चुनाव आयोग ने हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव की तारीख बदल दी है। अब यहां 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर के साथ ही मतगणना होगी। पहले वोटिंग की तारीख 1 अक्टूबर और मतगणना की 4 अक्टूबर रखी गई थी। चुनाव की तारीख बदलने के लिए सबसे पहले भाजपा ने मांग उठाई थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने वोटिंग के दौरान वीकेंड की छुट्टियां और बिश्नोई समाज के कार्यक्रम का हवाला दिया था। इसके बाद इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने भी चुनाव तारीख बढ़ाने की मांग की। इसको लेकर चुनाव आयोग ने मीटिंग भी की थी। उस वक्त इस बारे में कोई फैसला नहीं दिया गया था। हालांकि शनिवार शाम को चुनाव तारीख बदलने का ऐलान कर दिया गया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा, ‘भाजपा इलेक्शन से भाग रही है। इलेक्शन कमीशन भाजपा के इशारों पर चल रहा है।’ चुनाव आयोग ने तारीख बदलने पर क्या कहा… ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा ने मांग की चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने पर आयोग ने कहा कि इस बारे में राष्ट्रीय और राज्य की राजनीतिक पार्टियों के अलावा, ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा ने मांग की थी। उनका कहना था कि कई पीढ़ियों से पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के कई परिवार गुरु जम्भेश्वर की याद में बीकानेर जिले में ‘आसोज’ महीने की अमावस्या के दौरान पैतृक गांव मुकाम में सालाना उत्सव में भाग लेते हैं। बिश्नोई समाज के लोग वोट नहीं डाल पाएंगे इस साल यह उत्सव 2 अक्टूबर को पड़ रहा है। इसके चलते सिरसा, फतेहाबाद और हिसार के हजारों बिश्नोई परिवार मतदान के दिन राजस्थान की यात्रा करेंगे, जिससे वे 1 अक्टूबर को वोट नहीं डाल पाएंगे। पहले भी तारीखों में बदलाव किया चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि इससे पहले भी हमने कई समुदायों की भावनाओं का सम्मान करते हुए चुनाव की तारीखों में बदलाव किया है। उदाहरण के लिए 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान हमने गुरु रविदास जयंती के लिए वाराणसी जाने वाले भक्तों की सुविधा की खातिर मतदान एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया था। मणिपुर में संडे प्रेयर के लिए तारीख बदली ठीक इसी तरह, मणिपुर में 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान ईसाई समुदाय की संडे प्रेयर का सम्मान करने के लिए वोटिंग की तारीख बदली गई थी। 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में देवउठनी एकादशी के चलते वोटिंग की डेट बदली गई थी, क्योंकि यह दिन राजस्थान में सामूहिक विवाहों के लिए महत्व रखता है। 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बारावफात के कारण मतदान की तारीख बदली गई थी। तारीख बदलने पर किसने क्या कहा.. हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान चौधरी उदयभान ने कहा कि भाजपा इलेक्शन से भाग रही थी। वह तारीख आगे बढ़ना चाहती थी, हम चाहते थे कि पीछे हो जाए। चुनाव आयोग ने 4 दिन का और जीवन दान दे दिया। छुट्टियों के कारण कभी इलेक्शन की तारीख बदली है?। छुट्टी तो थी, छुट्टी तो आगे भी होगी। तारीख को पहले भी तो कर सकते थे, आगे क्यों बढ़ाया?। भाजपा इलेक्शन से भाग रही है, उसको समय चाहिए। इलेक्शन कमीशन भाजपा के इशारों पर चल रहा है। कांग्रेस तैयार है। ये लोग जितना डिले करेंगे, उनकी हवा खराब होगी। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ‘जब BJP ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा, तब मैंने कहा था कि BJP हार मान चुकी है। चुनाव आयोग का अधिकार है, उन्होंने डेट बढ़ा दी।’ कुमारी सैलजा सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने कहा, ‘तारीख बदलने से परिणाम नहीं बदलेंगे।’ बिश्नोई समाज का 11 विधानसभा क्षेत्रों में असर बिश्नोई समाज की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक भिवानी, हिसार, सिरसा और फतेहाबाद जिलों में बिश्नोई बाहुल्य गांव हैं। इनका असर करीब 11 विधानसभा क्षेत्रों में है। जिनमें करीब डेढ़ लाख वोट है। इसमें आदमपुर, उकलाना, नलवा, हिसार, बरवाला, फतेहाबाद, टोहाना, सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, लोहारू विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। चुनाव की तारीख बदलने पर किसने क्या कहा था 1. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर कहा था कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार-रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतनी लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है। बड़ौली ने लेटर में यह भी बताया कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। यह बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। हरियाणा में बिश्नोई समाज की जनसंख्या अधिक है। इसका असर भी वोटिंग पर हो सकता है। 2. INLD के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की BJP की मांग को समर्थन दिया था। उन्होंने लेटर में लिखा, चूंकि लोग आमतौर पर वीकेंड पर छुट्टियों पर जाते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से मतदान को प्रभावित करेगा। मत प्रतिशत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है। इसके अलावा चुनाव के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ-साथ चुनाव की तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हरियाणा में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने और मतदान प्रतिशत को अधिकतम करने के लिए मतदान की तारीख/दिन को एक या दो सप्ताह तक आगे बढ़ाया जाए। 3. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को लेटर लिखकर चुनाव की डेट बदलने की मांग की थी। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा कि एक अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन होगा। इसमें बिश्नोई समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में चुनाव की डेट बदली जाए। राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम स्थित है, जहां आसोज अमावस्या पर मेला लगता है। इस बार आसोज अमावस्या एक अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी और 3 अक्टूबर को 12:18 बजे समाप्त होगी। 4. हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान भाजपा में मुख्यमंत्री से लेकर भूतपूर्व प्रदेश अध्यक्ष तक, हार से कोई अछूता नहीं है। इनके मुख्यमंत्री अपने बूथ और विधानसभा में हार गए। इनके पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धनखड़ चुनाव हार गए थे। सुभाष बराला तक चुनाव हार गए थे। इसलिए भाजपा छुट्टियों का बहाना बनाकर चुनाव टालना चाहती है। जनता ने भाजपा की छुट्टी करने का फैसला कर लिया है। 5. हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और JJP नेता दुष्यंत चौटाला प्रदेश में समय से पहले मतदान की घोषणा होने से भाजपा बुरी तरह से घबरा गई है और इसी के चलते बीजेपी मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग के दरबार में पहुंच गई है। भाजपा को इस चुनाव में हार का डर स्पष्ट सता रहा है, क्योंकि अब भाजपा का जनाधार प्रदेश में गिर चुका है और इसके चलते वह 20 सीट भी नहीं जीत पा रही। चुनाव से जुड़ी जरूरी जानकारी… चुनाव आयोग ने हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव की तारीख बदल दी है। अब यहां 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर के साथ ही मतगणना होगी। पहले वोटिंग की तारीख 1 अक्टूबर और मतगणना की 4 अक्टूबर रखी गई थी। चुनाव की तारीख बदलने के लिए सबसे पहले भाजपा ने मांग उठाई थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने वोटिंग के दौरान वीकेंड की छुट्टियां और बिश्नोई समाज के कार्यक्रम का हवाला दिया था। इसके बाद इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने भी चुनाव तारीख बढ़ाने की मांग की। इसको लेकर चुनाव आयोग ने मीटिंग भी की थी। उस वक्त इस बारे में कोई फैसला नहीं दिया गया था। हालांकि शनिवार शाम को चुनाव तारीख बदलने का ऐलान कर दिया गया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा, ‘भाजपा इलेक्शन से भाग रही है। इलेक्शन कमीशन भाजपा के इशारों पर चल रहा है।’ चुनाव आयोग ने तारीख बदलने पर क्या कहा… ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा ने मांग की चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने पर आयोग ने कहा कि इस बारे में राष्ट्रीय और राज्य की राजनीतिक पार्टियों के अलावा, ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा ने मांग की थी। उनका कहना था कि कई पीढ़ियों से पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के कई परिवार गुरु जम्भेश्वर की याद में बीकानेर जिले में ‘आसोज’ महीने की अमावस्या के दौरान पैतृक गांव मुकाम में सालाना उत्सव में भाग लेते हैं। बिश्नोई समाज के लोग वोट नहीं डाल पाएंगे इस साल यह उत्सव 2 अक्टूबर को पड़ रहा है। इसके चलते सिरसा, फतेहाबाद और हिसार के हजारों बिश्नोई परिवार मतदान के दिन राजस्थान की यात्रा करेंगे, जिससे वे 1 अक्टूबर को वोट नहीं डाल पाएंगे। पहले भी तारीखों में बदलाव किया चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि इससे पहले भी हमने कई समुदायों की भावनाओं का सम्मान करते हुए चुनाव की तारीखों में बदलाव किया है। उदाहरण के लिए 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान हमने गुरु रविदास जयंती के लिए वाराणसी जाने वाले भक्तों की सुविधा की खातिर मतदान एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया था। मणिपुर में संडे प्रेयर के लिए तारीख बदली ठीक इसी तरह, मणिपुर में 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान ईसाई समुदाय की संडे प्रेयर का सम्मान करने के लिए वोटिंग की तारीख बदली गई थी। 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में देवउठनी एकादशी के चलते वोटिंग की डेट बदली गई थी, क्योंकि यह दिन राजस्थान में सामूहिक विवाहों के लिए महत्व रखता है। 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बारावफात के कारण मतदान की तारीख बदली गई थी। तारीख बदलने पर किसने क्या कहा.. हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान चौधरी उदयभान ने कहा कि भाजपा इलेक्शन से भाग रही थी। वह तारीख आगे बढ़ना चाहती थी, हम चाहते थे कि पीछे हो जाए। चुनाव आयोग ने 4 दिन का और जीवन दान दे दिया। छुट्टियों के कारण कभी इलेक्शन की तारीख बदली है?। छुट्टी तो थी, छुट्टी तो आगे भी होगी। तारीख को पहले भी तो कर सकते थे, आगे क्यों बढ़ाया?। भाजपा इलेक्शन से भाग रही है, उसको समय चाहिए। इलेक्शन कमीशन भाजपा के इशारों पर चल रहा है। कांग्रेस तैयार है। ये लोग जितना डिले करेंगे, उनकी हवा खराब होगी। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ‘जब BJP ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा, तब मैंने कहा था कि BJP हार मान चुकी है। चुनाव आयोग का अधिकार है, उन्होंने डेट बढ़ा दी।’ कुमारी सैलजा सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने कहा, ‘तारीख बदलने से परिणाम नहीं बदलेंगे।’ बिश्नोई समाज का 11 विधानसभा क्षेत्रों में असर बिश्नोई समाज की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक भिवानी, हिसार, सिरसा और फतेहाबाद जिलों में बिश्नोई बाहुल्य गांव हैं। इनका असर करीब 11 विधानसभा क्षेत्रों में है। जिनमें करीब डेढ़ लाख वोट है। इसमें आदमपुर, उकलाना, नलवा, हिसार, बरवाला, फतेहाबाद, टोहाना, सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, लोहारू विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। चुनाव की तारीख बदलने पर किसने क्या कहा था 1. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर कहा था कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार-रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतनी लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है। बड़ौली ने लेटर में यह भी बताया कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। यह बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। हरियाणा में बिश्नोई समाज की जनसंख्या अधिक है। इसका असर भी वोटिंग पर हो सकता है। 2. INLD के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की BJP की मांग को समर्थन दिया था। उन्होंने लेटर में लिखा, चूंकि लोग आमतौर पर वीकेंड पर छुट्टियों पर जाते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से मतदान को प्रभावित करेगा। मत प्रतिशत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है। इसके अलावा चुनाव के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ-साथ चुनाव की तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हरियाणा में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने और मतदान प्रतिशत को अधिकतम करने के लिए मतदान की तारीख/दिन को एक या दो सप्ताह तक आगे बढ़ाया जाए। 3. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को लेटर लिखकर चुनाव की डेट बदलने की मांग की थी। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा कि एक अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन होगा। इसमें बिश्नोई समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में चुनाव की डेट बदली जाए। राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम स्थित है, जहां आसोज अमावस्या पर मेला लगता है। इस बार आसोज अमावस्या एक अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी और 3 अक्टूबर को 12:18 बजे समाप्त होगी। 4. हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान भाजपा में मुख्यमंत्री से लेकर भूतपूर्व प्रदेश अध्यक्ष तक, हार से कोई अछूता नहीं है। इनके मुख्यमंत्री अपने बूथ और विधानसभा में हार गए। इनके पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धनखड़ चुनाव हार गए थे। सुभाष बराला तक चुनाव हार गए थे। इसलिए भाजपा छुट्टियों का बहाना बनाकर चुनाव टालना चाहती है। जनता ने भाजपा की छुट्टी करने का फैसला कर लिया है। 5. हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और JJP नेता दुष्यंत चौटाला प्रदेश में समय से पहले मतदान की घोषणा होने से भाजपा बुरी तरह से घबरा गई है और इसी के चलते बीजेपी मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग के दरबार में पहुंच गई है। भाजपा को इस चुनाव में हार का डर स्पष्ट सता रहा है, क्योंकि अब भाजपा का जनाधार प्रदेश में गिर चुका है और इसके चलते वह 20 सीट भी नहीं जीत पा रही। चुनाव से जुड़ी जरूरी जानकारी… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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शंभू बॉर्डर खोलने के लिए HC में याचिका दायर:एडवोकेट वासु रंजन बोले- 5 माह से बंद है NH-44; किसानों ने घर बनाए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने आज पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में शंभू बॉर्डर खुलवाने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। वासु रंजन शांडिल्य ने दायर जनहित याचिका में बताया कि 5 महीने से नेशनल हाईवे 44 बंद पड़ा है। अंबाला के दुकानदार, व्यापारी, छोटे बड़े रेहड़ी फड़ी वाले भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। याचिका पर सोमवार को सुनवाई होने की उम्मीद है। वासु रंजन शांडिल्य ने याचिका में पंजाब व हरियाणा सरकार सहित किसान नेता स्वर्ण सिंह पंढेर व जगजीत सिंह डल्लेवाल को भी पार्टी बनाया है। याचिका में हाईकोर्ट को बताया कि शंभू बॉर्डर बंद होने के कारण सरकारी बसों को रूट डायवर्ट किया हुआ है, जिससे तेल का खर्च बढ़ रहा है। अंबाला व शंभू के आसपास के मरीज बॉर्डर बंद होने के कारण दिक्कत में है। एंबुलेंस के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं वासु रंजन ने कहा कि हरियाणा पंजाब के वकीलों को भी अंबाला से पटियाला व पटियाला वालों को अंबाला की अदालतों में आने में भारी दिक्कतें हो रही है। उन्होंने बताया कि फरवरी 2024 से गैर कानूनी तरीके से संविधान का उल्लंघन कर राष्ट्रीय हाईवे को बंद किया हुआ है। शंभू बॉर्डर के आसपास किसानों ने अस्थाई घर बना लिए हैं, ऐसा लगता है कि जैसे अब शंभू बॉर्डर कभी खुलेगा ही नहीं अनिश्चित काल के लिए बंद हो गया है। वासु रंजन ने दायर जनहित याचिका में कहा कि तुरंत हाईकोर्ट केंद्र व दोनों राज्य सरकारों को रास्ता खोलने के आदेश दें। वासु रंजन ने कहा कि रास्ता किसके कारण ओर क्यों बंद है इस पर निर्णय हाईकोर्ट करेगा, लेकिन चाहे हरियाणा सरकार हो या पंजाब सरकार हो या केंद्र रोड को बंद करना जनता के मौलिक अधिकारों का हनन है। जबकि फरवरी 2024 से शंभू बॉर्डर बंद पड़ा है जिस कारण अंबाला जिला व पटियाला जिला का छोटा बड़ा काम बंद हो चुका है। हाईवे पंजाब हिमाचल, जम्मू कश्मीर को जोड़ता है इसके बंद होने से न केवल सरकारों को नुकसान हो रहा है बल्कि आम आदमी तो बिना मतलब से भुखमरी के कगार पर आ गया है।
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2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और जजपा ने अलग-अलग घोषणा पत्र जारी किए थे। गठबंधन के बाद दोनों दलों ने वादों को पूरा कराने के लिए एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (CMP) बनाने के लिए कमेटी गठित की। हालांकि साढ़े 4 साल बाद गठबंधन टूट गया, लेकिन सीएमपी जारी नहीं हो पाया। 2019 में बीजेपी ने संकल्प पत्र में ये किए थे वादे
भाजपा के 2019 विधानसभा चुनाव के लिए जारी संकल्प पत्र में 15 प्रमुख एजेंडे थे। इसमें हरियाणा के लोगों के साथ 258 वादे किए गए थे। भाजपा के पास 1.70 लाख सुझाव आए थे। जिनमें से यह संकल्प पत्र तैयार किया गया था। 258 वादों में हर वर्ग को छूने का प्रयास किया गया था। युवा, किसान, उद्योग, खेल, स्वास्थ्य, दलितों और पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया गया था। 3 नए मंत्रालय युवा विकास और रोजगार मंत्रालय, अंत्योदय व मानव संपदा मंत्रालय के गठन की कल्पना की गई थी। कांग्रेस के हरियाणा चुनाव मेनिफेस्टो से जुड़ी खबरें पढ़ें… 1. हरियाणा में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में 7 वादे:महिलाओं को हर महीने ₹2 हजार, ₹500 में गैस सिलेंडर; जातिगत सर्वे कराएंगे 2. कांग्रेस के हरियाणा में 7 वादों का एनालिसिस:यूथ-महिलाओं समेत डेढ़ करोड़ वोटर्स साधे, 30 हजार करोड़ का बोझ, बजट का 15% पैसा लगेगा
हरियाणा में अगले 2 दिन मौसम साफ रहेगा:तेज हवाओं ने दिलाई प्रदूषण से राहत, कल से न्यूनतम तापमान में गिरावट की संभावना
हरियाणा में अगले 2 दिन मौसम साफ रहेगा:तेज हवाओं ने दिलाई प्रदूषण से राहत, कल से न्यूनतम तापमान में गिरावट की संभावना हरियाणा में तेज हवाओं के कारण मौसम का मिजाज कुछ हद तक बदल गया है। हालांकि सर्दी के आने के लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना होगा। कल से न्यूनतम तापमान में मामूली गिरावट आने की संभावना है। सुबह और शाम को हल्की ठंड है, लेकिन दिन में गर्म मौसम कुछ दिन और रहेगा।
मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को भी आसमान पूरी तरह साफ रहेगा। दिन में अच्छी धूप निकलेगी। बता दें कि पिछले कई दिनों से प्रदूषण के कारण खराब हुई हवा में भी हवा चलने से कुछ हद तक सुधार हुआ है। दिवाली और उसके बाद हुई आतिशबाजी के बावजूद प्रदेश के अधिकतर जिलों में एक्यूआई 300 से नीचे रहा।
आज न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जबकि अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। पिछले कुछ दिनों से अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ था। हवा ने दिलाई प्रदूषण से राहत मौसम विज्ञानियों के अनुसार अक्टूबर में उत्तर भारत में औसत तापमान सामान्य से अधिक रहा। इसलिए ऊपर से हवा चलती रही और प्रदूषण भी कम होता रहा। तापमान कम हुआ तो हवा में नमी बढ़ेगी और प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ेगा।
प्रदेश में कई स्थानों पर पराली जलाने और दिवाली के त्योहार पर आतिशबाजी के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ने की संभावनाएं थीं, लेकिन हवा ने राहत पहुंचाई और प्रदूषण को काफी हद तक नियंत्रित किया।
मौसम विभाग के अनुसार 4 नवंबर तक प्रदेश के सभी जिलों में मौसम पूरी तरह साफ रहने की उम्मीद है। इस दौरान बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि इसके बाद न्यूनतम तापमान में मामूली कमी देखने को मिलेगी। अधिकतम तापमान में कमी आने के बाद ही सर्दी शुरू होगी। नवंबर में भी गर्मी रहने की संभावना इस बार अक्टूबर इतिहास में सबसे गर्म रहा। अक्टूबर का औसत तापमान 26.92 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.23 डिग्री अधिक है। रात का तापमान भी सबसे अधिक 21.85 डिग्री रहा, जबकि यह 20.01 होना चाहिए।
उम्मीद है कि इस बार नवंबर में भी तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया जाएगा। ऐसे में दिन में भी गर्मी का एहसास होता रहेगा।