तारीख : 19 अगस्त 2024 (रक्षाबंधन) पंजाब के अमृतसर में लोहारका रोड पर रहने वाले सुखपाल सिंह को घर से फोन आया। उसे पता चला कि उसका बेटा जापान से ढूंढता हुआ आया है। चंद सेकेंड में सुखपाल सिंह के सामने 19 साल पहले की लाइफ फ्लैश बैक हुई। सुखपाल सिंह कुछ मिनटों में घर पहुंच गया। घर पहुंचा तो वहां 22 वर्षीय रिन ताकाहाता खड़ा था। सुखपाल ने देखते ही उसे गले लगा लिया। रिन ताकाहाता 19 अगस्त को ही अमृतसर पहुंचा था। वह अपने पिता की 19 साल पहले की फोटो लेकर फतेहगढ़ चूड़ियां रोड की गलियों में घूम रहा था। तभी एक दुकानदार फोटो देखकर सुखपाल सिंह को पहचान लिया और रिन को उसके घर का पता बताया। कॉलेज प्रोजेक्ट के बाद पिता को खोजने का मन बनाया रिन ताकाहाता ने बताया कि वह ओसाका यूनिवर्सिटी ऑफ ऑर्ट्स में पढ़ रहा है। कॉलेज की तरफ से फेमिली ट्री बनाने की असाइनमेंट दी गई थी। फैमिली ट्री में मां साची ताकाहाता व परिवार की पूरी जानकारी भर ली, लेकिन पिता और उनके परिवार के बारे में उसे कुछ नहीं पता था। इसके बाद उसने पिता सुखपाल सिंह को खोजने की ठान ली। घर आते ही उसने मां साची ताकाहाता से पिता सुखपाल सिंह के बारे में पूछा। घर पर पिता की एक तस्वीर मिली, जो 19 साल पुरानी थी। मां को पिता सुखपाल का पुराने घर का पता याद था, जो अमृतसर के फतेहगढ़ चूड़ियां रोड पर था। इसके बाद रिन ताकाहाता पिता को ढूंढने के लिए जापान से भारत आ गया। थाईलैंड एयरपोर्ट पर हुई थी दोनों की मुलाकात सुखपाल सिंह ने बताया कि साची ताकाहाटा से उसकी मुलाकात थाईलैंड एयरपोर्ट पर हुई थी। साची भारत आ रही थी और वह अपने घर अमृतसर लौट रहे थे। प्लेन में दोनों की सीट साथ थीं। सुखपाल ने साची को गोल्डन टेंपल व वाघा बॉर्डर दिखाने का वादा किया। साची कई दिन उनके फतेहगढ़ चूड़ियां रोड स्थित पुराने घर पर ही रहीं। इसी बीच दोनों में प्यार हो गया। साची जापान वापस चली गईं। इसके बाद साची ने उसे जापान बुला लिया। साल 2002 में दोनों ने जापान में शादी की और 2003 में रिन ताकाहाता का जन्म हुआ। तलाक के बाद दूसरी शादी की सुखपाल बताते हैं कि जब उन्होंने साची से शादी की, वह 19 साल के थे। परिवार को वे संभाल नहीं पाए। शादी में कठिनाइयां सामने आईं और 2004 में भारत लौट आए। साची उन्हें मनाने अमृतसर भी आई थी और अपने साथ वापस ले गईं। फिर भी शादी ज्यादा दिन नहीं चली और तलाक के बाद 2007 में वह भारत लौट आए। भारत आकर उन्होंने गुरविंदरजीत कौर से शादी कर ली। दूसरी शादी के बाद उन्हें बेटी अवलीन पन्नू है। सोशल मीडिया पर ढूंढने की कोशिश की रिन ताकाहाता ने बताया कि उन्होंने पिता को सोशल मीडिया पर खोजने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब पिता के साथ उन्हें पूरा परिवार मिल गया है। जापान में खुद को अकेला समझता था, लेकिन अब पिता के साथ उन्हें एक बहन भी मिल गई। रक्षाबंधन के त्योहार पर अवलीन ने उसे राखी बांधी। मां-पिता को एक साथ देखना चाहता है रिन ताकाहाता रिन ने कहा कि वह अपने माता-पिता को दोबारा एक साथ देखना चाहता है। उसने पिता से वादा किया है कि वह नियमित रूप से अमृतसर आता रहेगा और अपने पिता व भारतीय परिवार साथ अमृतसर में रहेगा। तारीख : 19 अगस्त 2024 (रक्षाबंधन) पंजाब के अमृतसर में लोहारका रोड पर रहने वाले सुखपाल सिंह को घर से फोन आया। उसे पता चला कि उसका बेटा जापान से ढूंढता हुआ आया है। चंद सेकेंड में सुखपाल सिंह के सामने 19 साल पहले की लाइफ फ्लैश बैक हुई। सुखपाल सिंह कुछ मिनटों में घर पहुंच गया। घर पहुंचा तो वहां 22 वर्षीय रिन ताकाहाता खड़ा था। सुखपाल ने देखते ही उसे गले लगा लिया। रिन ताकाहाता 19 अगस्त को ही अमृतसर पहुंचा था। वह अपने पिता की 19 साल पहले की फोटो लेकर फतेहगढ़ चूड़ियां रोड की गलियों में घूम रहा था। तभी एक दुकानदार फोटो देखकर सुखपाल सिंह को पहचान लिया और रिन को उसके घर का पता बताया। कॉलेज प्रोजेक्ट के बाद पिता को खोजने का मन बनाया रिन ताकाहाता ने बताया कि वह ओसाका यूनिवर्सिटी ऑफ ऑर्ट्स में पढ़ रहा है। कॉलेज की तरफ से फेमिली ट्री बनाने की असाइनमेंट दी गई थी। फैमिली ट्री में मां साची ताकाहाता व परिवार की पूरी जानकारी भर ली, लेकिन पिता और उनके परिवार के बारे में उसे कुछ नहीं पता था। इसके बाद उसने पिता सुखपाल सिंह को खोजने की ठान ली। घर आते ही उसने मां साची ताकाहाता से पिता सुखपाल सिंह के बारे में पूछा। घर पर पिता की एक तस्वीर मिली, जो 19 साल पुरानी थी। मां को पिता सुखपाल का पुराने घर का पता याद था, जो अमृतसर के फतेहगढ़ चूड़ियां रोड पर था। इसके बाद रिन ताकाहाता पिता को ढूंढने के लिए जापान से भारत आ गया। थाईलैंड एयरपोर्ट पर हुई थी दोनों की मुलाकात सुखपाल सिंह ने बताया कि साची ताकाहाटा से उसकी मुलाकात थाईलैंड एयरपोर्ट पर हुई थी। साची भारत आ रही थी और वह अपने घर अमृतसर लौट रहे थे। प्लेन में दोनों की सीट साथ थीं। सुखपाल ने साची को गोल्डन टेंपल व वाघा बॉर्डर दिखाने का वादा किया। साची कई दिन उनके फतेहगढ़ चूड़ियां रोड स्थित पुराने घर पर ही रहीं। इसी बीच दोनों में प्यार हो गया। साची जापान वापस चली गईं। इसके बाद साची ने उसे जापान बुला लिया। साल 2002 में दोनों ने जापान में शादी की और 2003 में रिन ताकाहाता का जन्म हुआ। तलाक के बाद दूसरी शादी की सुखपाल बताते हैं कि जब उन्होंने साची से शादी की, वह 19 साल के थे। परिवार को वे संभाल नहीं पाए। शादी में कठिनाइयां सामने आईं और 2004 में भारत लौट आए। साची उन्हें मनाने अमृतसर भी आई थी और अपने साथ वापस ले गईं। फिर भी शादी ज्यादा दिन नहीं चली और तलाक के बाद 2007 में वह भारत लौट आए। भारत आकर उन्होंने गुरविंदरजीत कौर से शादी कर ली। दूसरी शादी के बाद उन्हें बेटी अवलीन पन्नू है। सोशल मीडिया पर ढूंढने की कोशिश की रिन ताकाहाता ने बताया कि उन्होंने पिता को सोशल मीडिया पर खोजने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब पिता के साथ उन्हें पूरा परिवार मिल गया है। जापान में खुद को अकेला समझता था, लेकिन अब पिता के साथ उन्हें एक बहन भी मिल गई। रक्षाबंधन के त्योहार पर अवलीन ने उसे राखी बांधी। मां-पिता को एक साथ देखना चाहता है रिन ताकाहाता रिन ने कहा कि वह अपने माता-पिता को दोबारा एक साथ देखना चाहता है। उसने पिता से वादा किया है कि वह नियमित रूप से अमृतसर आता रहेगा और अपने पिता व भारतीय परिवार साथ अमृतसर में रहेगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब उपचुनाव में 60 उम्मीदवारों ने किया नामांकन दाखिल:गिद्दड़बाहा में सबसे अधिक 20, बरनाला में 18 और चब्बेवाल में 8 उम्मीदवार मैदान में
पंजाब उपचुनाव में 60 उम्मीदवारों ने किया नामांकन दाखिल:गिद्दड़बाहा में सबसे अधिक 20, बरनाला में 18 और चब्बेवाल में 8 उम्मीदवार मैदान में पंजाब में विधानसभा उप चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया कल शुक्रवार समाप्त हो गई। राज्य की 4 विधानसभा सीटों डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा और बरनाला में 13 नवंबर को उप चुनाव होने जा रहे हैं। 7 दिन चली नामांकन प्रक्रिया में कुल 60 उम्मीदवारों ने 67 एफिडेविट दाखिल किए। 25 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख निकल जाने के बाद अब जांच 28 अक्टूबर को होगी। 28 को स्क्रूटनी कमेटी दाखिल दस्तावेजों की जांच करेगी। उम्मीदवार अपने नाम 30 अक्टूबर तक वापस ले सकते हैं। इन चार सीटों पर कुल मतदाता संख्या 6,96,316 है, और 831 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल, बरनाला, और डेरा बाबा नानक के लिए संबंधित जिलों में उपयुक्त अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। सबसे अधिक उम्मीदवार गिद्दड़बाहा में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की पत्नी अमृता वड़िंग, भाजपा उम्मीदवार मनप्रीत बादल, आम आदमी पार्टी के डिंपी ढिल्लों और पूर्व अकाली व कांग्रेसी रहे जगमीत बराड़ के आजाद खड़े होने के बाद गिद्दड़बाहा सीट वीआईपी बन चुकी है। इस सीट पर चारों में से सबसे अधिक उम्मीदवारों ने अपने एफिडेविट सौंपे हैं। यहां नामांकन भरने वालों की गिनती 20 है। वहीं, बरनाला में 18 और डेरा बाबा नानक में 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। सबसे कम गिनती चब्बेवाला सीट पर है। यहां 8 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है। 30 अक्टूबर को पेपर वापस लेने की प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद ये गिनती और कम हो जाएगी। जानें किसने कहां से भरे पेपर- डेरा बाबा नानक- डेरा बाबा नानक से कांग्रेस की प्रत्याशी जतिंदर कौर हैं। वहीं भाजपा से रवि करण सिंह काहलों और आम आदमी पार्टी से गुरपीप सिंह मैदान में हैं। उनके अलावा पाला सिंह संधू ने अकाली दल (अमृतसर) और सतनाम सिंह, रणजीत सिंह, सिमरनजीत कौर, अयूब मसीह, नवप्रीत सिंह, जतिंदर कौर, लवप्रीत सिंह और संत सेवक ने आजाद के तौर पर नामांकन भरा है। चब्बेवाल – चब्बेवाल रिजर्व सीट है। यहां से कांग्रेस की तरफ से रणजीत कुमार, बीजेपी की तरफ से सोहन सिंह और AAP की तरफ से इशांक कुमार ने नामांकन भरा है। उनके अलावा यहां से रोहित कुमार, दविंदर सिंह और दविंदर कुमार भी मैदान में हैं। गिद्दड़बाहा- पंजाब की वीआइपी सीट बन चुकी गिद्दड़बाहा से कांग्रेस की उम्मीदवार अमृता वड़िंग, भाजपा के मनप्रीत बादल और आम आदमी पार्टी के हरदीप सिंह हैं। उनके अलावा राजेश गर्ग, गुरप्रीत सिंह, ओम प्रकाश, राजेश गर्ग, इकबाल सिंह, सुखदेव सिंह, जगमीत सिंह, मनप्रीत सिंह, हरदीप सिंह, मुनीष वर्मा, सुखराज करण सिंह, प्रवीण हेताशी, वीरपाल कौर, गुरमीत सिंह रंगरेटा भी मैदान में हैं। संगरूर- संगरूर से कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप सिंह काला ढिल्लों, भाजपा के केवल सिंह ढिल्लों और आम आदमी पार्टी की तफ से हरिंदर सिंह धालीवाल मैदान में हैं। इनके अलावा पप्पू कुमार, सरदूल सिंह, सुखचैन सिंह, अरुण प्रताप सिंह, राजू, रोहित कुमार, तरसेम सिंह, जगमोहन सिंह, बग्गा सिंह कहनेके, गुरदीप सिंह बाठ, गोविंद सिंह संधू, गुरप्रीत सिंह और यादविंदर सिंह ने नामांकन भरे हैं।
लुधियाना में संदिग्ध परिस्थितियों में युवक का शव मिला:2 दिन पहले दोस्तों के साथ गया, रेलवे ट्रैक के पास मृत मिला, 1 व्यक्ति पर FIR
लुधियाना में संदिग्ध परिस्थितियों में युवक का शव मिला:2 दिन पहले दोस्तों के साथ गया, रेलवे ट्रैक के पास मृत मिला, 1 व्यक्ति पर FIR पंजाब के लुधियाना में हरनाम नगर रेलवे लाइन के पास बस स्टैंड के पास एक युवक का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। युवक के शव की हालत ठीक नहीं थी। लोगों ने शव को देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। थाना डिवीजन नंबर 5 और चौकी कोछड़ मार्केट की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया। जानकारी के अनुसार मृतक का नाम गगनदीप उर्फ गोरा है। गोरा के पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। वह जवाहर नगर कैंप में अपनी मां और भाई के साथ रहता है। इलाके के लोगों ने बताया कि गगनदीप पिछले दो दिनों से लापता था। लोगों ने दी जानकारी परिवार वालों ने उसकी काफी तलाश की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। कल सुबह जब लोगों ने उसका शव रेलवे ट्रैक के पास पड़ा देखा तो पुलिस को सूचना दी। जब शव की पहचान हुई तो पता चला कि गगनदीप का मोबाइल उसके पास था लेकिन शव पास में नहीं मिला। दोस्त से मिला गगनदीप का मोबाइल पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो उन्हें एक युवक से गगनदीप का मोबाइल मिला। पुलिस ने अभी उस युवक की पहचान उजागर नहीं की है। पुलिस ने उक्त युवक के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल पुलिस ने गगनदीप के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। रिपोर्ट आने के बाद मौत के असली कारणों का पता चलेगा। थाना डिवीजन नंबर 5 के एसएचओ विजय कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा।
ख़ालिस्तान समर्थक MP अमृतपाल पर बयान देकर फंसे जालंधर सांसद:कांग्रेस लीडरशिप का किनारा, कहा-ये चन्नी का व्यक्तिगत विचार, ना की कांग्रेस का
ख़ालिस्तान समर्थक MP अमृतपाल पर बयान देकर फंसे जालंधर सांसद:कांग्रेस लीडरशिप का किनारा, कहा-ये चन्नी का व्यक्तिगत विचार, ना की कांग्रेस का पंजाब की जालंधर लोकसभा सांसद और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल पर दिए गए बयानों पर फंसते हुए नजर आ रहे हैं। उनके उक्त बयान पर कांग्रेस की ही वरिष्ठ लीडरशिप द्वारा किनारा कर लिया गया है और सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने खुद भी इस पर चुप्पी साध ली है। बता दें कि पंजाब में पहले से ही कांग्रेस में कलह चल रही है। ऐसे में एमपी चन्नी द्वारा दिए गए बयान को उक्त कलह से जोड़कर भी देखा जा रहा है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश द्वारा कल यानी गुरुवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट शेयर की गई। जिसमें उन्होंने लिखा कि “अमृतपाल सिंह पर सांसद चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा व्यक्त किए गए विचार उनके अपने हैं और किसी भी तरह से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थिति को नहीं दर्शाते हैं।” जयराम रमेश द्वारा दिए गए इस बयान पर पंजाब में सियासत गरमा गई है। जयराम रमेश द्वारा दिए गए बयान के बाद वह अपनी ही पार्टी में अलग थलग होते हुए नजर आ रहे हैं। क्योंकि पार्टी ने अमृतपाल को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। चन्नी अपने इस बयान पर घिरे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी ने गुरुवार को लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि बीजेपी आपातकाल को जिम्मेदार ठहराती है। लेकिन देश में अभी भी अघोषित आपातकाल लागू है। उन्होंने कहा कि यह एक आपातकालीन स्थिति है कि संसद के एक निर्वाचित सदस्य पर एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है और जेल में डाल दिया गया। वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम नहीं है। मूसेवाला, अमृतपाल और किसानों का मुद्दा उठाया सांसद चन्नी ने सदन में मूसेवाला, अमृतपाल और किसानों का अहम मुद्दा चंद शब्दों में उठाया। चन्नी ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल है। गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई, उनका परिवार आज भी न्याय के लिए भटक रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब में 20 लाख लोगों द्वारा सांसद चुने गए अमृतपाल सिंह पर एनएसए लगाकर उन्हें अंदर रखा गया है। वह यहां अपने क्षेत्र के लोगों की बात नहीं रख पा रहे हैं, यह इमरजेंसी है। उन्होंने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर किसान अपने हक की बात करते हैं तो उन्हें खालिस्तानी कहा जाता है। किसानों को दिल्ली आने से रोका जा रहा है। पहले भी विवादों में रहे चुके सांसद चरणजीत सिंह चन्नी बता दें कि ये पहली बार नहीं हुआ है कि कांग्रेस के लीडरशिप द्वारा चन्नी के बयान पर किनारा किया है। चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा पहले भी कई बार विवादित बयान दिए गए हैं। 1. लोकसभा चुनाव के दौरान चन्नी ने एक बयान दिया था कि पुंछ में हुआ हमला बीजेपी का स्टंट है। मगर फिर उन्होंने अपने उक्त बयान पर स्पष्टीकरण जारी किया था। 2. लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट न मिलने पर चौधरी परिवार द्वारा चन्नी का खुलकर विरोध किया गया था। इस दौरान फिल्लौर से विधायक बिक्रमजीत सिंह चौधरी के हलके में चन्नी के कुछ आपत्तिजनक पोस्टर वायरल हो गए थे। जिसमें वह एक महिला के पीछे से उंगली उठाकर छेड़ते हुए नजर आ रहे थे। 3. लोकसभा चुनाव के दौरान अकाली दल की वरिष्ठ नेत्री बीबी जागीर कौर की ठोढ़ी को छूते हुए का चन्नी का एक वीडियो वायरल हुआ था। बता दें कि नामांकन भरने के दौरान उक्त घटनाक्रम हुआ था, मगर बाद में चन्नी ने वीडियो जारी कर स्पष्टीकरण दिया था। 4. लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार करते में चन्नी ने एक बयान दिया था कि उनकी सरकार अगर सत्ता में आती है तो वह पाकिस्तान बॉर्डर खोलेंगे। जिससे ड्रेड हो सके। 5. इससे पहले चन्नी मीटू केस में भी फंस चुके हैं। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता वाली कांग्रेस की सरकार के दौरान चन्नी ने एक महिला आईएएस अधिकारी को अश्लील मैसेज भेज दिया था। जिसके बाद उन्होंने उक्त मैसेज को लेकर माफी भी मांगी थी।