हरियाणा में धान की MSP 3100 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीद को लेकर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री नायब सैनी पर हमला बोलते सवाल किया है, कि किसानों की धान की एमएसपी पर खरीद कब होगी। उन्होंने सैनी को ‘टेली प्रॉम्पटर’ मुख्यमंत्री की संज्ञा देते हुए भाजपा सरकार पर किसान विरोधी 3 आरोप लगाए हैं। वहीं मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा है कि प्रदेश में 27 सितंबर से धान की खरीद एमएसपी पर की जा रही है। यहां पढ़िए सुरजेवाला के 3 बड़े आरोप 1. धान का 3100 प्रति क्विंटल नहीं मिला सुरजेवाला ने नायब सैनी से सीधा सवाल करते हुए पूछा कि विधानसभा चुनाव से पहले सार्वजनिक तौर से वादा कर 8 अक्टूबर, 2024 से 3100 रुपए प्रति क्विंटल MSP पर धान खरीदने का वादा करने वाले श्री नायब सैनी अब झूठ का लबादा ओढ़कर बगलें क्यों छिपा रहे हैं? सुरजेवाला ने कहा कि किसान को मजबूरन अपनी धान की फसल 2300 रुपए प्रति क्विंटल के MSP की बजाय औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ी है। प्रदेश के 60 प्रतिशत से अधिक किसानों ने 2000 से लेकर 2100 रुपए प्रति क्विंटल पर अपनी धान की फसल मजबूरी में बेची है। 2. DAP की चौतरफा हाहाकार सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को DAP के जानलेवा संकट पर घेरते हुए कहा कि टेलीप्रॉम्पटर मुख्यमंत्री के मुंह से गांव भिखेवाला (नरवाना) के किसान राम भगत का नाम क्यों नहीं निकला? DAP न मिलने से और गेहूं की बुआई न कर पाने के संकट से घिरे मेहनतकश किसान राम भगत की आत्महत्या हरियाणा की भाजपा सरकार के झूठ के पुलिंदों को न सिर्फ उजागर करता है। लेकिन सरकार की हवाहवाई बातों, जुमलों और शगूफों की धज्जियां उड़ा देता है। 3. भाजपा सरकार ‘झूठ पर झूठ’ परोस रही सुरजेवाला ने DAP की मारामारी पर भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में DAP उपलब्ध ही नहीं या फिर DAP स्टॉक न के बराबर है। फिर भी मुख्यमंत्री तथा भाजपा सरकार आए दिन झूठ परोस रही है। सुरजेवाला ने भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री उनके साथ चरखी दादरी, भिवानी, महेंद्रगढ़, जींद और कैथल जिलों में चलें तो DAPकी हाहाकार और मारोमार की सच्चाई आइने की तरह उनको नजर आ जाएगी। CM कह चुके, 27 सितंबर से शुरू हो चुकी खरीद कांग्रेस के हमलों के बीच मुख्यमंत्री नायब सैनी कह चुके हैं कि, हरियाणा में 27 सितंबर से धान की खरीद एमएसपी पर शुरू कर दी गई। कुछ मंडियों में धान की जल्दी आवक होने से एक सप्ताह पहले खरीद शुरू करने का फैसला हुआ। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने किसानों को मोबाइल एप से डिजिटल गेट पास बनाया। फसल खरीद के बाद 72 घंटों के अंदर- अंदर किसानों के खातों में पैसा पहुंचाने का काम सरकार ने किया है। इस खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान धान के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर 4,84,927 किसान पंजीकृत हैं। 60 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य सीएम सैनी ने दावा किया है कि हरियाणा में इस बार धान खरीद के लिए 60 लाख मीट्रिक टन की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 50,46,872.45 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। जिसकी एवज में किसानों को 11,296 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान हुआ है। हरियाणा सरकार की नीति की वजह से पड़ोसी राज्यों के किसान भी हरियाणा में फसल बेचने के इच्छुक हैं। राज्य सरकार ने आढ़तिया कमीशन 46 रुपए प्रति क्विंटल को बढ़ाकर 55 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। हरियाणा में धान की MSP 3100 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीद को लेकर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री नायब सैनी पर हमला बोलते सवाल किया है, कि किसानों की धान की एमएसपी पर खरीद कब होगी। उन्होंने सैनी को ‘टेली प्रॉम्पटर’ मुख्यमंत्री की संज्ञा देते हुए भाजपा सरकार पर किसान विरोधी 3 आरोप लगाए हैं। वहीं मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा है कि प्रदेश में 27 सितंबर से धान की खरीद एमएसपी पर की जा रही है। यहां पढ़िए सुरजेवाला के 3 बड़े आरोप 1. धान का 3100 प्रति क्विंटल नहीं मिला सुरजेवाला ने नायब सैनी से सीधा सवाल करते हुए पूछा कि विधानसभा चुनाव से पहले सार्वजनिक तौर से वादा कर 8 अक्टूबर, 2024 से 3100 रुपए प्रति क्विंटल MSP पर धान खरीदने का वादा करने वाले श्री नायब सैनी अब झूठ का लबादा ओढ़कर बगलें क्यों छिपा रहे हैं? सुरजेवाला ने कहा कि किसान को मजबूरन अपनी धान की फसल 2300 रुपए प्रति क्विंटल के MSP की बजाय औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ी है। प्रदेश के 60 प्रतिशत से अधिक किसानों ने 2000 से लेकर 2100 रुपए प्रति क्विंटल पर अपनी धान की फसल मजबूरी में बेची है। 2. DAP की चौतरफा हाहाकार सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को DAP के जानलेवा संकट पर घेरते हुए कहा कि टेलीप्रॉम्पटर मुख्यमंत्री के मुंह से गांव भिखेवाला (नरवाना) के किसान राम भगत का नाम क्यों नहीं निकला? DAP न मिलने से और गेहूं की बुआई न कर पाने के संकट से घिरे मेहनतकश किसान राम भगत की आत्महत्या हरियाणा की भाजपा सरकार के झूठ के पुलिंदों को न सिर्फ उजागर करता है। लेकिन सरकार की हवाहवाई बातों, जुमलों और शगूफों की धज्जियां उड़ा देता है। 3. भाजपा सरकार ‘झूठ पर झूठ’ परोस रही सुरजेवाला ने DAP की मारामारी पर भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में DAP उपलब्ध ही नहीं या फिर DAP स्टॉक न के बराबर है। फिर भी मुख्यमंत्री तथा भाजपा सरकार आए दिन झूठ परोस रही है। सुरजेवाला ने भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री उनके साथ चरखी दादरी, भिवानी, महेंद्रगढ़, जींद और कैथल जिलों में चलें तो DAPकी हाहाकार और मारोमार की सच्चाई आइने की तरह उनको नजर आ जाएगी। CM कह चुके, 27 सितंबर से शुरू हो चुकी खरीद कांग्रेस के हमलों के बीच मुख्यमंत्री नायब सैनी कह चुके हैं कि, हरियाणा में 27 सितंबर से धान की खरीद एमएसपी पर शुरू कर दी गई। कुछ मंडियों में धान की जल्दी आवक होने से एक सप्ताह पहले खरीद शुरू करने का फैसला हुआ। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने किसानों को मोबाइल एप से डिजिटल गेट पास बनाया। फसल खरीद के बाद 72 घंटों के अंदर- अंदर किसानों के खातों में पैसा पहुंचाने का काम सरकार ने किया है। इस खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान धान के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर 4,84,927 किसान पंजीकृत हैं। 60 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य सीएम सैनी ने दावा किया है कि हरियाणा में इस बार धान खरीद के लिए 60 लाख मीट्रिक टन की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 50,46,872.45 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। जिसकी एवज में किसानों को 11,296 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान हुआ है। हरियाणा सरकार की नीति की वजह से पड़ोसी राज्यों के किसान भी हरियाणा में फसल बेचने के इच्छुक हैं। राज्य सरकार ने आढ़तिया कमीशन 46 रुपए प्रति क्विंटल को बढ़ाकर 55 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में घर पर फायरिंग:आधी रात को चली गोलियां, खिड़कियों के शीशे टूटे, परिवार में डर का माहौल हरियाणा के करनाल की विकास कॉलोनी में बुधवार रात करीब 11:45 बजे अज्ञात हमलावरों ने एक घर पर फायरिंग कर दी। फायरिंग के दौरान गोली घर की खिड़की पर लगी, जिससे शीशा टूट गया। घटना के बाद परिवार में डर का माहौल है। बाइक सवार नकाबपोश बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया। उधर, सूचना मिलने के बाद सेक्टर 32, 33 थाना पुलिस देर रात मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए। परिजनों की शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। कैसे हुआ ये सब जानकारी देते हुए विकास कॉलोनी निवासी सुरेश कुमार ने बताया कि वह रात को अपने परिवार के साथ खाना खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे। तभी अचानक गोलियों की आवाज आई और खिड़की का शीशा टूट गया। इस अप्रत्याशित हमले से परिवार स्तब्ध रह गया और कुछ देर तक सदमे में रहा। जिसके बाद जब उसने बाहर आकर देखा तो बाइक सवार दो नकाबपोश बदमाश मौके से भाग रहे थे। कौन हैं हमलावर फायरिंग क्यों हुई और किसने की, यह अभी रहस्य बना हुआ है। सुरेश कुमार का कहना है कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, न ही उनका किसी से कोई झगड़ा हुआ है। इसके बावजूद उनके घर को क्यों निशाना बनाया गया, यह समझ से परे है। घटना के बाद सुरेश कुमार ने मामले की जानकारी पुलिस को दी और सुरक्षा की गुहार लगाई है। इलाके में दहशत इस फायरिंग की घटना से न सिर्फ पीड़ित परिवार बल्कि पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। लोग इस अप्रत्याशित घटना से सदमे में हैं और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। अब देखना यह है कि पुलिस जांच में क्या खुलासा होता है और किस इरादे से यह फायरिंग की गई। पुलिस की कार्रवाई सेक्टर 32,33 थाने के जांच अधिकारी विनोद ने बताया कि परिजनों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल पुलिस आसपास के इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, ताकि हमलावरों के बारे में सुराग मिल सके। सुरेश कुमार ने बताया कि गली में लगे सीसीटीवी कैमरों से कुछ अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।
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हरियाणा चुनाव को लेकर पुलिस का हाई अलर्ट:सभी पुलिसकर्मियों की छुटि्टयां तत्काल प्रभाव से रद्द, सिर्फ इमरजेंसी में मिलेगी हरियाणा विधानसभा चुनाव के चलते पुलिस कर्मचारियों की छुटि्टयां रद्द कर दी गई हैं। लॉ एंड ऑर्डर के आईजीपी ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को इस आदेश को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से हरियाणा की ओर से 225 कंपनियों की मांग की गई थी। जिसमें से 70 कंपनियां 25 अगस्त, 2024 तक राज्य में पहुंच चुकी थी। शुरू में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 15 कंपनियां, सीमा सुरक्षा बल की 10, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की 15, भारत तिब्बत सीमा पुलिस की 10, सशस्त्र सीमा बल की 10 तथा रेलवे सुरक्षा बल की 10 कंपनियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हरियाणा में भेजा गया है। छुटि्टयां रद्द करने को लेकर जारी आदेश… हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं…
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हरियाणा के CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उप चुनाव जीतने के बाद भी BJP के पास सदन में बहुमत कम होने का कांग्रेस दावा कर रही है। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी संयुक्त विपक्ष के सामने भाजपा बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा दावा कर रहे हैं कि सरकार अल्पमत में है, इसलिए विधानसभा भंग होनी चाहिए। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला भी राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुके हैं। हरियाणा में ऐसे हालात बनने की ये हैं बड़ी वजहें.. भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा, सीएम चेहरा बदला
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार चल रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जजपा और भाजपा ने गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद जजपा 10 विधायकों के साथ सरकार से अलग हो गई। भाजपा के पास 41 विधायक थे, उन्होंने 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली। खट्टर को सीएम कुर्सी छोड़नी पड़ी। नायब सैनी सीएम बन गए। 3 निर्दलीय विधायकों ने साथ छोड़ा
लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार को झटका लगा। सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने सीएम नायब सैनी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद भाजपा सरकार के पास भाजपा के 40, हलोपा का एक और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन बचा। एक निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का मतदान के दिन निधन हो गया। हरियाणा विधानसभा में बदली स्थिति
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में और बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। भाजपा के पास 43, विपक्ष संयुक्त हुआ तो उनके 44 विधायक
मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक शामिल हैं। अगर ये सब एक साथ आ जाते हैं तो फिर सरकार अल्पमत में आ सकती है। हरियाणा में BJP सरकार और एकजुट विपक्ष का गणित समझें… क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है?
1. फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी। 2. इसके साथ ही जजपा ने अपने 2 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां याचिका दायर की हुई है। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर सरकार के पक्ष में 43 और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जिससे सरकार फिर बहुमत में ही रहेगी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भाजपा से विधायक हैं। फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो BJP सरकार कैसे बचाएगी?
BJP के सूत्रों के मुताबिक सरकार को किसी कीमत पर गिरने की स्थिति तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। अगर फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो जजपा के 2 विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग इस्तीफा दे सकते हैं। इन दोनों ने बागी होकर लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया था। ऐसी सूरत में विपक्ष के एकजुट होने पर भी उनके पास भाजपा के 43 के मुकाबले 42 ही विधायक रह जाएंगे।