हरियाणा में भिवानी से हिसार व दिल्ली रूट पर चलने वाली आधा दर्जन सवारी गाड़ियां शनिवार सुबह रद्द रही। भिवानी-हिसार रेलवे ट्रैक पर मरम्मत कार्य चलने के कारण यह ट्रेन रद्द करनी पड़ी है। इससे विभिन्न स्थानों पर जाने वाले यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। गोरखधाम सुपरफास्ट ट्रेन व किसान एक्सप्रेस ट्रेन सहित 6 ट्रेन रद्द रही तो कई ट्रेनों का रूट बदला गया। रेलवे अधिकारियों के अनुसार तकनीकी कार्य के कारण रेल यातायात प्रभावित हुआ है। रेल सेवाएं की रद्द की गई है तो कई ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के बीकानेर मंडल पर हिसार-बठिंडा रेल खण्ड के मध्य स्थित हिसार स्टेशन पर तकनीकी कार्य के कारण ट्रैफिक ब्लॉक लिया है। इस कारण रेल यातायात प्रभावित हुआ है। दिनभर आज यात्री पूछताछ खिड़की पर ट्रेनों की जानकारी लेते रहे। ट्रेन रद्द होने के कारण बस से सफर तय करना पड़ा है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जन सम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार रेलवे ने पहले ही ट्रेनों के संचालन को लेकर जानकारी दे दी थी। ट्रेनें कल 25 अगस्त को भी रद रहेंगी। ये ट्रेनें की गई रद 1. गाड़ी संख्या 04574, लुधियाना-भिवानी स्पेशल ट्रेन 22 अगस्त से 25 तक रद्द 2. गाड़ी संख्या 04571, भिवानी-धुरी स्पेशल ट्रेन 22 से 25 तक रद्द 3. गाड़ी संख्या 04572, धुरी-सिरसा स्पेशल 23 से 25 तक रद्द 4. गाड़ी संख्या 04573, सिरसा-लुधियाना स्पेशल ट्रेन 23 से 25.तक रद्द 5. गाड़ी संख्या 04575, हिसार- लुधियाना ट्रेन 23 अगस्त से 25 तक रद्द 6. गाड़ी संख्या 04576, लुधियाना – हिसार स्पेशल ट्रेन 23 से 25 अगस्त तक रद्द 7. गाड़ी संख्या 04744, लुधियाना- चूरू स्पेशल ट्रेन 23 से 25 अगस्त तक रद्द 8. गाड़ी संख्या 04745, चूरू- लुधियाना ट्रेन 24 से 26 अगस्त तक तक रद्द इन ट्रेनों का रूट किया डायवर्ट 1. गाड़ी संख्या 12555, गोरखपुर-बठिण्डा 24 को गोरखपुर से रोहतक- झाखल-बठिण्डा होकर चलेगी 2.गाड़ी संख्या 14732, बठिण्डा-दिल्ली 24 अगस्त को बठिण्डा से बठिण्डा- झाखल-रोहतक होकर चलेगी 4. गाड़ी संख्या 14731, दिल्ली- बठिण्डा 24 व 25 अगस्त को दिल्ली से रोहतक- झाखल – बठिण्डा होकर संचालित होगी हरियाणा में भिवानी से हिसार व दिल्ली रूट पर चलने वाली आधा दर्जन सवारी गाड़ियां शनिवार सुबह रद्द रही। भिवानी-हिसार रेलवे ट्रैक पर मरम्मत कार्य चलने के कारण यह ट्रेन रद्द करनी पड़ी है। इससे विभिन्न स्थानों पर जाने वाले यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। गोरखधाम सुपरफास्ट ट्रेन व किसान एक्सप्रेस ट्रेन सहित 6 ट्रेन रद्द रही तो कई ट्रेनों का रूट बदला गया। रेलवे अधिकारियों के अनुसार तकनीकी कार्य के कारण रेल यातायात प्रभावित हुआ है। रेल सेवाएं की रद्द की गई है तो कई ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के बीकानेर मंडल पर हिसार-बठिंडा रेल खण्ड के मध्य स्थित हिसार स्टेशन पर तकनीकी कार्य के कारण ट्रैफिक ब्लॉक लिया है। इस कारण रेल यातायात प्रभावित हुआ है। दिनभर आज यात्री पूछताछ खिड़की पर ट्रेनों की जानकारी लेते रहे। ट्रेन रद्द होने के कारण बस से सफर तय करना पड़ा है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जन सम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार रेलवे ने पहले ही ट्रेनों के संचालन को लेकर जानकारी दे दी थी। ट्रेनें कल 25 अगस्त को भी रद रहेंगी। ये ट्रेनें की गई रद 1. गाड़ी संख्या 04574, लुधियाना-भिवानी स्पेशल ट्रेन 22 अगस्त से 25 तक रद्द 2. गाड़ी संख्या 04571, भिवानी-धुरी स्पेशल ट्रेन 22 से 25 तक रद्द 3. गाड़ी संख्या 04572, धुरी-सिरसा स्पेशल 23 से 25 तक रद्द 4. गाड़ी संख्या 04573, सिरसा-लुधियाना स्पेशल ट्रेन 23 से 25.तक रद्द 5. गाड़ी संख्या 04575, हिसार- लुधियाना ट्रेन 23 अगस्त से 25 तक रद्द 6. गाड़ी संख्या 04576, लुधियाना – हिसार स्पेशल ट्रेन 23 से 25 अगस्त तक रद्द 7. गाड़ी संख्या 04744, लुधियाना- चूरू स्पेशल ट्रेन 23 से 25 अगस्त तक रद्द 8. गाड़ी संख्या 04745, चूरू- लुधियाना ट्रेन 24 से 26 अगस्त तक तक रद्द इन ट्रेनों का रूट किया डायवर्ट 1. गाड़ी संख्या 12555, गोरखपुर-बठिण्डा 24 को गोरखपुर से रोहतक- झाखल-बठिण्डा होकर चलेगी 2.गाड़ी संख्या 14732, बठिण्डा-दिल्ली 24 अगस्त को बठिण्डा से बठिण्डा- झाखल-रोहतक होकर चलेगी 4. गाड़ी संख्या 14731, दिल्ली- बठिण्डा 24 व 25 अगस्त को दिल्ली से रोहतक- झाखल – बठिण्डा होकर संचालित होगी हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में नए मंत्रिमंडल के लिए 15 MLA शॉर्टलिस्ट:केंद्रीय नेतृत्व ने प्रोफाइल मंगाई; इनमें 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके
हरियाणा में नए मंत्रिमंडल के लिए 15 MLA शॉर्टलिस्ट:केंद्रीय नेतृत्व ने प्रोफाइल मंगाई; इनमें 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके हरियाणा में नई सरकार के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कवायद शुरू कर दी है। मंत्रिमंडल के लिए 15 विधायकों के नाम शॉर्ट लिस्ट किए गए हैं। इनमें 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने नाम फाइनल करने से पहले विधायकों की प्रोफाइल मंगाई है। जो चेहरे शॉर्ट लिस्ट किए गए हैं, उनमें नायब सैनी, अनिल विज, राव नरबीर सिंह, विपुल गोयल, मूलचंद शर्मा, कृष्णा गहलावत, कृष्णलाल पंवार, हरविंदर कल्याण, रणबीर गंगवा, महिपाल ढांडा, बिमला चौधरी, लक्ष्मण यादव, घनश्याम सर्राफ, आरती राव और श्रुति चौधरी शामिल हैं। 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया था। भाजपा ने 48, कांग्रेस ने 37, इनेलो ने 2 और 3 निर्दलीयों ने जीत दर्ज की। तीनों निर्दलीय विधायक भाजपा को समर्थन दे चुके हैं। जिसके बाद भाजपा के पास विधायकों की संख्या 51 हो गई है। कल पंचकूला में विधायक दल की मीटिंग होगी। मीटिंग में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ऑब्जर्वर के तौर पर मौजूद रहेंगे। सिलसिलेवार ढंग से जानिए, किसकी दावेदारी क्यों मजबूत…. 1. राव नरबीर सिंह : बादशाहपुर सीट से चुनाव जीते राव नरबीर सिंह अहीरवाल बेल्ट के बड़े नेता कहे जाने वाले राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी रहे हैं। पूरे इलाके में राव नरबीर ही इकलौते ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अपने दम पर न केवल हाईकमान से सीधे टिकट हासिल की, बल्कि इस इलाके में सबसे बड़ी जीत भी दर्ज की है। नरबीर सिंह 2014 में मनोहर लाल खट्टर की सरकार में पावरफुल कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उनके सीधे हाईकमान से अच्छे संबंध है। उनकी कैबिनेट मंत्री के पद पर दावेदारी काफी मजबूत है। इसकी दूसरी वजह उनका राव इंद्रजीत सिंह का विरोधी होना भी है। 10 विधायकों में राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी में इकलौते राव नरबीर ही है। भाजपा नरबीर को मंत्री बनाकर इलाके में राव इंद्रजीत सिंह के बराबर नेता खड़ा कर सकती है। 2. बिमला चौधरी : बिमला चौधरी ने पटौदी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। वह 2014 में भी इसी सीट से विधायक बनी थीं। 2019 में भाजपा ने उनका टिकट काट दिया था। वह राव इंद्रजीत सिंह की करीबी हैं। बिमला चौधरी की दावेदारी इसलिए भी मजबूत है, क्योंकि वह जातीय संतुलन के हिसाब से राव इंद्रजीत सिंह के कोटे में वह फिट बैठती हैं। इसके अलावा उन्हें विधायक रहते हुए प्रशासनिक अनुभव भी है। 3. लक्ष्मण यादव : वह रेवाड़ी सीट से चुनाव जीते है। वह 2019 में कोसली से विधायक चुने गए थे। राव इंद्रजीत सिंह और संगठन दोनों की पसंद की वजह से उन्हें टिकट मिला। अहीरवाल इलाके में यादवों की वोट एक तरह से एक तरफा भाजपा के पक्ष में पड़ा। 2019 में भले ही रेवाड़ी सीट पर भाजपा जीत दर्ज नहीं कर पाई, लेकिन 2014 में यहां पहली बार कमल खिला था।अहीरवाल बेल्ट की राजधानी कहे जाने वाले रेवाड़ी को पिछले 10 सालों में मंत्रीपद नहीं मिल पाया। ऐसे में लक्ष्मण सिंह यादव के नाम पर राव इंद्रजीत सिंह भी सहमति जता सकते हैं। 4. आरती राव : राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव ने अटेली से चुनाव जीता है। पिछले 3 चुनाव में अटेली में भाजपा उम्मीदवार ही चुनाव जीतते आ रहे हैं। इलाके में खुद के प्रभाव के चलते ही राव इंद्रजीत सिंह ने बेटी को टिकट दिलाया। ऐसे में आरती राव को मंत्रिमंडल में शामिल कराकर राव इंद्रजीत सिंह महेंद्रगढ़ जिले को मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं। 5. विपुल गोयल : यह वैश्य समुदाय से आते हैं। 2014 में चुनाव जीतकर कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। हालांकि फरीदाबाद सांसद कृष्ण पाल गुर्जर के मतभेदों के कारण टिकट काट दिया गया था। इस बार सीधी हाईकमान में पकड़ होने के कारण इनको टिकट मिला, इसके साथ ही नए मंत्रिमंडल में इसी कारण से कैबिनेट मंत्री के रूप में मजबूत दावेदार बने हुए हैं। 6 मूलचंद शर्मा: भाजपा में ब्राह्मणों के सबसे बड़े चेहरे के रूप में पंडित रामबिलास शर्मा का नाम आता था, लेकिन 2019 में उनके चुनाव हारने के बाद उनके ही रिश्तेदार बल्लभगढ़ से विधायक मूलचंद शर्मा को मनोहर लाल के दूसरे टर्म में परिवहन मंत्री बनाया गया। मूलचंद शर्मा लगातार तीसरी बार इस सीट से विधायक चुने गए हैं। 5 साल मंत्री रहने के दौरान उनकी परफॉर्मेंस ठीक रही, जिसकी वजह से वह इस बार भी कैबिनेट मंत्री पद के दावेदार हैं। उनकी दावेदारी की दूसरी बड़ी वजह इस बार के चुनाव में ब्राह्मण वोटर्स का एकतरफा झुकाव भाजपा की तरफ रहना भी है। 7. महिपाल ढांडा: पानीपत ग्रामीण से विधायक बने हैं। पार्टी का बड़ा जाट चेहरा बनकर उभरे हैं। नायब सैनी के सीएम बनाए जाने के बाद ढांडा को राज्यमंत्री बनाया गया था। अपने छोटे से कार्यकाल में काफी एक्टिव दिखाई दिए थे। जिसके बाद भाजपा ने इन्हें तीसरी बार फिर टिकट दिया। ढांडा की सबसे बड़ी बात यह भी है कि उनके ऊपर अभी तक कोई भी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे हैं। 8. कृष्णा गहलावत: राई विधानसभा सीट पर कृष्णा गहलावत ने जीत दर्ज की है। ये सीट पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ मानी जाती है। जाट समुदाय से आने वाली कृष्णा गहलावत 1996 में बंसीलाल सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। भाजपा सोनीपत, रोहतक और झज्जर की जाट बेल्ट में अपना आधार बढ़ाने के लिए उन्हें कैबिनेट में जगह दे सकती है। 9. श्रुति चौधरी: तोशाम विधानसभा सीट पर भाजपा से श्रुति चौधरी ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर उनका मुकाबला अपने चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी से था। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से सांसद रही श्रुति चौधरी को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिला था। इसके बाद वे अपनी मां किरण चौधरी के साथ बीजेपी में शामिल हो गईं। तोशाम पर बंसीलाल परिवार का खासा प्रभाव रहा है। इससे पहले किरण चौधरी इस सीट से लगातार जीत हासिल करती रही हैं। उन्हें अब राज्यसभा भेज दिया गया है। ऐसे में श्रुति चौधरी कैबिनेट में मंत्रीपद के मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। 10. हरविंदर कल्याण: ये रोड़ समाज से आते हैं। प्रदेश की घरौंडा सीट से इन्होंने जीत दर्ज की है। 2019 में भी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। मनोहर लाल खट्टर के बाद नायब सैनी के कार्यकाल में भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो पाए थे, इस बार इस समाज को बीजेपी नई सरकार में प्रतिनिधित्व देना चाहती है, इसलिए दावेदारी मजबूत है। ये पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं। 11. कृष्ण लाल पंवार: बतौर राज्यसभा सांसद रहते हुए इसराना से विधानसभा चुनाव लड़ा। अब तक 6 बार के विधायक रह चुके हैं। सीनियोरिटी के हिसाब से बीजेपी में दूसरे नंबर पर आते हैं। इनसे पहले अनिल विज सात बार के विधायक बन चुके हैं। दलित समाज से आते हैं। इस चुनाव में दलितों के समर्थन मिलने के बाद बीजेपी में पंवार की मजबूत दावेदारी है। इसके साथ ही पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के भी काफी करीबी हैं। 12. रणबीर गंगवा: संसदीय मामलों के अच्छे जानकार हैं। मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी की सरकार में डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। गंगवा इस बार बरवाला सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचेंगे। इस नई सरकार में उन्हें स्पीकर या डिप्टी स्पीकर की जिम्मेदारी दी जा सकती है। 13. घनश्याम सर्राफ: भिवानी से लगातार चार बार विधायक हैं। 2014 में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में राज्य मंत्री रह चुके हैं। वैश्य समाज से आते हैं। बीजेपी ने इस चुनाव में 36 बिरादरी को साथ लेकर चलने का वादा किया है, ऐसे में उनके अनुभव को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व उन्हें राज्य मंत्री पद की जिम्मेदारी दे सकता है। 14. अनिल विज: हरियाणा में इस बार विधानसभा में सबसे सीनियर अनिल विज होंगे। इसकी वजह यह है कि यह ऐसे पहले विधायक बने हैं, जिन्होंने सात बार लगातार विधानसभा चुनाव जीता है। मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में सेकेंड पोजीशन पर रहे। हालांकि नायब सैनी के कार्यकाल में उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन इस बार वह फिर से कैबिनेट में अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। पार्टी यदि डिप्टी सीएम फॉर्मूला लाती है तो विज को डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है। अनिल विज पंजाबी समुदाय से आते हैं।
करनाल में शख्स की चाकू घोंपकर हत्या:घर के बाहर से आवाज देने लगा आरोपी, पड़ोसी निकला तो उसे ही मार डाला
करनाल में शख्स की चाकू घोंपकर हत्या:घर के बाहर से आवाज देने लगा आरोपी, पड़ोसी निकला तो उसे ही मार डाला हरियाणा में बदमाशों ने करनाल के सदर बाजार स्थित वकील पुरा में एक व्यक्ति की चाकू घोंपकर हत्या कर दी। बदमाश व्यक्ति पड़ोस में ही एक अन्य युवक की हत्या करने आया था। घर के बाहर बदमाशों की आवाज सुनकर दिनेश बाहर आया तो उस पर चाकुओं से हमला कर दिया। जिसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। सूचना मिलते ही सिटी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रात 12:30 बजे की घटना मौके पर मौजूद महिला पूनम ने बताया कि वह पहले शराब बेचती थी। लेकिन उसने यह काम छोड़ दिया है। रात करीब 12:30 बजे शराब ठेकेदार के 4 से 5 कर्मचारी उसके घर आए और उसके बेटे को बाहर आने को कहा। इस दौरान मैंने आरोपियों से कहा भी कि हम अब शराब नहीं बेचते। लेकिन वे नहीं माने और उसके बेटे को बाहर आने को कहते रहे। आवाज सुनकर दिनेश घर से बाहर आया पूनम ने बताया कि इस दौरान बदमाशों की आवाज सुनकर उनके पड़ोस में रहने वाला दिनेश (45) घर से बाहर आया और बदमाशों से कहा कि भाई बहुत देर हो गई है। अब ये लोग शराब नहीं बेचते, अब तुम चले जाओ। इतना कहते ही आरोपियों ने दिनेश पर चाकुओं और डंडों से हमला कर दिया। बदमाशों ने दिनेश को गली में दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और चाकुओं से 5 से 6 बार वार किए। इसके बाद उसे अधमरा छोड़कर मौके से फरार हो गए। दिनेश दो बच्चों का पिता था पूनम ने बताया कि दिनेश उनके पड़ोस में वकील पुरा में रहता था। वह हलवाई का काम करता था। उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। परिवार की पूरी जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। दिनेश की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। आरोपियों को जल्द किया जाएगा गिरफ्तार सिटी थाने के एसएचओ सुल्तान सिंह ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आरोपियों की तलाश जारी है। जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे। पुलिस इस मामले के हर पहलू की गहनता से जांच कर रही है।
पलवल में नाबालिग लड़की का अपहरण:निजी काम से गई थी घर से बाहर; पिता ने पडोसी गांव के युवकों पर लगाया आरोप
पलवल में नाबालिग लड़की का अपहरण:निजी काम से गई थी घर से बाहर; पिता ने पडोसी गांव के युवकों पर लगाया आरोप पलवल जिले में नाबालिग लड़की का अपहरण हो गया। लड़की के पिता ने तीन नामजद आरोपियों के खिलाफ चांदहट थाना पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लड़की की तलाश शुरू कर दी है। प्रभारी जगबीर सिंह के अनुसार, थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसकी बेटी 29 जुलाई को गांव में घर के बाहर किसी काम से गई थी। उसी दौरान पड़ोसी गांव के कृष्ण, रवि कुमार व सोनू नामक तीन युवक उसकी 16 वर्षीय बेटी का जबरन अपहरण कर ले गए। पिता को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने तलाश शुरू कर दी, लेकिन लड़की व आरोपियों का कोई सुराग नहीं लगा। जिसके बाद नाबालिग के पिता ने लिखित शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने पिता की शिकायत पर तीनों के खिलाफ अपहरण सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी जगबीर सिंह का कहना है कि पुलिस की टीम तलाश में जुटी हुई है। आरोपियों के कुछ सुराग मिले है, जल्द ही गिरफ्तार की लिया जाएगा। लड़की को बरामद कर उसके परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा।