मंडी जिले में एक व्यक्ति से 17 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। नाइजीरियन मूल के व्यक्ति ने लड़की बनकर शिकायतकर्ता के साथ धोखाधड़ी को अंजाम दिया। सीआईडी के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन मध्य खंड मंडी ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने ्र पुलिस ने 25 अगस्त को ऑनलाइन धोखाधड़ी को लेकर मामला दर्ज किया था। मामले के अनुसार बिलासपुर जिला निवासी शिकायतकर्ता की फेसबुक के माध्यम से एक विदेशी लड़की के साथ दोस्ती होती है। वह विदेशी लड़की शिकायतकर्ता से मिलने के लिए विदेश से भारत आने की बात करती है। इसके बाद दिल्ली में कस्टम ऑफिसर के द्वारा पकड़े जाने के बारे में बताती है। विदेशी लड़की ने पीड़ित को बताया कि उसके पास बहुत सारी विदेशी करेंसी है, जिस कारण उसे कस्टम ऑफिसर ने पकड़ लिया है। उसे कस्टम चार्ज अदा करने होंगे। जिस पर पीड़ित से कस्टम चार्ज और अलग- अलग प्रकार के चार्ज के नाम पर 17 लाख रूपए की ठगी की गई। लड़की बनकर करता था बात पुलिस ने मामले की जांच में पाया गया कि ठगी करने वाली महिला नहीं बल्कि एक नाइजीरियन मूल का व्यक्ति है। आरोपी ने फेसबुक पर लड़की के नाम से जाली आईडी बनाई थी और लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था। 3 दिन की पुलिस रिमांड पर आरोपी साइबर क्राइम पुलिस टीम ने 28 अगस्त को दिल्ली में दबिश दी और एक नाइजीरियन मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपी को न्यायालय बिलासपुर में पेश किया गया और 3 दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया। मंडी जिले में एक व्यक्ति से 17 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। नाइजीरियन मूल के व्यक्ति ने लड़की बनकर शिकायतकर्ता के साथ धोखाधड़ी को अंजाम दिया। सीआईडी के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन मध्य खंड मंडी ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने ्र पुलिस ने 25 अगस्त को ऑनलाइन धोखाधड़ी को लेकर मामला दर्ज किया था। मामले के अनुसार बिलासपुर जिला निवासी शिकायतकर्ता की फेसबुक के माध्यम से एक विदेशी लड़की के साथ दोस्ती होती है। वह विदेशी लड़की शिकायतकर्ता से मिलने के लिए विदेश से भारत आने की बात करती है। इसके बाद दिल्ली में कस्टम ऑफिसर के द्वारा पकड़े जाने के बारे में बताती है। विदेशी लड़की ने पीड़ित को बताया कि उसके पास बहुत सारी विदेशी करेंसी है, जिस कारण उसे कस्टम ऑफिसर ने पकड़ लिया है। उसे कस्टम चार्ज अदा करने होंगे। जिस पर पीड़ित से कस्टम चार्ज और अलग- अलग प्रकार के चार्ज के नाम पर 17 लाख रूपए की ठगी की गई। लड़की बनकर करता था बात पुलिस ने मामले की जांच में पाया गया कि ठगी करने वाली महिला नहीं बल्कि एक नाइजीरियन मूल का व्यक्ति है। आरोपी ने फेसबुक पर लड़की के नाम से जाली आईडी बनाई थी और लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था। 3 दिन की पुलिस रिमांड पर आरोपी साइबर क्राइम पुलिस टीम ने 28 अगस्त को दिल्ली में दबिश दी और एक नाइजीरियन मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपी को न्यायालय बिलासपुर में पेश किया गया और 3 दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में पिता ने घूमने के लिए नहीं दिए पैसे:बेटे ने अपने ही घर तोड़फोड़ करके ज्वेलरी चुराई, फिर फरार, पुलिस ने दबोचा
हिमाचल में पिता ने घूमने के लिए नहीं दिए पैसे:बेटे ने अपने ही घर तोड़फोड़ करके ज्वेलरी चुराई, फिर फरार, पुलिस ने दबोचा हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के जुब्बल-कोटखाई का युवक अपने ही घर में चोरी कर फरार हो गया। इस बाबत पिता हेमराज ने ठियोग पुलिस थाना में FIR कराई। पुलिस ने मामला दर्ज करने के 48 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, कोटखाई के जिम्मूनाला का आरोपी हिंमाशु (29) ठियोग के शाली बाजार में अपनी दादी के साथ पिछले पांच दिन से किराए के मकान में रह रहा था। हिंमाशु कही घूमने जाने के लिए परिजनों से पैसे की मांग रहा था। मगर परिजनों ने पैसे नहीं दिए तो उसने ठियोग के शाली बाजार में दादी की गैर मौजूदगी में घर पर तोड़फोड़ की और सोने का कुछ सामान लेकर फरार हो गया। हिमांशु के पिता ने ठियोग पुलिस को इसे लेकर बीते 22 जून को शिकायत दी। इसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। बीती शाम को SI अंकुश वर्मा की अगुवाई में पुलिस ने आरोपी को शिमला में दबोच लिया है। आज उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगा जा रहा है। पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार SHO ठियोग धर्म सेन नेगी ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। अब तक की जानकारी के अनुसार, घूमने के लिए पैसे नहीं मिलने पर उसने चोरी की। ज्यादा जानकारी उससे पूछताछ के बाद पता चलेगी। आरोपी की निशानदेही पर चोरी की गई ज्वेलरी भी बरामद की जाएगी। उन्होंने बताया कि आरोपी नौकरी नहीं करता बल्कि घर पर ही होता है। उसके पिता बागवान है।
अमेरिकी महिला का निर्वासित तिब्बती सांसदों पर हमला:मैक्लोड़गंज में गाड़ी रोककर दी धमकी, हिरासत में महिला, सांसदों ने जताई चीन की साजिश की आशंका
अमेरिकी महिला का निर्वासित तिब्बती सांसदों पर हमला:मैक्लोड़गंज में गाड़ी रोककर दी धमकी, हिरासत में महिला, सांसदों ने जताई चीन की साजिश की आशंका हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के मैक्लोडगंज स्थित केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के हेड-ऑफिस के बाहर बीती शाम को अमेरिकी मूल की तिब्बती विदेशी महिला ने निर्वासित तिब्बती सांसद की गाड़ी रोककर हमला किया। हमले के पहले इंटेलिजेंस इनपुट के बाद पुलिस पहले से मौके पर मौजूद थी। इससे विदेशी महिला का निर्वासित तिब्बती सांसद पर हमला नाकाम हो गया। पुलिस ने हमला करने वाली महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। निर्वासित तिब्बती सांसदों पर यह हमला तिब्बतियों के सर्वोच्च आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा की हत्या के संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर की जा रही दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियां के एक दिन बाद हुआ। हमलावर विदेशी महिला को हिरासत में लेकर जांच जारी है। पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार हमला करने वाली महिला तिब्बती मूल की अमेरिका नागरिक है। महिला के पासपोर्ट और वीजा की जांच की जा रही है। पुलिस पता लगा रही है कि महिला कब और किस इरादे से मैक्लोडगंज पहुंची। कांगड़ा की SP शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि महिला के हमले की मंशा का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा, इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर पुलिस पहले से अलर्ट थी। इसलिए हमले को नाकाम किया गया। हमला करने वाली महिला अमेरिकी नागरिक है। उससे पूछताछ जारी है। मैक्लोडगंज में चल रहा निर्वासित तिब्बती सांसदों का अधिवेशन बता दें कि मैक्लोडगंज में इन दिनों 17वीं निर्वासित तिब्बती संसद का 8वां आम अधिवेशन चल रहा है। इसमें निर्वासित तिब्बतियों के चार्टर में चीन-तिब्बत संघर्ष के समाधान पर गहनता से विचार विमर्श चल रहा है। इस अधिवेशन के दौरान इस तरह की घटनाओं ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की चिंता बढ़ा दी हैं। तिब्बत निर्वासित सांसद घटना के पीछे चीन की साजिश होने की भी शंका व्यक्त कर चुके हैं। इन घटनाओं के पीछे चीनी साजिश को पुख्ता करने वाले कई तथ्य सुरक्षा एजेंसियों को मिले हैं। दोरजे बोले- दलाई लामा के बारे में दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण तिब्बती सांसद मिंग्युर दोरजी ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दलाई लामा के बारे में की जा रही दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब भी वह ऐसी चीजों को देखते हैं, तो उन्हें बहुत परेशानी और दुख होता है। हमें ऐसी टिप्पणियां करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने दलाई लामा और निर्वासित सांसद पर हुए हमले पर चीनी साजिश की आशंका जताई है।
हिमाचल में पटवारी-कानूनगो ने बंद किए ऑनलाइन काम:सैकड़ों लोगों को झेलनी पड़ी परेशानी; ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से किया एग्जिट, स्टेट कॉडर बनाने पर भड़के
हिमाचल में पटवारी-कानूनगो ने बंद किए ऑनलाइन काम:सैकड़ों लोगों को झेलनी पड़ी परेशानी; ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से किया एग्जिट, स्टेट कॉडर बनाने पर भड़के हिमाचल प्रदेश के सैंकड़ों लोगों को आज पटवारी और कानूनगो के ऑनलाइन काम नहीं करने की वजह से परेशानी झेलनी पड़ी। प्रदेशभर में हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने ऑनलाइन सेवाएं ठप कर दी है। इस वजह से लोग परेशान है। सरकार और महासंघ के बीच यह विवाद जल्द नहीं सुलझाया गया तो इससे आने वाले दिनों में प्रदेशवासियों की परेशानी और बढ़ेगी। दरअसल, बीते सप्ताह कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का फैसला लिया था। अभी पटवारी और कानूनगो दोनों ही जिला कॉडर है। कैबिनेट द्वारा इन्हें स्टेट कॉडर बनाए जाने के फैसले के बाद महासघ भड़क गया है। इन्होंने आज सभी ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से भी एग्जिट कर दिया है। इसके विरोध में आज इन्होंने ऑनलाइन काम बंद कर दिए है और अधिकांश जगह पर डिवीजन स्तर पर SDM के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। अगले कल जिलों में डीसी के माध्यम मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर स्टेट कॉडर बनाए जाने का फैसला वापस लेने की महासंघ मांग करेगा। आज ये काम प्रभावित हुए बोनोफाइड सर्टिफकेट, करेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, कास्ट सर्टिफिकेट, एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट, अन-इम्पलायमेंट सर्टिफिकेट, लैंड होल्डिंग सर्टिफिकेट, PM किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए हैं। स्टेट कॉडर से प्रभावित होगी सीनियोरिटी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि पटवारी और कानूनगों की भर्ती जिला कॉडर के हिसाब से हुई है। अब उन्हें अचानक स्टेट कॉडर बना देने से सीनियोरिटी प्रभावित होगी। इससे प्रमोशन में देरी होगी और स्टेट कॉडर में मर्ज होने से सीनियोरिटी में पीछे जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि पटवारी कानून को इसलिए जिला कॉडर में रखा गया, क्योंकि अपने जिला में उन्हें लोकल बोल चाल और एरिया के बारे में जानकारी होती है। यदि उन्हें दूसरे जिला में ट्रांसफर जाता है तो इससे उन्हें बोल चाल और एरिया समझने में वक्त लगेगा। इससे काम में एफिशिएंसी नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि भर्ती एवं पदोन्नति नियम के हिसाब से उन्हें जिला कॉडर में रखा जाए। 17 जुलाई को अगली रणनीति तैयार करेगा महासंघ सतीश चौधरी ने कहा कि 17 जुलाई को महासंघ ने कुल्लू में मीटिंग बुलाई है। यदि उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो महासंघ आंदोलन की अगली रणनीति कुल्लू में तय करेगा।