हरियाणा में करनाल जिला के काछवा रोड शाहपुर गांव के नजदीक एक बंद पड़ी राइस मिल के केमिकल टैंक में सुपरवाइजर का शव बरामद हुआ है। सुपरवाइजर के हाथ पैर बंधे हुए मिले है और एक भारी भरकम पत्थर भी उसके शरीर से बांधकर होदी में डाला गया था। मृतक से परिजनों की जन्माष्टमी पर अंतिम बार बात हुई थी, उसके बाद से ही परिजन उसकी तलाश कर रहे थे। पुलिस को शिकायत दी तो पुलिस छानबीन के लिए मिल में पहुंची, जहां उन्हें मृतक का शव मिला। मिल से दो सिक्योरिटी गार्ड भी फरार है। इन दोनों पर ही परिजनों ने हत्या का शक जताया है। घटना की सूचना के बाद FSL की टीम मौके पर पहुंच गई और पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। सोनीपत में सिक्योरिटी गार्ड था मृतक मृतक पवन पुत्र रमेश कुमार सोनीपत के सिकंदरपुर माजरा का रहने वाला था। पवन कुमार सोनीपत में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था और करनाल के शाहपुर में उनको सुपरवाइजर के तौर पर भेजा गया था। परिजनों का आरोप है कि जिस कमरे में पवन रहता था, वहां पर खून के निशान पाए गए है जिसको गद्दे से ढका हुआ था। मौके पर एक बाइक भी टूटी हुई मिली है। मौके पर पवन की टोपी तो मिली, लेकिन पवन नहीं मिला। जन्माष्टमी की रात हुई थी अंतिम बार बात परिजनों का कहना है कि पवन यहां पर सुपरवाइजर के तौर पर आना नहीं चाहते थे, लेकिन फिर भी उसे तीन दिन के लिए यहां पर भेजा गया था। मिल करीब दो-तीन महीने से बंद पड़ी थी। 21 अगस्त को पवन घर से गया था और जिसके बाद 26 अगस्त को जन्माष्टमी की रात को ही पवन से बात हुई थी, जिसके बाद से ही उसका फोन बंद था और कोई बात नहीं हो पाई थी। पवन की तलाश की जा रही थी। हमने मिल मालिक से भी बात की थी, उसने कहा था कि वह पवन की तलाश करवाएगा और पुलिस को भी शिकायत देगा, लेकिन उसने कुछ नहीं किया। जिसके बाद हम ही यहां पर उसे ढूंढने के लिए पहुंचे। 29 अगस्त को पुलिस के पास पवन के लापता होने की शिकायत की थी और पुलिस मिल में पहुंची। बताया जा रहा है कि कुत्ता टैंक की तरफ भोंका तो पुलिस टैंक की तरफ पहुंची और यहीं पर शव मिला। दो साल पहले हुई थी शादी मृतक पवन कुमार 31 साल का था और उसकी करीब दो साल पहले ही शादी हुई थी। एक लड़की जरूर हुई थी, लेकिन वह मृत थी। अभी उनका कोई बच्चा नहीं था। पत्नी व घर वालों का रो रोकर बुरा हाल है। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है। पत्थर को चार लोगों ने उठाकर गाड़ी में रखा पवन के शव को पत्थर से बांधकर होदी में डाला गया था। पुलिस ने होदी से पत्थर भी निकाल लिया है। पत्थर कितना भारी था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि उस पत्थर को पुलिस की गाड़ी में चार लोगों ने उठाकर रखा था। CCTV खंगाल रही पुलिस बंद पड़ी मिल में CCTV कैमरे में भी लगे हुए थे। पुलिस सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाल रही है, लेकिन पुलिस को कैमरों से क्या कुछ मिला है, उसको लेकर अभी तक पुलिस की तरफ से कुछ भी ब्यान नहीं आया है। पुलिस ने मौके से साक्ष्य भी जुटाए है और DVR को अपने कब्जे में लिया है। जांच में जुटी पुलिस DSP नायब सिंह ने बताया कि पवन के लापता होने की शिकायत पुलिस को मिली थी। जो आरए राइस मिल में काम करता था। आज पुलिस मिल में पहुंची थी, जहां पुलिस को खून की बूंदे मिली और मिल में कोई भी व्यक्ति नहीं था। पूरी मिल की तलाशी ली गई, और मिल की होदी में पवन का शव मिला। जिसके बाद एफएसएल टीम मौके पर बुलाई गई। प्राथमिक दृष्टि से तो यही लग रहा है कि हत्या की गई और शव को पत्थर बांधकर होदी में डाला गया है। उसके हाथ पांव भी बांधे गए थे। मौत के कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएंगे। दो सिक्योरिटी गार्ड थे, वे भी गायब है। मामले की जांच की रही है। हरियाणा में करनाल जिला के काछवा रोड शाहपुर गांव के नजदीक एक बंद पड़ी राइस मिल के केमिकल टैंक में सुपरवाइजर का शव बरामद हुआ है। सुपरवाइजर के हाथ पैर बंधे हुए मिले है और एक भारी भरकम पत्थर भी उसके शरीर से बांधकर होदी में डाला गया था। मृतक से परिजनों की जन्माष्टमी पर अंतिम बार बात हुई थी, उसके बाद से ही परिजन उसकी तलाश कर रहे थे। पुलिस को शिकायत दी तो पुलिस छानबीन के लिए मिल में पहुंची, जहां उन्हें मृतक का शव मिला। मिल से दो सिक्योरिटी गार्ड भी फरार है। इन दोनों पर ही परिजनों ने हत्या का शक जताया है। घटना की सूचना के बाद FSL की टीम मौके पर पहुंच गई और पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। सोनीपत में सिक्योरिटी गार्ड था मृतक मृतक पवन पुत्र रमेश कुमार सोनीपत के सिकंदरपुर माजरा का रहने वाला था। पवन कुमार सोनीपत में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था और करनाल के शाहपुर में उनको सुपरवाइजर के तौर पर भेजा गया था। परिजनों का आरोप है कि जिस कमरे में पवन रहता था, वहां पर खून के निशान पाए गए है जिसको गद्दे से ढका हुआ था। मौके पर एक बाइक भी टूटी हुई मिली है। मौके पर पवन की टोपी तो मिली, लेकिन पवन नहीं मिला। जन्माष्टमी की रात हुई थी अंतिम बार बात परिजनों का कहना है कि पवन यहां पर सुपरवाइजर के तौर पर आना नहीं चाहते थे, लेकिन फिर भी उसे तीन दिन के लिए यहां पर भेजा गया था। मिल करीब दो-तीन महीने से बंद पड़ी थी। 21 अगस्त को पवन घर से गया था और जिसके बाद 26 अगस्त को जन्माष्टमी की रात को ही पवन से बात हुई थी, जिसके बाद से ही उसका फोन बंद था और कोई बात नहीं हो पाई थी। पवन की तलाश की जा रही थी। हमने मिल मालिक से भी बात की थी, उसने कहा था कि वह पवन की तलाश करवाएगा और पुलिस को भी शिकायत देगा, लेकिन उसने कुछ नहीं किया। जिसके बाद हम ही यहां पर उसे ढूंढने के लिए पहुंचे। 29 अगस्त को पुलिस के पास पवन के लापता होने की शिकायत की थी और पुलिस मिल में पहुंची। बताया जा रहा है कि कुत्ता टैंक की तरफ भोंका तो पुलिस टैंक की तरफ पहुंची और यहीं पर शव मिला। दो साल पहले हुई थी शादी मृतक पवन कुमार 31 साल का था और उसकी करीब दो साल पहले ही शादी हुई थी। एक लड़की जरूर हुई थी, लेकिन वह मृत थी। अभी उनका कोई बच्चा नहीं था। पत्नी व घर वालों का रो रोकर बुरा हाल है। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है। पत्थर को चार लोगों ने उठाकर गाड़ी में रखा पवन के शव को पत्थर से बांधकर होदी में डाला गया था। पुलिस ने होदी से पत्थर भी निकाल लिया है। पत्थर कितना भारी था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि उस पत्थर को पुलिस की गाड़ी में चार लोगों ने उठाकर रखा था। CCTV खंगाल रही पुलिस बंद पड़ी मिल में CCTV कैमरे में भी लगे हुए थे। पुलिस सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाल रही है, लेकिन पुलिस को कैमरों से क्या कुछ मिला है, उसको लेकर अभी तक पुलिस की तरफ से कुछ भी ब्यान नहीं आया है। पुलिस ने मौके से साक्ष्य भी जुटाए है और DVR को अपने कब्जे में लिया है। जांच में जुटी पुलिस DSP नायब सिंह ने बताया कि पवन के लापता होने की शिकायत पुलिस को मिली थी। जो आरए राइस मिल में काम करता था। आज पुलिस मिल में पहुंची थी, जहां पुलिस को खून की बूंदे मिली और मिल में कोई भी व्यक्ति नहीं था। पूरी मिल की तलाशी ली गई, और मिल की होदी में पवन का शव मिला। जिसके बाद एफएसएल टीम मौके पर बुलाई गई। प्राथमिक दृष्टि से तो यही लग रहा है कि हत्या की गई और शव को पत्थर बांधकर होदी में डाला गया है। उसके हाथ पांव भी बांधे गए थे। मौत के कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएंगे। दो सिक्योरिटी गार्ड थे, वे भी गायब है। मामले की जांच की रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में BJP के ऑब्जर्वर अमित शाह क्यों?:सैनी के मुकाबले विज की CM दावेदारी, अहीरवाल से मुख्यमंत्री कुर्सी की मांग समेत 3 वजहें
हरियाणा में BJP के ऑब्जर्वर अमित शाह क्यों?:सैनी के मुकाबले विज की CM दावेदारी, अहीरवाल से मुख्यमंत्री कुर्सी की मांग समेत 3 वजहें हरियाणा में 90 में से 48 सीटें जीतकर बहुमत मिलने के बाद BJP से नायब सैनी CM चेहरे के तौर पर लगभग कन्फर्म हैं। इसके बावजूद मध्यप्रदेश के CM मोहन यादव के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को ऑब्जर्वर बना BJP ने कई सियासी चर्चाओं को जन्म दे दिया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शाह ने ही चुनाव से पहले पंचकूला में मंच से कहा था कि ये चुनाव नायब सैनी की अगुआई में लड़ेंगे। अब 17 अक्टूबर के शपथग्रहण से एक दिन पहले 16 अक्टूबर को शाह का आना कई संकेत दे रहा है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स की मानें तो इसकी 3 बड़ी वजहें हो सकती हैं… 1. अनिल विज की CM पद की दावेदारी
विधायक दल की मीटिंग में नायब सैनी के दोबारा CM बनने में कोई पेंच है तो वह अंबाला कैंट से 7वीं बार MLA बने अनिल विज हैं। विज चुनाव प्रचार के दौरान दावा ठोक चुके हैं कि वह सीनियर हैं। सीनियरिटी के हिसाब से वह इस बार मुख्यमंत्री पद का दावा करेंगे। विधायक दल की मीटिंग में विज, सैनी के नाम के खिलाफ हुए तो फिर शाह को उन्हें संभालना होगा। इससे पहले भी जब मार्च महीने में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया तो विज मीटिंग छोड़कर चले गए थे। BJP के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो फिलहाल सैनी को CM चेहरे से बदलने की कोई सूरत नजर नहीं आती, लेकिन भाजपा 2014 में मनोहर लाल खट्टर को लाकर चौंका चुकी है। 2. अहीरवाल बेल्ट के विधायकों का रुख CM चेहरे को लेकर दूसरा मुद्दा अहीरवाल बेल्ट का है। यहां से इस बार BJP ने 11 में से 10 सीटें जीती हैं। अहीरवाल बेल्ट से लगातार मांग उठ रही है कि वहां से CM चेहरा होना चाहिए। इसकी वजह ये भी है कि 2014 में BJP यहां से सारी 11 सीटें जीती तो 47 सीटों के साथ बहुमत आया था। 2019 में BJP यहां से 8 सीटें जीती तो 46 के बहुमत से कम 40 पर रह गई। यही वजह है कि केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत कह चुके हैं कि उन्होंने अपना काम कर दिया, अब पार्टी को संज्ञान लेना चाहिए। शाह की मौजूदगी के जरिए इसे भी देखा जा सकता है कि अगर सैनी सीएम बने तो फिर वहां के विधायकों का क्या रुख रहता है। 3. मंत्रीपद की दावेदारी BJP बहुमत पार जरूर आई है लेकिन इस बार मंत्रिमंडल में कौन-कौन होगा, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। खासकर, चुनाव में RSS के इन्वॉल्व और उनसे जुड़े कुछ चेहरों के विधायक चुने जाने के बाद उनका भी नंबर आ सकता है। कुछ ऐसे विधायक भी हैं, जिनकी पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से नाराजगी रही। इसके अलावा राव इंद्रजीत भी अहीरवाल बेल्ट से 2 से 3 मंत्री पद की मांग कर रहे हैं। ऐसे में योग्य मंत्रीपद से न चूके और इसके विरोध में किसी तरह की बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी न हो, इसलिए शाह इसे मैनेज करेंगे। ये खबर भी पढ़ें :- अमित शाह चुनेंगे हरियाणा का CM:BJP ने 2 ऑब्जर्वर तय किए, 16 को विधायक दल की बैठक; अनिल विज नड्डा से मिले हरियाणा के नए CM के चुनाव के लिए BJP ने अमित शाह को ऑब्जर्वर लगा दिया है। उनके साथ मध्यप्रदेश के CM मोहन यादव भी रहेंगे। पिछले 5 वर्षों में यह दूसरा मौका होगा, जब उत्तर प्रदेश के बाद शाह हरियाणा में ऑब्जर्वर बनकर आ रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…
नूंह विधायक की बिजली निगम MD से मीटिंग:बिजली की समस्या को दूर करने को कहा; बोले- गांव में आपूर्ति नहीं हो रही
नूंह विधायक की बिजली निगम MD से मीटिंग:बिजली की समस्या को दूर करने को कहा; बोले- गांव में आपूर्ति नहीं हो रही हरियाणा के नूंह से कांग्रेस विधायक चौधरी आफताब अहमद ने सोमवार को बिजली निगम के MD पीसी मीणा के साथ बैठक की। बैठक में विधायक आफताब अहमद ने पूरे नूंह जिले से संबंधित समस्याओं को रखकर उनके निदान पर तत्काल प्रभाव से सुधार के लिए कहा है। विधायक आफताब अहमद ने कहा कि गर्मी में पर्याप्त बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। समस्या का हल प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए। विधायक ने बताया कि बड़का अलीमुद्दीन, खोड बसई, रेवासन, बड़वा सहित दर्जनों गांव बिजली की समस्याओं से जूझ रहे हैं। उपमंडल कार्यालय सोहना के 33 केवी सबस्टेशन, रोजकामेव से चल रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि 33 केवी रोजका मेव बिजली घर में 220 केवी सबस्टेशन पचगांवा से आती है, जिससे 33 केवी सब स्टेशन इंडरी ( 10 KM ) व 33 केवी सबस्टेशन सिलानी ( 10 KM ) को जोड़ दिया है, जिससे लाइन की लंबाई 55 किलोमीटर लंबी हो जाती है। पहले इस लाइन से एक बिजली घर रोजकामेव चलता था, अब 2 पावर हाउस जोड़ने से 33 केवी लाइन ओवर लोड हो गई है। जिस लाइन के तार व जम्फर बार बार टूट जाते हैं। जिसके चलते लोगों को बिजली सुचारू रूप से नहीं मिल रही।
ऐलनाबाद में संतोष बेनीवाल ने की बैठक:कांग्रेस उम्मीदवार भरत सिंह बेनीवाल को दिया समर्थन, टिकट ना मिलने से थी नाराज
ऐलनाबाद में संतोष बेनीवाल ने की बैठक:कांग्रेस उम्मीदवार भरत सिंह बेनीवाल को दिया समर्थन, टिकट ना मिलने से थी नाराज सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा चुनाव को लेकर हरियाणा महिला कांग्रेस की महासचिव संतोष बेनीवाल ने शनिवार को दड़बा कलां में अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाकर कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल को अधिक से अधिक मतों से जिताने का आग्रह किया। इस मीटिंग में ऐलनाबाद से कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान बेनीवाल परिवार के 3 नेताओं भरत सिंह बेनीवाल, संतोष बेनीवाल और पवन बेनीवाल ने एक मंच पर आकर कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा का समर्थन किया था। जिसके चलते कुमारी सैलजा ने ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से भी बड़ी जीत हासिल की थी। टिकट कटने पर हुई थी भावुक लेकिन अब विधानसभा चुनाव में संतोष बेनीवाल और भरत सिंह बेनीवाल ने ऐलनाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए अपनी अलग-अलग दावेदारी कांग्रेस हाईकमान के समक्ष पेश की थी, और ऐलनाबाद में संतोष बेनीवाल ने अपने समर्थकों के साथ मीटिंग करके इस बार ऐलनाबाद विधानसभा सभा चुनाव में उनको ही टिकट मिलने का दावा किया था। लेकिन कांग्रेस पार्टी द्वारा यहां से भरत सिंह बेनीवाल को टिकट दिए जाने के बाद वह काफी भावुक हो गई थी। अनुमान लगाए जा रहे थे कि संतोष बेनीवाल कोई भी फैसला ले सकती हैं। लेकिन आज उन्होंने अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल बड़ी जीत दिलाने की अपील करते हुए अपने समर्थकों को यह चुनाव तन मन से लड़ने का आश्वासन दिया है। बेनीवाल परिवार और चौटाला परिवार की प्रतिष्ठा का सवाल बनी सीट अब एक बार फिर बेनीवाल परिवार के एक साथ आकर इस विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान से कांग्रेस पार्टी इस मुकाबले में पहले के मुकाबले मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। बेनीवाल और चौटाला परिवार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी इस सीट पर जीत किसकी होगी यह देखने वाली बात होगी। भरत सिंह के छोटे भाई नंदलाल की बहू है संतोष ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व विधायक भरत सिंह बेनीवाल को हरियाणा सरपंच संगठन की उपाध्यक्ष संतोष बेनीवाल ने अपना समर्थन देकर प्रचार करने का फैसला किया है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस महिला महासचिव संतोष बेनीवाल कांग्रेस पार्टी की टिकट न मिलने के कारण नाराज चल रही थी। सरपंच संतोष बेनीवाल भरत सिंह बेनीवाल के छोटे भाई नंदलाल बेनीवाल उर्फ कालू ठेकेदार की पत्नी हैं और कांग्रेस पार्टी से ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से टिकट की मांग कर रही थी। कार्यकर्ताओं की मीटिंग में किया सलाह मशवरा शनिवार को संतोष बेनीवाल ने दड़बा कलां में अपने घर पर ऐलनाबाद के कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाई और कार्यकर्ताओं से सलाह मशविरा किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद की जनता की भलाई के लिए अपने जेठ भरत सिंह बेनीवाल को समर्थन देने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि पार्टी हाई कमान ने जो फैसला लिया है उसी के अनुरूप और ऐलनाबाद की जनता के लिए वह अपने कार्यकर्ताओं सहित भरत सिंह बेनीवाल का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान, सांसद कुमारी शैलजा और कार्यकर्ताओं फैसले का सम्मान करते हुए भरत सिंह बेनीवाल का समर्थन किया है और उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐलनाबाद की जनता के साथ नाइंसाफी हुई तो वह भरत सिंह बेनीवाल के खिलाफ भी आंदोलन करने को तैयार रहेगी। ये लोग बैठक में हुए शामिल संतोष बेनीवाल के घर पर आयोजित कार्यकर्ताओं की मीटिंग में कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल, सुमित बेनीवाल और अमर सिंह बेनीवाल पहुंचे। इस बैठक में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हाथ उठाकर भरत सिंह बेनीवाल का समर्थन किया। भरत सिंह बेनीवाल ने कहा कि पूरा परिवार और ऐलनाबाद की जनता एक होकर चुनाव लड़ रही है, और अब कामयाबी को कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से एक जुट है। इस मौके पर उमेद बेनीवाल, लादूराम पूनिया, हरदत खेड़ी, पूर्व चेयरमैन रणवीर बैनीवाल, राधे बैनीवाल, गुसाईयाना के सरपंच रघुवीर सिंह, शेर सिंह बैनीवाल, रंजीत ढुकडा, शीशपाल, दीपेश बैनीवाल, नितेश बैनीवाल आकाश बैनीवाल, जगदीश चाडिवाल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।