हरियाणा के करनाल के नागरिक अस्पताल में एक गर्भवती महिला की समय पर डिलीवरी न होने के कारण उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई। पीड़ित महिला बांसा गांव की रहने वाली है। जो अपने परिजनों के साथ अस्पताल में आई थी। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण समय पर डिलीवरी नहीं की गई, जिससे नवजात बच्चे की मौत हो गई। इस घटना से आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। मामले की सूचना मिलते ही डायल-112 की टीम मौके पर पहुंच गई। 30 अगस्त को करवाया था भर्ती महिला के पति मनोज ने बताया कि उसकी पत्नी को 30 अगस्त को सुबह 11 बजे जिला नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। डॉक्टरों ने उस समय डिलीवरी की योजना बनाई थी, लेकिन कई घंटों के बाद भी डिलीवरी नहीं की गई। सुबह डॉक्टरों ने मनोज और उसके परिवार को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहा। जब प्राइवेट संस्थान से अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट आई, तो पता चला कि बच्चे की गर्भ में ही मौत हो चुकी थी। इस बारे में परिवार को समय पर सूचना नहीं दी गई। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट और अस्पताल की सुविधा का अभाव परिजनों ने बताया कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की कोई सुविधा नहीं थी, जिसके कारण उन्हें मजबूर होकर बाहर से प्राइवेट अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ा। इस अल्ट्रासाउंड में 1800 रुपए का खर्च आया। रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे की मौत 14 घंटे पहले ही हो चुकी थी। इस स्थिति से न केवल बच्चे की मौत हुई, बल्कि मां की जान भी खतरे में पड़ गई। इसके बावजूद अभी तक महिला की डिलीवरी नहीं की गई है, जिससे परिजनों में गहरा आक्रोश है। परिजनों ने पुलिस से की शिकायत परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अगर डॉक्टरों ने समय पर सही कदम उठाए होते, तो इस हादसे से बचा जा सकता था। डायल-112 के बलविंद्र सिंह ने बताया कि बच्चे की मौत की खबर मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और परिजनों की शिकायत के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा के करनाल के नागरिक अस्पताल में एक गर्भवती महिला की समय पर डिलीवरी न होने के कारण उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई। पीड़ित महिला बांसा गांव की रहने वाली है। जो अपने परिजनों के साथ अस्पताल में आई थी। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण समय पर डिलीवरी नहीं की गई, जिससे नवजात बच्चे की मौत हो गई। इस घटना से आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। मामले की सूचना मिलते ही डायल-112 की टीम मौके पर पहुंच गई। 30 अगस्त को करवाया था भर्ती महिला के पति मनोज ने बताया कि उसकी पत्नी को 30 अगस्त को सुबह 11 बजे जिला नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। डॉक्टरों ने उस समय डिलीवरी की योजना बनाई थी, लेकिन कई घंटों के बाद भी डिलीवरी नहीं की गई। सुबह डॉक्टरों ने मनोज और उसके परिवार को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहा। जब प्राइवेट संस्थान से अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट आई, तो पता चला कि बच्चे की गर्भ में ही मौत हो चुकी थी। इस बारे में परिवार को समय पर सूचना नहीं दी गई। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट और अस्पताल की सुविधा का अभाव परिजनों ने बताया कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की कोई सुविधा नहीं थी, जिसके कारण उन्हें मजबूर होकर बाहर से प्राइवेट अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ा। इस अल्ट्रासाउंड में 1800 रुपए का खर्च आया। रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे की मौत 14 घंटे पहले ही हो चुकी थी। इस स्थिति से न केवल बच्चे की मौत हुई, बल्कि मां की जान भी खतरे में पड़ गई। इसके बावजूद अभी तक महिला की डिलीवरी नहीं की गई है, जिससे परिजनों में गहरा आक्रोश है। परिजनों ने पुलिस से की शिकायत परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अगर डॉक्टरों ने समय पर सही कदम उठाए होते, तो इस हादसे से बचा जा सकता था। डायल-112 के बलविंद्र सिंह ने बताया कि बच्चे की मौत की खबर मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और परिजनों की शिकायत के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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