पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के लिए जालंधर के बीचोबीच 11 एकड़ की एक प्रॉपर्टी तैयार की जा रही है, ताकि वे इस प्राचीन शहर को अपना दूसरा घर बनाने के अपने हाल ही के वादे को पूरा कर सकें। शहर के पुराने बारादरी इलाके में स्थित हाउस नंबर 1,1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से भी पुराना है। दरअसल, जालंधर डिवीजन के पहले ब्रिटिश कमिश्नर सर जॉन लॉरेंस 1848 में इस घर में रहने आए थे। तब तक जालंधर के महाराजा रणजीत सिंह के साम्राज्य का हिस्सा था। इसे उस समय की प्रचलित निर्माण सामग्री, अनूठी नानकशाही ईंटों और चूना पत्थर से बनाया गया था। सीएम के नए घर में रहेगी ये सुविधाएं सीएम भगवंत मान के इस सरकारी घर को विभिन्न सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। घर में चार ड्राइंग रूम, चार बेडरूम, तीन ऑफ़िस रूम, एक बाहरी बंद बरामदा और सहायक कर्मचारियों के लिए दो कमरों वाले फ़ैमिली फ़्लैट हैं। इस बार जिस घर को सीएम मान के लिए तैयार किया जा रहा है, वह शहर के बिल्कुल बीचोबीच है। घर के सामने वाले हिस्से में बड़ा गॉर्डन है और घर का पिछला हिस्सा शहर के सबसे चर्चित क्लब जिमखाना से सटा हुआ है। 176 साल पुराना घर, 140 कमिश्नर रह चुके पिछले 176 सालों में इस घर में 140 कमिश्नर रह चुके हैं। पिछले डिवीज़नल कमिश्नर, आईएएस अधिकारी गुरप्रीत सपरा को मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा इस संपत्ति पर ध्यान दिए जाने पर विनम्रतापूर्वक जाने के लिए कहा गया था। माना जाता है कि नए कमिश्नर प्रदीप कुमार सभरवाल का शहर के जेपी नगर में अपना घर है। बता दें कि निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी द्वारा ईंटों, सीमेंट और अन्य सामग्री भेजी है। सुरक्षा के लिए दो गार्ड तैनात कर दिए गए हैं। जालंधर उप चुनाव में शहर में रहने का किया था वादा बता दें कि, सीएम भगवंत सिंह मान द्वारा जालंधर वेस्ट हलके में उप चुनाव के दौरान लोगों से वादा किया था कि वह जालंधर में किराये पर घर लेकर रहेंगे। जिसके बाद सीएम मान के लिए जालंधर कैंट हलके में एक आलीशान कोठी फाइनल की गई। कोठी में सीएम मान ने अपनी पत्नी और बच्चे के साथ ग्रह प्रवेश किया था। जहां सीएम मान आकर रुकते थे और लोगों की समस्याएं सुनते थे। सीएम मान ये घर जालंधर कैंट के दीप नगर के पास लिया था। जोकि शहर के काफी दूर था। मगर इस बार सीएम मान ने शहर के बीचोबीच उक्त घर फाइनल किया है। क्योंकि एक तो वह सरकारी घर है, तो किराया बचेगा, दूसरी घर के लोगों की शिकायत लेकर आने में दिक्कत नहीं होगी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के लिए जालंधर के बीचोबीच 11 एकड़ की एक प्रॉपर्टी तैयार की जा रही है, ताकि वे इस प्राचीन शहर को अपना दूसरा घर बनाने के अपने हाल ही के वादे को पूरा कर सकें। शहर के पुराने बारादरी इलाके में स्थित हाउस नंबर 1,1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से भी पुराना है। दरअसल, जालंधर डिवीजन के पहले ब्रिटिश कमिश्नर सर जॉन लॉरेंस 1848 में इस घर में रहने आए थे। तब तक जालंधर के महाराजा रणजीत सिंह के साम्राज्य का हिस्सा था। इसे उस समय की प्रचलित निर्माण सामग्री, अनूठी नानकशाही ईंटों और चूना पत्थर से बनाया गया था। सीएम के नए घर में रहेगी ये सुविधाएं सीएम भगवंत मान के इस सरकारी घर को विभिन्न सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। घर में चार ड्राइंग रूम, चार बेडरूम, तीन ऑफ़िस रूम, एक बाहरी बंद बरामदा और सहायक कर्मचारियों के लिए दो कमरों वाले फ़ैमिली फ़्लैट हैं। इस बार जिस घर को सीएम मान के लिए तैयार किया जा रहा है, वह शहर के बिल्कुल बीचोबीच है। घर के सामने वाले हिस्से में बड़ा गॉर्डन है और घर का पिछला हिस्सा शहर के सबसे चर्चित क्लब जिमखाना से सटा हुआ है। 176 साल पुराना घर, 140 कमिश्नर रह चुके पिछले 176 सालों में इस घर में 140 कमिश्नर रह चुके हैं। पिछले डिवीज़नल कमिश्नर, आईएएस अधिकारी गुरप्रीत सपरा को मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा इस संपत्ति पर ध्यान दिए जाने पर विनम्रतापूर्वक जाने के लिए कहा गया था। माना जाता है कि नए कमिश्नर प्रदीप कुमार सभरवाल का शहर के जेपी नगर में अपना घर है। बता दें कि निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी द्वारा ईंटों, सीमेंट और अन्य सामग्री भेजी है। सुरक्षा के लिए दो गार्ड तैनात कर दिए गए हैं। जालंधर उप चुनाव में शहर में रहने का किया था वादा बता दें कि, सीएम भगवंत सिंह मान द्वारा जालंधर वेस्ट हलके में उप चुनाव के दौरान लोगों से वादा किया था कि वह जालंधर में किराये पर घर लेकर रहेंगे। जिसके बाद सीएम मान के लिए जालंधर कैंट हलके में एक आलीशान कोठी फाइनल की गई। कोठी में सीएम मान ने अपनी पत्नी और बच्चे के साथ ग्रह प्रवेश किया था। जहां सीएम मान आकर रुकते थे और लोगों की समस्याएं सुनते थे। सीएम मान ये घर जालंधर कैंट के दीप नगर के पास लिया था। जोकि शहर के काफी दूर था। मगर इस बार सीएम मान ने शहर के बीचोबीच उक्त घर फाइनल किया है। क्योंकि एक तो वह सरकारी घर है, तो किराया बचेगा, दूसरी घर के लोगों की शिकायत लेकर आने में दिक्कत नहीं होगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बीमार पिता को नहीं दी कंगना-कुलविंदर थप्पड़ कांड की जानकारी:मां बोली- जो बेटी ने किया सही किया, परिवार उसके साथ; कंगना ने उकसाया होगा चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर हुए कंगना रनौट थप्पड़ घटनाक्रम के बाद विवाद गहराता जा रहा है। एक तरफ पंजाब के सिख व किसान संगठन कुलविंदर कौर के हक में आ चुके हैं। वहीं राजपूत बिरादरी ने कंगना के हक में उतरी है। लेकिन इसी बीच कुलविंदर कौर के परिवार ने थप्पड़ मारने का वीडियो जांच करने की मांग रखी है। कुलविंदर कौर की मां वीर कौर मानने को तैयार नहीं है कि बिना वजह कुलविंदर ने कंगना पर हाथ उठाया होगा। वहीं, कुलविंदर कौर के पिता जो एक साल से बीमार हैं, पूरे घटनाक्रम की सूचना नहीं है। जो लोग कुलविंदर कौर के कारण घर आ रहे हैं, उन्हें भी पिता को घटनाक्रम के बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया गया है। वीर कौर का कहना है कि मां कितनी भी बुरी हो या अच्छी हो, कोई अपनी मां के बारे में नहीं सुन सकता। उसे 100 रुपए लेकर दिहाड़ी पर जाने वाली कहा गया, दुक्की की औरत कहा गया। क्या हम दुक्की की महिलाएं हैं। हम अगर आंदोलन में गई तो अपने बच्चों के भविष्य के लिए गई। जाने क्या कहा वीर कौर ने सवाल- कंगना रनोट के साथ हुए घटनाक्रम पर क्या कहेंगी? वीर कौर- मेरी बेटी ने जो किया ठीक किया। परिवार व किसान संगठन उनके साथ हैं। मैं अपनी बेटी को गलत नहीं कह सकती। जब तक मैं अपनी आंखों से सब नहीं देख लेती, मैं ऐसा कुछ नहीं कहूंगी। सवाल- परिवार में बेटी के अलावा भी कोई आर्मी या पैरा मिलिट्री फोर्सेस में है? जवाब- हमारे परिवार में 5-6 लोग आर्मी से है। जेठ, भतीजा व 2 जीजे हमारे आर्मी में हैं और कई रिटायर हो चुके हैं। 1965 की लड़ाई में मेरे जेठ ने पीपल पत्ते खा कर लड़ाई लड़ी। 16 साल मेरी बेटी को जॉब करते हो गए। आज तक ऐसा नहीं हुआ और ना ही कोई शिकायत आई। मैं इस बात को नहीं मानती कि बिना कारण उसकी बैटी ने थप्पड़ मारा है। सवाल- बेटी ने दिल्ली आंदोलन में जाने की बात कही, क्या आप वहां थी? दिल्ली – हम अपने हकों के लिए वहां गए थे। हमें फसलों के नुकसान के पैसे मिलें, जमीनें जो कच्ची हैं, पक्की हमारे नाम की जाएं। हमारा दिल करता है कि हम सड़क पर धूप में बैठें। नंगे पैर हम जाते थे, पानी को तरसते थे। अपने हक के लिए गए। सवाल- घटना के दिन आप कहां थी? जवाब- जिस दिन घटना हुई मैं बाहर थी, किसी करीबी का देहांत हो गया था। रात 7 बजे आई तो मुझे घटना का पता चला। मां बुरी हो या अच्छी, कोई बच्चा नहीं सुनता। जब मां को बोल दिया कि 100 रुपए दिहाड़ी लेकर जाती है। मुझे दो आने की कहा गया। मेरी बेटी पानी को लांघ, सरकंडों से निकल स्कूल पढ़ने जाती थी। तब भी उसकी कोई शिकायत नहीं आई। उसे कुछ कहा होगा जो उसने ऐसा किया। जब तक मैं अपनी आंखों से सब देख नहीं लेती, मैं नहीं मानूंगी कि मेरी बेटी गलत है। सवाल- बेटी से बात हुई? जवाब- मेरी बेटी से 3-4 दिन हो गए, बात नहीं हुई। मुझे दिखाया जाए कि उसने थप्पड़ मारा गया है। क्यों मारा गया, उसने (कंगना) ने कुछ कहा होग। मेरी बेटी ऐसे हाथ उठाने वाली नहीं है। कंगना ने कुछ तो बोला होगा। कभी कह दिया कि 100 रुपए लेकर जाती थी। हमें दुक्की का कह दिया। क्या हम दुक्की की हो गई। हम अपने परिवार के लिए जाते थे। अपनी जायदाद के लिए जाते थे। अपने बच्चों के भविष्य के लिए जाते थे। सवाल- क्या बीमार पिता को घटना की जानकारी है? जवाब- पिता बीमार हैं। 1 साल से बीमार हैं, उन्हें अटैक आया था। तब से ही वे बिस्तर पर हैं। उन्हें खुद उठा कर खिलाना पिलाना पड़ता है। उन्हें इस घटना के बारे में बताया ही नहीं गया। अगर कोई आता है तो उन्हें ना बताने का समझा दिया जाता है। वे पूछते हैं, लोग क्यों आ रहे हैं। जवाब में कह देते हैं, किसान संगठन की बैठक है। जानें क्या है मामला घटना वीरवार दोपहर 3 बजे की है। कंगना हिमाचल से जाने के लिए चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंची थी। सुरक्षा जांच के बाद आगे बढ़ने लगी तो CISF जवान कुलविंदर कौर ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। कुलविंदर कह रही थी कह रही है, ‘कंगना ने कहा था कि 100-100 रुपए की ख़ातिर लोग किसान आंदोलन में बैठ रहे हैं। जब उसने यह बयान दिया तो मेरी मां भी वहां बैठी थी।’ कंगना ने एक वीडियो शेयर किया है। उन्होंने कहा, ‘मैं सेफ हूं। आज चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर मेरे साथ हादसा हो गया। एयरपोर्ट पर एक महिला जवान ने मुझे गालियां देनी शुरू कर दीं। उसने बताया कि वो किसान आंदोलन की सपोर्टर है। उसने साइड से आकर मुझे चेहरे पर हिट कर दिया। मैं तो सुरक्षित हूं, लेकिन मेरी चिंता पंजाब में बढ़ रहे उग्रवाद और आतंकवाद को लेकर है। इसे कैसे भी करके हैंडल करना पड़ेगा।’
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