सिरमौर के आंज भोज के भरली गांव का 25 साल का आशीष कुमार चौहान सोमवार को शहीद हो गया। वह अरुणाचल प्रदेश में ‘ऑपरेशन अलर्ट’ के दौरान शहीद हो गया। आशीष जुड़वां भाई था। शहीद का जुड़वां भाई रोहित एक निजी कंपनी में काम करता है। आशीष कुमार का जन्म 14 मार्च 1999 को हुआ था। वह वर्तमान में 19 ग्रेनेडियर यूनिट में सेवारत था। करीब 6 साल पहले आशीष सेना में भर्ती हुआ था। शहीद आशीष के पिता स्वर्गीय श्याम सिंह का पहले ही निधन हो चुका है और अब परिवार में उनकी मां संतरों देवी, बड़े भाई राहुल, जुड़वां भाई रोहित और बहन पूजा हैं। बहन पूजा वनरक्षक है। शाहिद आशीष चौहान उर्फ आशु की शहादत की खबर के बाद पूरे आंज भोज क्षेत्र में शोक की लहर है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पंचायत प्रधान रीना चौहान ने बताया कि इसकी सूचना परिजनों को मिल गई है। आसपास के गांव के लोग और रिश्तेदार परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं। सिरमौर के आंज भोज के भरली गांव का 25 साल का आशीष कुमार चौहान सोमवार को शहीद हो गया। वह अरुणाचल प्रदेश में ‘ऑपरेशन अलर्ट’ के दौरान शहीद हो गया। आशीष जुड़वां भाई था। शहीद का जुड़वां भाई रोहित एक निजी कंपनी में काम करता है। आशीष कुमार का जन्म 14 मार्च 1999 को हुआ था। वह वर्तमान में 19 ग्रेनेडियर यूनिट में सेवारत था। करीब 6 साल पहले आशीष सेना में भर्ती हुआ था। शहीद आशीष के पिता स्वर्गीय श्याम सिंह का पहले ही निधन हो चुका है और अब परिवार में उनकी मां संतरों देवी, बड़े भाई राहुल, जुड़वां भाई रोहित और बहन पूजा हैं। बहन पूजा वनरक्षक है। शाहिद आशीष चौहान उर्फ आशु की शहादत की खबर के बाद पूरे आंज भोज क्षेत्र में शोक की लहर है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पंचायत प्रधान रीना चौहान ने बताया कि इसकी सूचना परिजनों को मिल गई है। आसपास के गांव के लोग और रिश्तेदार परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कुल्लू से पराशर के लिए दौड़ेगी इलेक्ट्रिक बस:एचआरटीसी का ट्रायल सफल, जल्द जारी होगा शेड्यूल; पर्यटकों को मिलेगी बेहतर यातायात सुविधा
कुल्लू से पराशर के लिए दौड़ेगी इलेक्ट्रिक बस:एचआरटीसी का ट्रायल सफल, जल्द जारी होगा शेड्यूल; पर्यटकों को मिलेगी बेहतर यातायात सुविधा मंडी जिले में जल्दी ही इलेक्ट्रिक बस कुल्लू से पराशर के लिए शुरू होगी। जिसके लिए बुधवार को इलेक्ट्रिक बस का सफल ट्रायल निगम के डिप्टी डिविजनल मैनेजर डीके नारंग की अगुआई में किया गया। यह बस कुल्लू से भुंतर, टकोली, पनारसा, ज्वालापुर होते हुए पराशर पहुंचेगी। जिसकी समय सारिणी इसी सप्ताह जारी कर दी जाएगी। इससे पहले यहां निगम की साधारण बस का ट्रायल किया गया था। पराशर घाटी को इको टूरिज्म की दृष्टि से विकसित करने के साथ साथ यहां की ख़ूबसूरती और आबोहवा के संरक्षण के लिए अब निगम इलेक्ट्रिक बस की शुरुआत करने जा रहा है। कुल्लू से पराशर बस सेवा शुरू होने से देशी विदेशी पर्यटकों को भी यातायात की बेहतर सुविधा यहां उपलब्ध होगी। इलेक्ट्रिक बस पराशर पहुंचने पर स्थानीय ग्रामीणों ने निगम के अधिकारियों सहित चालक और परिचालक का भव्य स्वागत किया। ग्रामीणों ने पराशर ऋषि मंदिर में पूजा अर्चना कर सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना के साथ साथ आशीर्वाद लिया। पूर्व विधायक ने सीएम का जताया आभार पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर ने बस के सफल ट्रायल पर क्षेत्रवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पराशर घाटी की ख़ूबसूरती से पर्यटक यहां की सैर का आनंद लेते हैं। घाटी को इको टूरिज्म के तहत विकसित करने की उन्होंने सरकार से मांग उठाई। जिससे यहां पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिल सके। ये रहे मौजूद इस दौरान निगम के डिप्टी डिविजनल मैनेजर डीके नारंग, इंस्पेक्टर इंद्र सिंह, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर नरेश कुमार, फोरमैन राजेंद्र पाल, दीप सिंह, ड्राइवर जोगिंदर और कंडक्टर हितेश कुमार सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।
मणिमहेश में उमड़ा आस्था का सैलाब:24 घंटे में 1 लाख श्रद्धालु पहुंचे, 12KM लंबा ट्रैफिक जाम, सुबह 3:40 बजे से चल रहा शाही स्नान
मणिमहेश में उमड़ा आस्था का सैलाब:24 घंटे में 1 लाख श्रद्धालु पहुंचे, 12KM लंबा ट्रैफिक जाम, सुबह 3:40 बजे से चल रहा शाही स्नान उत्तर भारत की पवित्र एवं पावन मणिमहेश यात्रा के लिए हिमाचल के भरमौर में भारी जन सैलाब उमड़ आया है। पिछले 24 घंटे में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु भरमौर से मणिमहेश के लिए रवाना हो गए हैं, जहां पर सुबह 3:40 बजे से शाही स्नान चल रहा है। छोटे शाही स्नान का शुभ मुहूर्त आज आधी रात 2:20 बजे तक रहेगा। माना जा रहा है तब तक एक लाख से ज्यादा शिव भक्त डल में डुबकी लगाएंगे। शाही बड़ा स्नान राधा अष्टमी के अवसर पर यानी 11 सितंबर को होगा। देशभर से पहुंच रहे श्रद्धालु हर हर महादेव का जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं और भरमौर से मणिमहेश तक इसकी गूंज सुनाई दे रही है। ज्यादातर श्रद्धालु पैदल चल कर मणिमहेश पहुंच रहे हैं। इसी के साथ आज से आधिकारिक तौर पर मणिमहेश यात्रा शुरू हो गई है। हेलिकॉप्टर की उड़ान में खराब मौसम बाधा उत्पन्न कर रहा हालांकि सरकार ने भरमौर से मणिमहेश के लिए हेली टैक्सी सेवा भी शुरू कर रखी है। मगर इसकी उड़ान में खराब मौसम बाधा उत्पन्न कर रहा है। कुछ श्रद्धालु घोड़े व खच्चरों पर भी इस यात्रा को पूरा कर रहे हैं। इससे पहले इतने श्रद्धालु कभी नहीं आए: SDM SDM भरमौर कुलविंदर सिंह ने बताया कि छोटा शाही स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का सही आंकड़ा कल तक पता चलेगा। मगर पिछले कल और आज सुबह 10 बजे तक एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु मणिमहेश को रवाना हो चुके है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों बता रहे कि इससे पहले कभी भी इतनी संख्या में छोटे शाही स्नान को श्रद्धालु नहीं पहुंचे। श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण पंजीकरण भी नहीं हो पा रहा है। 12KM लंबा ट्रैफिक जाम आलम यह है कि मणिमहेश यात्रियों के कारण पिछले कल भरमौर से पहले हाईवे पर 12 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लगा रहा। सैकड़ों श्रद्धालु आधी रात तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहे। आज भी काफी संख्या में वाहन ट्रैफिक जाम में फंसे है। स्थानीय प्रशासन ने मणिमहेश में रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के जवानों के अलावा पर्वतारोहण संस्थान के स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है। इसी तरह 5 स्थानों पर शिविरों में मेडिकल टीम की तैनात की गई है। यहां बनाए गए कैंप प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा के लिए भरमौर, हड़सर, धनछो, सुंदरासी और गौरीकुंड में 5 जगह कैंप स्थापित किए है। यहां प्रत्येक श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य जांच के बाद ही आगे भेजा जाएगा, क्योंकि 13385.83 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश में कई बार ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इन कैंप में मेडिकल टीमें तैनात की गई है। घोड़े पर यात्रा को देने होंगे 4700 रुपए भरमौर के हड़सर से मणिमहेश तक घोड़ा-खच्चर से आने-जाने का किराया 4700 रुपए प्रति सवारी तय किया गया है। इसी तरह 5 कैंप के बीच का भी अलग अलग किराया निर्धारित किया गया है। तय किराया से ज्यादा दर्रें वसूलने पर कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह कुली के लिए भी किराया तय किया गया है। उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्रा मणिमहेश यात्रा को उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्रा माना जाता है। 13 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थिति मणिमहेश पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को ऊंचे-ऊंचे पहाड़ चढ़ने पढ़ते हैं। यह यात्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुंदर दृश्यों के लिए भी जानी जाती है, क्योंकि इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को घने जंगलों, अल्पाइन घास के मैदानों और चट्टानों के बीच बीच से होकर गुजरना पड़ता है। इस दौरान हिमालय का मनमोहक दृश्य भीदेखने को मिलता हैं। यही वजह है कि यह अध्यात्मिक यात्रा रोमांच और प्राकृतिक सुंदरता का भी आभास कराती है। मणिमहेश यात्रा के लिए इन निर्देशों का करें पालन मणिमहेश के कैलाश शिखर में शिव का निवास ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव मणिमहेश के कैलाश शिखर पर निवास करते हैं, जो झील से दिखाई देता है। यह यात्रा हर साल, आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में हिंदू त्यौहार जन्माष्टमी के अवसर पर होती है। माना जाता है कि यह यात्रा 9वीं शताब्दी में शुरू हुई थी जब एक स्थानीय राजा, राजा साहिल वर्मन को भगवान शिव के दर्शन हुए थे जिन्होंने मणिमहेश झील पर एक मंदिर स्थापित करने का निर्देश दिया।
सोलन में हिंदू जागरण मंच की कार्यकारिणी घोषित:राजपाल वर्मा को मंडल की जिम्मेदारी, अधिराज ठाकुर बने जिला संयोजक, अखंड भारत पर गोष्ठी
सोलन में हिंदू जागरण मंच की कार्यकारिणी घोषित:राजपाल वर्मा को मंडल की जिम्मेदारी, अधिराज ठाकुर बने जिला संयोजक, अखंड भारत पर गोष्ठी हिंदू जागरण मंच ने आज चंबाघाट में एक प्रशिक्षण संस्थान के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जिला सोलन की कार्यकारिणी की घोषणा की। इससे पहले अखंड भारत दिवस पर एक विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। हिंदू जागरण मंच के प्रदेश सह संयोजक देवकांत खाची ने बताया कि पूर्व में भारत की सीमाएं ऐसी नहीं थी, जैसी इस समय दिखाई पड़ती हैं। लेकिन आक्रांताओं के हमलों के बाद भारत सिकुड़ता चला गया। सम्राट अशोक के समय में भारत की सीमाएं सबसे ज्यादा विकसित थी। उन्होंने कहा कि भारतवासियों को अब संकल्प लेने का वक्त आ गया है कि वह अखंड भारत की राह में अपनी स्तर की आहूतियां देने के लिए तैयार रहे। किसे क्या मिली जिम्मेदारी इससे पूर्व सुनीता ने भी अखंड भारत विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अंत में हिंदू जागरण मंच के सोलन जिले की कार्यकारिणी का ऐलान किया गया। जिसमें अधिराज ठाकुर को सोलन जिले का संयोजक बनाया गया है। इसके अलावा मदन, अक्षय सूद, रोशन, सुनीता और मंजुला ठाकुर को सह संयोजक बनाया गया है। इसके अलावा सोनिया और नेहा ठाकुर को नारी सुरक्षा सम्मान, जितेंद्र, जगमहेंद्र, धमेंद्र शर्मा व चंद्रकांत शर्मा को अवैध गतिविधियों पर निगरानी, अनूप व सचिन को भूमि अतिक्रमण, विक्रम मेहता व प्रदीप को संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी, और अमर सिंह को स्वावलंबन विभाग सौंपे गए हैं। अखिल व गौरव को युवा आयाम, ज्योति गुप्ता व दीक्षा भारद्वाज को महिला आयाम, अंकुश को विधि आयाम, नेत्र सिंह ठाकुर को सूचना संग्रह तथा चतर सिंह को सूचना व प्रचार आयाम की जिला स्तरीय जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। राजपाल वर्मा को सोलन मंडल संयोजक बनाया गया है।