हरियाणा में दिग्गज चेहरे चुनाव में उतारेगी भाजपा:सुभाष बराला समेत सभी सांसदों को तैयार रहने को कहा; खट्‌टर-राव की भी संभावना

हरियाणा में दिग्गज चेहरे चुनाव में उतारेगी भाजपा:सुभाष बराला समेत सभी सांसदों को तैयार रहने को कहा; खट्‌टर-राव की भी संभावना

हरियाणा में तीसरी बार सत्ता पाने के लिए भाजपा ने प्रदेश के दिग्गज चेहरों को भी उतारने की फुल प्रूफ प्लान तैयार कर लिया है। इस फॉर्मूले में पार्टी अपने सभी राज्यसभा सांसदों को भी चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है। पार्टी के अभी 3 राज्यसभा सांसद सुभाष बराला, रामचंद्र जांगड़ा, कृष्ण लाल पंवार हैं, जबकि किरण चौधरी का भी राज्यसभा जाना तय है। पार्टी नेतृत्व ने संकेत दिए हैं कि सभी सांसद विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहें। उन्हें यह भी कहा गया है कि वह अपनी पसंद की सीटों की लिस्ट बनाकर दिल्ली भेज सकते हैं। पार्टी की स्टेट इलेक्शन कमेटी (SEC) ने तो केंद्रीय मंत्री और प्रदेश के साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रह चुके मनोहर लाल खट्‌टर और राव इंद्रजीत के नाम की भी विधानसभा चुनाव लड़ने की सिफारिश की है। दिग्गजों को चुनाव में उतारने के पीछे भाजपा की मास्टर प्लानिंग है। केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव लड़ाएंगे, क्योंकि इनका क्षेत्र में जनाधार ठीक है। इनके जरिए सरकार बनाने की प्लानिंग है। सरकार बनने पर इनसे लोकसभा सीट से इस्तीफा नहीं दिलाया जाएगा, बल्कि विधानसभा सीट खाली करवा उस पर उपचुनाव करवाया जाएगा। दरअसल, सरकार होने पर उपचुनाव में जीत के चांस ज्यादा रहते हैं। ऐसे में पार्टी की सरकार बनी रहेगी। हारे हुए लोकसभा उम्मीदवार भी चुनाव लड़ने की कर रहे तैयारी
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार सोनीपत लोकसभा सीट से मोहन लाल बड़ौली, रोहतक से अरविंद शर्मा, हिसार से रणजीत सिंह चौटाला, अंबाला से बंतो कटारिया और सिरसा से अशोक तंवर हार गए थे। अब इन्हें केंद्रीय नेतृत्व फिर से विधानसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा सुनीता दुग्गल और संजय भाटिया को भी विधानसभा चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा गया है। इसकी वजह यह है कि इन दोनों नेताओं का टिकट काटकर दूसरे चेहरों को लोकसभा चुनाव लड़ाया गया था। सुनीता दुग्गल के रतिया और डॉ. अरविंद शर्मा के बहादुरगढ़ से चुनाव लड़ने की चर्चा है। इसके साथ राव इंद्रजीत सिंह के अटेली या फिर कोसली से चुनाव लड़ने की संभावना है। दिग्गजों को उतारने की 2 बड़ी वजहें… 10 सालों की एंटी इनकंबेंसी टूटेगी
हरियाणा में बीजेपी 10 सालों से सत्ता में काबिज है। इस कारण से पार्टी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है। इसको तोड़ने के लिए बीजेपी हर संभव प्रयास कर रही है। यहां तक कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएम चेहरे में भी पार्टी बदलाव कर चुकी है। इसलिए पार्टी ये प्लान कर रही है कि दिग्गजों के चेहरों पर दांव खेलना उसके लिए मुफीद रहेगा। बड़े चेहरों से चुनावी माहौल बनेगा
हरियाणा बीजेपी में अभी बड़े चेहरों की कमी साफ दिखाई देती है। पार्टी के नेता भी इसको महसूस कर रहे हैं। मनोहर लाल खट्‌टर के दिल्ली चले जाने के बाद और अनिल विज के अंबाला कैंट तक में ही सीमित रहने से चुनाव में बड़े चेहरे नहीं दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में पार्टी इन दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतारकर ये कमी दूर करना चाहती है। दिग्गजों को टिकट देने के ये नुकसान… जिस सीट पर दावा करेंगे, वहां विरोध हो सकता है
पार्टी भले ही दिग्गजों को चुनाव लड़ाने की सोच रही है, लेकिन इनका विरोध भी होगा। इसकी वजह यह है कि ये जहां से दावा ठोकेंगे उन सीटों पर 5 सालों से तैयारी कर रहे पार्टी के नेता नाराज हो सकते हैं। इस कारण से इन दिग्गजों का चुनाव में विरोध हो सकता है। भीतरघात की पूरी संभावना
विरोध के साथ ही बीजेपी के दिग्गज नेताओं को भीतरघात भी झेलना पड़ सकता है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर पार्टी को भीतरघात के कारण हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव के बाद हारे उम्मीदवारों ने सार्वजनिक रूप से भीतरघातियों को लेकर सवाल उठाए थे। बड़ौली और रणजीत चौटाला ने तो इसकी रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी थी। जिसके बाद पार्टी स्तर पर ऐसे कुछ भीतरघातियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई। बेटी के लिए हाईकमान का फैसला मान सकते हैं राव
राव इंद्रजीत मौजूदा हालात में बेटी आरती राव को एडजेस्ट करने के लिए हाईकमान का कोई भी फैसला मान सकते हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने बीजेपी से 6 सीटें मांगी थी। इसमें अटेली, नारनौल, कोसली, बावल, बादशाहपुर और पटौदी सीट शामिल हैं। राव इंद्रजीत की दावेदारी पर हाईकमान राव को अटेली, कोसली, बादशाहपुर और नारनौल सीट देने को तैयार है। जबकि पटौदी और बावल सीट पर पार्टी के ही किसी कार्यकर्ता जिस पर राव भी अपनी सहमति जता दे उसको लेकर बात कर रही है। राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा चुनाव के वक्त कहा था मैं लोकसभा चुनाव ही लड़ूंगा, लेकिन भविष्य में अगर पार्टी जो भी जिम्मेदारी तय करेगी उसे निभाया जाएगा। हरियाणा में तीसरी बार सत्ता पाने के लिए भाजपा ने प्रदेश के दिग्गज चेहरों को भी उतारने की फुल प्रूफ प्लान तैयार कर लिया है। इस फॉर्मूले में पार्टी अपने सभी राज्यसभा सांसदों को भी चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है। पार्टी के अभी 3 राज्यसभा सांसद सुभाष बराला, रामचंद्र जांगड़ा, कृष्ण लाल पंवार हैं, जबकि किरण चौधरी का भी राज्यसभा जाना तय है। पार्टी नेतृत्व ने संकेत दिए हैं कि सभी सांसद विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहें। उन्हें यह भी कहा गया है कि वह अपनी पसंद की सीटों की लिस्ट बनाकर दिल्ली भेज सकते हैं। पार्टी की स्टेट इलेक्शन कमेटी (SEC) ने तो केंद्रीय मंत्री और प्रदेश के साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रह चुके मनोहर लाल खट्‌टर और राव इंद्रजीत के नाम की भी विधानसभा चुनाव लड़ने की सिफारिश की है। दिग्गजों को चुनाव में उतारने के पीछे भाजपा की मास्टर प्लानिंग है। केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव लड़ाएंगे, क्योंकि इनका क्षेत्र में जनाधार ठीक है। इनके जरिए सरकार बनाने की प्लानिंग है। सरकार बनने पर इनसे लोकसभा सीट से इस्तीफा नहीं दिलाया जाएगा, बल्कि विधानसभा सीट खाली करवा उस पर उपचुनाव करवाया जाएगा। दरअसल, सरकार होने पर उपचुनाव में जीत के चांस ज्यादा रहते हैं। ऐसे में पार्टी की सरकार बनी रहेगी। हारे हुए लोकसभा उम्मीदवार भी चुनाव लड़ने की कर रहे तैयारी
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार सोनीपत लोकसभा सीट से मोहन लाल बड़ौली, रोहतक से अरविंद शर्मा, हिसार से रणजीत सिंह चौटाला, अंबाला से बंतो कटारिया और सिरसा से अशोक तंवर हार गए थे। अब इन्हें केंद्रीय नेतृत्व फिर से विधानसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा सुनीता दुग्गल और संजय भाटिया को भी विधानसभा चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा गया है। इसकी वजह यह है कि इन दोनों नेताओं का टिकट काटकर दूसरे चेहरों को लोकसभा चुनाव लड़ाया गया था। सुनीता दुग्गल के रतिया और डॉ. अरविंद शर्मा के बहादुरगढ़ से चुनाव लड़ने की चर्चा है। इसके साथ राव इंद्रजीत सिंह के अटेली या फिर कोसली से चुनाव लड़ने की संभावना है। दिग्गजों को उतारने की 2 बड़ी वजहें… 10 सालों की एंटी इनकंबेंसी टूटेगी
हरियाणा में बीजेपी 10 सालों से सत्ता में काबिज है। इस कारण से पार्टी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है। इसको तोड़ने के लिए बीजेपी हर संभव प्रयास कर रही है। यहां तक कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएम चेहरे में भी पार्टी बदलाव कर चुकी है। इसलिए पार्टी ये प्लान कर रही है कि दिग्गजों के चेहरों पर दांव खेलना उसके लिए मुफीद रहेगा। बड़े चेहरों से चुनावी माहौल बनेगा
हरियाणा बीजेपी में अभी बड़े चेहरों की कमी साफ दिखाई देती है। पार्टी के नेता भी इसको महसूस कर रहे हैं। मनोहर लाल खट्‌टर के दिल्ली चले जाने के बाद और अनिल विज के अंबाला कैंट तक में ही सीमित रहने से चुनाव में बड़े चेहरे नहीं दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में पार्टी इन दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतारकर ये कमी दूर करना चाहती है। दिग्गजों को टिकट देने के ये नुकसान… जिस सीट पर दावा करेंगे, वहां विरोध हो सकता है
पार्टी भले ही दिग्गजों को चुनाव लड़ाने की सोच रही है, लेकिन इनका विरोध भी होगा। इसकी वजह यह है कि ये जहां से दावा ठोकेंगे उन सीटों पर 5 सालों से तैयारी कर रहे पार्टी के नेता नाराज हो सकते हैं। इस कारण से इन दिग्गजों का चुनाव में विरोध हो सकता है। भीतरघात की पूरी संभावना
विरोध के साथ ही बीजेपी के दिग्गज नेताओं को भीतरघात भी झेलना पड़ सकता है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर पार्टी को भीतरघात के कारण हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव के बाद हारे उम्मीदवारों ने सार्वजनिक रूप से भीतरघातियों को लेकर सवाल उठाए थे। बड़ौली और रणजीत चौटाला ने तो इसकी रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी थी। जिसके बाद पार्टी स्तर पर ऐसे कुछ भीतरघातियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई। बेटी के लिए हाईकमान का फैसला मान सकते हैं राव
राव इंद्रजीत मौजूदा हालात में बेटी आरती राव को एडजेस्ट करने के लिए हाईकमान का कोई भी फैसला मान सकते हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने बीजेपी से 6 सीटें मांगी थी। इसमें अटेली, नारनौल, कोसली, बावल, बादशाहपुर और पटौदी सीट शामिल हैं। राव इंद्रजीत की दावेदारी पर हाईकमान राव को अटेली, कोसली, बादशाहपुर और नारनौल सीट देने को तैयार है। जबकि पटौदी और बावल सीट पर पार्टी के ही किसी कार्यकर्ता जिस पर राव भी अपनी सहमति जता दे उसको लेकर बात कर रही है। राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा चुनाव के वक्त कहा था मैं लोकसभा चुनाव ही लड़ूंगा, लेकिन भविष्य में अगर पार्टी जो भी जिम्मेदारी तय करेगी उसे निभाया जाएगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर