लुधियाना में कस्बा जगराओं के गांव काउंके कलां में एक बुजुर्ग की चारपाई का बाला (पावा) मारकर हत्या कर दी गई। बुजुर्ग अपने कमरे में सो रहा था। तभी उसका नौकर कमरे में आया और उसने बेरहमी से उसके सिर पर लगातार कई वार किए। बुजुर्ग को चिखने या चिल्लाने तक का समय नहीं मिला, उसने मौके पर दम तोड़ दिया। 22 साल से काम कर रहा था नौकर मरने वाले का नाम चरण सिंह (60) है। चरण सिंह का एक बेटा सुखविंदर सिंह है। पूरा परिवार खेतीबाड़ी करता है। करीब 22 साल से उनके घर पर शंभू नामक नौकर काम करता है। एक दिन पहले आपस में शंभू को काम के सिलसिले में चरण सिंह ने डांट दिया था। उसी बात का शंभू ने गुस्सा कर लिया। सिर पर किए नौकर ने ताबड़तोड़ वॉर इस बात की मन में रंजिश रख कर शंभू ने सो रहे चरण सिंह पर वार कर दिया। एएसआई सुरजीत सिंह ने कहा कि मृतक चरण सिंह के बेटे सुखविंदर सिंह ने शंभू को हत्या करके हुए देख लिया। जिसके बाद उसने शोर मचाया। मौके पर पुलिस पार्टी पहुंची। फिलहाल शंभू अभी घटना स्थल से फरार है जिसे जल्द काबू कर लिया जाएगा। लुधियाना में कस्बा जगराओं के गांव काउंके कलां में एक बुजुर्ग की चारपाई का बाला (पावा) मारकर हत्या कर दी गई। बुजुर्ग अपने कमरे में सो रहा था। तभी उसका नौकर कमरे में आया और उसने बेरहमी से उसके सिर पर लगातार कई वार किए। बुजुर्ग को चिखने या चिल्लाने तक का समय नहीं मिला, उसने मौके पर दम तोड़ दिया। 22 साल से काम कर रहा था नौकर मरने वाले का नाम चरण सिंह (60) है। चरण सिंह का एक बेटा सुखविंदर सिंह है। पूरा परिवार खेतीबाड़ी करता है। करीब 22 साल से उनके घर पर शंभू नामक नौकर काम करता है। एक दिन पहले आपस में शंभू को काम के सिलसिले में चरण सिंह ने डांट दिया था। उसी बात का शंभू ने गुस्सा कर लिया। सिर पर किए नौकर ने ताबड़तोड़ वॉर इस बात की मन में रंजिश रख कर शंभू ने सो रहे चरण सिंह पर वार कर दिया। एएसआई सुरजीत सिंह ने कहा कि मृतक चरण सिंह के बेटे सुखविंदर सिंह ने शंभू को हत्या करके हुए देख लिया। जिसके बाद उसने शोर मचाया। मौके पर पुलिस पार्टी पहुंची। फिलहाल शंभू अभी घटना स्थल से फरार है जिसे जल्द काबू कर लिया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में केजरीवाल का दौरा कल से:लुधियाना में सरपंचों के शपथ समारोह में होंगे शामिल, जाएंगे चब्बेवाल व डेरा बाबा नानक आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल कल (शुक्रवार से) दो दिवसीय पंजाब दौरे पर आ रहे हैं। वह 8 नवंबर को लुधियाना में सरपंचों के शपथ ग्रहण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इसके बाद राज्य की चार विधानसभा सीटों पर हो रहे उप चुनाव की कैंपेन को गति देंगे। 9 नवंबर को वह होशियारपुर के चब्बेवाल और गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक में पार्टी के उम्मीदवारों के हक में प्रचार करेंगे। पार्टी की तरफ से इस बारे में तैयारियां पूरी कर ली गई है। चार जिलों के सरपंच बाद में लेंगे शपथ समागम में 19 जिलों के 10031 सरपंचों को मुख्यमंत्री द्वारा शपथ दिलाई जाएगी। शेष चार जिलों श्री मुक्तसर साहिब, होशियारपुर, बरनाला और गुरदासपुर को बाद में शपथ दिलाई जाएगी। क्योंकि इन जिलों में चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं। 3037 सरपंच सर्वसम्मति से चुने गए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लोगों को सर्वसम्मति से चुनाव चुनाव चुनने की अपील की थी। साथ ही दावा किया था कि जहां पर सर्वसम्मति से पंचायत चुनी जाएंगी, उन्हें विकास के लिए अतिरिक्त राशि देंगे। इसका असर भी देखने को मिला है। राज्य में 3037 सरपंच सर्वसम्मति से चुने गए हैं। इनमें से सबसे अधिक फिरोजपुर जिले में 336 सरपंच, गुरदासपुर में 335 सरपंच और तरनतारन में 334 सरपंचों का सर्वसम्मति से चयन हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस समारोह की सफलता के लिए उचित इंतजाम किए हैं।
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मुहूर्त सुबह 8:08 से 10:50 तक और दोपहर 12:11 से 01:32 तक शुभ भास्कर न्यूज| जालंधर/नवांशहर दिवाली के बाद अब भाई दूज आज शहरभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस पर्व को बहन अपनी भाई की दीर्घायु के लिए मनाती हैं। परंपरा अनुसार बहन अपने भाई को आज घर बुलाकर उसे तिलक कर भोजन कराएंगी। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 2 नवंबर को रात्रि 8 बजकर 22 मिनट यम द्वितीया तिथि का प्रारंभ होगा, जोकि 3 नवंबर को रात्रि 10 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। तिलक का मुहूर्त सुबह 8 बजकर 8 से सुबह 10 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक शुभ है। मॉडल हाउस के पंडित विजय शास्त्री ने शास्त्रों के अनुसार बताया कि यमराज ने यमुना को वरदान दिया, जो भाई-बहन इस दिन यमुना में स्नान करके इस पवित्र पर्व को मनाएंगे। वह अकाल-मृत्यु तथा मेरे भय से मुक्त हो जाएंगे। तभी से इस दिन को यम द्वितीया पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह भी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण नरकासुर को मारने के बाद अपनी बहन सुभद्रा का घर गए थे। वहां सुभद्रा ने उनके मष्तिक पर तिलक लगा कर उनका स्वागत किया था। तभी से भाई दूज का यह पर्व मनाया जाने लगा। उन्होंने बताया कि भाईदूज के दिन यमराज, यमदूज और चित्रगुप्त की पूजा करनी चाहिए। इनके नाम से अर्घ्य और दीपदान करना चाहिए। यम द्वितीया यानी भाईदूज के दिन यमराज अपनी बहन के घर दोपहर के समय आए थे। बहन की पूजा स्वीकार करके उनके घर भोजन किया था। वरदान में यमराज ने यमुना को कहा था कि भाई दूज यानी यम द्वितीया के दिन जो भाई अपनी बहनों के घर आकर उनकी पूजा स्वीकार करेंगे। उनके घर भोजन करेंगे। उनका अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। भाई दूज पर्व के दिन भाई-बहन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्ज्वलित करें। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। भाई दूज के दिन बहन अपने घर पर भाई को बुलाकर उन्हें तिलक लगाएं और अपने हाथों से परोसकर भोजन कराएं। बता दें कि शुभ मुहूर्त में भाई को तिलक लगाने से उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त होती है। आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। भाई को तिलक लगाने के बाद उनकी आरती उतारें और हाथ में रक्षा सूत्र बांधें। फिर मिठाई खिलाएं। इस दिन भाई भी अपनी बहन को कुछ ना कुछ उपहार जरूर भेंट करें।