दुबई से मुंबई जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट में कोलकाता की महिला कृष्णा को अचानक सांस लेने में तकलीफ हुई। महिला बेसुध होने लगी। उस दौरान फ्लाइट में करीब 2560 यात्री थे। इनमें एक डॉक्टर भी था। डॉक्टर ने महिला को चेक करने के बाद क्रू मेंबर्स को बताया कि महिला की सांसें लगातार कम हो रही हैं। प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ेगी। उस दौरान प्लेन पाकिस्तान एयरबेस में था। पायलट ने नजदीकी कराची एयरपोर्ट पर प्लेन को लैंड कराने की परमिशन मांगी, लेकिन उसमें काफी समय लग रहा था। तभी प्लेन में सवार अमृतसर की रहने वाली यशोदा शंकर ने महिला के पास जाकर 5 मिनट मंत्रोच्चारण किया। इसके बाद महिला ठीक हो गई। इसके बाद प्लेन में सवार सभी यात्रियों ने राहत की सांस ली। प्लेयर के पायलट ने वीडियो शेयर कर घटना के बारे में बताया है। पायलट के मुताबिक कृष्णा को जब दिक्कत हुई तो यशोदा शंकर क्रू मेंबर्स के पास पहुंची। उसने कहा कि वह डॉक्टर नहीं है, लेकिन अध्यात्म के जरिए महिला को बचाने की कोशिश कर सकती है। क्रू मेंबर्स ने यशोदा को परमिशन दे दी। यशोदा ने कृष्णा के माथे पर हाथ रखा और भगवान का ध्यान किया। उन्होंने इस दौरान ईष्ट नारायण खिल गुरो भगवन्नमस्ते श्लोक का उच्चारण बार बार किया। लगभग पांच मिनट बाद महिला की धड़कनें चलने लगीं और वह उठ खड़ी हुई।होश में आने के बाद महिला ने अपना नाम कोलकाता की रहने वाली कृष्णा भौमिक बताया। उसने कहा कि जब वह बेसुध हुई तो उसे लगा की अब जीवन का अंतिम क्षण आ गया है। मेरी आंखें बंद हुईं और शरीर निढाल हो गया। लोक परलोक दोनों दिखाई देने लगे। कुल मिलाकर मैं इस दुनिया से शून्य हो चुकी थी। अब मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि मैं मृत्यु पर विजय प्राप्त कर पुन: लौटी हूं। कृष्णा ने यशोदा का कोटि-कोटि धन्यवाद किया। यात्रियों ने पैर छुए और सेल्फी ली महिला ने भावुक होकर यशोदा को कुछ राशि भेंट करने की कोशिश की, पर यशोदा ने इससे इंकार कर दिया। महिला की सांसें चलते देखकर विमान में सवार कुछ यात्रियों ने यशोदा के चरणों को स्पर्श किया और सेल्फी भी ली।विमान में सवार सभी यात्री भी हतप्रभ रह गए। यशोदा ने कहा कि आध्यात्म में बहुत शक्ति है। वह निम्बार्क संप्रदाय वैष्णव की साधक हैं और और वर्तमान में मुंबई में रहती हैं। मेरे ईष्ट ने कृपा की। यह चमत्कार नहीं है, अपितु नारायण की कृपा से हुआ है। ईष्ट को प्रणाम कर उन्हें अंर्तमन से स्मरण किया। मुझे पूर्ण विश्वास था कि ईश्वर इन्हें स्वस्थ्य कर देंगे।एक तरफ जहां नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डा. नवजोत कौर की कैंसर से मुक्ति पर इस वक्त बड़ी बहस छिड़ी है। नवजोत सिद्धू ने इसे आयुर्वेद माना है, वहीं डाक्टर इसे नकार रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ अध्यात्म ने हजारों फीट उंचाई पर बेसुध पड़ी एक महिला का जीवन रक्षण किया। इससे स्पष्ट है कि आयुर्वेद और अध्यात्म का भी चिकित्सा में बड़ा महत्व है। दुबई से मुंबई जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट में कोलकाता की महिला कृष्णा को अचानक सांस लेने में तकलीफ हुई। महिला बेसुध होने लगी। उस दौरान फ्लाइट में करीब 2560 यात्री थे। इनमें एक डॉक्टर भी था। डॉक्टर ने महिला को चेक करने के बाद क्रू मेंबर्स को बताया कि महिला की सांसें लगातार कम हो रही हैं। प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ेगी। उस दौरान प्लेन पाकिस्तान एयरबेस में था। पायलट ने नजदीकी कराची एयरपोर्ट पर प्लेन को लैंड कराने की परमिशन मांगी, लेकिन उसमें काफी समय लग रहा था। तभी प्लेन में सवार अमृतसर की रहने वाली यशोदा शंकर ने महिला के पास जाकर 5 मिनट मंत्रोच्चारण किया। इसके बाद महिला ठीक हो गई। इसके बाद प्लेन में सवार सभी यात्रियों ने राहत की सांस ली। प्लेयर के पायलट ने वीडियो शेयर कर घटना के बारे में बताया है। पायलट के मुताबिक कृष्णा को जब दिक्कत हुई तो यशोदा शंकर क्रू मेंबर्स के पास पहुंची। उसने कहा कि वह डॉक्टर नहीं है, लेकिन अध्यात्म के जरिए महिला को बचाने की कोशिश कर सकती है। क्रू मेंबर्स ने यशोदा को परमिशन दे दी। यशोदा ने कृष्णा के माथे पर हाथ रखा और भगवान का ध्यान किया। उन्होंने इस दौरान ईष्ट नारायण खिल गुरो भगवन्नमस्ते श्लोक का उच्चारण बार बार किया। लगभग पांच मिनट बाद महिला की धड़कनें चलने लगीं और वह उठ खड़ी हुई।होश में आने के बाद महिला ने अपना नाम कोलकाता की रहने वाली कृष्णा भौमिक बताया। उसने कहा कि जब वह बेसुध हुई तो उसे लगा की अब जीवन का अंतिम क्षण आ गया है। मेरी आंखें बंद हुईं और शरीर निढाल हो गया। लोक परलोक दोनों दिखाई देने लगे। कुल मिलाकर मैं इस दुनिया से शून्य हो चुकी थी। अब मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि मैं मृत्यु पर विजय प्राप्त कर पुन: लौटी हूं। कृष्णा ने यशोदा का कोटि-कोटि धन्यवाद किया। यात्रियों ने पैर छुए और सेल्फी ली महिला ने भावुक होकर यशोदा को कुछ राशि भेंट करने की कोशिश की, पर यशोदा ने इससे इंकार कर दिया। महिला की सांसें चलते देखकर विमान में सवार कुछ यात्रियों ने यशोदा के चरणों को स्पर्श किया और सेल्फी भी ली।विमान में सवार सभी यात्री भी हतप्रभ रह गए। यशोदा ने कहा कि आध्यात्म में बहुत शक्ति है। वह निम्बार्क संप्रदाय वैष्णव की साधक हैं और और वर्तमान में मुंबई में रहती हैं। मेरे ईष्ट ने कृपा की। यह चमत्कार नहीं है, अपितु नारायण की कृपा से हुआ है। ईष्ट को प्रणाम कर उन्हें अंर्तमन से स्मरण किया। मुझे पूर्ण विश्वास था कि ईश्वर इन्हें स्वस्थ्य कर देंगे।एक तरफ जहां नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डा. नवजोत कौर की कैंसर से मुक्ति पर इस वक्त बड़ी बहस छिड़ी है। नवजोत सिद्धू ने इसे आयुर्वेद माना है, वहीं डाक्टर इसे नकार रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ अध्यात्म ने हजारों फीट उंचाई पर बेसुध पड़ी एक महिला का जीवन रक्षण किया। इससे स्पष्ट है कि आयुर्वेद और अध्यात्म का भी चिकित्सा में बड़ा महत्व है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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श्री अकाल तख्त साहिब पर बैठक आज:पांच तख्तों के जत्थेदार आज सुनाएंगे अकाली दल के पूर्व मंत्रियों को सजा; सुखबीर बादल भी पहुंचेंगे
श्री अकाल तख्त साहिब पर बैठक आज:पांच तख्तों के जत्थेदार आज सुनाएंगे अकाली दल के पूर्व मंत्रियों को सजा; सुखबीर बादल भी पहुंचेंगे जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की तरफ से आज सोमवार दोपहर एक बजे श्री अकाल तख्त साहिब पर पांच सिख साहिबानों की बैठक बुलाई है। बैठक में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर बादल के साथ 2007-2017 के दौरान पद पर रहे मंत्रियों, पूर्व जत्थेदार, 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्यों और मौजूदा अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को बुलाया गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में सुखबीर बादल और 2007-17 के दौरान अकाली दल के मंत्रियों को सजा सुनाई जा सकती है। कुछ दिन पहले सुखबीर बादल श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए थे और उन्होंने मांग की थी कि उन्हें तनखैया घोषित किए हुए तीन महीने से अधिक का समय बीत चुका है और उन्हें अब सजा सुनाई जानी चाहिए। जिसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने तकरीबन एक सप्ताह पहले इस बैठक को बुलाने की घोषणा की थी। सुखबीर ने लिखा-सारे वर्कर चाहते थे मैं चुनाव लड़ूं श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे सुखबीर बादल ने अपने लिखित आवेदन में कहा था कि पार्टी के सारे वर्कर चाहते थे कि विशेष हालात के चलते मुझे अभी हो रहे उपचुनाव लड़ने और प्रचार की इजाजत दी जाए। उपचुनाव न लड़ पाने के कारण पंथ और पंजाब को बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन अकाल पुरख की रजा में उन्होंने यह नुकसान झेला है। इसीलिए उनकी सजा पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए और उन्हें इजाजत दी जाए कि वह पंथ विरोधी ताकतों से डटकर मुकाबला कर सकें। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुनाई थी सजा सुखबीर बादल को जुलाई महीने में धार्मिक सजा सुना दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ।” बागी गुट की शिकायत के बाद शुरू हुआ था विवाद दूसरी तरफ बागी गुट के प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींढसा 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे थे। इस दौरान जत्थेदार को माफीनामा सौंपा गया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई- 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। 4 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। जिसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। सुखबीर बादल के स्पष्टीकरण को सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी। जिसके बाद 5 जुलाई को स्पष्टीकरण सार्वजनिक किया गया। जानें क्या लिखा था स्पष्टीकरण में सुखबीर बादल द्वारा श्री अकाल तख्त पर बंद लिफाफे में दिए गए स्पष्टीकरण के साथ दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का भी एक पुराना पत्र वायरल किया, जो बेअदबी की घटनाओं के बाद लिखा गया था। इसमें प्रकाश सिंह बादल ने अपने दिल का दर्द बयां किया था। प्रकाश सिंह बादल द्वारा अक्टूबर 2015 में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को दिए गए पत्र में बेअदबी की घटनाओं पर अपना दुख व्यक्त किया था। सितंबर 2015 में बेअदबी की बड़ी घटनाएं हुईं। उस वक्त आरोपियों को पकड़ न पाने के प्रदर्शन के लिए तत्कालीन अकाली सरकार की आलोचना हुई थी। 17 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका और श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को एक पत्र सौंपा 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मानसा में बोले सिद्धू मूसे वाला के पिता:उनके बेटे की मौत को बेच रहे लोग, ज्योतिषी की भविष्यवाणी को बताया झूठा
मानसा में बोले सिद्धू मूसे वाला के पिता:उनके बेटे की मौत को बेच रहे लोग, ज्योतिषी की भविष्यवाणी को बताया झूठा सिद्धू मूसे वाला कत्ल मामले में एक निजी चैनल पर चल रहे शो के दौरान ज्योतिषी द्वारा सिद्धू की मौत से पहले भविष्यवाणी करने के दावे को सिद्धू मूसे वाला के पिता बलकोर सिंह ने झूठा करार देते हुए कहा कि यह पब्लिसिटी स्टंट है। उन्होंने सिद्धू मूसे वाला पर लिखी गई किताब और दोस्त द्वारा किए गए खुलासों पर बोलते हुए कहा कि यह सब लोग पैसे की खातिर सब कुछ कर रहे हैं। जो आज अपने आप को सिद्धू का दोस्त बता रहा है, वह आज तक सिद्धू के इंसाफ के लिए कभी भी उनके पास नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि जो उनके बेटे का नाम लेकर पब्लिसिटी स्टंट कर रहे हैं उनको वह जल्द ही अदालत में खिंचेंगे। उन्होंने कहा कि वह किताब वाले दोस्त के खिलाफ पुलिस को शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर रविवार को जब वह सिद्धू के चाहने वालों को संबोधित करते हैं तो उन बयानों को तोड़ मरोड़ कर पहले भी एक व्यक्ति ने किताब लिखी थी, इसीलिए वह अब इस बारे में पब्लिक में कुछ नहीं कहते। उनका बेटा जो था, उन्हें ही मालूम है। उनके बेटे ने अपनी मृत्यु से पहले 8-10 पॉडकास्ट और इंटरव्यू दिए थे, जिसमें उसने अपनी सारी सोच का खुलासा किया हुआ है अभी तो लोग पैसे के लिए उनके बेटे की मौत बेच रहे हैं।
लुधियाना में आज वकीलों की हड़ताल:MLA गैरी वड़िंग के भाई पर वकील से मारपीट करने का आरोप, पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई
लुधियाना में आज वकीलों की हड़ताल:MLA गैरी वड़िंग के भाई पर वकील से मारपीट करने का आरोप, पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई पंजाब भर में आज वकील हड़ताल पर है। जिला लुधियाना में भी आज वकीलों ने मुकम्मल हड़ताल की हुई है। फतेहगढ़ साहिब में अमलोह नगर कौंसिल चुनावों के दौरान एडवोकेट हसन सिंह पर हमला हुआ था। इस केस को हुए 17 दिन हो गए लेकिन पुलिस ने कोई सख्त एक्शन नहीं लिया जिस कारण आज वकीलों में पुलिस खिलाफ रोष है। एडवोकेट हसन सिंह जोकि खन्ना, समराला बार एसोसिएशन के भी सदस्य है, को इंसाफ दिलाने के लिए खन्ना, समराला में आज हड़ताल है। इस मामले में आज 9 जनवरी को पंजाब भर के वकील हड़ताल पर है। फतेहगढ़ साहिब में एसएसपी दफ्तर के बाहर आज धरना भी लगाया जाएगा। MLA वड़िंग के भाई पर मारपीट के आरोप खन्ना बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तेजप्रीत सिंह अटवाल और सीनियर एडवोकेट जगजीत सिंह औजला ने मीडिया को बताया कि नगर कौंसिल चुनावों में एडवोकेट हसन सिंह की भाभी भी उम्मीदवार थी। वोटिंग वाले दिन जब एडवोकेट हसन सिंह पोलिंग बूथ पर मौजूद थे। इसी दौरान विधायक गैरी वड़िंग का भाई मनी वड़िंग ने अपने साथियों समेत वहां आया। रिवाल्वर का बट सिर पर था मारा एडवोकेट हसन सिंह पर उसने हमला कर दिया। रिवाल्वर का बट एडवोकेट हसन सिंह के सिर पर मारा। तेजधार हथियारों से हमला भी किया गया, जिसके बाद एडवोकेट हसन सिंह को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उनकी एमएलआर कटवाई गई। इंसाफ के लिए वकीलों ने हड़ताल की लेकिन फतेहगढ़ साहिब की पुलिस ने शहीदी सभा में व्यस्त होने का हवाला देते हुए इस कोई कार्रवाई नहीं की थी। DGP को भी भेज चुके है पत्र इस मामले को लेकर पंजाब DGP को भी पत्र लिखा गया। एसएसपी से मुलाकात भी की गई लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। वकील भाईचारे ने पुलिस को चेतावनी दी है कि यदि हमलावरों पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो वह फतेहगढ़ साहिब एसएसपी दफ्तर के बाहर धरना देंगे। इस मामले में अदालत की भी शरण ली जाएगी। सियासी दबाव के तले पुलिस दब कर काम कर रही है।