्जी विक्रेता ने कहा इस महंगाई से हर आदमी परेशान हैं. ज्यादातर लोग तो सब्जियों के दाम पूछकर ही चले जाते हैं. हर कोई इतनी महंगी सब्जी नहीं खरीद पा रहा है. वहीं एक और व्यापारी नेमचंद गुप्ता ने कहा बरसात के मौसम में हर साल अक्सर सब्जियों के दाम बढ़ ही जाती है. पंद्रह दिन तक तो रेड बढ़े ही रहेंगे. अगस्त महीने में फिर से सब्जियों के दाम हो जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इनपुट- वेद प्रकाश यादव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/north-eastern-railway-cancelled-many-train-and-changed-routes-due-to-disruption-of-rain-ann-2734866″>यूपी में बारिश के चलते ट्रेनों की आवाजाही बाधित, पूर्वोत्तर रेलवे की कई ट्रेनें रद्द, इनका बदला मार्ग</a></strong> <br /><br /></p>
वाराणसी में असली दरोगा की नकली ‘स्पेशल क्राइम ब्रांच’:ज्वैलरी कारोबारियों को बस से उतारकर 42 लाख पार किए, दोस्तों को बताया स्पेशल कॉप
वाराणसी में असली दरोगा की नकली ‘स्पेशल क्राइम ब्रांच’:ज्वैलरी कारोबारियों को बस से उतारकर 42 लाख पार किए, दोस्तों को बताया स्पेशल कॉप वाराणसी कमिश्नरेट में वर्दी की आड़ में लूट का गिरोह चलाने वाले दरोगा का पर्दाफ़ाश हुआ है। थानों और चौकी पर तैनाती के दौरान असली दरोगा ने 4 शातिर युवकों के साथ अपनी नकली ‘स्पेशल क्राइम ब्रांच’ बनाई और हाईवे पर लूट की वारदातें शुरू कर दीं। दोस्त रेकी करते फिर वर्दी की आड़ में दरोगा खुद छापेमारी कर माल पार कर देता। दरोगा ने इस बार वाराणसी-कोलकाता हाईवे पर हवाला का रुपया बताकर ज्वेलरी कारोबारी के कर्मचारियों से 42.50 लाख की लूट की। वारदात अपने क्षेत्र से 50 km दूर चंदौली के सैय्यदराजा में की। हालांकि सर्विलांस की जांच में दरोगा फंस गया और अब 2 साथियों समेत असली वाराणसी क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गया है। पुलिस कमिश्नर की स्पेशल टीम पिछले 40 घंटे से कड़ी पूछताछ में जुटी है और कई लूट की वारदातें खुलकर सामने आ गई हैं। वहीं दरोगा के दो अन्य साथियों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिशें दे रही है। हालांकि पुलिस के अफसर खामोश हैं और जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं। थाना रामनगर के सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल भी निकाली गई है। नंबर मिलने पर गहराया शक, जवाब नहीं दे पा रहा दरोगा
सर्राफा कारोबारी के कर्मचारियों से लूट की जांच कर रही पुलिस की सर्विलांस टीम के हाथ लोकेशन खंगालने में एक नंबर लगा। जिसे ट्रैस किया तो दरोगा का नंबर था, उसकी तैनाती कैंट की एक मशहूर चौकी पर थी। वारदात में उठते सवालों के बीच पुलिस कमिश्नर ने अपनी स्पेशल टीम लगाई तो कहानी कुछ और ही निकली। टीम ने दरोगा की कुंडली खंगाली तो सुई उस पर जाकर रुक गई। बातचीत में दरोगा ने अपने काम के लिए जाने की बात कही लेकिन सही जवाब नहीं दे पाया। उधर, 22 जून की घटना को 21 दिन बाद 13 जुलाई को दर्ज करने वाले इंस्पेक्टर रामनगर की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। पुलिस टीम से केस का बार-बार अपडेट लेने में बढ़ा शक
वारदात के बाद दरोगा बड़ी रकम और व्यापारियों का मामला होने के चलते सतर्क था। वहीं घटना के बाद रामनगर और सैय्यदराजा थाने से लगातार अपडेट भी ले रहा था। उसने रामनगर थाने में केस के विवेचक से भी बात की, हालांकि केस में कोई प्रगति नहीं होने के कारण उसे अपडेट नहीं मिल सका। मामले की जानकारी के बाद सोमवार दोपहर को सीपी की टीम ने चौकी के बाहर दरोगा को बुलाया और कार में लेकर आवास पहुंची। सीपी की निगरानी में दरोगा से पूछताछ की गई, इसके बाद जोन के एक अफसर को बुलाया गया। सीपी ने जोन के राजपत्रित अधिकारी से दरोगा और उसके दोस्तों की पूरी जानकारी जुटाने का निर्देश दिया, तब से लेकर लगभग 40 घंटे तक अनवरत पूछताछ और दरोगा के दो अन्य साथियों की तलाश जारी है। कैंट की मुख्य चौकी का बना इंचार्ज
लूट की वारदातों को अंजाम देने वाले दरोगा का नेटवर्क भी बहुत मजबूत है। उसके संपर्क केवल पुलिस महकमे में ही नहीं राजनीतिक गलियारों में भी हैं। दरोगा पहले गोमती जोन के प्रमुख थाने पर तैनात था फिर उसने अपना तबादला वरुणा जोन में करवा लिया। पिछले दिनों कैंट की एक चौकी पर सेकंड अफसर था तो सिस्टम लगाकर पिछले दिनों चौकी इंचार्ज बन गया। दरोगा ने चौकी पाते ही बड़ा हाथ मारा और पहले झटके में 42.50 लाख की लूट कर डाली और खामोशी की चादर ओढ़ ली। वर्दी की हनक में चला रहा था गिरोह
दरोगा वर्दी की आड़ में अपना एक गिरोह संचालित कर रहा था और यह लूटकांड उसकी पहली वारदात नहीं थी। उसने इससे पहले भी लूट की कई वारदातों को अंजाम दिया है। दरोगा के मोबाइल से घटना संबंधी फोटो वीडियो सहित चैटिंग भी मिले है, जो उसे जेल भेजने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं। दरोगा हमेशा बिना नंबर के वाहन का उपयोग करता था और वर्दी की हनक में वारदात को अंजाम देता था। वर्दी पहनकर लूट करने वाले दरोगा ने वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की छवि को पलीता लगा दिया है। जनता की सुरक्षा करने और साफ छवि का दावा करने वाली पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं सच्चाई से मुंह फेरते हुए आला अधिकारी अभी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। पहले बताते हैं वो पूरा घटनाक्रम, जिससे जुड़े दरोगा के तार
26 जून की रात नीचीबाग कूड़ाखाना गली निवासी सर्राफ कारोबारी जयपाल कुमार के 2 कर्मचारी 93 लाख रुपए का पेमेंट लेकर वाराणसी से कोलकाता रवाना हुए। जयपाल ने दोनों कर्मचारी अविनाश और धनंजय को भुल्लनपुर से बस में बैठाया और खुद घर आ गए। कुछ देर बाद कर्मचारी ने फोन कर कहा कि पुलिस ने कैश पकड़ लिया है और बताया कि क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम 42.50 लाख रुपए लेकर गई है। हम दोनों को बस से उतार दिया है। सर्राफ ने सोना खरीद के लिए जा रही धनराशि के दस्तावेज साथ होने की बात कही,लेकिन तब तक कार सवार जा चुके थे। सूचना पाकर सर्राफ आनन फानन सैय्यदराजा पहुंचे तो पुलिस ने ऐसी किसी कार्रवाई से इनकार कर दिया। मामले में दोनों कर्मचारियों को आरोपी मानते हुए कारोबारी ने तहरीर दी, पुलिस ने पूछताछ भी की लेकिन कुछ खास पता नहीं चला। सैयदराजा क्राइम टीम बताकर लूटे 42.50 लाख
दोनों कर्मचारियों के अनुसार वाराणसी कोलकाता हाईवे पर पहुंचने पर बस में एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में और दो व्यक्ति सादे कपड़े में चढ़े। तीनों ने खुद को चंदौली जिले के सैयदराजा थाना की क्राइम टीम बताया। इसके बाद तीनों बैग के साथ कर्मचारी अविनाश और धनंजय को नीचे उतारकर बस रवाना कर दी और उन्हें बिना नंबर प्लेट की कार में बैठा लिया। अविनाश का मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया, फिर दोनों को रोककर पुलिसिया अंदाज में पूछताछ की। दोनों को डराकर उसके बैंग से 42 लाख 50 हजार रुपए ले लिए और बनारस रवाना हो गए। दरोगा ने अपने दो साथियों को बड़ागांव तक छोड़ा इसके बाद तीसरे को कैंट क्षेत्र में छोड़कर नगदी लेकर कमरे पर जाकर सो गया। रामनगर थाने में दी थी तहरीर, केस की जारी है विवेचना
अविनाश गुप्ता और धनंजय यादव ने 42 लाख 50 हजार रुपए के छीने जाने की सूचना देर रात लगभग 1.30 बजे मालिक को दी। जयपाल कुमार ने कटरिया बॉर्डर स्थित बनारस ढाबा पहुंचे। अविनाश ने जयपाल कुमार को बताया कि पुलिस वाले 50 लाख 50 हजार रुपए छोड़ दिए हैं। 42 लाख 50 हजार रुपए वह अपने साथ ले गए हैं। घटनास्थल को लेकर असमंजस में थे और 26 जून को घटना के कई दिन बाद में उन्होंने रामनगर थाने में तहरीर दी। बाद में घटनास्थल चंदौली जिले का चंदरखा निकला, जांच चंदौली पुलिस को हस्तांतरित कर दी गई। तब सर्राफ का आरोप था कि अविनाश गुप्ता और धनंजय यादव ने ही उनके 42.50 लाख रुपए गायब किए हैं।
Bihar News: कटिहार में CISF जवान की सड़क हादसे में मौत, सिर में आई थी गंभीर चोट
Bihar News: कटिहार में CISF जवान की सड़क हादसे में मौत, सिर में आई थी गंभीर चोट <p style=”text-align: justify;”><strong>CISF Jawan Death In Katihar Road Acciden:</strong> कटिहार जिला के मनिहारी थाना अंतर्गत मनिहारी निवासी सीआईएसएफ जवान जितेंद्र कुमार पासवान की एक सड़क हादसे में मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक शुक्रवार(9 अगस्त) की रात में एक बर्थडे पार्टी में भोज खाने के बाद वे अपनी बाइक से घर लौट रहे थे. इसी दौरान उनकी बाइक एक ट्रक से पीछे से टकरा गई, जिससे उनके सिर पर गंभीर चोटें आईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुंबई में पोस्टेड थे सीआईएसएफ जवान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जितेंद्र कुमार पासवान की उम्र 37 वर्ष थी, और वे सीआईएसएफ में मुंबई में पोस्टेड थे. उनके पिता दशरथ पासवान और माता सुमित्रा देवी हैं. उनका घर मनिहारी के रेलवे कॉलोनी के वार्ड 5 में है. जितेंद्र कुमार अपने पीछे पत्नी सोनम कुमारी, तीन वर्षीय बेटी जेसी कुमारी और पांच महीना के बेटे ज्ञान कुमार को छोड़ गए हैं. उनकी शादी 2011 में हुई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अहले सुबह तीन बजे के करीब मनिहारी थाना के ड्राइवर ने देखा कि जितेंद्र कुमार पासवान अपनी बाइक के साथ सड़क पर औंधे मुंह ट्रक में टकराकर गिरे हुए थे. इस स्थिति को देखकर स्थानीय युवकों ने तुरंत उन्हें मनिहारी अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. स्थानीय लोगों का मानना है कि सड़क किनारे ट्रकों को गलत तरीके से पार्क करने के कारण आए दिन दुर्घटना होती रहती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ट्रकों की अनियमित पार्किंग पर नियंत्रण हो'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इन ट्रकों की अनियमित पार्किंग पर नियंत्रण किया गया होता, तो इस हादसे से बचा जा सकता था. घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर इंस्पेक्टर रामचंद्र मंडल, थानाध्यक्ष पंकज आनंद, अपर थानाध्यक्ष अरुण राम, गौतम कुमार, एएसआई राजकुमार और संतोष कुमार उपस्थित थे. प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस घटना की गहन जांच करेंगे और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे. <br /><br /></p>