बाघ पकड़ने के लिए लगाया पिंजरा…खुद कैद हो गया वनकर्मी:घबराकर बोला- जल्दी बाहर निकालो; लखीमपुर में 4 किसानों को खा चुका है टाइगर

बाघ पकड़ने के लिए लगाया पिंजरा…खुद कैद हो गया वनकर्मी:घबराकर बोला- जल्दी बाहर निकालो; लखीमपुर में 4 किसानों को खा चुका है टाइगर

लखीमपुर खीरी में बाघ को पकड़ने के लिए लगाए गए पिंजरे में वनकर्मी कैद हो गया। वह पिंजरे की जांच करने के लिए अंदर गया था। कैद होने पर वनकर्मी घबरा गया। साथियों ने उसे ढांढस बंधाया और बाहर निकालने में जुट गए। चार-पांच लोग दरवाजे का लॉक तोड़ने लगे। आधे घंटे की जद्दोजहद के बाद वनकर्मी को बाहर निकाला गया। मामला हैदराबाद थाना क्षेत्र के इमलिया गांव के पास का है। 4 दिन पहले गांव के अमरीश को बाघ ने मार डाला था। भड़के ग्रामीणों ने बुधवार को करीब तीन घंटे तक हंगामा किया। किसी तरह उन्हें समझाकर शांत कराया गया। ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया है। यहां 27 दिन बाघ के 10 बड़े हमले हुए। हमले में 4 किसानों की जान जा चुकी है। देखिए 3 तस्वीरें… अमरीश का सिर धड़ से अलग था
अमरीश मंगलवार की शाम करीब 3.30 बजे घरवालों के साथ खेतों में गया था। घर से खेत की दूरी डेढ़ किलोमीटर है। वह खेत में काम करने में जुट गया। परिवार के लोगों को घर भेज दिया। देर शाम तक अमरीश घर नहीं लौटा तो परिजन तलाश करते हुए खेत में पहुंचे। वहां लाश देखकर चीख-पुकार मच गई। भाई जसवंत ने बताया- खेत से 200 मीटर दूर भाई की लाश पड़ी थी। शरीर से सिर अलग था। शव इस हालत में था कि उधर देखा भी नहीं जा रहा था। शरीर पर बाघ के नोचने-खरोंचने के निशान थे। सूचना मिलते ही महेशपुर वन रेंजर स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे। गोला के नायब तहसीलदार सर्वेश कुमार और भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंची। ग्रामीणों ने घटना को लेकर वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया। काफी देर तक उनका वन विभाग के अधिकारियों से विवाद हुआ। वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। तहसीलदार और पुलिस ने ग्रामीणों को शांत कराया। वन विभाग ने 5 दिन के अंदर परिवार को 5 लाख की आर्थिक सहायता देने की बात कही। दक्षिण खीरी के DFO संजय विश्वाल ने बताया- बाघ को पकड़ने के लिए टीम को मौके पर भेजा गया है। अब पढ़िए वन विभाग क्या कुछ कर रहा? दो ड्रोन और 24 कैमरे लगाए गए
वन मंत्री अरुण सक्सेना ने बाघ के हमले और मौत की घटना की समीक्षा की। बाघ को पकड़ने के सख्त निर्देश दिए l बाघ की तलाश के लिए दो ड्रोन और 24 कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही खेतों में छह पिंजरे भी लगाकर बाघ को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। इसको लेकर एक्सपर्ट टीमों की भी मदद ली जा रही है। लोहे की रॉड से लॉक तोड़कर वनकर्मी को निकाला
शनिवार को पिंजरे का ट्रायल हो रहा था। डेमो देते समय विभाग का वन वॉचर अंदर फंस गया। पिंजरे का गेट बाहर से लॉक हो गया था। खुल नहीं रहा था l वन विभाग के कर्मचारियों के प्रयास के बाद भी जब पिंजरा नहीं खुला तो कर्मचारी रोने लगा। आधे घंटे बाद लोहे की रॉड से हुक तोड़कर उसे बाहर निकाला गया। खराब था एक पिंजरा, उसी में फंसा कर्मी
वन विभाग के अधिकारी मामले पर ऑन कैमरा बोलने को तैयार नहीं हैं। वनकर्मियों ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए 6 पिंजरा आए थे, उनमें से एक खराब पिंजरा किनारे रखा हुआ था। इसके रख-रखाव के समय एक वॉचर उसके अंदर फंस गया, जिसे निकालने में बस थोड़ा समय लगा l कोई बड़ी बात नहीं है। यह खबर भी पढ़ें:- मां बोली- भेड़िया मेरे बगल से बेटा खींच ले गया:यूपी के 35 गांवों में भेड़ियों का आतंक; 6 बच्चों समेत 7 को मार चुके ‘मैं अपने 7 साल के बेटे अयांश के साथ रात में आंगन में सो रही थी। भेड़िया कब बच्चे को उठा ले गया, मुझे पता भी नहीं चला। जब नींद खुली तो बेटा गायब था। घरवालों के साथ रातभर बेटे को खोजती रही, लेकिन नहीं मिला। सुबह गांव वालों ने बताया कि बेटे का शव खेत में पड़ा है। बेटे का पूरा सिर भेड़िया खा गया।’ यह बातें रोती-बिलखती रोली ने कही। पढ़ें पूरी खबर… लखीमपुर खीरी में बाघ को पकड़ने के लिए लगाए गए पिंजरे में वनकर्मी कैद हो गया। वह पिंजरे की जांच करने के लिए अंदर गया था। कैद होने पर वनकर्मी घबरा गया। साथियों ने उसे ढांढस बंधाया और बाहर निकालने में जुट गए। चार-पांच लोग दरवाजे का लॉक तोड़ने लगे। आधे घंटे की जद्दोजहद के बाद वनकर्मी को बाहर निकाला गया। मामला हैदराबाद थाना क्षेत्र के इमलिया गांव के पास का है। 4 दिन पहले गांव के अमरीश को बाघ ने मार डाला था। भड़के ग्रामीणों ने बुधवार को करीब तीन घंटे तक हंगामा किया। किसी तरह उन्हें समझाकर शांत कराया गया। ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया है। यहां 27 दिन बाघ के 10 बड़े हमले हुए। हमले में 4 किसानों की जान जा चुकी है। देखिए 3 तस्वीरें… अमरीश का सिर धड़ से अलग था
अमरीश मंगलवार की शाम करीब 3.30 बजे घरवालों के साथ खेतों में गया था। घर से खेत की दूरी डेढ़ किलोमीटर है। वह खेत में काम करने में जुट गया। परिवार के लोगों को घर भेज दिया। देर शाम तक अमरीश घर नहीं लौटा तो परिजन तलाश करते हुए खेत में पहुंचे। वहां लाश देखकर चीख-पुकार मच गई। भाई जसवंत ने बताया- खेत से 200 मीटर दूर भाई की लाश पड़ी थी। शरीर से सिर अलग था। शव इस हालत में था कि उधर देखा भी नहीं जा रहा था। शरीर पर बाघ के नोचने-खरोंचने के निशान थे। सूचना मिलते ही महेशपुर वन रेंजर स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे। गोला के नायब तहसीलदार सर्वेश कुमार और भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंची। ग्रामीणों ने घटना को लेकर वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया। काफी देर तक उनका वन विभाग के अधिकारियों से विवाद हुआ। वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। तहसीलदार और पुलिस ने ग्रामीणों को शांत कराया। वन विभाग ने 5 दिन के अंदर परिवार को 5 लाख की आर्थिक सहायता देने की बात कही। दक्षिण खीरी के DFO संजय विश्वाल ने बताया- बाघ को पकड़ने के लिए टीम को मौके पर भेजा गया है। अब पढ़िए वन विभाग क्या कुछ कर रहा? दो ड्रोन और 24 कैमरे लगाए गए
वन मंत्री अरुण सक्सेना ने बाघ के हमले और मौत की घटना की समीक्षा की। बाघ को पकड़ने के सख्त निर्देश दिए l बाघ की तलाश के लिए दो ड्रोन और 24 कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही खेतों में छह पिंजरे भी लगाकर बाघ को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। इसको लेकर एक्सपर्ट टीमों की भी मदद ली जा रही है। लोहे की रॉड से लॉक तोड़कर वनकर्मी को निकाला
शनिवार को पिंजरे का ट्रायल हो रहा था। डेमो देते समय विभाग का वन वॉचर अंदर फंस गया। पिंजरे का गेट बाहर से लॉक हो गया था। खुल नहीं रहा था l वन विभाग के कर्मचारियों के प्रयास के बाद भी जब पिंजरा नहीं खुला तो कर्मचारी रोने लगा। आधे घंटे बाद लोहे की रॉड से हुक तोड़कर उसे बाहर निकाला गया। खराब था एक पिंजरा, उसी में फंसा कर्मी
वन विभाग के अधिकारी मामले पर ऑन कैमरा बोलने को तैयार नहीं हैं। वनकर्मियों ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए 6 पिंजरा आए थे, उनमें से एक खराब पिंजरा किनारे रखा हुआ था। इसके रख-रखाव के समय एक वॉचर उसके अंदर फंस गया, जिसे निकालने में बस थोड़ा समय लगा l कोई बड़ी बात नहीं है। यह खबर भी पढ़ें:- मां बोली- भेड़िया मेरे बगल से बेटा खींच ले गया:यूपी के 35 गांवों में भेड़ियों का आतंक; 6 बच्चों समेत 7 को मार चुके ‘मैं अपने 7 साल के बेटे अयांश के साथ रात में आंगन में सो रही थी। भेड़िया कब बच्चे को उठा ले गया, मुझे पता भी नहीं चला। जब नींद खुली तो बेटा गायब था। घरवालों के साथ रातभर बेटे को खोजती रही, लेकिन नहीं मिला। सुबह गांव वालों ने बताया कि बेटे का शव खेत में पड़ा है। बेटे का पूरा सिर भेड़िया खा गया।’ यह बातें रोती-बिलखती रोली ने कही। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर